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Pakistan Power Crisis: पाकिस्तान में भीषण बिलजी संकट के बीच बंद हो सकता है इंटरनेट, टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने दी चेतावनी

By: ABP Live | Updated at : 01 Jul 2022 06:22 PM (IST)

पाकिस्तान में बिजली संकट की वजह से बंद हो सकती है इंटरनेट सेवा (प्रतीकात्मक फोटो )

Pakistan Power Crisis: पाकिस्तान (Pakistan) में बिजली (Power) गुल कारखाना विदेशी मुद्रा कर्नाटक होने के बीच टेलकॉम ऑपरेटरों (Telecom Operators) ने गुरुवार को अपने मोबाइल (Mobile) और इंटरनेट सेवाएं (Internet Services) बंद करने की चेतावनी दी. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी बोर्ड (एनआईबीटी) कारखाना विदेशी मुद्रा कर्नाटक ने ट्विटर पर कहा, "पाकिस्तान में दूरसंचार ऑपरेटरों ने देश भर में लंबे समय तक बिजली गुल रहने के कारण मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं को बंद करने की चेतावनी दी है, क्योंकि रुकावट उनके संचालन में समस्या और बाधा पैदा कर रही है."

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सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित योजनाओं को देखें। एमएसएमई, खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) और राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआईसी) द्वारा प्रत्‍यक्ष कार्यान्वित योजनाओं के लिए लिंक प्रदान किए गए हैं। प्रयोक्‍ता कॉयर बोर्ड और विकास आयुक्त, एमएसएमई के कार्यालय द्वारा योजनाओं को प्राप्‍त कर सकते हैं। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों से संबंधित योजनाओं पर विस्तृत जानकारी प्रदान की गई है।

भारत में विनिर्माण कार्यक्रम (मेक इन इंडिया)

“भारत में विनिर्माण”(मेक इन इंडिया) एक राष्ट्रीय पहल है जिसका उद्देश्य भारत में निवेश को बढ़ावा देना है। आप कार्यक्रम, व्यावसायिक क्षेत्रों, वर्तमान में चल रही परियोजनाओं, नीतियों इत्यादि के बारे में जानकरी प्राप्त कर सकते हैं।

निवेशकों के लिए भारत के विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के विकल्प मौजूद हैं। आप आधारिक संरचना, औषधनिर्माण, ऑटोमोबाइल, शिक्षा एवं कई अन्य क्षेत्रों में निवेश कर सकते हैं। आप भारत के बारे में, यहाँ की निवेश नीतियों एवं इससे संबंधित उपलब्ध अवसरों, संयुक्त उद्यमों एवं भारत में व्यापार करने संबंधी अन्य जानकारियाँ यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। भारत में निवेश करने से संबंधित विभिन्न सर्वेक्षणों एवं विश्लेषणों, भारतीय निवेश विवरणिका एवं संदर्शिका (गाइड) इत्यादि की भी जानकारी यहाँ दी गई है।

Covid का आर्थिक प्रभाव भारत के कृषि प्रधान राज्यों की तुलना में औद्योगिक राज्यों पर ज्यादा रहा : RBI

पंजाब के लुधियाना में पीपीई बनाने वाले कारखाने के कर्मचारियों की प्रतीकात्मक तस्वीर। फोटो: उर्जिता भारद्वाज | दिप्रिंट

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अर्थशास्त्रियों के एक अध्ययन से पता चलता है कि कोविड के समय लगाए गए कारखाना विदेशी मुद्रा कर्नाटक प्रतिबंधों ने उद्योग और सेवाओं की उच्च हिस्सेदारी वाले राज्यों की आर्थिक गतिविधियों को कृषि और खनन पर अधिक भरोसा करने वाले राज्यों की तुलना में काफी ज्यादा नुकसान पहुंचाया है.

आरबीआई के मासिक बुलेटिन में पिछले शुक्रवार को प्रकाशित ‘इम्पैक्ट ऑफ कोविड -19 ऑन इकोनॉमिक एक्टिविटी अक्रॉस इंडियन स्टेट्स’ शीर्षक वाले पेपर को बैंक के आर्थिक और नीति अनुसंधान विभाग के सुधांशु गोयल, आकाश कोवुरी और रमेश गोलेत ने लिखा था. उन्होंने बताया कि आवाजाही पर रोक लगाने वाली नीतियां – यहां लॉकडाउन- कृषि गतिविधियों को उतना बाधित नहीं कर पाईं, जितना उन्होंने औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों को किया था.

‘आर्थिक गतिविधि’ को कैसे मापा गया?

राज्यों के ‘विविध आर्थिक प्रक्षेपवक्र’ को मापने के लिए लेखकों ने माल और सेवा कर (जीएसटी), बिजली उत्पादन, रोजगार दर, निर्यात, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत काम की मांग और पीएम जन धन योजना के तहत खातों में जमा सहित आर्थिक गतिविधियों के विभिन्न संकेतकों को शामिल करते हुए एक इंडेक्स तैयार किया था.

