निवेश करने के लिए बेहतर विकल्प कौन सा है: ETF या इंडेक्स फंड्स?
इंडेक्स म्यूचुअल फंड्स और ETF काम कैसे करता है ETF निष्क्रिय निवेश के साधन हैं जो एक अंतर्निहित बेंचमार्क इंडेक्स में निवेश करते हैं। इंडेक्स फंड्स म्यूचुअल फंड्स की तरह काम करते हैं जबकि ETF में शेयरों की तरह कारोबार होता है। इसलिए समान निष्क्रिय निवेश रणनीति ETF काम कैसे करता है के लिए एक के मुकाबले दूसरे को चुनना आपकी निवेश वरीयता पर निर्भर करता है।
ETF इंट्राडे ट्रेड, लिमिट या स्टॉप ऑर्डर्स और शॉर्ट-सेलिंग के लिए उपयुक्त हैं लेकिन अगर आप उन लोगों में से नहीं हैं जो बाज़ार की चाल को भांपना पसंद करते हैं, तो इंडेक्स फंड्स आपके लिए हैं। यद्यपि अक्सर होने वाली ट्रांज़ैक्शन्स कमीशन से जुड़े खर्च को बढ़ा सकती हैं और आपके रिटर्न को घटा सकती हैं, उनमें इंडेक्स फंड्स की तुलना में कम एक्सपेंस रेशो भी होती है। लेकिन इंडेक्स फंड्स आपकी वित्तीय आवश्यकताओं के लिए उपयुक्त विभिन्न विकल्प प्रदान करते हैं, जैसे लंबी-अवधि के लक्ष्यों के लिए ग्रोथ ऑप्शन बनाम नियमित आमदनी के लिए डिविडेंड ऑप्शन। आप इंडेक्स फंड में SIP के माध्यम से थोड़ी-थोड़ी रकम के साथ नियमित रूप से निवेश कर सकते हैं। ETF के विपरीत, इंडेक्स फंड्स में निवेश करने के लिए आपको डीमैट अकाउंट की ज़रूरत भी नहीं है।
यद्यपि दोनों निष्क्रिय निवेश के माध्यम से व्यापक बाज़ार तक पहुँच पेश करते हैं, सुविधा के लिए उनके बीच परिचालन-संबंधी अंतर निर्णायक कारक बन सकते हैं। जैसे जब आप मुम्बई से गोवा यात्रा करना चाहते हैं, तो आप ट्रेन या रातभर चलने वाली बस चुन सकते हैं। यद्यपि दोनों आपके अंतिम उद्देश्य को पूरा करते हैं, पर सुविधा के लिए एक मोड के मुकाबले दूसरे को चुनना पूरी तरह से व्यक्तिगत पसंद है।
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) में इन्वेस्टमेंट आपको दिला सकता है अधिक प्रॉफिट, जानें इससे जुड़ी खास बातें
स्टॉक मार्केट (Stock Market) और म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में इन्वेस्टमेंट करने वालों सभी लोगों ने अक्सर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ETF के बारे में सुना ही होगा। आज के दौर में यह काफी ज्यादा लोकप्रिय हो रहा है
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आज के दौर में हर युवा कम समय में ज्यादा से ज्यादा रिटर्न पाना चाहता है, लेकिन कम समय में ज्यादा रिटर्न पाने वाली स्कीम में काफी रिस्क भी हो सकते हैं। ऐसे तो इन्वेस्टर के पास इन्वेस्ट करने के कई ऑप्शन होते हैं। जैसे कि फिक्स डिपॉजिट, म्युचुअल फंड, ईटीएफ, शेयर मार्केट, सेविंग स्कीम आदि। हालांकि, इन्वेस्टमेंट करने से पहले जरूरी है आपको इसकी पूरी जानकारी होना चाहिए। जिससे आप आसानी से निवेश के ऑप्शन का चुनाव कर सकते हैं। स्टॉक मार्केट (Stock Market) और म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में इन्वेस्टमेंट करने वालों सभी लोगों ने अक्सर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ETF के बारे में सुना ही होगा। आज के दौर में यह काफी ज्यादा लोकप्रिय हो रहा है और म्यूचुअल फंड कंपनियां भी लगातार नए-नए ETF मार्केट में ला रही हैं। ऐसे में आपके भी मन में यह सवाल उठता होगा कि आखिर ETF क्या होता है और यह कैसे काम करता है।
