NSE और BSE क्या होते है ?
1. Bse का Full Form क्या होता है ?
Bse का Full Form होता है Bombay Stock Exchange (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) |
2. Nse का Full Form क्या होता है ?
3. Bse क्या है ?
Bse भारत का सबसे पुराना और सबसे बड़ा stock exchang है Bse की शुरुआत सन 1875 में हुई थी और अपने शुरुआती समय में Bse (the native share & stock brokers association / नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन) के तोर पर जाना जाता था बाद में जाकर सन 1957 में भारत सरकार ने (securities contract Regulation Act 1956 / सिक्योरिटीज कॉट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट 1956) के तहत Bse को भारत के स्टॉक एक्सचेंज का दर्जा दे दिया था |
Bse एशिया का पहला स्टॉक एक्सचेंज है और वर्तमान में दुनिया का 9 वा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है | जनवरी 2021 के अनुसार Bse का market capitalization 276 .713 लाख करोड़ (US $ 3.7 trillion) का हो चुका है
Bse (Bombay Stock exchang) का बेंचमार्क (index) है “Sensex” जिसकी शुरुआत सन 1986 में हुई थी जिसमें देश की सबसे बड़ी और टॉप 30 कम्पनीज को रखा जाता है “sensex” में 30 कम्पनीज के लिस्टेड होने के कारण इसे Bse30 के नाम से भी जाना जाता है |
sensex क्या है ? और इसका क्या काम होता है ? ये सब हम आगे आने वाले article में Complete details में जानेगे |
4. Nse क्या है ?
Nse भारत का दूसरा सबसे बड़ा stock exchange है और वर्तमान में दुनिया का 10 वा सबसे बड़ा stock exchange है |
Nse की स्थापना सन 1992 में हुई थी तब Nse (securities contract Regulation Act 1956 / सिक्योरिटीज कॉट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट 1956) के तहत सिर्फ एक टैक्स पेइंग कम्पनी (tax paying company) के तोर पर काम करती थी इसके बाद सन 1993 से Nse ने स्टॉक एक्सचेंज के तोर पर काम करना शुरू किया |
Nse के आ जाने से भारत में electronic exchange system की शुरुआत हुई इससे पहले शेयर बाजार का सारा काम पेपर सिस्टम के जरिये ही हुआ करता था लेकिन Nse के आने के बाद से शेयर बाजार इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर आधारित हो गया | जिसकी वजह से एक आम आदमी का शेयर बाजार में निवेश करना काफी आसान हो गया था | अगस्त 2021 के अनुसार Nse का market capitalization 3.4 trillion डॉलर से भी अधिक का हो चूका है |
Nse का नेशनल स्टॉक एक्सचेंज बेंचमार्क (index) है “nifty” जिसकी शुरुआत Nse ने सन 1995 में की थी “nifty” में देश की सबसे बड़ी और टॉप 50 कम्पनीज को रखा जाता है “nifty” में देश की सबसे बड़ी और टॉप 50 कम्पनीज के लिस्टेड होने के कारण इसे “nifty50” के नाम से भी जाना जाता है
Nifty क्या है ? और इसका क्या काम होता है ? ये सब हम आगे आने वाले article में Complete details में जानेगे |
5. Bse और Nse में कौन सा exchange better है ?
Nse और Bse दोनों में कौन सा exchange आपके लिए better है ? ये पूरी तरह से आप पर डिपेंड करता है की आप किस तरह के इन्वेस्टर या ट्रेडर है ?
अगर आप stock Market में नये हो,और investing के viwe से मार्केट में आये हो तो आपके लिए best option है Bse क्योकि Bse में 5000 से ज्यादा कम्पनीज लिस्टेड है जिससे आपको बहुत सी कम्पनीज में पैसा निवेश (invest) करने का मौका मिलेगा |
जबकि Nse उन traders और investors के लिए एक best option हो सकता है जिनको मार्किट का अच्छा अनुभव हो – और बहुत ज्यादा मात्रा (quantity) में day trading जैसे सौदे करते हो | उन के लिए Nse एक best option हो सकता है क्योकि Nse में Bse से ज्यादा liquidity होती है जिसकी day trading में काफी जरूरत होती है |
liquidity का अर्थ होता है ” किसी वस्तु या चीज को कितनी जल्दी ख़रीदा और बेचा जा सकता है उसे हम liquidity कहते है ” अगर किसी वस्तु या चीज में बहुत ज्यादा खरीदी व बिक्री हो तो हम कह सकते है की उसमे अधिक liquidity है और जब किसी वस्तु या चीज में बहुत ज्यादा खरीदी व बिक्री नहीं हो तो हम कह सकते है की उस में कम liquidity है |
तो अभी आपको decide करना है की आपके लिए कोन सा exchange better है ? Nse या Bse ?
