गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार तेजी से बढ़ा है. भारत में पिछले वर्ष सात प्रतिशत से अधिक लोगों के पास क्रिप्टोकरेंसी के तौर पर डिजिटल करेंसी थी. संयुक्त राष्ट्र की ट्रेड से जुड़ी संस्था UNCTAD के अनुसार कोरोना महामारी के दौरान विकासशील देशों सहित दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल बढ़ा है. हालांकि, इस सेगमेंट में टैक्स की चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसी समस्याएं भी हैं.

Cryptocurrency Meaning in Hindi – क्रिप्टो करेंसी क्या होती है, क्रिप्टो करेंसी कितने प्रकार की होती है?

Crypto का Meaning Hindi में सीक्रेट या गुप्त व Currency का मतलब मुद्रा होता हैं, यानी कि Cryptocurrency Meaning in Hindi सिक्रेट मुद्रा होता है। क्रिप्टो करेंसी एक वर्चुअन करेंसी होती है, इसका मतलब कि यह फिजिकल रूप में उपलब्ध Bitcoin के फायदे क्या हैं? नही होती है; यानी कि इसे हम नोट और सिक्कों की तरह हाथ में नही ले सकते और ना ही इसे जेब में रख सकते हैं। क्योंकि यह सिर्फ ऑनलाइन इंटरनेट पर ही हमारे Digital Wallet में Digital form में ही रहता है। अतः CryptoCurrency को Online Currency भी कह सकते हैं। क्योंकि यह सिर्फ ऑनलाइन ही लेन-देन करने में सक्षम है।

पहली बार Crypto Currency के रूप में Bitcoin को ही 2009 में इंट्रोड्यूज किया गया था। Bitcoin का आविष्कार सातोशी नकामोतो नामक एक engineer ने 2008 में किया था, और 2009 में open source software के रूप में इसे जारी किया गया था। और अभी तक की सबसे पॉपुलर Cryptocurrency Bitcoin ही है। और बिट कॉइन को 21 मिलियन ही प्रोड्यूस किया गया है। और यह संख्या फिक्स है अतः नोट की तरह इसको और ज्यादा नही छापा जा सकता है। इसी वजह से Bitcoin की कीमत तेजी Bitcoin के फायदे क्या हैं? से उपर नीचे होती रहती है। जब बाजार नें इसकी मांग बढ़ती है तो बिट कॉइन कीं कीमत बढ़ जाती है, तथा जब मांग घटती है तो कीमत भी घटती जाती है। जैसा की आपको पता ही होगा कि हमारी भारतीय मुद्रा हो या फिर अमेरिकी डॉलर, चाइनीज यूरो आदि सभी करेंसी पर सरकार का पूरा-पूरा कंट्रोल होता है। लेकिन बिट कॉइन जैसे क्रिप्टो करेंसी पर ऐसा कोई भी कंट्रोल नही होता है। इस Virtual Currency पर गवर्मेन्ट अथोरिटी जैसे सेंट्रल बैंक्स, किसी देश या एजेंसी का कोई कंट्रोल नही होता है। यानी की Cryptocurrency ट्रेडिशनल बैंक को फॉलो नही करती है। यह एक Computer Wallet से दूसरे Computer Wallet तक Transfer होता रहता है। क्रिप्टो करेंसी में ब्लॉक चैन टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता हैं। जिससे यह एकदम सिक्योर हो जाती है।

क्या बिटकॉइन भारत में वैध है?