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एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ETF एक प्रकार का निवेश है जिसे स्टॉक एक्सचेंजों पर खरीदा और बेचा जाता है। ETF में बांड, या स्टॉक को खरीदे बेचे जाते हैं। एक एक्सचेंज ट्रेडेड फंड एक म्यूचुअल फंड की जैसा ही होता है, लेकिन म्यूचुअल फंड के विपरीत, ईटीएफ को ट्रेडिंग टर्म के दौरान किसी भी वक्त बेचा जा सकता है। बता दें कि, ईटीएफ का रिटर्न और रिस्क बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) जैसे इंडेक्स या गोल्ड जैसे एसेट में उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। जिस तरह मिल्क के प्राइस बढ़ जाने से पनीर और घी के भी प्राइस बढ़ जाते हैं इसी तरह ईटीएफ में भी इंडेक्स में भी ट्रैडिंग होता है। इसके अलावा ETF को म्यूचुअल फंड स्कीम की तरह ही पेश किया जाता है। वहीं यह गोल्ड ETF, इंडेक्स ETF, बॉन्ड ETF, करेंसी ETF के रूप में हो सकते हैं।
इस तरह करें इन्वेस्ट
ईटीएफ में इन्वेस्ट के लिए डीमैट के साथ ट्रेडिंग अकाउंट का होना बहुत जरूरी है। इसमें कोई व्यक्ति 3-इन-1 अकाउंट खोलने का ऑप्शन चुन सकते है। साथ ही, इसमें बैंक अकाउंट के साथ डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट की भी सुविधा मिलती है। बता दें कि, हर रोज ईटीएफ इन्वेस्टमेंट के बारे में जानकारी देते हैं, जिससे इसमें इन्वेस्टमेंट ज्यादा से ज्यादा सेफ हो सकते हैं। इसे आसानी से बेचा भी जा सकता है। ईटीएफ में इन्वेस्टमेंट करके अलग-अलग सेक्टर में इन्वेस्टमेंट किया जा सकता है। इसमें ETF डिविडेंड पर टैक्स नहीं लगता है।
ETF काम कैसे करता है
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ETF क्या होते हैं | ETF के प्रकार
21 वीं सदी में स्टॉक मार्केट में बहुत से निवेश के विकल्प मौजूद हैं। ETF भी उन्हीं निवेश के विकल्पों में से एक हैं। आपने भी ETF का नाम अवश्य सुना होगा, परन्तु क्या आप जानते हैं की ETF क्या होते हैं, कैसे काम करते हैं? इस आर्टिकल के माध्यम से हम जानेंगे कि ETF क्या होते हैं What is ETF और ETF के प्रकार (Types of ETF’s) .
ETF क्या होता हैं – What is ETF in Hindi
भारत का पहला ETF फण्ड वर्ष 2001 में बेंच मार्क Mutual Fund द्वारा Nifty ETF Fund के रूप में लांच किया गया था। ETF menaing – ETF यानि Exchange Traded Funds.
ETF जैसा की इसके नाम से ही पता चल रहा है, ETF एक्सचेंज पर ट्रेड होते हैं जैसे कि NSE, BSE. इसका मतलब हुआ कि Exchange पर ETF खरीदने-बेचने के लिए एक Buyer और seller होना आवश्यक है। ETF के खरीदने और बेचने का तरीका बिलकुल Shares जैसा ही होता हैं।
अधिकतर ETF फंड Passive funds होते हैं, यानी कि फंड मैनेजर द्वारा एक्टिवली मैनेज नहीं किए जाते है , निवेशकों का पैसा सीधा किसी index, sector में लगा दिया जाता हैं। इस प्रकार ETF इंडेक्स फंड की भांति होता है जिसमें Stocks चुनने नहीं होते हैं बल्कि पूरी एसेट किसी इंडेक्स या सेक्टर में लगा दी जाती हैं। जैसे फार्मा सेक्टर, निफ़्टी, बैंक निफ़्टी आदि।
- ETF एक प्रकार से एक सिक्योरिटी होता है जिसमें stocks, securities का कलेक्शन होता है जो किसी विशेष index या सेक्टर के होते हैं।
- ETF बिल्कुल म्यूचुअल फंड के समान ही होते हैं, हालांकि यह एक्सचेंज पर दिनभर ट्रेड करते हैं और इनका मूल्य लगातार घटता-बढ़ता रहता है।
- किसी ETF में कई प्रकार की इन्वेस्टमेंट हो सकती है जैसे Stocks, Bonds, Commodities. Passive Funds होने के कारण इनमे बहुत कम एक्सपेंस रेशों होता है, जो इनके रिटर्न्स को ओर बढ़ा देते हैं।
ETF पर कितना Tax लगता हैं ?
