आप पर क्या असर?
भारत अपनी जरूरत का करीब 80% पेट्रोलियम उत्पाद आयात करता है. रुपये में गिरावट से पेट्रोलियम उत्पादों का आयात महंगा हो जाएगा. इस वजह से तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल के भाव बढ़ा सकती हैं.

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'विदेशी मुद्रा भंडार'

देश का विदेशी मुद्रा भंडार में 25 नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान लगातार तीसरे हफ्ते बढ़त में रहा. सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 2.9 अरब डॉलर बढ़कर 550.14 अरब डॉलर पर पहुंच गया. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में जुलाई 2020 के बाद सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. आंकड़ों के अनुसार, बीते साल भर में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 116 अरब डॉलर घटा है.दरअसल तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य में डॉलर के मुकाबले तेजी से गिरते रुपये को संभालने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इस विदेशी मुद्रा भंडार के एक हिस्से का इस्तेमाल किया है.

भारत से लेकर चेक गणराज्य तक के केंद्रीय बैंक अपनी मुद्रा का समर्थन करने के लिए हस्तक्षेप कर रहे हैं. ब्लूमबर्ग वर्ष 2003 से इसका डाटा एकत्र कर रहा है और उसके मुताबिक यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है.

Foreign Currency: लगातार तीसरे सप्ताह घटा विदेशी मुद्रा भंडार, जानिए कितना रहा गया

7.5 billion dollar fall in foreign exchange reserves (File Photo)

विदेशी मुद्रा भंडार में साढ़े सात अरब डॉलर की गिरावट (File Photo)

  • लगातार तीसरे सप्ताह घटा विदेशी मुद्रा भंडार
  • इस सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार में हुई 7.541 अरब डॉलर की कमी
  • अब विदेशी मुद्रा भंडार में 572.712 अरब डॉलर रह गए हैं
  • इससे तीन सप्ताह पहले बढ़ा था विदेशी मुद्रा भंडार

पिछले सप्ताह भी घटा था भंडार
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के अनुसार इससे पहले, आठ जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान, विदेशी मुद्रा भंडार 8.062 अरब डॉलर घटकर 580.252 अरब डॉलर रह गया विदेशी मुद्रा समय क्या है विदेशी मुद्रा समय क्या है था। इसी महीने एक जुलाई को भी विदेशी मुद्रा भंडार 5.008 अरब डॉलर घटा था। उस समय अपना विदेशी मुद्रा भंडार 588.314 अरब डॉलर पर था।

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट, 553.105 अरब डॉलर से घटकर 550.87 अरब डॉलर पर आया

आरबीआई द्वारा जारी साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक 09 सितंबर 2022 को खत्म हुए हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट में सबसे बड़ा योगदान फॉरेन करेंसी एसेट में आई गिरावट का रहा है

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट देखने विदेशी मुद्रा समय क्या है को मिल रही है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बताया है कि 9 सितंबर 2022 के खत्म हुए हफ्ते में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 2.234 अरब डॉलर की गिरावट हुई है और ये 550.871 अरब डॉलर पर आ गया है। जबकि इसके पिछले हफ्ते में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 7.941 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 553.105 अरब डॉलर पर रहा था। पिछले हफ्ते की गिरावट के बाद इस समय मुद्रा भंडार 2 साल के निचले स्तर पर आ गया है।

आरबीआई द्वारा जारी साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक 09 सितंबर 2022 को खत्म हुए हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट में सबसे बड़ा योगदान फॉरेन करेंसी एसेट में आई गिरावट का रहा है। गौरतलब है कि विदेशी मुद्रा भंडार में सबसे बड़ी हिस्सेदारी फॉरेन करेंसी एसेट्स की होती है।

रुपये के कमजोर या मजबूत होने का मतलब क्या है?

रुपये के कमजोर या मजबूत होने का मतलब क्या है?

विदेशी मुद्रा भंडार के घटने और बढ़ने से ही उस देश की मुद्रा पर असर पड़ता है. अमेरिकी डॉलर को वैश्विक करेंसी का रुतबा हासिल है. इसका मतलब है कि निर्यात की जाने वाली ज्यादातर चीजों का मूल्य डॉलर में चुकाया जाता है. यही वजह है कि डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत से पता चलता है कि भारतीय मुद्रा मजबूत है या कमजोर.

अमेरिकी डॉलर को वैश्विक करेंसी इसलिए माना जाता है, क्योंकि दुनिया के अधिकतर देश अंतर्राष्ट्रीय कारोबार में इसी का प्रयोग करते हैं. यह अधिकतर जगह पर आसानी से स्वीकार्य है.

इसे एक उदाहरण से समझें
अंतर्राष्ट्रीय कारोबार में भारत के ज्यादातर विदेशी मुद्रा समय क्या है बिजनेस डॉलर में होते हैं. आप अपनी जरूरत का कच्चा तेल (क्रूड), खाद्य पदार्थ (दाल, खाद्य तेल ) और इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम अधिक मात्रा में आयात करेंगे तो आपको ज्यादा डॉलर खर्च करने पड़ेंगे. आपको सामान तो खरीदने में मदद मिलेगी, लेकिन आपका मुद्राभंडार घट जाएगा.

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