म्यूचुअल फंड, फंड मैनेजर द्वारा मैनेज किए जाने वाले इन्वेस्टमेंट टूल्स हैं, जो लोगों के पैसे को संग्रह करते हैं और विभिन्न कंपनियों के स्टॉक और बॉन्ड में इन्वेस्ट करते हैं, ताकि रिटर्न मिल सके. आप शुरुआत में छोटी डिपॉजिट राशि से शुरू करके भी अच्छा-खासा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं.

Share market in hindi

निवेश के लिए 'सही समय' का इंतजार पड़ सकता है भारी, जब पैसा आए शुरुआत करें

जब शेयर बाजार में उथल-पुथल होती है तो निवेशक डर जाते हैं और वे सोचते हैं कि रकम लगाने का यह समय सही नहीं है क्योंकि इससे नुकसान हो सकता है.

निवेश के फैसले अक्सर परिस्थितियों पर निर्भर करते हैं. निवेशकों को समय-समय पर कई तरह के बदलावों को झेलना पड़ता है. कई बार निवेशक सोचते हैं कि निवेश शुरू करने के लिए अभी थोड़ा इंतजार करना चाहिए ताकि स्थिति और स्पष्ट हो और निवेश सुरक्षित रहे. जरूरी नहीं कि यह रणनीति श्रेष्ठ हो. बाजार को समय में बांधना असंभव है और इसलिए जब फंड पास में रहे तभी निवेश करना बेहतर है. निवेश में नियमितता बनी रहनी चाहिए. किसी अन्य चीज के मुकाबले यह कहीं ज्यादा जरूरी है.

छोटी रकम से भी कर सकते हैं शुरुआत

कई निवेशक निश्चित रकम आने के बाद ही निवेश की शुरुआत करने की सोच रखते हैं. वे सोचते हैं कि छोटी रकम के निवेश से कोई बड़ा फर्क नहीं आने वाला. इस सोच से वास्तव में निवेश शुरू करने में बहुत देर हो जाती है. बढ़ सकने वाली रकम नहीं बढ़ पाती और इसका बड़ा असर आखिर में इकट्ठा होने वाली रकम पर पड़ता है. यहां तक कि हर महीने हजार रुपये के निवेश से 12 फीसदी सालाना ब्याज की दर से 25 साल में 18.78 लाख रुपये जमा हो जाते हैं. छोटी रकम जोड़ते रहने से एक तय समय के बाद बड़ा फंड इकट्ठा हो जाता है.

जब शेयर बाजार में उथल-पुथल होती है तो निवेशक डर जाते हैं और वे सोचते हैं कि रकम लगाने का यह समय सही नहीं है क्योंकि इससे नुकसान हो सकता है. वास्तव में उथल-पुथल का समय और कमजोर शेयर बाजार का वक्त ही निवेश के लिए श्रेष्ठ होता है. कभी भी एक ही बार में सारी राशि बाजार में नहीं डालना चाहिए. नियमित रूप से निवेश करना हमेशा बेहतर होता है. स्थिरता का इंतजार करें और तब निवेश की प्रक्रिया शुरू करें.

इंतजार के बजाए अभी करें निवेश

ज्यादातर लोग मानते हैं कि उनके पास जीवन में निवेश के लिए बहुत समय है. खासकर युवा अवस्था में यह सोच अधिक रहती है. कामकाज के लिए दशकों का समय सामने देखते हुए लोग सोचते हैं कि जीवन का शुरुआती समय आनंद उठाने शेयर मार्केट में पैसा कैसे निवेश करे? के लिए होता है और सारे मुश्किल काम बाद में किए जा सकते हैं. इस तरह का इंतजार सबसे बुरा होता है. इसके बुरे परिणाम होते हैं. निवेशक अपनी निवेश यात्रा शुरू तक नहीं कर पाता है और इस तरह वह अपनी रकम के कई गुणा बढ़ जाने का अवसर खो देता है. जब जीवन में इसका अहसास होता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है.