6. भारत में कुल कितने stock exchange है ?
भारत में वर्तमान में 23 stock exchang है |
7. भारत के दो प्रमुख stock exchange कौन-कौन से है ?
भारत में 2 प्रमुख Stock Exchange है | Bse (Bombay Stock exchange) और Nse (National Stock Exchange)
8. Bse और Nse stock exchange कहा पर स्थित है ?
Bse (Bombay Stock exchange) और Nse (National Stock Exchange) दोनों मुम्बई में स्थित है |
9. Bse और Nse में कुल कितनी companies listed है ?
Bse (Bombay Stock exchange) में वर्तमान में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज 5000 से भी ज्यादा कम्पनीज लिस्टेड है और Nse (National Stock Exchange) में वर्तमान में 2000 से अधिक कम्पनीज लिस्टेड है |
10. Bse और Nse में क्या difference है ?
Equity, currency, and commodity derivatives.
Exchang – traded funds
Inital public offering (IPO)
Equity, currency, and commodity derivatives.
Exchang – traded funds
Inital public offering (IPO)
Security lendig & borrowing scheme
Institutional placement program (IPP)
जबकि Nse का नेटवर्क वर्तमान में 1500 से अधिक शहरो में फैला हुआ है |
11. Bse और Nse के chairman कौन है ?
वर्तमान में Bse के Chairman है Vikramajit Sen और Nse के Chairman है Girish Chandra Chaturvedi ..
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So I hope कि आपको समझ में आ गया होगा कि Stock market में NSE और BSE क्या होते है ? तो आपको NSE और BSE पर हमारा ये Article कैसा लगा निचे comments कर के जरूर बताइयेगा ||
The National Stock Exchange (NSE) of India: भारत के टॉप एक्सचेंज एनएसई ने प्रशासन की संदिग्ध खामियों के बीच नए चीफ के लिए आवेदन मांगी है
The National Stock Exchange (NSE) of India: देश के सबसे बड़े शेयर बाजार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने शुक्रवार को एक नए मुख्य कार्यकारी अधिकारी की तलाश शुरू की, यूक्रेन-रूस के बीच च रहे युद्ध के दौरान प्रशासन में चूक के आरोप लगातार जारी है, जिसके कारण आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) में काफी देरी हुई है। बाजार नियामक ने पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी चित्रा रामकृष्ण को दंडित करने के बाद यह प्रयास किया, एक अखबार के विज्ञापन में, एनएसई ने निर्दिष्ट किया कि उम्मीदवारों के पास "कॉर्पोरेट गवर्नेंस को मजबूत करने का ट्रैक रिकॉर्ड" और कम से कम 25 साल का अनुभव होना चाहिए।इसके वर्तमान मुख्य कार्यकारी, विक्रम लिमये, जुलाई में अपना पांच साल का कार्यकाल समाप्त करने के लिए तैयार हैं।General awareness Ebook Free PDF: डाउनलोड करें
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के एमडी व सीईओ पद के लिए आवेदन मांगी है
इस पद के लिए उम्मीदवारों के पास "कॉर्पोरेट गवर्नेंस को मजबूत करने का ट्रैक रिकॉर्ड" होना चाहिए ।
इसके साथ ही 25 साल का एक्सपीरियंस भी होना चाहिए।
इस पद का कार्यकाल 5 साल रखा गया है।
बाजार नियामक ने पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी चित्रा रामकृष्ण कौन है-
चित्रा रामकृष्ण अधिकारियों के एक समूह में से थी, जिन्होंने 1990 के दशक की शुरुआत में एनएसई को अधिक स्थापित बीएसई लिमिटेड के लिए एक चुनौती के रूप में शुरू किया, जिसे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के रूप में जाना जाता था। चित्रा ने 2009 में NSE का संयुक्त प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया और 2013 में CEO के रूप में उन्होंने पदोन्नत किया था।
विक्रम लिमाए कौन हैं
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के एमडी व सीईओ विक्रम लिमाए (Vikram Limaye) अब तक इस पद पर बने हुए हैं। इससे पहले विक्रम आईडीएफसी के मैनेजिंग डायरेक्टर रह चुके हैं। विक्रम ने चित्रा रामकृष्णा के इस्तीफे के बाद 2017 में इस पद को संभाला था, अब जुलाई 2022 में इनका 5 साल का कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है, और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के एमडी व सीईओ के पद के लिए आवेदन मांगे हैं ।
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दो दिन की सुस्ती के बाद शेयर बाजारों में आई तेजी, शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स-निफ्टी चढ़े
सेंसेक्स में पॉवर ग्रिड, विप्रो, आईटीसी, भारती एयरटेल, नेस्ले, बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, महिंद्रा एंड महिंद्रा तथा एचडीएफसी बढ़ने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे. वहीं, टाटा मोटर्स, इंडसइंड बैंक, लार्सन एंड टूब्रो के शेयरों में गिरावट हुई.
