बड़ौदा ई-ट्रेड 3 इन 1 खाता

बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ बाधारहित और सुरक्षित ट्रेडिंग अनुभव के लिए सिंक्रोनाइज्ड बैंक, डीमैट एवं ट्रेडिंग खाता खोले. डिजीटल खाता खोलने की प्रक्रिया 100% पेपर रहित. प्रतिस्पर्द्धी ब्रोकरेज दरें, ट्रेडिंग खाते के लिए कोई वार्षिक अनुरक्षण शुल्क (एएमसी) नहीं, पहले वर्ष डीमैट खाते हेतु एएमसी में छूट.
प्रमाणित और अनुभवी रिलेशनशिप मैनेजर विशेष तौर पर आपके लिए बनाई गई विशेषीकृत ट्रेडिंग और निवेश नीति बनाने में सहायता करेंगे.

बड़ौदा ई-ट्रेड 3 इन 1 खाता : विशेषताएं

बड़ौदा ई-ट्रेड 3 इन 1 खाता : ट्रेड का माध्यम

बड़ौदा ई-ट्रेड मोबाइल एप्लिकेशन

ऐप स्टोर और गूगल प्लेस्टोर में 4+ रेटिंग

बड़ौदा ई-ट्रेड वेबसाइट

आसान और स्मार्ट ट्रेडिंग हेतु

बड़ौदा ई-ट्रेड – प्रो डेस्कटॉप ट्रेडिंग ऐप्लीकेशन

प्रोफेशनल ट्रेडर्स हेतु त्वरित प्लेटफॉर्म

बड़ौदा ई-ट्रेड 3 इन 1 खाता : डिस्क्लेमर

प्रतिभूति बाजार में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है, निवेश से पहले सभी संबंधित दस्तावेजों को ध्यानपूर्वक पढ़ें.

बॉब कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड, बैंक ऑफ़ बड़ौदा की पूर्ण स्वामित्त्व वाली अनुषंगी

सदस्य: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया एवं बीएसई लिमिटेड.

एनएसई सदस्य कोड:13045 / बीएसई क्लीयरिंग संख्या : 3258

पंजीकृत ट्रेडर की ट्रेडिंग की शर्तें कार्यालय:

बॉब कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड,
1704, बी विंग, 17 वां तल, पारिनी क्रीसेंजो,
जी ब्लॉक, बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स, बांद्रा (पूर्व),
मुंबई – 400051. टेली: 022-6138 9300
Tel: 022-6138 9300

सेबी सिंगल रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र - INZ000159332 दिनांक 20 नवंबर 2017.

सेबी (रिसर्च एनालिस्ट्स) विनियमन, 2014, पंजीकरण सं.: INH000000040 03 फरवरी 2020 तक वैध

भौतिक पावर ऑफ़ अटर्नी के प्रस्तुतीकरण पर खाता खोलने की प्रक्रिया पूरी होगी. प्रमाणीकरण के लिए ओटीपी आधारित आधार ई-साइन के उपयोग पर प्रतिबंध होने के कारण, ऑनलाइन आवेदन पत्र के सभी पृष्ठों को मुद्रित कराना होगा और ग्राहक को इस पर भौतिक रूप से हस्ताक्षर करके बॉब कैप्स में जमा करना होगा. बैंक ऑफ़ बड़ौदा डीमैट खाते हेतु प्रत्यक्ष सत्यापन (आईपीवी) ट्रेडिंग खाते के लिए भी मान्य होगा. प्रथम वर्ष डीमैट खाते पर कोई वार्षिक रखरखाव प्रभार नहीं लिए जाएंगे.

बाजार अवधि सोमवार से शुक्रवार प्रातः 9:15 बजे से अपराह्न 3:30 बजे तक है.

बाजार अवधि के पश्चात (एएमओ) अगले दिन रात्रि 8 बजे से प्रात: 8 बजे तक आदेश दिए जा सकते हैं. एएमओ ट्रेडर की ट्रेडिंग की शर्तें आदेश सुबह 9.15 बजे मार्केट में हिट होगा.

अब ‘अल्गो ट्रेडिंग’ को रेगुलेट करने की तैयारी, SEBI लाया नए नियम, जानिए इससे जुड़ी सभी काम की बातें

भारत में अल्गो ट्रेडिंग का दौर 2008 में ही शुरू हो गया था, लेकिन इसका फायदा वे ही लोग उठाते रहे हैं जो कंप्यूटर और प्रोग्रामिंग में दक्ष हों. रिटेल में स्टॉक खरीदने-बेचने का काम लोगों ने कुछ ही साल पहले शुरू किया है.

