सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्ल्ंघन
आर्मस्ट्रांग ने कहा कि भारत क्रिप्टोकरेंसी के लिहाज से एक बड़ा और खास बाजार है। उच्चतम न्यायालय ने भी फैसला किया है कि देश में क्रिप्टो को बैन नहीं किया जा सकता है। लेकिन सरकार में शामिल लोग और खासतौर से आरबीआई क्रिप्टो को लेकर सख्त हैं। उन्होंने कहा कि आरबीआई का यह कदम दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सीधा उल्लंघन है। हम आरबीआई के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं और फिर से क्वाइनबेस को भारत में नवीनतम Coinbase समाचार लॉन्च करने पर विचार कर रहे हैं। इसके अलावा हम दूसरे भुगतान विकल्पों पर भी ध्यान दे रहे हैं।

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बिटकॉइन का कुल मार्केट कैप गिरकर 415.62 अरब डॉलर रह गया है। पिछले साल नवंबर में इसकी कीमत 68,000 डॉलर पहुंच गई थी लेकिन उसके बाद इसमें भारी गिरावट आई है। बिटकॉइन शाम छह बजे 8.81 फीसदी गिरावट के साथ 1879013 रुपये पर ट्रेड कर रही थी। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी ईथर (Ether) की कीमत में भी गिरावट आई है। यह 8.46 फीसदी की गिरावट के साथ 145811 रुपये पर ट्रेड कर रही थी। इस बीच Tether 0.04 फीसदी तेजी के साथ 86.29 रुपये पर ट्रेड कर रही थी जबकि यूएसडी कॉइन (USD Coin) भी 0.05 फीसदी के साथ 87.80 रुपये पर पहुंच गई।

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कितने लोगों के पास है क्रिप्टोकरेंसी

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2021 में कुल आबादी में से 7.3 फीसदी लोगों के पास क्रिप्टोकरेंसी थी। कोरोना काल में दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। दुनिया में आबादी के अनुपात के हिसाब से सबसे ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी यूक्रेन के लोगों के पास है। वहा 12.7 फीसदी लोगों के पास क्रिप्टोकरेंसी है। रूस में 11.9 फीसदी, वेनेजुएला में 10.3 फीसदी, सिंगापुर में 9.4 फीसदी, केन्या में 8.5 फीसदी और अमेरिका में 8.3 फीसदी लोगों के पास क्रिप्टोकरेंसी है।

Coinbase सीईओ का आरबीआई पर निशाना: कहा-भारत में यूपीआई के इस्तेमाल से रोका गया, सरकार को लिया आड़े हाथ

क्वाइनबेस सीईओ ब्रियन आर्मस्ट्रांग।

देश में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अपना सख्त रुख अख्तियार किए हुए है। वहीं अब जीएसटी परिषद भी क्रिप्टोकरेंसी पर भारी टैक्स लगाने की तैयारी में है। इन सबके चलते देश में संचालित क्रिप्टो एक्सचेंज दूसरे ठिकाने तलाशने लगे हैं। अमेरिकी एक्सचेंज क्वाइनवेस भी इसमें शामिल है, जिसे इस सख्ती का सामना करना पड़ा। अब इसके सीईओ ने बयान जारी कर भारत सरकार और आरबीआई पर निशाना साधा है।

नैस्डेक में लिस्टेड है क्वाइनबेस
क्वाइनबेस के सीईओ ब्रियन आर्मस्ट्रांग ने कहा है कि उसे भारत में डिजिटल पेमेंट सिस्टम (यूपीआई) का इस्तेमान करने से रोका गया था। उन्होंने आरबीआई पर निशाना साधते हुए टिप्पणी की है कि लॉन्च होने के कुछ ही दिन बाद भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई के अनौपचारिक दबाव के कारण हमने यूपीआई का इस्तेमाल बंद कर दिया। बता दें कि क्वाइनबेस एक अमेरिकी क्रिप्टो एक्सचेंज है और नैस्डेक में लिस्टेड है।

