इस ट्रेडिंग में एक ट्रेडर का लक्ष्य कुछ ही हफ्तों में शेयर की कीमत में उतार-चढ़ाव का फायदा उठाकर मुनाफा कमाना होता है. इस कारण इस ट्रेडिंग को स्विंग ट्रेडिंग भी कहा जाता है. स्विंग ट्रेडिंग में भी रातोंरात जोखिम बना रहता है, लेकिन इंट्राडे ट्रेडिंग की तुलना में इस प्रकार के व्यापार में जोखिम कम होता है.

Trading Indicator क्या हैं | 5 Best Trading Indicator in 2022

Best Trading Indicator 2022Trading Indicator का मतलब शेयर मार्केट में शेयर का प्राइस ज्यादा है या कम प्राइस है यह एकदम सही बताने के लिए किया जाता है शेयर मार्केट में ऐसे 5 बेस्ट ट्रेंडिंग इंडिकेटर है जिससे हमें ट्रेंड करने में ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं
ज्यादातर व्यापार इसका दावा इंट्राडे ट्रेडिंग में दो प्रकार के व्यापार करते नजर आते हैं।

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Trading Indicator क्या हैं ?

Trading Indicator का मतलब किसी भी वस्तु को कम दाम में खरीदने और ज्यादा दाम में बेचना। यह एक ऐसा जरिया है जिससे हमें यह पता चलता है कि बाजार में शेयर भाव कब कितने ऊपर जाएगा और कब कितने नीचे आएगा? यह सूचना एकदम इंट्राडे ट्रेडिंग में दो प्रकार के व्यापार सही हो सकती है और नहीं भी बाजार में ऐसे बहुत से ट्रेंडिंग इंडिकेटर उपलब्ध है जो एकदम सही होने का दावा करते हैं

हर व्यापारी आपको यह सलाह देगा कि शेयर बाजार में ट्रेनिंग करते समय शेयर मार्केट इंडिकेटर चुनना महत्वपूर्ण लेकिन सही Trading Indicator कौन सा है इस बारे मैं अलग-अलग व्यापारी की अलग-अलग राय ट्रेंडिंग का मुख्य मकसद किसी भी वस्तु को खरीद कर कम समय में लाभ कमाना।
अलग-अलग ट्रेंडिंग। इंडिकेटर।
अपने अलग-अलग प्रकार से शेयर भाव दर्शाते हैं

कम से कम दो टेक्निकल एनालिसिस इंडीकेटर्स का उपयोग करें

कम से कम दो टेक्निकल एनालिसिस। इंडिकेटर का प्रयोग करें। ट्रेंडिंग इंडिकेटर टेक्निकल इंग्लिश इसका सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण भाग है। टेक्निकल इंडिकेटर का प्रयोग चार्ट पेटर्न। और कैंडलेस्टिक पेटर्न के साथ किया जाता है। इन तीनों के प्रयोग से यह पता लगाया जा सकता है कि स्टॉप किस दिशा में जा सकता है। यह अंदाजा लगाया जा सकता है।

Trading Indicator का प्रयोग कैसे किया जाता है –

बहुत ही महत्वपूर्ण है कि इसका प्रयोग कैसे किया जाता है। क्योंकि ज्यादातर लोग यही बताते हैं कि किसी एक या अधिक इंडिकेटर को अपने चार्ट पर लगा लो और ट्रेडिंग से पैसे कमाना शुरू कर दो।

कुछ लोग तो एक साथ 12 से 15 इंडिकेटर लगा लेते हैं। लेकिन जब ट्रेडिंग करते हैं तो काफी दुविधा में पड़ जाते हैं क्योंकि कुछ इंडिकेटर संकेत देते हैं कि भाव बढ़ने वाला है, और कुछ इंडिकेटर कहते हैं कि भाव गिरने वाला है।
ट्रेडर जब तक किसी नतीजे पर पहुँचता है तब तक स्टॉक का भाव या तो बढ़ चुका होता है या घट चुका होता है।

क्‍या शेयरों के ट्रेड-टू-ट्रेड सेगमेंट के बारे में जानते हैं आप?