अब

अल्गो ट्रेडिंग का नाम भले नया हो, लेकिन ट्रेडिंग के कद्रदान इसका फायदा बहुत पहले से उठा रहे हैं. सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया या SEBI अब इसे रेगुलेट करने की तैयारी में है. एक आंकड़ा बताता है कि भारत में होने वाली ट्रेडिंग का तकरीबन 50 फीसदी हिस्सा अल्गो ट्रेडिंग से ही संपन्न हो रहा है. ऐसे में सेबी की निगाह पड़ना लाजिमी है. दरअसल, अल्गो ट्रेडिंग का मतलब अल्गोरिदम से जुड़ा है जो पूरी तरह से कंप्यूटर से जरिये पूरा किया जाता है. अल्गो ट्रेडिंग में भी यही काम होता है. इसमें कंप्यूटर के जरिये ही स्टॉक की खरीद-बेच की जाती है. इसका दूसरा नाम ऑटोमेटेड या प्रोग्राम्ड ट्रेडिंग भी है. आइए इस नए प्रकार की ट्रेडिंग के बारे में जानते हैं.

अल्गो ट्रेडिंग कंप्यूटर प्रोग्राम के माध्यम से की जाती है. कंप्यूटर में पहले से पैरामीटर्स, स्टॉक खरीद-बिक्री के निर्देश, मार्केट का पैटर्न और शर्तें फीड की गई रहती हैं. बस आपको स्टॉक खरीदने या बेचने के लिए कंप्यूटर का बटन दबाना होता है और काम पूरा हो जाता है. भारत में अल्गो ट्रेडिंग का दौर 2008 में ही शुरू हो गया था, लेकिन इसका फायदा वे ही लोग उठाते रहे हैं जो कंप्यूटर और प्रोग्रामिंग में दक्ष हों. रिटेल में स्टॉक खरीदने-बेचने का काम लोगों ने कुछ ही साल पहले शुरू किया है.

कैसे होती है अल्गो ट्रेडिंग

अल्गो ट्रेडिंग शुरू करने के पीछे मकसद ये था कि ट्रेडिंग में समय बचे और अधिक तेजी से बिजनेस हो. अगर आप खुद किसी स्टॉक को सेलेक्ट करें और खरीदें या बेचें तो उसमें अधिक समय लगेगा जबकि कंप्यूटर यह काम कुछ ही सेकंड में पूरा कर देता है. अल्गो ट्रेडिंग में कोई ब्रोकर कंप्यूटर प्रोग्राम के जरिये शेयर पहले ही सेलेक्ट कर लेता है और बाजार खुलते ही ट्रेडिंग शुरू हो जाती है. अल्गो ट्रेडिंग का लिंक स्टॉक एक्सचेंज के सर्वर से जुड़ा होता है. इसलिए ट्रेडिंग की हर जानकारी स्टॉक एक्सचेंज के साथ अपडेट होती रहती है.

अल्गो से ट्रेडिंग पूरी होने के पहले रिटेल ट्रेडर का या तो अपने ब्रोकर को फोन करना होता है या ब्रोकर के ऑफिस में जाना होता है. अल्गो ट्रेडिंग में ही मोबाइल ट्रेडिंग का प्रोसेस भी आता है जिसमें मोबाइल के जरिये स्टॉक खरीदे या बेचे जाते हैं. इसमें मोबाइल ऐप के द्वारा ऑर्डर दिए जाते हैं. अल्गो ट्रेडिंग का एक एडवांस्ड वर्जन भी है जिसमें बिना किसी इंसानी दखलंदाजी के काम होता है.

सेबी की क्यों लगी निगाह

सेबी ही स्टॉक एक्सचेंज का रेगुलेटर है और यही सभी ब्रोकर टर्मिनल को मॉनिटर करता है. लेकिन ट्रेडर्स के अल्गो प्रोग्राम के लिए एक्सचेंज की कोई मंजूरी नहीं चाहिए होती है. अल्गो की मॉनिटरिंग के लिए कोई रूल भी नहीं है. लेकिन सेबी को अब यह लगता है कि बिना रेगुलेशन वाले अल्गो से मार्केट या स्टॉक एक्सचेंज को खतरा हो सकता है.