शुरुआत के समय में तो भारत में बिटकॉइन लीगल था लेकिन कुछ सबय पहले बीच में भारत में बिट कॉइन को RBI ने 2018 में वैन लगा दिया था। क्योंकि RBI इसे illegal मानती थी। लेकिन फिर मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस वैन को हटा दिया गया। और इसी कारण से भारत मे बिटकॉइन की पॉपुलिरिटी इतनी नही थी। लेकिन अब भारत में भी क्रिप्टो करेंसी का यूज लीगल हो गया है। भारत में फिर 2022 का बजट पेस किया गया जिसमें Bitcoin जैसी करेंसी पर 30% का Tax लगाया गया है। आप जो भी इन करेंसी से पैसा कमाएं गे उसका 30% टैक्स सरकार को देना होगा।

इसमें आप आसानी से और फटा-फट ट्रांजेकशन कर सकते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी से इंटरनेशनल ट्रांजेक्सन चुटकियो में किए जा सकते हैं।
आपको न के बराबर ट्रांजेक्शन चार्ज देना पड़ता हैं। इसमें कोई भी थर्डपार्टी नही होती है, और ज्यादा सिक्योर होती है क्योंकि इसमें ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है।
Cryptocurrency का कंट्रोल सरकार या किसी अन्य एजेंसी के पास नही होता है। जिसके कारण हम जब चाहे जैसे चाहे इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
क्रिप्टो करेंसी सीक्रेट होती है इसका मतलब किसी को भी नही पता होता कि आपके पास कितनी करेंसी है। आप इसका कहाँ पर यूज करते है। सभी
जानकारिया गुप्त होती है। इसी वजह से इसका उपयोग कंपनिया खरीद बेच करने में करती हैं।

Cryptocurrency ke nuksan – क्रिप्टो करेंसी के नुकसान क्या क्या है?

सबसे बड़ा नुकसान यह है कि इसमें कोई गवर्मेंट अथोरिटी नही है और कोई थर्ड पार्टी एजेंसी नही है, तो अगर कोई फ्रॉड होता है तो कोई भी सपोर्ट नही मिलता है।

यह Eco-Friendly नही है क्योंकि इसे सिक्योर बनाने के लिए बहुत सारे कंप्यूटर और रिसोर्सेस का इस्तेमाल किया जाता है। जिसकी वजह से इलेक्ट्रिसिटी बहुत ज्यादा खर्च होती है। लेकिन हो सकता है कि भविष्य में नई टेक्नोलॉजी आ जाए।

चूकि यह Bitcoin के फायदे क्या हैं? सीक्रेट करेंसी है तो इसका इस्तेमाल Unethical Users भी करते हैं। जिसकी कोई डिटेल प्राप्त नही की जा सकती है।

Q. Bitcoin का आविष्कार किसने और कब किया था?
Ans. 2008 में Bitcoin का आविष्कार सातोशी नकामोतो नामक एक engineer ने किया था।

Bitcoin-Ether नुकसान में, स्‍टेबलकॉइंस ने कमाया मुनाफा, जानें कैसा है क्रिप्‍टो मार्केट का हाल

Bitcoin-Ether नुकसान में, स्‍टेबलकॉइंस ने कमाया मुनाफा, जानें कैसा है क्रिप्‍टो मार्केट का हाल

3.Bitcoin के फायदे क्या हैं? 88 फीसदी के नुकसान के साथ ETH की कीमत वर्तमान में 2,055 डॉलर (लगभग 1.63 लाख रुपये) है.

खास बातें

  • शीबा इनु, पॉलीगॉन, यूनिस्वैप, लाइटकॉइन, चेनलिंक को भी नुकसान
  • बिनेंस USD, USD कॉइन और टीथर ने कमाया थोड़ा मुनाफा
  • डॉजकॉइन, बिनेंस कॉइन और रिपल भी फायदे में

क्रिप्‍टोकरेंसी (Cryptocurrency) की कीमतों में अस्थिरता का दौर जारी है. दुनिया की सबसे पॉपुलर क्रिप्‍टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) ने मंगलवार को 1.37 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार शुरू किया. भारतीय एक्सचेंज कॉइनस्विच कुबेर के अनुसार बिटकॉइन की कीमत 25,837 डॉलर (लगभग 20 लाख रुपये) है. अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंजों पर बिटकॉइन ने थोड़ी बड़ी गिरावट दर्ज की. Binance और CoinMarketCap के अनुसार 3.31 फीसदी की गिरावट के साथ बिटकॉइन 24,088 डॉलर (लगभग 19 लाख रुपये) पर कारोबार कर रहा था.

