अग्निपथ योजना का बचाव करते हुए केंद्र ने कहा कि इस नीति के लिए बड़ा अध्ययन किया गया और यह ऐसा निर्णय नहीं था जिसे हल्के में लिया गया था और भारत सरकार इस स्थिति के प्रति जागरूक और सचेत थी.
Risk Management- रिस्क मैनेजमेंट
क्या होता है रिस्क मैनेजमेंट यानी जोखिम प्रबंधन?
वित्तीय दुनिया में रिस्क मैनेजमेंट (Risk Management) यानी जोखिम प्रबंधन जोखिम प्रबंधन प्रणाली क्या है समझाइए निवेश निर्णयों में अनिश्चितता की पहचान, विश्लेषण और स्वीकृति या कमी लाने की प्रक्रिया है। मुख्य रूप से रिस्क मैनेजमेंट तब होता है जब कोई निवेशक या फंड मैनेजर किसी निवेश में संभावित नुकसान का विश्लेषण करता है और नुकसान की मात्रा निर्धारित करने का प्रयास करता है और फिर फंड के निवेश उद्देश्यों और जोखिम सहिष्णुता को देखते हुए उपयुक्त कदम उठाता (या नहीं उठाता) है। जोखिम को रिटर्न से अलग नहीं किया जा सकता। प्रत्येक निवेश में जोखिम की कुछ मात्रा शामिल होती है। जोखिम पूर्ण और सापेक्ष दोनों ही रूपों में मात्रात्मक है। अपने विभिन्न प्रकारों में जोखिम की एक ठोस समझ निवेशकों को अवसरों, ट्रेड-ऑफ, विभिन्न निवेश दृष्टिकोणों में शामिल लागतों को बेहतर तरीके से समझने में सहायता कर सकती है।
जलवायु परिवर्तन: भारत को खिलाने की समस्या, कृषि को कमाई का ज़रिया बनाना दिक्कत
1960 के दशक से भारतीय कृषि में भारी वृद्धि हुई है। हमने भारत की खाद्य असुरक्षा को दूर किया है लेकिन साथ ही नई चुनौतियां सामने आई हैं। भारत की खाद्य समस्या ने एक नया रूप ले जोखिम प्रबंधन प्रणाली क्या है समझाइए लिया है। जलवायु परिवर्तन से हुए असर ने पहले से मौजूद कड़ी चुनौतियों को और बड़ा बना दिया है। जलवायु परिवर्तन (सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि, भारी बारिश) के प्रभाव में जोखिम प्रबंधन एक बड़ी चुनौती है।
कृषि भारत के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 15% है, लेकिन भारत की भौगोलिक भूमि का लगभग 46% हिस्सा खेती के अधीन है, 50% से अधिक आबादी का कमाई का स्त्रोत कृषि है।
जलवायु परिवर्तन हमारे आस पास हो रहे प्राकृतिक बदलावों की सच्चाई है। वैज्ञानिक समुदाय भी इस बात से सहमत है। पिछली सदी में सतह के तापमान में वृद्धि हुई। और इसका असर हम भौतिक और जैविक प्रणालियों पर देख सकते हैं। जलवायु परिवर्तन जीवन से जीवन के सभी हिस्से प्रभावित हैं। और कृषि क्षेत्र भी इससे बच न सका है।
जोखिम प्रबंधन प्रणाली क्या है समझाइए
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान विश्व बैंक (जी. ऍफ़. डी. आर. आर.), वाशिंगटन के साथ साझेदारी में आपदा जोखिम प्रबंधन पर ऑनलाइन पाठ्यक्रम की एक शृंखला प्रदान करता है |
इन कार्यक्रमों का उद्देश्य विभिन्न हितधारकों का आपदा प्रबंधन के विभिन्न क्षेत्रों में विश्लेषणात्मक कौशल और व्यवसायिक दक्षता को बढ़ाने के साथ- साथ जागरूकता एवं तैयारियों के स्तर को ऊंचा करना है | राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान का ऑनलाइन कोर्स भारत में अपनी तरह का पहला कोर्स है जो विभिन्न उपयोगकर्ताओं को आपदा प्रबंधन विषय पर उनके ज्ञान को बढ़ाने में मदद करता है | कोर्स पाठ्यक्रम विश्व स्तर पर प्रतिभागियों को अपने विचारों और जानकारियों को एक दूसरे से साझा करने की सुविधा प्रदान करता
है |