बिना रेगुलेशन वाले अल्गो से मार्केट में छेड़छाड़ की भी आशंका है. यह भी हो सकता है कि जिन अल्गो की मॉनिटरिंग नहीं होती, वे ग्राहकों को भारी मुनाफा या रिटर्न का झांसा देकर फंसा दें. ट्रेडिंग फेल होने पर ग्राहकों का भारी नुकसान हो सकता है. 2015 में ऐसा एक विवाद हो चुका है जिसमें पता चला कि एनएसई ने कुछ चुनिंदा अल्गो ट्रेडर्स को बिजनेस में तरजीह दी थी. इन वजहों को देखते हुए सेबी अल्गो ट्रेडिंग को रेगुलेट करने की तैयारी में है.

Editor's Take: नए ट्रेडर्स के लिए रिस्क मैनेजमेंट क्यों जरूरी, अनिल सिंघवी ने बताया कैसे बने सफल ट्रेडर

Editor's Take: अनिल सिंघवी ने बताया कि नए ट्रेडर्स के लिए रिस्क मैनेजमेंट लेना क्यों जरूरी है और शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने वाला कोई भी शख्स सफल ट्रेडर कैसे बन सकता है.

Editor's Take: मंगलवार के ट्रेडिंग सेशन के दौरान शेयर बाजार में तीन दिनों से हो रही लगातार गिरावट पर ब्रेक लगा था. ये बड़ी बात इसलिए है क्योंकि कल के ट्रेडिंग सेशन में ग्लोबल बाजारों में अच्छी खासी गिरावट देखने को मिली थी. ग्लोबल बाजार एक से डेढ़ फीसदी तक फिसले थे लेकिन उसके बाद भी भारतीय शेयर बाजार (Indian Share Market) में अच्छी क्लोजिंग देखने को मिली. इस मामले पर ज़ी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने कहा कि कल के ट्रेडिंग सेशन में भारतीय बाजारों की चाल और ग्लोबल बाजारों में गिरावट की वजह से कंफ्यूजन पैदा हो रहा था कि ट्रेडर्स को आखिर क्या करना चाहिए. अनिल सिंघवी ने कहा कि शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते समय कई बार इस पर कॉल लेनी पड़ती है कि आप कितना रिस्क ले सकते हो. ऐसे में अनिल सिंघवी ने बताया कि शेयर बाजार में नए ट्रेडर्स को किन खास बातों का ध्यान रखना चाहिए.

R2R फैक्टर पर जोर दें

अनिल सिंघवी ने बताया कि शेयर बाजार में R2R फैक्टर काफी अहम है और ट्रेडर्स के लिए इसकी अलग-अलग परिभाषा है. R2R यानी कि रिस्क टू रिवॉर्ड या रिवॉर्ड टू रिस्क, ये दोनों तरीकों से ही इस्तेमाल किया जा सकता है.

किन बातों का ख्याल रखने से आप बनेंगे सफल #Trader ?🔥

🎯नए ट्रेडर्स को क्यों जरूर सीखना चाहिए रिस्क मैनेजमेंट?

ओवर नाइट पोजीशन में रिस्क मैनेजमेंट करना कितना अहम?

रिस्क मैनेजमेंट है जरूरी

अनिल सिंघवी ने कहा कि नए निवेशकों को रिस्क और रिवॉर्ड पर खास ध्यान देना चाहिए. अनिल सिंघवी ने कहा कि मान लीजिए कि बाजार में तेजी को देखते हुए ट्रेडर ने मुनाफा वसूल कर लिया है लेकिन अगले दिन मार्केट फिर तेजी के साथ खुला तो इस पर दुख होता है लेकिन कॉल यहां ये लेनी है कि अगर बाजार में तेजी के साथ ना खुलकर गिरावट के साथ खुलता तो इस स्थिति में ओवरनाइट पोजीशन कितनी ट्रेडर की ट्रेडिंग की शर्तें रखनी है और रिस्क को मैनेज करना है तो कितना करना है.

ट्रेडिंग के समय अनुशासन रखे बरकरार

अनिल सिंघवी ने कहा कि पिछले 2 दिनों बाजार में तेजी देखने को मिली तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोगों के बीच हाहाकार मच गया. लेकिन बाजार में ट्रेडिंग की है तो 30 दिनों में से एक या दो दिन ऐसे आएंगे, जहां ट्रेडिंग आपके विपरीत होगी.