विस्तार

देश में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अपना सख्त रुख अख्तियार किए हुए है। वहीं अब जीएसटी परिषद भी क्रिप्टोकरेंसी पर भारी टैक्स लगाने की तैयारी में है। इन सबके चलते देश में संचालित क्रिप्टो एक्सचेंज दूसरे ठिकाने तलाशने लगे हैं। अमेरिकी एक्सचेंज क्वाइनवेस भी इसमें शामिल है, जिसे इस सख्ती का सामना करना पड़ा। अब इसके सीईओ ने बयान जारी कर भारत सरकार और आरबीआई पर निशाना साधा है।

नैस्डेक में लिस्टेड है क्वाइनबेस
क्वाइनबेस के सीईओ ब्रियन आर्मस्ट्रांग ने कहा है कि उसे भारत में डिजिटल पेमेंट सिस्टम (यूपीआई) का इस्तेमान नवीनतम Coinbase समाचार करने से रोका गया था। उन्होंने आरबीआई पर निशाना साधते हुए टिप्पणी की है कि लॉन्च होने के कुछ ही दिन बाद भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई के अनौपचारिक दबाव के कारण हमने यूपीआई का इस्तेमाल बंद कर दिया। बता दें कि क्वाइनबेस एक अमेरिकी क्रिप्टो एक्सचेंज है और नैस्डेक में लिस्टेड है।

बिटकॉइन का ट्रेंड पुराना, अब ऑल्टकॉइंस खरीद रहे लोग, जानिए तेजी के पीछे क्या है कारण

बिटकॉइन का ट्रेंड पुराना, अब ऑल्टकॉइंस खरीद रहे लोग, जानिए तेजी के पीछे क्या है कारण

Altcoins में पिछले 24 घंटे में बिटकॉइन से अच्छा प्रदर्शन किया है। (फोटो: रॉयटर्स)

क्रिप्टोकरेंसी बाजार में आज मंगलवार को बड़ी तेजी देखने को मिली। इस तेजी में बिटकॉइन की रफ्तार काफी सुस्त रही, लेकिन बाजार में क्रिप्टो निवेशकों के बीच पिछले कुछ समय से पॉपुलर हुए ऑल्टकॉइंस जैसे मेटिक (MATIC), अवक्स (AVAX), डॉट (DOT), सोलाना (Solana) और कई अन्य बड़े ऑल्टकॉइंस में दमदार तेजी हुईं, जिसने पूरे क्रिप्टोकरेंसी मार्किट की वैल्यू को एक बार फिर से एक ट्रिलियन के पार पहुंचा दिया।

ऑल्टकॉइंस (Altcoins) क्या होता है?

बिटकॉइन के अलावा सभी क्रिप्टोकरेंसी को ऑल्टकॉइंस कहा जाता है। बिटकॉइन में लेनदेन को मान्य करने के लिए प्रूफ ऑफ वर्क प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है, वहीं ऑल्टकॉइंस में लेनदेन को मान्य करने के एक नया ब्लॉक बनाया जाता है। उदाहरण के लिए सोलाना में प्रूफ ऑफ हिस्ट्री प्रोटोकॉल का उपयोग किया जाता है, जबकि कार्डानो प्रूफ ऑफ स्टेक प्रोटोकॉल का उपयोग करता है।

क्रिप्टो करेंसी मार्केट पर निगाह रखने वाली वेबसाइट कॉइन मार्केट कैप के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में कई ऑल्टकॉइंस ने दोहरे अंकों में रिटर्न दिया है। पिछले 24 घंटे की बात करें तो एथेरियम 13.52 फीसदी बढ़कर 1,538 डॉलर पर पहुंच गया है, जबकि सोलाना की कीमत में 10.24 फीसदी का इजाफा हुआ है। मैटिक में 20.55 फीसदी और Avax में 10.23 फीसदी का इजाफा हुआ है।

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ऑल्टकॉइंस में तेजी की वजह

    के बाद धीमी बढ़त को विशेषज्ञ ऑल्टकॉइंस में तेजी की वजह मान रहे हैं। हालांकि बिटकॉइन मंदी के बाद 22 हजार के स्तर से ऊपर आ गया है, लेकिन नवीनतम Coinbase समाचार ऑल्टकॉइंस ने बिटकॉइन के मुकाबले कहीं अधिक रिटर्न निवेशकों को दिया है।
  • ऑल्टकॉइंस में तेजी की दूसरी सबसे बड़ी वजह निवेशकों द्वारा कॉइंस को लेकर तेजी का नजरिया होना है, जिसके कारण इनमें तेजी बनी हुई है।
  • ऑल्टकॉइंस के लिए विशेषज्ञ और ट्रेडर्स लगातार पॉजिटिव आउटलुक बता रहे हैं। उनका मानना है कि मौजूदा समय में ऑल्टकॉइंस, बिटकॉइन के मुकाबले टेक्निकल स्तर पर अधिक मजबूत है।