मुंबई : घरेलू शेयर बाजारों में बीते दो सत्रों से जारी गिरावट का दौर थम गया और सोमवार को शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी में बढ़त दर्ज की गई. इस दौरान बीएसई का 30 शेयरों वाला सूचकांक 127.48 अंक की तेजी के साथ 61,465.29 अंक पर पहुंच गया. व्यापक एनएसई निफ्टी 37.85 अंक बढ़कर 18,306.85 अंक पर था.
सेंसेक्स में पॉवर ग्रिड, विप्रो, आईटीसी, भारती एयरटेल, नेस्ले, बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, महिंद्रा एंड महिंद्रा तथा एचडीएफसी बढ़ने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे. वहीं, टाटा मोटर्स, इंडसइंड बैंक, लार्सन एंड टूब्रो के शेयरों में गिरावट हुई. अन्य एशियाई बाजारों में सियोल, तोक्यो, शंघाई और हांगकांग के बाजारों में गिरावट रही. अमेरिकी बाजार भी शुक्रवार को नुकसान के साथ बंद हुए थे.
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कारोबारी सत्र में शुक्रवार को तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 461.22 अंक यानी 0.75 प्रतिशत की गिरावट के साथ 61,337.81 अंक पर बंद हुआ था. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 145.90 अंक यानी 0.79 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,269 अंक पर बंद हुआ था.
रॉकेट की रफ्तार से चढ़ा शेयर बाजार, सेंसेक्स में 12 सौ अंकों से ज्यादा की बढ़त, निवेशकों की हुई चांदी
अंतरराष्ट्रीय तेल सूचकांक ब्रेंट क्रूड 1.10 प्रतिशत की बढ़त के साथ 79.91 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था. शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को शुद्ध रूप से 1,975.44 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.
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नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की पूर्व प्रमुख ‘आध्यात्मिक गुरु’ की सलाह पर लेती थीं फैसला: सेबी
नई दिल्लीः बाजार नियामक सेबी की जांच में देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्व प्रमुख को एक आध्यात्मिक गुरु के साथ गोपनीय जानकारी साझा करने और एक्सचेंज से जुड़े महत्वपूर्ण फैसलों में उनकी सलाह लेने का दोषी पाया गया है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने बताया कि एनएसई की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी चित्रा रामकृष्ण ने नियमों का स्पष्ट उल्लंघन करते हुए बाजार के वित्तीय अनुमानों, व्यावसायिक योजनाओं और बोर्ड के एजेंडा सहित महत्वपूर्ण जानकारियां हिमालय के एक कथित आध्यात्मिक गुरु के साथ साझा की थीं.
सेबी ने जारी आदेश में कहा, ‘एनएसई की वित्तीय और कारोबारी योजनाएं साझा करना एक ऐसी गतिविधि है, जिससे स्टॉक एक्सचेंज की नींव हिल सकती है.’
सेबी ने रामकृष्ण, एनएसई और अन्य शीर्ष पूर्व अधिकारियों पर जुर्माना लगाया है.
बता दें कि रामकृष्ण ने निजी कारणों का हवाला देकर 2016 में एनएसई से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, उनसे इस बारे में तुरंत संपर्क नहीं हो पाया. वहीं, एनएसई और सेबी ने इस संबंध में टिप्पणी करने के आग्रह का कोई जवाब नहीं दिया.
मालूम हो कि कॉरपोरेट गवर्नेंस संबंधी खामियों के आरोप कई सालों तक एनएसई पर लगते रहे. एनएसई ने 2017 में आईपीओ लाने की योजना बनाई थी लेकिन ये आरोप लगने के बाद योजना ठंडे बस्ते में चली गई थी कि कुछ अधिकारियों ने बड़े ट्रेडर्स को को-लोकेशन सर्वर के जरिये गलत तरीके से एक्सेस दिया था.
तीन साल की जांच के बाद सेबी ने एनएसई पर नौ करोड़ डॉलर से अधिक का जुर्माना लगाया और उस पर छह महीने के लिए सिक्योरिटी बाजारों से पैसा इकट्ठा करने पर रोक लगा दी.
एनएसई ने इस आदेश को अदालत में चुनौती दी और नए आईपीओ के लिए सेबी से मंजूरी मांगी.
दरअसल जांच के दौरान सेबी को कुछ दस्तावेज मिले थे, जिससे पता चला कि रामकृष्ण ने किसी अज्ञात शख्स को ईमेल किए थे, जिसके बारे में पूछताछ के दौरान उन्होंने बताया कि वह एक आध्यात्मिक शख्स हैं, जिनसे वह बीते 20 सालों से मार्गदर्शन लेती थीं.