अनिल सिंघवी ने कहा कि पिछले 1-1.5 साल में जितने लोगों ने ट्रेडिंग शुरू की है और जो ओवरनाइट पोजीशन ले रहे हैं, उन्हें पहले रिस्क मैनेजमेंट सीखना चाहिए. रिस्क मैनेजमेंट सीखने का एक ही तरीका है कि अगर मेरे मार्केटिंग स्ट्रैटेजी के विपरीत बाजार में काम करता है तो आपको क्या करना है. ट्रेडर के तौर पर कितनी पोजीशन होनी चाहिए.

ओवर नाइट रिस्क लेते हैं ट्रेडर्स

अनिल सिंघवी ने कहा कि कई मामलों में देखा गया है कि ट्रेडर्स ओवरनाइट रिस्क लेते हैं. लेकिन इंट्राडे में मौका मिलने पर रिस्क नहीं लेते. अनिल सिंघवी ने कहा कि अगर आपको सफल ट्रेडर ट्रेडर की ट्रेडिंग की शर्तें बनना है तो आपको पता होना चाहिए कि आपको कहां रिस्क लेना है और कितना लेना है.

Forex नो-डिपाजिट (जमा-रहित) बोनस: “फ्री लंच (मुफ्त)” कितना है?

जिस किसी ने भी Forex में कभी दिलचस्पी ली है, उन्होंने तथाकथित “नो डिपॉजिट बोनस” (कभी-कभी “स्वागत बोनस” के रूप में संदर्भित) के प्रचार को देखे होंगे। प्रस्ताव वस्तुत: अत्यंत उत्साहजनक है: “बस एक खाता खोलें और आपकी पहली जमा राशि हम देंगे!”।

जितने भी लुभावना यह प्रस्ताव लगता है, कई लोग फिर भी इसे लेने से हिचकिचाते हैं। आखिरकार, जब कुछ भी चीज़ अत्यंत अच्छी नज़र आती है, तो यह आमतौर पर गलत होती है, है न?

ठीक है, इस उदाहरण में, इसका उत्तर बिल्कुल प्रत्यक्ष नहीं है। Forex स्वागत बोनस में निश्चित रूप से लाभ हैं, और साथ ही उतनी ही कमियां भी। तो आइए दोनों पक्षों पर एक नज़र डालते हैं और पता करते हैं कि क्या कोई जमा-रहित बोनस वास्तव में उचित है और अन्य प्रकार के बोनस (जैसे कि Olymp Trade द्वारा पेश किए गए) के साथ पंक्तिबद्ध होते हैं।

नो-डिपाजिट बोनस: यह कैसे काम करता है?

सामान्य शर्तें इस प्रकार हैं: जब एक ट्रेडर Forex ब्रोकर के साथ एक नया खाता खोलता है, तो उन्हें ट्रेडिंग के लिए एक निश्चित धनराशि प्राप्त होगी। ज्यादातर मामलों में बोनस के रूप में दी जाने वाली धनराशि बहुत न्यून होती है, आमतौर पर $5 से $100 तक होती है।

ट्रेडर को ऑफ़र का लाभ उठाने के लिए कोई भी राशि जमा करने की ज़रूरत नहीं होती, हालांकि बोनस आमतौर पर समाविष्ट होता है। धनराशि निकालने में सक्षम होने के लिए, कुछ सख्त शर्तों को पूरा करना होता है। सटीक शर्तें ब्रोकर दर ब्रोकर भिन्न हो सकती हैं, लेकिन आम तौर पर ट्रेडर को बड़ी संख्या में ट्रेडों को निष्पादित करना पड़ता है, जिसे “टर्नओवर” कहा जाता है।

आवश्यक टर्नओवर राशि आमतौर पर बोनस की राशि से सैकड़ों गुना बड़ी होती है, जो यदि संभव होती भी है तो बेहद चुनौतीपूर्ण बना देती है। कम से कम व्यक्तिगत धन के पूरक के बिना, जो “नो-डिपॉजिट बोनस” के विचार के विपरीत जाता है, लेकिन धोखेबाज ब्रोकरों के झांसे में फंस जाता है।