कई तरह के एसेट होते हैं जिन्हें व्यक्तिगत पोर्टफोलियो में जोड़े जा सकते हैं. बहरहाल जरूरत के हिसाब से सही सोच के साथ एसेट का चुनाव करने के बजाए निवेशक अक्सर उस कीमत पर ध्यान देते हैं जिस पर उन्हें एसेट खरीदना होता है. इसके लिए लंबा इंतजार करना पड़ जाता है और अंतिम परिणाम यह होता है कि निवेश वास्तव में हो नहीं पाता.

शेयर मार्केट का अध्ययन

जरा सोचिए, हमे नोकरी मिलने के लिए 15 वर्ष तक पढ़ना पड़ता है। फिर शेयर मार्केट का अध्ययन न करके कैसे पैसे कमा सकते हैं। इसलिए 90% शेयर मार्केट में निवेश करने वाले का नुक़सान होता है। शेयर मार्केट के किंग वारेन बफेट हर रोज 6-8 घण्टे किताब पढ़ते थे। इसलिए आज वो सबसे अमीर लोगो में से एक है। इसलिए अध्ययन न करके अगर आप शेयर मार्केट में आ रहे हैं तो आप अपना नुक़सान करने जा रहे हैं।

अब आपको प्रश्न आया होगा की शेयर मार्केट का ज्ञान कैसे ले सकते हैं? पहले आप शेयर मार्केट के जो इंडेक्स (सेंसेक्स और निफ्टी) है, उनकी जानकारी लो। सेंसेक्स में 30 और निफ्टी में 50 कंपनी होते हैं, इसकी जानकारी लो। इक्विटी शेयर Buy और Sell, Stop Loss, Target, Short Time & Long Time Investment, Intraday, Demat Account ऐसे सबकी जानकारी लो और उसे समझो।

फोकट के टिप्स से बचे

आप जब शेयर मार्केट में आते हैं, तब आपको बहुत सारे लोग कोनसा शेयर खरीदे या टिप्स देने के लिए रहेंगे। अब यह सोचने वाली बात है, अगर किसी को पता है कि कोनसा शेयर खरीदे जीससे प्रॉफिट कमा सकते हैं, तो वो आपको क्यों बताएगा। वो व्यक्ति खुद उस शेयर्स में इन्वेस्ट कर सकता है। ऐसे लोगो का नए लोगो से पैसे उबलना होता है। शुरुवात में आपको फोकट कॉल्स देते है और फिर आपसे पैसे निकालेंगे। इसलिये ऐसे फोकट के टिप्स या सलाह से दूर रहना।

अगर आपको लगता है कि कोई वक्ति शेयर मार्केट में बहुत वर्ष काम कर रहा है। एक्सपर्ट और अच्छे कॉल्स दे सकते हैं, तो आप उनके दिए हुए कॉल्स एक या दो महिने पेपर ट्रेडिंग कर के देखे। पेपर ट्रेडिंग क्या होता है यह हम आगे बताया है। अगर पेपर ट्रेडिंग के कॉल 80% के ऊपर सफल होए तो आप उनके टिप्स और सलाह वर विश्वास कर सकते हैं।

ट्रेडर या इन्वेस्टर तय करो

शेयर मार्केट में दो प्रकार के लोग काम करते हैं, एक ट्रेडर और दुसरा इन्वेस्टर। इन्वेस्टर यानी, जिनको लॉन्ग टर्म के लिए शेयर्स खरीदते हैं। जो रोज़ शेयर्स में निवेश नहीं कर सकते है, जिनका उद्देश्य होता हैं कि थोड़े वर्ष बाद हमारे निवेश पर अच्छे रिटर्न्स मिलने चाहिए।