दुनिया की दूसरी सबसे पॉपुलर क्रिप्‍टोकरेंसी ईथर (Ether) भी बिटकॉइन की राह पर चलती हुई दिखाई दी. गैजेट्स 360 के क्रिप्टो प्राइस ट्रैकर के अनुसार, 3.88 फीसदी के नुकसान के साथ ETH की कीमत वर्तमान में 2,055 डॉलर (लगभग 1.63 लाख रुपये) है.

Cryptocurrency और Digital Rupee में क्‍या है फर्क, अगर शुरु हो गया इसका इस्‍तेमाल तो आपको क्‍या होगा फायदा?

अगर सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले समय में डिजिटल रुपी का इस्‍तेमाल आम लोग भी करेंगे. ऐसे में ये समझना बहुत जरूरी है कि आखिर डिजिटल रुपी और क्रिप्‍टोकरेंसी में क्‍या फर्क है और इससे आम लोगों को क्‍या फायदा होगा?

क्रिप्‍टोकरेंसी को टक्‍कर देने के लिए भारत में पहली बार करेंसी को डिजिटल रूप में लाया गया है. एक नवंबर को डिजिटल रुपी (Digital Rupee) यानी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को पायलट प्रोजेक्‍ट के तौर पर शुरू कर दिया गया है. फिलहाल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India- RBI) कुछ समय तक इसमें आने वाली चुनौतियों Bitcoin के फायदे क्या हैं? को परखेगा और पूरी तरह से आश्‍वस्‍त होने के बाद इसके इस्‍तेमाल को शुरू किया जाएगा.

क्रिप्‍टोकरेंसी और डिजिटल रुपी में अंतर

क्रिप्‍टोकरेंसी: ये एक विकेंद्रित (Decentralized) डिजिटल संपत्ति है. इसके जरिए डिजिटल तरीके से लेनदेन किया जा सकता है. ब्‍लॉकचेन तकनीक के जरिए क्रिप्‍टोकरेंसी अलग-अलग जगहों पर स्‍टोर रहती है. ब्लॉकचेन ऐसी तकनीक है जिससे Digital Currency बनाने के साथ ही किसी भी चीज को डिजिटल बनाकर उसका रिकॉर्ड रखा जा सकता है. ये एक तरह का डिजिटल लेजर है. लेकिन चिंता वाली बात ये है कि क्रिप्‍टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए कोई बैंक या अन्‍य संस्‍था नहीं है और न ही इसे कोई सरकार मॉनिटर नहीं करती है. ये पूरी तरह से निजी करेंसी है. इसके अलावा क्रिप्‍टोकरेंसी के रेट में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहती है.


डिजिटल रुपी: डिजिटल रुपी से भी लेनदेन को क्रिप्‍टोकरेंसी की तरह ही डिजिटल माध्‍यम से ही किया जाएगा, लेकिन सबसे बड़ा फर्क है कि ये पूरी तरह से रेगुलेटेड है. इसे सरकार की मंजूरी प्राप्‍त है और यह पूरी तरह से सरकार समर्थित वैध मुद्रा है. इसमें नियामक के रूप में आरबीआई और लेन-देन की मदद के लिए दूसरे बैंक मौजूद रहेंगे. किसी भी तरह की दिक्‍कत आने पर वित्‍तीय संस्‍थान दखल दे सकते हैं. लेकिन क्रिप्‍टोकरेंसी में ये संभव नहीं है. यूपीआई और पेमेंट वॉलेट के जरिए किए जाने वाले डिजिटल भुगतान से ये पूरी तरह से अलग है. वहीं डिजिटल रुपी में उतार-चढ़ाव जैसा कुछ नहीं होगा. इसका वही प्रभाव होगा जो नकद मुद्रा का होता है. इसके अलावा डिजिटल रुपी को नकदी में बदला जा सकेगा.