नो डिपॉजिट बोनस के लाभ

जो स्पष्ट है इसके साथ शुरू करते हैं: नो डिपाजिट बोनस (कम से कम सिद्धांत में) आपको अपनी किसी भी मेहनत से अर्जित नकदी का निवेश किए बिना ट्रेडिंग का अनुभव करने का मौका देता है। वास्तविक लाभ अर्जित करने की कुछ संभावनाएं भी हैं, जो निश्चित रूप से वर्चुअल (आभासी) मुद्रा वाले डेमो खाते पर किए गए किसी भी लाभ की तुलना से अधिक रोमांचक लगता है।

चूंकि कोई व्यक्तिगत फंड शामिल नहीं है, ट्रेडर किसी भी समय ब्रोकर को छोड़ सकते हैं, अगर वे तय करते हैं कि उन्हें प्लेटफार्म या सेवा की शर्तें पसंद नहीं हैं। कोई नुकसान नहीं कुछ गलत बात नहीं। और अगर वे ब्रोकर की पेशकश से खुश होते हैं, तो बोनस एक अच्छा परिचय और पहली जमा के सहायक के रूप में काम करेगा।

नो डिपॉजिट बोनस के नुकसान

सबसे पहले, यह उल्लेख करना ज़रूरी है कि नो डिपाजिट बोनस केवल नए ग्राहकों को दिया जाता है। एक ट्रेडर के पास चुनने के लिए विकल्प या सुविधा नहीं है कि यदि वे त्वरित या भविष्य में इस अतिरिक्त धन का लाभ उठाना चाहते हैं। यह “टेक इट ओर लीव इट” (लें या छोड़ दें) है।

दूसरा, बोनस की राशि आमतौर पर काफी छोटी होती है। यह कई तरीकों से एक समस्या प्रस्तुत करता है। सबसे पहले, ट्रेडर की कमाई पर सार्थक प्रभाव डालने के लिए यह राशि शायद ही पर्याप्त हो। दूसरे, यह किसी भी तरह के जोखिम प्रबंधन रणनीति की अनुमति नहीं देता है।

अधिकांश ट्रेडरों द्वारा ट्रेडर की ट्रेडिंग की शर्तें जोखिम प्रबंधन के सुनहरे नियम का पालन करने की कोशिश की जाती है, जो कभी भी कुल शेष के 2% से अधिक निवेश नहीं करते हैं। लेकिन अधिकांश Forex ब्रोकर निवेशकों को इस न्यूनतम निवेश राशि के नियम को तोड़ने के लिए दबाव डालते हैं।

भले ही वे 1:500 लीवरेज का उपयोग करना चाहते हैं, $100 जमा से अभी भी केवल वे 5 ट्रेड ही खरीद पाएंगे, जिनमें से सभी में उच्च जोखिम उठाना पड़ेगा। वैकल्पिक रूप से, कोई ऑल-इन (सब कुछ) जा सकता है, लेकिन इस तरह की पद्धति से आप दूर नहीं पहुँच पाएंगे, क्योंकि यह उचित Forex ट्रेडिंग के बदले एक जुआ अधिक प्रतीत होगा।

और फिर ऐसे भी ब्रोकर होते हैं जो बड़े नो डिपाजिट बोनस देते हैं, $ 500 और कुछ मामलों में उससे भी अधिक। क्या वे वैध हैं? सैद्धांतिक रूप से: यदि ब्रोकर लाइसेंस धारी और विनियमित हैं, तो वे सौदेबाजी के अपने पक्ष का सम्मान करेंगे, लेकिन आप द्वारा लाभ देखने से पहले आपको कई चरणों से गुज़ारना होगा। यदि ब्रोकर विनियमित (रेगुलेटेड) नहीं है, तो इससे दूर रहना सबसे अच्छा होगा।

जिस तरह से भी आप इसे परीक्षण करते हैं, ऐसा नहीं लगता है कि कोई भी नो डिपाजिट बोनस इस लायक है, अगर आपकी उम्मीद अच्छे तरीके से विकसित (या यहां तक ​​कि लाभदायक) ट्रेडिंग अनुभव प्राप्त करना चाहते हैं।

Olymp Trade बोनस: वे अलग कैसे हैं?

आपको Olymp Trade प्लेटफ़ॉर्म पर कोई नो डिपॉजिट प्रोमो नहीं मिलेगा। हम यह नहीं देते हैं, क्योंकि यह अभ्यास हमें छल प्रतीत होता है और ट्रेडरों को कोई वास्तविक लाभ नहीं देता है। तो, हम इसके बजाय क्या करते हैं?

