Edited By: India TV Paisa Desk
Published on: September 27, 2022 18:01 IST

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में कौन-कौन से देशों की करेंसी शामिल है?

Indias foreign exchange reserves- पहले के जमाने में अक्सर राजा-महाराजा अपने पास सोना भंडार रखते थे. उसी तरह से आज देशों के पास विदेशी मुद्रा भंडार होता है. आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.

हम सभी ने लगभग वो फिल्में देखी होगी जिसमें राजा-महाराजा किसी इमरजेंसी से निपटने के लिए धन, सोना, चांदी, आदि को तहखानों या फिर किसी सीक्रेट रूम में रखते थे. ठीक उसी प्रकार से केंद्र सरकारें विदेशी मुद्रा भंडार रखती हैं. विदेशी मुद्रा भंडार का मतलब वह संपत्ति है जो किसी भी देश के पास विदेशी मुद्रा में उपलब्ध होती है. इसमें विदेशी मुद्रा संपत्ति (Foreign Currency Assets), गोल्ड रिजर्व, स्पेशल ड्राइंग राइट्स (SDR), अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), आदि शामिल है. भारत में विदेशी मुद्रा भंडार की देखरेख रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया करता है. आरबीआई ऐसी प्रॉपर्टीज का एक बफर रखता है, जिससे वह संकट के समय अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए करता है. अब नाम में ही विदेशी करेंसी है तो जाहिर से बात है कि भंडार उसी की वैल्यू के हिसाब से होता होगा, लेकिन यहां सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि भारत किस-किस देश की करेंसी में संपत्ति होल्ड करता है?

विदेशी मुद्रा भंडार में फॉरेन करेंसी एसेट बहुत जरूरी चीज है. इसे करेंसी पोर्टफोलियो (Multi-Currency Portfolio) के रूप में तैयार किया जाता है, जिसमें प्रमुख करेंसी, जैसे US डॉलर, यूरो, पाउंड स्टर्लिंग, जापानी येन, आदि शामिल होती हैं और इसका मूल्य अमेरिकी डॉलर के रूप में होता है. भारत बेशक बाकी देशों के करेंसी में भी एसेट्स होल्ड करता है लेकिन देश का विदेशी मुद्रा भंडार मुख्य रूप से अमेरिकी सरकार के बांड और संस्थागत बांड के रूप में अमेरिकी डॉलर से बना है.

भारत के भंडार में ज्यादातर डॉलर और कुछ हद तक यूरो में विदेशी मुद्रा भंडार रखा जाता है. कुल मिलाकर विदेशी मुद्रा भंडार में केवल विदेशी बैंक नोट, विदेशी बैंक जमा, विदेशी ट्रेजरी बिल और छोटे और लॉन्ग टर्म गवर्नमेंट बॉन्ड होते है.

हालांकि, सोने के भंडार, एसडीआर, और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास जमा राशि भी विदेशी मुद्रा भंडार का हिस्सा होता हैं.

क्यों अमेरिकी डॉलर में इसकी वैल्यू आंकी जाती है?दरअसल, अमेरिकी डॉलर सबसे स्थिर ग्लोबल करेंसी है. अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के लिए लगभग सभी देश अमेरिकी डॉलर को स्वीकार करते हैं. अंतरराष्ट्रीय व्यापार में डॉलर की स्थिरता के कारण, ज्यादातर देश डॉलर में विदेशी मुद्रा भंडार बनाए रखते हैं जिससे इसकी विनिमय दर (exchange rate) बढ़ जाती है. यहां वजह है कि ज्यादातर मूल्यांकन अमेरिकी डॉलर में किया जाता है.