ट्रेडर वो होते हैं जो 1 महीना, 1 हफ्ता या 1 दिन के लिए शेयर्स में निवेश करते हैं। आप ट्रेडिंग में ज्यादा मार्जिन का प्रयोग करके कम पैसे में ज्यादा शेयर्स ले सकते हैं। लेकिन इंवेस्टमेंट में आपको पूरा पैसा देना पड़ता है। ट्रेडिंग में रिस्क ज्यादा होता है और इन्वेस्टर में रिस्क कम होता है। एक्सपर्ट्स कहते हैं की शुरुवात पहले Investment से करनी चाहिए। जिसमे हम Equity Shares पूर्ण भुगतान करके खरीद सकते हैं। इस शेयर्स का अवधि अनियमित होता है। आप इसे कितने भी दिन यह शेयर्स रख सकते हैं।

काम की खबर: नजारा का IPO तो खुला, लेकिन जानिए कैसे करें IPO में निवेश, डीमैट अकाउंट है जरूरी

हमारे देश में बचत के पैसे लगाने यानी निवेश करने के कई तरीके हैं। इन्ही में से एक है 'इनीशियल पब्लिक ऑफर' यानि IPO। निवेश का ये तरीका आज कल ट्रेंड में है। अगर आप भी IPO में निवेश करने का प्लान बना रहे हैं या करना चाहते हैं तो सबसे पहले ये समझ लीजिए कि IPO क्या होता है? दरअसल, शेयर मार्केट में पैसा कैसे निवेश करे? जब कोई कंपनी अपने स्टॉक या शेयर्स छोटे-बड़े निवेशकों के लिए जारी करती है तो उसका जरिया IPO होता है। इसके बाद कंपनी शेयर बाजार में लिस्ट होती है।

IPO होता क्या है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपनी कंपनी के शेयर्स को लोगों को ऑफर करती है तो इसे IPO कहते हैं। कंपनियों द्वारा ये IPO इसलिए जारी किया जाता है जिससे वह शेयर बाजार में आ सके। शेयर बाजार में उतरने के बाद कंपनी के शेयरों की खरीदारी और बिकवाली शेयर बाजार में हो सकेगी। यदि एक बार कंपनी के शेयरों की ट्रेडिंग की इजाजत मिल जाए तो फिर इन्हें खरीदा और बेचा जा सकता है। इसके बाद शेयर को खरीदने और बेचने से होने वाले फायदे और नुकसान में भागीदारी निवेशकों की होती है।

वर्ष 2022 में उच्च रिटर्न देने वाले भारत में शीर्ष 10 सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट प्लान

निवेश भारत में संपत्ति बनाने का एक महत्वपूर्ण तरीका है. यह महंगाई को हराने, फाइनेंशियल लक्ष्यों को पूरा करने और अपने आर्थिक भविष्य को स्थिर बनाने में मदद करता है. अपने बैंक अकाउंट में पैसे को रखने की बजाय, आप स्टॉक्स, शेयर्स, म्यूचुअल फंड और फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे विभिन्न विकल्पों में इन्वेस्ट कर सकते हैं.

यह आपको फाइनेंशियल लक्ष्यों को प्राप्त करने और भारत के टॉप इन्वेस्टमेंट विकल्पों में इन्वेस्ट करके सुरक्षित जीवन जीने के लिए, भविष्य के लिए फाइनेंशियल सुरक्षा बनाने में मदद कर सकता है.

मार्केट में कुछ इन्वेस्टमेंट प्लान हैं, जिनमें उच्च स्तर के जोखिम होते हैं और अन्य एसेट क्लास की तुलना में लॉन्ग-टर्म में लाभकारी रिटर्न जनरेट करने की क्षमता होती है.

कई इन्वेस्टमेंट प्लान उपलब्ध होने के कारण, सही विकल्प चुनना चुनौतीपूर्ण हो सकता है. नीचे कुछ इन्वेस्टमेंट प्लान दिए गए हैं, जो सेविंग को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं.