Legal Crypto: BitCoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी को रूस में मिलेगी मान्यता, दुनिया भर की 12 फीसदी होल्डिंग के चलते लिया बड़ा फैसला

Legal Crypto: BitCoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी को रूस में मिलेगी मान्यता, दुनिया भर की 12 फीसदी होल्डिंग के चलते लिया बड़ा फैसला

रूस के लोगों के पास 16.5 लाख करोड़ रूबल (16.54 लाख करोड़ रुपये) की क्रिप्टोकरेंसीज हैं. (Image- Pixabay)

Legal Crypto: दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी की वैधता को लेकर चर्चाएं हो रही हैं और कुछ देशों में तो इसे अवैध घोषित किया गया है जबकि कुछ देशों में इसे मान्यता दी गई है. ताजा कड़ी में अब रूस ने भी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की बजाय इसे रेगुलेट करने का फैसला किया है. रूस की स्थानीय मीडिया के मुताबिक रूस सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर नवीनतम Coinbase समाचार मंगलवार की रात इसे रेगुलेट करने की जानकारी दिखी. पहले रूस का केंद्रीय बैंक BitCoin जैसी क्रिप्टोकरेंसीज की माइनिंग और ट्रेडिंग पर प्रतिबंध के पक्ष में था लेकिन उसने भी अब सहमति दे दी है.

6 लाख रूबल तक की क्रिप्टो का कर सकेंगे लेन-देन

मंगलवार को जारी सरकार के ब्लूप्रिंट के मुताबिक रूस में सिर्फ स्थानीय रजिस्टर्ड और लाइसेंसी कंपनियों के जरिए ही रूस के लोग क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकेंगे ताकी यूजर्स की पहचान सुनिश्चित की जा सके और सरकारी एजेंसियों के पास उनके ट्रांजैक्शन की पूरी रहे. हालांकि इसमें माइनिंग को लेकर कुछ नहीं कहा गया है. रूस सरकार के डॉक्यूमेंट का हवाला देते हुए स्थानीय मीडिया ने जानकारी दी है कि सिर्फ 6 लाख रूबल्स (6.02 लाख रुपये) तक के ही क्रिप्टो ट्रांजैक्शन को मंजूरी मिलेगी. इससे ऊपर के ट्रांजैक्शन की जानकारी फेडरल टैक्सेशन सर्विस को देनी होगी और अगर नहीं देते हैं तो इसे अपराध माना जाएगा.न्यूजपेपर Kommersant के मुताबिक इससे जुड़े नए कानूनों व निर्देशों को इस साल 2022 की दूसरी छमाही या अगले साल की शुरुआत में लागू किया जा सकता है.

ब्लूमबर्ग ने एक फरवरी को रूस सरकार के आधिकारिक डेटा के हवाले से जानकारी दी थी कि रूस के लोगों के पास 16.5 लाख करोड़ रूबल (16.54 लाख करोड़ रुपये) की क्रिप्टोकरेंसीज हैं. यह दुनिया नवीनतम Coinbase समाचार भर में कुल क्रिप्टो होल्डिंग्स का 12 फीसदी है यानी कि दुनिया भर में क्रिप्टो में जितना निवेश है, उसमें 12 फीसदी रूस के लोगों का है. यह आकलन जनवरी में बड़े क्रिप्टो-एक्सचेंज यूजर्स के आईपी एड्रेस और अन्य जानकारी के आधार पर किया गया है. इसके अलावा सरकारी आंकड़ों से यह भी खुलासा हुआ है कि करीब 12 फीसदी रूसी नागरिक के पास क्रिप्टोकरेंसीज हैं जिसमें से 60 फीसदी 25-44 वर्ष के हैं.

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