Dollar Vs Rupee: देश के पास विदेशी मुद्रा का पर्याप्त भंडार, चिंता करने की जरूरत नहींः आर्थिक मामलों के सचिव

Dollar Vs Rupee: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा था कि वृहद आर्थिक बुनियाद मजबूत होने से रुपये की स्थिति बेहतर है।

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Published on: September 27, 2022 18:01 IST

Dollar Vs Rupee- India TV Hindi

Photo:FILE Dollar Vs Rupee

Highlights

  • मंगलवार को रुपया कुछ सुधरकर 81.58 पर बंद हुआ
  • विदेशी मुद्रा भंडार 16 सितंबर को कम होकर 545.65 अरब डॉलर पर आ गया
  • मार्च, 2022 में यह 607.31 अरब डॉलर था

Dollar Vs Rupee: आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने मंगलवार को विदेशी मुद्रा भंडार में कमी को लेकर चिंता को खारिज करते हुए कहा कि इसे जरूरत से अधिक तूल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति से पार पाने के लिये देश के पास विदेशी मुद्रा का पर्याप्त भंडार है। उल्लेखनीय है कि विदेशी मुद्रा भंडार लगातार सातवें सप्ताह घटा है और यह 16 सितंबर को समाप्त सप्ताह में कम होकर 545.65 अरब डॉलर पर आ गया, जबकि मार्च, 2022 में यह 607.31 अरब डॉलर था।

वैश्विक कारण से टूटा रुपया

मुद्रा भंडार में कमी का एक प्रमुख कारण वैश्विक गतिविधियों की वजह से रुपये की विनिमय दर में गिरावट को थामने के लिये रिजर्व बैंक की तरफ से किया गया डॉलर का उपयोग है। सेठ ने कहा, ‘‘विदेशी मुद्रा भंडार में कमी का कारण विदेशी मुद्रा प्रवाह में कमी और व्यापार घाटा बढ़ना है। मुझे नहीं लगता कि यह कोई चिंता वाली बात है। भारत के पास मौजूदा स्थिति से निपटने के लिये विदेशी मुद्रा का बड़ा भंडार है।’’ डॉलर के मुकाबले रुपया सोमवार को 81.67 के अबतक के सबसे निचले स्तर पर आ गया था। हालांकि, मंगलवार को यह कुछ सुधरकर 81.58 पर बंद हुआ।

राजकोषीय घाटा कम करने का लक्ष्य

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा था कि वृहद आर्थिक बुनियाद मजबूत होने से रुपये की स्थिति बेहतर है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अन्य देशों की मुद्राओं में जिस दर से गिरावट आई है, वह भारतीय रुपये की तुलना में कहीं अधिक है। आर्थिक मामलों के सचिव ने कहा कि सरकार चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 6.4 प्रतिशत रखने के लक्ष्य पर कायम है और इसे हासिल किया जाएगा। सरकार ने बजट में 2022-23 में 14.31 लाख करोड़ रुपये की बाजार उधारी का लक्ष्य रखा है। इसमें से 8.45 लाख करोड़ रुपये चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही अप्रैल-सितंबर में जुटाने का लक्ष्य है।

RBI: बाजार में जारी गिरावट के बीच विदेशी निवेशकों ने निकाले पैसे, 1.763 अरब डॉलर की आई गिरावट

Foreign Exchange Reserves: शेयर मार्केट में इस हफ्ते लगातार गिरावट देखने को मिली है. इस गिरावट के बीच विदेशी निवेशकों ने बाजार से पैसा निकाला है-

By: पीटीआई, एजेंसी | Updated at : 19 Feb 2022 03:36 PM (IST)

विदेशी निवेशक (फाइल फोटो)

Foreign Exchange Reserves: शेयर मार्केट में इस हफ्ते लगातार गिरावट देखने को मिली है. बाजार में बिकवाली हावी रही है. इसके अलावा देश का विदेशी मुद्रा भंडार 11 फरवरी को समाप्त सप्ताह में 1.763 अरब डॉलर घटकर 630.19 अरब डॉलर रह गया. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) एक्सचेंज पर कमाई विदेशी मुद्रा ने आंकड़ा जारी कर इस बारे में जानकारी दी है.

विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा
आपको बता दें इससे पहले चार फरवरी को समाप्त पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.198 अरब डॉलर बढ़कर 631.953 अरब डॉलर हो गया था. यह तीन सितंबर, 2021 एक्सचेंज पर कमाई विदेशी मुद्रा को समाप्त सप्ताह में 642.453 अरब डॉलर के उच्च स्तर पर पहुंच गया था.