Investement

ट्रेड-टू-ट्रेड (T2T) एक ऐसा सेगमेंट है जहां शेयर केवल अनिवार्य डिलीवरी के आधार पर ट्रेड किए जा सकते हैं. इसका मतलब यह है कि ट्रेड-टू-ट्रेड शेयर की इंट्राडे ट्रेडिंग नहीं हो सकती है. इस सेगमेंट के हर एक खरीदे/बेचे गए शेयर की पूरा पेमेंट देकर डिलीवरी लेनी पड़ती है. इस सेगमेंट में उपलब्ध शेयरों का निपटान ट्रेड-टू-ट्रेड आधार पर किया जाता है.

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के चंदन तपाड़िया कहते हैं, "T2T सेगमेंट में इंट्राडे ट्रेडिंग में दो प्रकार के व्यापार इंट्राडे ट्रेडिंग की अनुमति नहीं है. शेयरों की डिलीवरी लेना और उनका पूरा भुगतान जरूरी होता है."

2. T2T सेगमेंट में शेयर के जाने का पैमाना क्या है?
सेबी के साथ विचार-विमर्श के बाद स्टॉक एक्सचेंज किसी शेयर को T2T सेगमेंट में डालने या उससे निकालने का फैसला करते हैं. स्टॉक एक्सचेंज और सेबी की वेबसाइटों पर इसके पैमाने लिस्ट हैं. इसकी समय-समय पर समीक्षा होती है. समीक्षा के दिन प्रतिभूति को कम से कम 22 कारोबारी दिनों के लिए 5 फीसदी के प्राइस फिल्टर बैंड में होना चाहिए. इस मापदंड को न पूरा करने पर शेयर 'T'सेगमेंट में नहीं जा सकता है.

सितंबर तिमाही में गोल्ड मांग में 80% का उछाल

कैट के सहयोगी संगठन आल इंडिया ज्वेलर्स और गोल्डस्मिथ फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पंकज अरोरा ने बताया की भारतीय स्वर्ण उद्योग कोरोना संकट से पूरी तरह उबर चुका है. सोने की मांग अपने उच्चतम स्तर पर आ गई है. आर्थिक गतिविधियों में जोरदार उछाल और उपभोक्ता मांग में सुधार के बाद जुलाई-सितंबर तिमाही इंट्राडे ट्रेडिंग में दो प्रकार के व्यापार में भारत की सोने की मांग में सालाना आधार पर घरेलू बाजार में 80% तक की बढ़ोतरी हुई है.

अरोरा ने कहा कि 2021 के मुकाबले 2022 में भारत में सोने का आयात लगभग 11.72% की कमी आयी है. पिछले वर्ष जहां भारत में पहली छमाही में 346.38 टन सोना आयात किया गया जो अबकी 308.78 टन रह गया जिसकी भरपाई कोरोना काल से उत्पन्न संकट के रिजर्व स्टॉक से की गई. वहीं देश भर में बड़ी मात्रा में लोगो ने पुराने गहने देकर नए गहने , जिन्हे रीसायकल गोल्ड भी कहा जाता है. उन्होंने बताया की दो दिन के धनतेरस त्योहार के चलते देश भर में लगभग 25 हजार करोड़ रुपए के सोने चांदी और डायमंड जिसमे गहनों के साथ ही सोने-चांदी के सिक्के, नोट, मूर्तियां और बर्तन की बड़ी बिक्री हुई है.

किस सेगमेंट में कितनी बिक्री हुई?

भरतिया और खंडेलवाल ने कहा की एक अनुमान के अनुसार ज्वैलरी के अलावा कल और आज दो दिनों में ऑटोमोबाइल सेक्टर में लगभग 6 हजार करोड़, फर्नीचर में लगभग 1500 करोड़, कंप्यूटर और कंप्यूटर से संबंधित सामानों में लगभग 2500 करोड़, एफएमसीजी में लगभग 3 हजार करोड़, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान में लगभग 1 हजार करोड़, स्टेनलेस स्टील, एल्युमीनियम और पीतल के बर्तनों में लगभग 500 करोड़, किचन के उपकरण और किचन के अन्य सामन में लगभग 700 करोड़, टेक्सटाइल, रेडीमेड गारमेंट और फैशन के कपडे में लगभग 1500 करोड़ का व्यापार हुआ है जबकि दिवाली पूजा का सामान, घर और ऑफिस की साज सज्जा, बिजली और बिजली के उपकरण, स्टेशनरी, बिल्डर हार्डवेयर, लकड़ी और प्लाईवुड आदि में भी काफी बड़ा व्यापार हुआ है.