भारत में सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट प्लान

अगर आप सोच रहे हैं कि पैसे कहां इन्वेस्ट करें, तो यहां कुछ प्रकार के इन्वेस्टमेंट दिए गए हैं जिन्हें आप चुन सकते हैं:

स्टॉक्स

स्टॉक किसी कंपनी या इकाई के स्वामित्व में हिस्सेदारी को दर्शाते हैं. स्टॉक लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टर के लिए ज़्यादा रिटर्न प्राप्त करने के लिए सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट विकल्पों में से एक हैं. लेकिन, ये मार्केट के उतार-चढ़ाव से जुड़े होते हैं, इसलिए पूंजी की हानि का जोखिम हमेशा बना रहता है.

फिक्स्ड डिपॉजिट

जोखिम से बचने वाले इन्वेस्टर के लिए, फिक्स्ड डिपॉजिट एक आदर्श इन्वेस्टमेंट विकल्प है. एफडी आपके डिपॉजिट पर सुरक्षित रिटर्न प्रदान करती है और इस पर मार्केट के उतार-चढ़ाव का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. उच्च-जोखिम लेने वाले इन्वेस्टर भी अपने पोर्टफोलियो को स्थिर बनाने के लिए एफडी, आरईआईटीएस और क्रिप्टो में इन्वेस्ट करने का विकल्प चुनते हैं.

आपको अपने पैसे कहां इन्वेस्ट करने चाहिए?

अपनी जोखिम क्षमता के आधार पर, आप या तो मार्केट-लिंक्ड या मार्केट से अप्रभावित रहने वाले इंस्ट्रूमेंट में इन्वेस्ट करने का विकल्प चुन सकते हैं. मार्केट से जुड़े इन्वेस्टमेंट में अधिक रिटर्न मिलते हैं, लेकिन ये हमेशा सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट प्लान नहीं होते क्योंकि इनमें पूंजी खोने का जोखिम रहता है. तुलना में, फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे इन्वेस्टमेंट टूल, फंड की अधिक सुरक्षा प्रदान करते हैं. बजाज फाइनेंस एक ऐसा फाइनेंसर है जो उच्च एफडी दरों और फंड की सुरक्षा का दोहरा लाभ प्रदान करता है.

अधिकांश इन्वेस्टमेंट विकल्पों में कुछ अस्थिरता होती है, और आमतौर पर जब जोखिम का स्तर अधिक होता है, तो इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न भी अधिक होता है. इसलिए, अक्सर इन्वेस्टमेंट के निर्णय इन्वेस्टर्स की जोखिम क्षमता के आधार पर लिए जाते हैं.

कम जोखिम वाले इन्वेस्टमेंट: फिक्स्ड-इनकम विकल्पों में बॉन्ड, डिबेंचर, फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम, और सरकारी सेविंग स्कीम शामिल हैं.

बजाज फाइनेंस एफडी सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट विकल्पों में से एक क्यों है

  • प्रति वर्ष 7.95% तक की उच्च ब्याज़ दरें. द्वारा एफएएए और इकरा द्वारा एमएएए की उच्चतम सुरक्षा रेटिंग के साथ समय-समय पर भुगतान का विकल्प
  • समय से पहले निकासी से शेयर मार्केट में पैसा कैसे निवेश करे? बचने के लिए एफडी पर लोन

बजाज फाइनेंस एफडी में इन्वेस्ट करना अब पहले से भी आसान है. हमारी एंड-टू-एंड ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट प्रोसेस के साथ अपने घर के आराम से अपनी इन्वेस्टमेंट यात्रा शुरू करें.

शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं, तो जरूरी है Demat Account होना, जानें कैसे खुलता है, क्या होता है चार्ज

शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं, तो जरूरी है Demat Account होना, जानें कैसे खुलता है, क्या होता है चार्ज

Demat Account : शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए जरूरी है डीमैट अकाउंट. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

शेयर बाजार में ट्रेडिंग (Share Market Trading) कर पैसा बहुत से लोग बनाना चाहते हैं लेकिन शेयर्स खरीदने और बेचने के लिए जिस डीमैट अकाउंट की जरूरत होती है, उसके बारे में कम ही जानकारी होती है. डीमैट अकाउंट कैसे काम करता है, इस खाते को खोलने के लिए जरूरी कागजात कौन से होते हैं और कितनी फीस डीमैट खाते को खोलने के लिए खर्च करनी पड़ती है. ऐसे बहुत सारे सवालों के जवाब हम आपको इस खबर की मदद से दे रहे हैं क्योंकि शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी है, इसके बिना ट्रेडिंग नहीं की जा सकती है.

तो आइए जानते हैं डीमैट खाते से जुड़ी हर जरूरी जानकारी.

जिस तरह से बैंक अकाउंट होता है. इसी तरह से डीमैट अकाउंट भी बैंक खाते की तरह काम करता है. शेयर बाजार को रेगुलेट करने वाली संस्था SEBI के साफ निर्देश हैं कि बिना डीमैट खाते के शेयरों को किसी भी अन्य तरीके से खरीदा और बेचा नहीं जा सकता है.

डीमैट खाते की सबसे अच्छी बात होती है ये जीरो अकाउंट बैलेंस के साथ भी खोला जा शेयर मार्केट में पैसा कैसे निवेश करे? सकता है. इसमें मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं होती है. शेयर बाजार में निवेश के लिए निवेशक के पास बैंक अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट खाता होने चाहिए क्योंकि डीमैट खाते में आप शेयरों को डिजिटल रूप से अपने पास रख सकते है. तो वहीं ट्रेडिंग अकाउंट से मदद से शेयर, म्युचुअल फंड और गोल्ड में निवेश किया जा सकता है.

कैसे खोलें डीमैट खाता

- शेयरों में ऑनलाइन निवेश करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी डीमैट खाता होता है. आप इसे HDFC सिक्योरिटीज, ICICI डायरेक्ट, Axis डायरेक्ट जैसे किसी भी ब्रोकरेज के पास खुलवा सकते हैं.

- ब्रोकरेज फर्म का फैसला लेने के बाद आप उसकी वेबसाइट पर जाकर डीमैट अकाउंट ओपन करने का फॉर्म सावधानी से भरने के बाद उसकी KYC प्रोसेस को पूरा करें.

- KYC के लिए फोटो आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ के लिए डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ेगी. जब ये प्रोसेस पूरी हो जाएगा तो उसके बाद इन-पर्सन वेरिफिकेशन होगा. संभव है जिस फर्म से आप डीमैट अकाउंट खुलवा रहे हों, वो अपने सर्विस प्रोवाइडर के दफ्तर आपको बुलवाएं.

- इस प्रोसेस को पूरा होने के बाद आप ब्रोकरेज फर्म के साथ टर्म ऑफ एग्रीमेंट साइन करते है. ऐसा करने के बाद आपका डीमैट अकाउंट खुल जाता है.

- फिर आपको डीमैट नंबर और एक क्लाइंट आईडी दी जाएगी.

कौन खोलेगा डीमैट खाता

इंडिया में डीमैट खाता खोलने का काम दो संस्थाएं करती है. जिसमें पहली है NSDL (National Securities Depository Limited) और दूसरी है CDSL (central securities depository limited). 500 से अधिक एजेंट्स इन depositories के लिए काम करते है, जिनको आम भाषा में डीपी भी कहा जाता है. इनका काम डीमैट अकाउंट खोलना होता है.

डीमैट अकाउंट खोलने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी शर्त होती है कि जो व्यक्ति शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट खुलवा रहा हो उसकी उम्र 18 साल शेयर मार्केट में पैसा कैसे निवेश करे? से ज्यादा होनी चाहिए. साथ ही इसके लिए उस व्यक्ति के पास पैन कार्ड, बैंक अकाउंट आइडेंटिटी और एड्रेस प्रूफ होना जरूरी है.

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