ट्रेडर्स जो अपने स्टेटस को Advanced या Expert में अपग्रेड करना चाहते हैं, वे योग्य जमा पर 50% छूट के साथ ऐसा कर सकते हैं। यह प्रीमियम (उच्चस्तरीय) शर्तों पर ट्रेडिंग को शुरू करने का एक शानदार तरीका है, क्या आपको नहीं लगता?

भुगतान पर बोनस

जब आप $500 (या अपनी मुद्रा में एक बराबर) जमा करते हैं, तो आपको अपने खाते में 30% अतिरिक्त मिलता है। और जब आप $4,999 (या बराबर) जमा करते हैं, तो आप 50% बोनस प्राप्त कर सकते हैं। यह एक अतिरिक्त राशि है जो निश्चित रूप से आपके ट्रेडिंग पर प्रभाव डालेगा।

प्रोमो कोड

इसके अलावा, Olymp Trade नियमित रूप से किसी भी राशि की जमा पर बोनस के लिए प्रोमो कोड जारी करता है।

इस लेख में हमने जिन नो-डिपॉजिट बोनस के बारे में चर्चा ट्रेडर की ट्रेडिंग की शर्तें किए हैं, उनके विपरीत, इन ऑफर्स को किसी भी समय सक्रिय किया जा सकता है, जब आपको अतिरिक्त फंड की आवश्यकता होती है। आप Olymp Trade न्यूनतम जमा राशि पर भी 15, 30, 50 या 100 प्रतिशत अतिरिक्त प्राप्त कर सकते हैं।

आइए एक उदाहरण देखते हैं कि यह आपके लिए क्यों फायदेमंद हो सकता है। जब आप 20% प्रोमो कोड के साथ $100 जमा करते हैं, तो आपको वास्तव में आपके खाते में $120 मिलते हैं। $1 की न्यूनतम ट्रेडिंग राशि को ध्यान में रखते हुए इसका मतलब है कि आप समान राशि के 20 और ट्रेड कर सकते हैं। आपके पास बोनस फंड होने से आपके ट्रेडिंग अवसरों की सीमा बढ़ जाती है।

आप विभिन्न स्रोतों से प्रोमो कोड प्राप्त कर सकते हैं: ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर एक विशेष प्रोमो त्वरित रूप में, टूर्नामेंट सहभागियों को उपहार के रूप में, हमारे फेसबुक समूह पर इनाम (विश्वास के साथ) – या Olymp Trade ब्लॉग पर। हम मासिक रूप से बोनस के लिए नए प्रोमो कोड पोस्ट करते हैं, इसलिए आप यहाँ नज़र रख सकते हैं, यदि आपको अपने ट्रेडिंग शुरू करने के लिए बोनस की आवश्यकता होगी।

Olymp Trade प्रोमो कोड को कैसे सक्रिय करें

आप 3 आसान चरणों में बोनस प्राप्त करने के लिए प्रोमो कोड सक्रिय कर सकते हैं:

  1. Olymp Trade प्लेटफ़ॉर्म पर, डिपॉजिट पर क्लिक करें और फिर डिपॉजिट विधि चुनने के बाद प्रोमो कोड विकल्प पर क्लिक करें।
  2. अपने पास उपलब्ध किसी भी प्रोमो कोड को दर्ज करें और इसे सक्रिय करें।
  3. जितना पैसा जमा करना चाहते हैं, उसमें भरें।

और बस! आपने अभी-अभी अपने ट्रेडिंग खाते में एक अच्छा बोनस प्राप्त किया है।

निष्कर्ष

भले ही नो डिपाजिट आपकी Forex ट्रेडिंग यात्रा को शुरुआत करने का एक शानदार तरीका नज़र आता है, लेकिन वे शायद ही कभी उच्च उम्मीदों पर खरा उतरते हैं। अपर्याप्त राशि, सीमित एप्लिकेशन और बाध्यकारी शर्तों के बीच, यह मार्केटिंग टूल ट्रेडर्स की तुलना में ब्रोकर को अधिक लाभ देता है। जो लोग अपने ट्रेडिंग बजट को बढ़ाने के लिए सोच रहे हैं वे निश्चित रूप से नियमित जमा बोनस से बेहतर कर पाएंगे।

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