RBI ने जारी किए आंकड़े
आरबीआई के शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट, विदेशी मुद्रा आस्तियों (FCA) में कमी आने की वजह से देखने को मिली है. एफसीए समग्र भंडार और स्वर्ण भंडार का एक प्रमुख घटक है. आंकड़ों के मुताबिक, 11 फरवरी को समाप्त सप्ताह में FCA 2.764 अरब डॉलर घटकर 565.565 अरब डॉलर रह गया.

गोल्ज रिजर्व में हुआ इजाफा
डॉलर में अभिव्यक्त किये जाने वाले विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाले विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसे गैर अमेरिकी मुद्रा के मूल्यवृद्धि अथवा मूल्यह्रास के प्रभावों को शामिल किया जाता है. इसके अलावा आलोच्य सप्ताह में सोने का भंडार (Gold Reserve) 95.2 करोड़ डॉलर बढ़कर 40.235 अरब डॉलर हो गया.

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SDR भी बढ़ा
समीक्षाधीन सप्ताह में, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (SDR) 6.5 करोड़ डॉलर बढ़कर 19.173 अरब डॉलर हो गया. आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार 1.6 करोड़ डॉलर घटकर 5.217 अरब डॉलर रह गया.

Published at : 19 Feb 2022 03:36 PM (IST) Tags: Reserve Bank of India RBI Governor gold reserve foreign exchange reserves Forex reserves हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

भारत के बढ़ते विदेशी मुद्रा भंडार से अमेरिका चिंतित, रखेगा नजर

अगर रुपया में डॉलर के मुकाबले मजबूती जारी रहती है तो अमेरिकी कंपनियों और वहां के कर्मचारियों पर खराब असर पड़ेगा

भारत के बढ़ते विदेशी मुद्रा भंडार से अमेरिका चिंतित, रखेगा नजर

यूएस ट्रेजरी के इस फैसले का भारत पर सिर्फ इतना असर पड़ेगा कि दोनों देशों के बीच आपसी व्यापार से संबधित होने वाली बातचीत में अमेरिका इस मसले पर चर्चा कर सकता है. यूएस ट्रेजरी ने भारत के विदेशी मुद्रा भंडार पर जारी रिपोर्ट में कहा है कि वह भारत के फॉरेन एक्सचेंज और अर्थव्यवस्था से जुड़ी नीतियों पर करीबी नजर बनाए रखेगा.

2017 के पहले छह महीने में भारत के विदेशी मुद्रा खरीदने की रफ्तार में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है. यह जून तिमाही में बढ़कर करीब 42 अरब डॉलर पर पहुंच गया. यह देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का करीब 1.8 फीसदी है. यूएस ट्रेजरी की रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका के साथ व्यापार में भारत का पलड़ा भारी है.

यूएस ट्रेजरी उन देशों के विदेशी मुद्रा भंडार पर नजर रखता है, जिनके साथ उसका मजबूत व्यापारिक संबंध होता है. ऐसे देशों के विदेशी मुद्रा भंडार निगरानी के लिए उसने तीन शर्तें तय की हैं. इनमें अमेरिका के साथ व्यापार में जिन देशों का ट्रेड सरप्लस 20 अरब डॉलर से ज्यादा होने की शर्त भी शामिल है.

अमेरिका उन देशों के विदेशी मुद्रा भंडार पर भी नजर रखता है, जिनका अमेरिकी के साथ चालू खाते का घाटा जीडीपी के कम से कम 3 फीसदी तक पहुंच गया हो. यूएस ट्रेजरी की रिपोर्ट में कहा गया है कि जून में खत्म 12 महीने की अवधि में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार ने उन शर्तों को पूरा किया है, जिनके आधार पर अमेरिका किसी देश की विदेशी मुद्रा भंडार पर नजर रखना शुरू कर देता है.

आरबीआई डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती पर अंकुश लगाने के लिए पिछले कुछ समय से लगातार हस्तक्षेप कर रहा है. इस साल सितंबर में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 400 अरब डॉलर के स्तर को पार कर गया था. 6 अक्टूबर को यह थोड़ा गिरकर 398 अरब डॉलर पर था.