पाठ्यक्रम, पेशेवर मार्गदर्शन में आपदा जोखिम न्यूनीकरण के बारे में जानने व सीखने के लिए बेहतरीन अवसर प्रदान करता है | जोखिम प्रबंधन प्रणाली क्या है समझाइए प्रशिक्षण सामग्री सी. डी. के रूप में डाक के माध्यम से प्रतिभागियों को भेजी जाती है जिसे ऑनलाइन कोर्स प्लेटफार्म से भी प्राप्त किया जा सकता है | कार्यकर्मों में चर्चा, प्रश्न, स्पष्टीकरण, कार्य एवं कोर्स प्रोजेक्ट जोखिम प्रबंधन प्रणाली क्या है समझाइए रिपोर्ट शामिल है, जिसे अनुभवी पाठ्यक्रम सुगमकर्ता द्वारा मूल्यांकन किया जाता है | पाठ्यक्रम में सफल उम्मदवारों को जोखिम प्रबंधन प्रणाली क्या है समझाइए संयुक्त रूप से एन.आई.डी.एम. एवं विश्व बैंक (जी.ऍफ़.डी.आर.आर) द्वारा जारी किये गए प्रमाण पत्र प्रदान किये जाते हैं | अधिक जानकारी जोखिम प्रबंधन प्रणाली क्या है समझाइए जोखिम प्रबंधन प्रणाली क्या है समझाइए के लिए कृप्या http://www.onlinenidm.gov.in का अवलोकन करें |
दिल्ली हाईकोर्ट ने अग्निवीर और नियमित सिपाहियों के अलग-अलग वेतनमान पर केंद्र से जवाब मांगा
अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुनते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने सेना में नौकरी की प्रकृति समान होने पर भी 'अग्निवीरों' और नियमित सिपाहियों के वेतन में अंतर के बारे में पूछा था, जिस पर केंद्र ने कैडर अलग होने की बात कही. इस पर कोर्ट में कहा कि सवाल कैडर का नहीं, काम और ज़िम्मेदारी का है. The post दिल्ली हाईकोर्ट ने अग्निवीर और नियमित सिपाहियों के अलग-अलग वेतनमान पर केंद्र से जवाब मांगा appeared first on The Wire - Hindi.
अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुनते हुए जोखिम प्रबंधन प्रणाली क्या है समझाइए दिल्ली हाईकोर्ट ने सेना में नौकरी की प्रकृति समान होने पर भी ‘अग्निवीरों’ और नियमित सिपाहियों के वेतन में अंतर के बारे में पूछा था, जिस पर केंद्र ने कैडर अलग होने की बात कही. इस पर कोर्ट में कहा कि सवाल कैडर का नहीं, काम और ज़िम्मेदारी का है.
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)
नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय सेना में नौकरी की प्रकृति समान होने की स्थिति में ‘अग्निवीरों’ और नियमित सिपाहियों के अलग-अलग वेतनमान पर केंद्र से स्पष्टीकरण मांगा है.
बुधवार को केंद्र सरकार की तरफ से पेश वकील ने जवाब दिया कि अग्निवीर सशस्त्र बलों के नियमित कैडर से अलग कैडर है. इस पर, उच्च न्यायालय ने कहा, ‘अलग कैडर से नौकरी की प्रकृति का जवाब नहीं मिलता, सवाल काम और जिम्मेदारी का है.’
Bcom 1st Year Fundamentals of Enterperneurship notes
1. उद्यमिता की अवधारणा
(Concept of Entrepreneurship)
1. अमिता से क्या आशय है। इसको विशेषताओं एवं प्रकृति की विवेचना कीजिए।
2. “उद्यमिता एक नवप्रवर्तनकारी कार्य है। यह स्वामित्व की अपेक्षा एक नेतृत्व कार्य है।” इस कथन की व्याख्या करते हुए उद्यमिता के विभिन्न स्वरूपों का वर्णन कीजिए।
3. क्या भारतीय सामाजिक प्रणाली में उद्यमिता के विकास में बाधा पहुंचाने वाले घटक अन्तनिहित है। इस कथन पर अपने विचार प्रकट जोखिम प्रबंधन प्रणाली क्या है समझाइए कीजिये।
4 उद्यमिता के सम्बन्ध में विभिन्न विचारधारायें बताइये।
लघु उत्तरीय प्रश्न
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 759