कल 24 अक्टूबर को देश भर में दिवाली मनाई जाएगी. वही, 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण होने के कारण 26 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा और अन्नकूट महोत्सव, 27 अक्टूबर को भैया दूज और उसके बाद छठ पूजा तथा 5 नवम्बर को तुलसी विवाह के साथ फेस्टिव सीजन संपन्न होगा. देश भर के व्यापारियों को बड़ी उम्मीद है की अभी दिवाली त्योहार के बचे हुए दिनों में भी बिक्री में तेजी आएगी.

Intraday Trading Kya Hai

यदि शेयर ट्रेडिंग करने वाला कोई ट्रेडर एक ही दिन में शेयर खरीद और बेच सकता है तो उस ट्रेडिंग को वन-डे या इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है.

भारत का शेयर बाजार सुबह 9:15 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक खुला रहता है. अगर इन दोनों के बीच के समय में कोई शेयर खरीदा और बेचा जाता है, तो वह इंट्रा डे ट्रेडिंग हो जाएगा. हमने मिनटों में किए गए उपरोक्त ट्रेडिंग के बारे में जो बात की, वह भी इंट्राडे ट्रेडिंग है.

एक इंट्राडे ट्रेडिंग में दो प्रकार के व्यापार इंट्राडे ट्रेडर का लक्ष्य बाजार में आने वाली खुशखबरी से स्टॉक में तेज उतार-चढ़ाव का फायदा उठाना होता है. जिससे वह कम समय में मुनाफा कमा सके. लेकिन यह आवश्यक नही है कि वह केवल लाभ ही कमाता है, उसे हानि भी हो सकती है.

बल्कि इंट्राडे ट्रेडिंग में कुछ सफल ट्रेडर्स को छोड़कर ज्यादातर लोगों को नुकसान उठाना पड़ता है. इस कारण इंट्रा डे ट्रेडिंग में सफल होना एक बहुत ही मुश्किल काम है. हालांकि उन सफल व्यापारियों को भी नुकसान होता है, लेकिन उनका मुनाफा उनके नुकसान से काफी ज्यादा होता है. जिससे उन्हें सब कुछ मिलाकर तो ज्यादातर संजोगो में ही मुनाफ़ा मिलता है.

Trading के फायदें-

आमतौर पर ट्रेडिंग के कोई फायदे या नुक्सान नहीं होते| ट्रेडिंग से किसी को फायदा होगा या नुक्सान, यह निर्भर करता हैं उसके अनुभव और उसके द्वारा अपनाई जाने वाली ट्रेडिंग स्टाइल पर| अगर आप beginner हैं, तो पहले इसे समझिये और पूरी जानकारी लेने के बाद ही इसे शुरू कीजिये|

आमतौर पर ट्रेडिंग से होने वाले फायदे कुछ इस प्रकार हैं :-

1. अगर आप 5-10 % तक का मुनाफा कमाना चाहतें हैं, तो स्विंग ट्रेडिंग एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता हैं|

2. जहाँ पर Investing में किसी बेहतर stocks को ढूंढ़ने में उसका fundamentals analysis बहुत जरुरी होता, जो की एक time consuming process हैं| वहीं पर ट्रेडिंग में आपको stock की price और movement पर ज्यादा ध्यान देना होता हैं|

3. ट्रेडिंग का सबसे बड़ा फायदा यह हैं की, यहाँ पर आपको डे ट्रेडिंग में इंट्राडे ट्रेडिंग में दो प्रकार के व्यापार मार्जिन ट्रेडिंग की सुविधा मिल जाती हैं, जिसके जरिये अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता हैं|

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