इस सप्ताह मजबूत हुआ रुपया लेकिन विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट, जानिए रिजर्व बैंक के खजाने में कितना है

डॉलर के मुकाबले रुपए में तेजी देखी जा रही है. इंडियन करेंसी के लिए यह अच्छी खबर है. इस बीच देश का विदेशी मुद्रा भंडार 22 जुलाई को समाप्त सप्ताह में 1.152 अरब डॉलर घटकर 571.56 अरब डॉलर रह गया.

इस सप्ताह मजबूत हुआ रुपया लेकिन विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट, जानिए रिजर्व बैंक के खजाने में कितना है

इस सप्ताह डॉलर के मुकाबले रुपए (Dollar vs Rupees) में तेजी दर्ज की गई. अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बाजार के अनुरूप इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी की जिसके बाद डॉलर में कमजोरी आई और अन्य करेंसी में उछाल आया है. इस बीत देश का विदेशी मुद्रा भंडार 22 जुलाई को समाप्त सप्ताह में 1.152 अरब डॉलर घटकर 571.56 अरब डॉलर रह गया. डॉलर के मुकाबले रुपए की विनिमय दर में निरंतर उतार चढ़ाव के बीच विदेशी मुद्रा भंडार घटा है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के अनुसार इससे पहले समाप्त सप्ताह के दौरान, विदेशी मुद्रा भंडार 7.541 अरब डॉलर घटकर 572.712 अरब डॉलर रह गया था. विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट का कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों का घटना है जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.

भारतीय रिजर्व बैंक के शुक्रवार को जारी किये गये भारत के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 1.426 अरब डॉलर घटकर 510.136 अरब डॉलर रह गयी. डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्यवृद्धि अथवा मूल्यह्रास के प्रभावों को शामिल किया जाता है.

गोल्ड रिजर्व में आई 14.5 करोड़ डॉलर की गिरावट

आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य सप्ताह में स्वर्ण भंडार का मूल्य भी 14.5 करोड़ डॉलर बढ़कर 38.502 अरब डॉलर हो गया. समीक्षाधीन सप्ताह में, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 10.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 17.963 अरब डॉलर हो गया. आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार भी 2.3 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.96 अरब डॉलर हो गया.

रुपया तीन सप्ताह के उच्चतम स्तर पर पहुंचा

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में शुक्रवार को नौ महीनों में पहली बार रुपए में एक दिन की सबसे अधिक 45 पैसे की तेजी आई और यह तीन सप्ताह के उच्च स्तर 79.24 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. घरेलू शेयर बाजार में जोरदार तेजी तथा वैश्विक बाजार में डॉलर के कमजोर होने से रुपए को मजबूती मिली है. रुपए में 45 पैसे की तेजी आई, जो 20 अक्टूबर, 2021 के बाद से एक दिन की सबसे बड़ी बढ़त है.

डॉलर इंडेक्स में कमजोरी का असर

एलकेपी सिक्यॉरिटीज के शोध विश्लेषक और उपाध्यक्ष, जतिन त्रिवेदी ने कहा, डॉलर इंडेक्स में कमजोरी के कारण रुपया मजबूत हुआ…कच्चा तेल की कीमत में उतार-चढ़ाव ने रुपए के लाभ को कुछ हद तक सीमित रखा. एचडीएफसी सिक्यॉरिटीज के शोध विश्लेषक, दिलीप परमार ने कहा, डॉलर की गिरावट और शेयर बाजार में तेजी के कारण रुपए में 20 अक्टूबर के बाद सबसे बड़ा एक दिन का लाभ दर्ज किया गया.

क्रूड ऑयल 110 डॉलर पर बंद हुआ

दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर इंडेक्स 105.707 के स्तर एक्सचेंज पर कमाई विदेशी मुद्रा पर बंद हुआ. लगातार दूसरे सप्ताह इस इंडेक्स में गिरावट आई है. इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल का भाव इस सप्ताह 110 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर बंद हुआ. WTI क्रूड का भाव 98.62 डॉलर के स्तर पर बंद हुआ. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल रहे. उन्होंने शुक्रवार को 1046 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे.

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