लेखकों ने अलग-अलग संदर्भों के अध्ययन के लिए 18 राज्यों में दो साल – मार्च 2020 से फरवरी 2022 तक– हुई गतिविधियों का इस्तेमाल किया, जिनका डेटा पूरी तरह से उपलब्ध था और जिनकी भारत के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 93 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

लेखकों के मुताबिक, इस सूचकांक का सकारात्मक रहना औसत से अधिक आर्थिक गतिविधियों को दर्शाता है और सूचकांक का नकारात्मक होना इसके उलट है.

आर्थिक गतिविधि सूचकांक बताता है कि अप्रैल-मई 2020 में लगा पहला और सबसे सख्त लॉकडाउन, भारत की आर्थिक गतिविधियों के लिए सबसे मुश्किल समय था.

कोविड ने राज्यों को अलग-अलग तरह से क्यों कारखाना विदेशी मुद्रा कर्नाटक प्रभावित किया?

यह समझने के लिए कि कोविड -19 प्रतिबंधों का प्रभाव राज्यों पर अलग-अलग कैसे रहा, लेखकों ने उस समय किस तरह की आर्थिक गतिविधियां चल रहीं थी, उसको आवाजाही से जोड़कर देखने का प्रयास किया.

इसके लिए उन्होंने दो चीजों का हिसाब लगाया.

उसमें से एक थी, उस दौरान होने वाली आवाजाही यानी कितने लोग घरों से बाहर निकल रहे थे. इसके लिए उन्होंने Google कारखाना विदेशी मुद्रा कर्नाटक की कम्युनिटी मोबिलिटी रिपोर्ट के डेटा का इस्तेमाल किया था. कम्युनिटी मोबिलिटी रिपोर्ट अलग-अलग जगहों पर मसलन स्टोर, पार्क, कार्यस्थल, आदि में लोगों की आवाजाही को चार्ट बनाकर रिपोर्ट तैयार करती है. दूसरा थी, राज्य को होने वाली आय में विभिन्न क्षेत्रों का योगदान.

विश्लेषण कारखाना विदेशी मुद्रा कर्नाटक से पता चला कि आवाजाही ने कृषि गतिविधियों को ज्यादा प्रभावित नहीं किया था. इसका मतलब यह है कि आवाजाही पर लगी रोक से कृषि गतिविधियों को प्रभावित करने की संभावना कम है. अखबार ने कहा कि कृषि क्षेत्र के भीतर, वानिकी और लॉगिंग में शामिल लोगों पर प्रभाव सबसे कम था.

लॉकडाउन: कर्नाटक की सबसे पुरानी कपड़ा कंपनी ने अपने 1300 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला

श्रीरंगपट्टनम स्थित गोकुलदास टेक्सटाइल कंपनी निकाले जाने के बाद कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे हैं. (फोटो: वीडियो ग्रैब)

बेंगलुरु: कोरोना महामारी के बीच कर्नाटक में सबसे पुरानी कपड़ा निर्माता कंपनी गोकुलदास एक्सपोर्ट्स लिमिटेड ने अपने 1300 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. कर्मचारी इसके विरोध में फैक्ट्री के सामने लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं.

एनडीटीवी के मुताबिक कर्नाटक के मंड्या जिले के श्रीरंगपट्टनम स्थित सबसे पुरानी गोकुलदास कंपनी, जो कि सबसे बड़ी कारखाना विदेशी मुद्रा कर्नाटक एक्सपोर्ट कंपनी है, की एक यूनिट- ‘यूरो क्लॉथिंग कंपनी-2’ कोरोना संकट के चलते बंद हो गई है. कंपनी ने यहां काम करने वाले 1300 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का फैसला किया है.

देश को बांटने की राजनीति कर रहा है विपक्ष, भाजपा अध्यक्ष ने लिखा खुला पत्र

भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने देशवासियों के नाम खुला पत्र लिखकर मोदी सरकार की 8 वर्षों की उपलब्धियों को सामने रखते हुए वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया और विरोधी दलों पर तीखा निशाना साधा।

विरोधी दलों द्वारा लिखे गए संयुक्त अपील वाले पत्र को लेकर नड्डा ने कांग्रेस, लेफ्ट और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विरोधी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले आठ वर्षों में भारत का हर क्षेत्र में तेजी से विकास हुआ है। कोविड के खिलाफ भारत की लड़ाई को दुनिया ने सराहा है। आज दुनिया भर की नजरें भारत पर लगी हुई है।

एकतरफा जांच के आरोपों पर दिल्ली पुलिस आयुक्त ने कहा, ‘किसी के साथ भेदभाव नहीं होगा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जहांगीरपुरी सांप्रदायिक हिंसा की जांच एकतरफा होने और केवल एक विशेष समुदाय के सदस्यों को निशाना बनाए जाने के सभी आरोपों का खंडन करते हुए दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने कहा है कि पुलिस किसी के साथ भेदभाव नहीं कर रही है।

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