ETF पर मिलने वाला Dividend वित्त वर्ष 2020-21 से निवेशक की वार्षिक आय में जुड़ जायेगा और उनकी इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार से टैक्सेबल होता हैं।
More than 12 months – 10%
1 लाख से ज्यादा पर LTCG
More than 36 months
ETF की लिस्टिंग
ETF को म्यूच्यूअल फंड की भांति NFO (New Fund Offer) के माध्यम से लांच किया जाता है। आप इसे IPO की तरह भी समझ सकते हैं। शुरुवाती दौर में नए ETF के लिए निवेशकों से पैसे जुटाए जाते हैं। बाद में इसकी खरीद-बिक्री एक्सचेंज के माध्यम से प्रारंभ हो जाती है। इसे आप अपने Stock Broker के माध्यम से खरीद-बेच सकते हैं।
ETF का वैल्यूएशन
Mutual Fund की वैल्यू ट्रेडिंग डे के अंत पर NAV के आधार पर निकाली जाती है परंतु ETF के मामले में ऐसा नहीं हैं। ETF का मूल्य ट्रेडिंग सेशन के दौरान एक शेयर की भांति लगातार बदलता रहता हैं।
ETF कैसे ख़रीदे
आप ETP अपने Stock Broker के माध्यम से ख़रीद सकते हैं। आप सीधा अपने ब्रोकर से सम्पर्क करके या उनके ऑनलाइन ट्रेडिंग टर्मिनल जैसे की उनका ऐप प्रयोग में लेकर भी ETF खरीद सकते हैं।
ETF के प्रकार – Types of ETF
वर्तमान में निवेशकों की जरूरतों एवं लक्ष्यों के हिसाब से बहुत सी ETF Schemes उपलब्ध है। आपको Index, Gold, Currency से सम्बंधित ETF मिल जायेंगे। आप उनमें से अपनी जरूरत ETF काम कैसे करता है के हिसाब से ETF का चुनाव कर सकते हैं।
एक ETF स्टॉक्स, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट, बांड्स, करेंसी और सिक्योरिटीज से मिलकर बना हो सकता हैं।
1. Index Fund ETF
आपने इंडेक्स फंड का नाम तो सुना ही होगा उसी का मिलता-जुलता रूप है Index Fund ETF. इंडेक्स फंड ईटीएफ एक Passively मैनेज फण्ड होता है जो किसी विशेष इंडेक्स को फॉलो करता है। जैसे NIFTY 50 भारत की सबसे बड़ी 50 कंपनियों से मिलकर बना है, अब यदि कोई NIFTY 50 का कोई ETF है तो वह ETF उन्हीं 50 शेयर्स के पूल से मिलकर बना होगा।
Index Fund ETF का मुख्य उद्देश्य किसी विशेष इंडेक्स की परफॉर्मेंस को ट्रैक करना होता है जैसे सेंसेक्स, बैंक निफ़्टी, निफ़्टी 50 . सरल भाषा में समझे तो यदि आप बैंक निफ़्टी का कोई ETF खरीद रहे हो तो इसका मतलब हुआ कि आप बैंक निफ़्टी के Stocks के पूल में निवेश कर रहे हैं।
Index Fund ETF के उदाहरण – Motilal Oswal Nasdaq 100, Nippon India ETF Bank BeES
2. Bond ETF
BOND ETF भी एक तरह से Bond mutual fund की तरह होते हैं। Bond ETF का पोर्टफोलियो बांड्स से मिलकर बना होता है। इसमें Fixed income securities होती है जैसे की कॉर्पोरेट बांड्स। आप अगर Bond ETF में निवेश कर रहे हैं तो आपको Bonds के interest rate पर अवश्य ध्यान रखना चाहिए। कम ब्याज दर होने पर आपको इस प्रकार के फंड्स से दूर रहना चाहिए।
एक्सचेंज पर एक स्टॉक जैसे ट्रेड होने की वजह से Bonds के ऊपर एक आम निवेशक द्वारा आसानी से निवेश किया जा सकता है।
Bond ETF के उदाहरण – LIC Nomura AMC
3. Gold ETF
Gold ETF मुख्यतः Gold Bullion में निवेश करते हैं। Gold ETF का मूल्य गोल्ड के मूल्य के अनुसार ही ऊपर-नीचे होता रहता है। Gold ETF निवेशकों को आसानी से गोल्ड में निवेश का विकल्प प्रदान करता है, जो आसानी से NSE – BSE पर खरीदा एवं बेचा जा सकता है। जब आप Gold ETF खरीदते हो इसका मतलब है कि आपने गोल्ड को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में खरीदा है।
Gold ETF के उदाहरण – Nippon Gold ETF, SBI Gold ETF
4. Sector ETF
यह ETF सेक्टर फंड की तरह होते हैं। Sector ETF किसी विशेष सेक्टर या इंडस्ट्री के स्टॉक व सिक्योरिटी से मिलकर बना होता है, जैसे ऑटो सेक्टर, फार्मा सेक्टर, बैंकिंग सेक्टर आदि। किसी विशेष सेक्टर में तेजी का फायदा उठाने के लिए Sector ETF ख़रीदे जा सकते हैं।
Sector ETF के उदाहरण – Nippon India ETF Bank BeES
5. Currency ETF
Currency ETF वह ETF होते हैं जो निवेशकों को किसी फॉरेन करेंसी या करेंसी के पुल में निवेश ऑफर करते हैं। Currency ETF अपने निवेशकों को करेंसी में निवेश का विकल्प प्रदान करती है, वह भी बिना ETF काम कैसे करता है किसी विशेष करेंसी में निवेश किये। Currency ETF को भी Passively मैनेज किया जाता है। इस प्रकार के ETF में करेंसी मूवमेंट के द्वारा मुनाफा कमाया जाता है।
6. Real State ETF
Real State ETF अपनी Assets को REIT (Real estate investment Trust) और उनसे सम्बंधित Derivatives में निवेश करते हैं। Returns के हिसाब से Real State ETF बहुत ही आकर्षक होते हैं।
दोस्तों, आपने यहां समझा की ETF क्या होते हैं (What is ETF) और Types of ETF. अगर आपको ETF से सम्बंधित कोई भी सवाल हो तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से पूछ सकते हैं।
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