रामकृष्ण ने अपने बचाव में सेबी को बताया कि एक ऐसे शख्स के साथ जानकारी साझा करना जो आध्यात्मिक प्रकृति है, ऐसा करना गोपनीयता से समझौता करना नहीं है.
सेबी ने अपने आदेश में कहा कि रामकृष्ण का यह तर्क देना काफी बेतुका है कि लाभांश भुगतान अनुपात, व्यावसायिक योजनाओं और एनएसई कर्मचारियों के परफॉर्मेंस मूल्यांकन जैसी संवेदनशील जानकारियों को साझा करने से कोई नुकसान नहीं होगा.
सेबी की जांच में यह भी पता चला कि बिना किसी पूंजी बाजार के अनुभव के मध्यस्तर के कार्यकारी अधिकारियों की नियुक्ति और बिना उचित दस्तावेजों की जांच के रामकृष्ण के सलाहकार के तौर पर सीधी नियुक्ति में इस कथित गुरु का पर्याप्त नेशनल स्टॉक एक्सचेंज प्रभाव था.
इन नियुक्त किए गए कई अधिकारियों का वेतन एनएसई के कई वरिष्ठ अधिकारियों से अधिक था.
आरोप यह भी है कि इन्हीं आध्यात्मिक गुरु की सलाह पर आनंद सुब्रमण्यम को एनएसई में समूह परिचालन अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक का सलाहकार नियुक्त किया गया था.
सेबी ने कहा, ‘यह आध्यात्मिक गुरु ही एक्सचेंज चला रहा था और रामकृष्ण सिर्फ उसके हाथों की कठपुतली थीं.’
सेबी के इस आदेश में गुरु से जुड़े एड्रेस पर ईमेल किए गए सवालों पर तुंरत कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है. सेबी ने यह भी कहा कि एनएसई और उसके बोर्ड को इन गोपनीय जानकारियों के आदान-प्रदान की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने इस मामले को गोपनीय रखना ही सही समझा.
सेबी ने 190 पन्नों के आदेश में कहा कि आध्यात्मिक गुरु ने ही चित्रा रामकृष्ण को सुब्रमण्यम को नियुक्त करने को कहा था.
इस मामले में कार्रवाई करते हुए सेबी ने रामकृष्ण और सुब्रमण्यन के साथ ही एनएसई और उसके पूर्व प्रबंध निदेशक रवि नारायण और अन्य पर भी जुर्माना लगाया है.
नियामक ने एनएसई पर दो करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है और एक्सचेंज को अगले छह महीने के लिए कोई नया उत्पाद लॉन्च करने से रोक दिया है.
सेबी ने रामकृष्ण पर तीन करोड़ का जुर्माना लगाया है और तीन साल के लिए किसी भी बाजार या सेबी के साथ पंजीकृत किसी भी मध्यस्थ से जुड़ने पर रोक लगाई है.
इसके साथ ही रवि नारायण और सुब्रमण्यम पर दो-दो करोड़ रुपये तथा वीआर नरसिम्हन पर छह लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
बता दें कि रामकृष्ण उन लोगों में से एक रही हैं, जिन्होंने 1990 की दशक के शुरुआत में एनएसई गठित किया था, ताकि पहले से स्थापित बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) को चुनौती दी जा सके. उन्हें 2009 में एनएसई का संयुक्त प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया था और 2013 में प्रमोट कर सीईओ बना दिया गया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)
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नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की पूर्व CEO चित्रा रामकृष्ण के खिलाफ CBI ने जारी किया लुकआउट नोटिस
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange) की पूर्व CEO चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramkrishna) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शुक्रवार को उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस सर्कुलर जारी कर दिया है। एक दिन पहले ही आयकर विभाग (Income tax Department) ने टैक्स चोरी की जांच के तहत रामकृष्ण के परिसरों पर छापा मारा था।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शुक्रवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की पूर्व CEO चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramkrishna) के खिलाफ कथित अनियमितताओं को लेकर लुकआउट सर्कुलर जारी किया है। दरअसल एक दिन पहले ही आयकर विभाग (Income tax Department) ने टैक्स चोरी की जांच के तहत रामकृष्ण के परिसरों पर छापे मारी की थी। इसके अलावा एक अन्य पूर्व CEO रवि नारायण और पूर्व COO आनंद सुब्रमण्यम के खिलाफ भी लुकआउट सर्कुलर जारी किए गए हैं। बता दें कि शुक्रवार को सीबीआई की टीम मुंबई में चित्रा रामकृष्ण से पूछताछ भी कर रही है।
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