Digital Rupee क्या देसी Cryptocurrency है या फिर कुछ और? बिटकॉइन से कितना अलग है

Digital Rupee क्या है और क्रिप्टोकरेंसी से ये कैसे अलग है?

अभिषेक मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 01 दिसंबर 2022,
  • (अपडेटेड 01 दिसंबर 2022, 7:37 PM IST)

RBI का डिजिटल रुपया यानी देश में करेंसी का एक नया दौर शुरू हो चुका है. आज से दिल्ली समेत देश के चार शहरों में आम लोग इसका इस्तेमाल कर सकेंगे. हालांकि, इस डिजिटल करेंसी को लेकर लोग काफी ज्यादा कन्फ्यूज हैं. लोग इसे क्रिप्टोकरेंसी समझ रहे हैं. हालांकि, आप इसे कमोबेश वैसा ही समझ सकते हैं, लेकिन मूल रूप से दोनों में काफी ज्यादा अंतर है.

डिजिटल रुपया का ऐलान इस साल के बजट में किया गया था. गुरुवार यानी 1 दिसंबर को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC), जिसे डिजिटल रुपया कहा जा रहा है, को पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च किया गया है. पहले फेज में इस प्रोजेक्ट को दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में शुरू किया गया है.

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क्या है डिजिटल रुपया?

इसे आप कैश का डिजिटल वर्जन समझ सकते हैं और इसे शुरुआत में रिटेल ट्रांजेक्शन के लिए पेश किया गया है. इसे खर्च करना ठीक वैसा ही होगा, जैसे आप अपने पर्स से पैसे खर्च करते हैं. हालांकि, ये डिजिटल वॉलेट या UPI से भी काफी अलग है. भविष्य में इसका इस्तेमाल सभी प्राइवेट सेक्टर, नॉन- फाइनेंशियल कस्टमर्स और बिजनसेस द्वारा किया जा सकेगा.

इस सीधा कंट्रोल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास होगा. आसान भाषा में Bitcoin के फायदे क्या हैं? कहें तो जिस तरह से आप आज के वक्त में कैश इस्तेमाल करते हैं, ये ठीक वैसा ही रहेगा, लेकिन इसका रूप डिजिटल होगा. e₹-R डिजिटल टोकन के रूप में होगा और इनको आप सिक्कों व नोट की तरह ही कर काम में ले सकेंगे.

यूजर्स डिजिटल रुपया का यूज पार्टिसिपेटिंग बैंक के जरिए कर सकेंगे. इन्हें मोबाइल फोन्स और डिवाइसेस में स्टोर भी किया जा सकेगा. इसका इस्तेमाल पर्सन-टू-पर्सन और पर्सन-टू-मर्चेंट दोनों तरह के ट्रांजेक्शन में किया जा सकता है.

फीचर आर्टिकल: बिटकॉइन को वैध मुद्रा का दर्जा मिलने के पूरे क्रिप्टो मार्केट के लिए क्या मायने हैं?

बिटकॉइन दुनिया की सबसे पहली डीसेंट्रलाइज्ड क्रिप्टोकरेंसी या कहें कि डिजिटल कॉइन है। इसका आविष्कार 2008 में हुआ लेकिन मुख्य इस्तेमाल 2010 से शुरू हुआ। पहले बिटकॉइन को संदेह की नजरों से देखा गया लेकिन अब ये दुनिया की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बन चुकी है। दुनिया में हजारों कंपनियां लेनदेन के लिए बिटकॉइन को अपना चुकी हैं। अब मध्य अमेरिकी देश अल-साल्वाडोर में बिटकॉइन को वैध मुद्रा की मान्यता भी मिल गई है।

इतने कम समय में ही बिटकॉइन ने काफी लंबी दूरी तय कर ली है। इसकी वैधता का प्रभाव भारत और दूसरे देशों में भी महसूस हो रहा है। इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि BTC से INR गूगल पर सबसे ज्यादा सर्च किया जाने वाला खोज शब्द है।

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