Pi network क्या है? PI Coin कैसे कमाए?
Pi network क्या है: दोस्तों आज हम Pi network के Pi coin के बारे में बात करने जा रहे है। दोस्तों अगर आपसे कहा जाए जाये कि बिना इन्वेस्टमेंट के भी आप भविष्य में कुछ पैसा कमा सकते है, तो शायद आपको मज़ाक लगेगा लेकिन Pi network एक ऐसा क्रिप्टोमार्केट नेटवर्क है जिसमे आप बिना एक पैसा इन्वेस्ट किये भी भविष्य में खूब सारा पैसा कमा सकते है।
दोस्तों आज के समय में जिस तेजी से डिजिटल crypto currency का चलन बढ़ता जा रहा है, हर कोई इस मार्किट में थोडा बहुत तो निवेश करना ही चाहता है। हालाँकि अभी तक भारत मे क्रिप्टो करेंसी को लेकर किसी भी प्रकार के स्पष्ट दिशा निर्देश नहीं जारी हुए है फिर भी लोग इसमें बहुत तेजी से निवेश कर रहे है। लेकिन अगर भारत में इसकी वैधता को लेकर कोई कानून बन जाता है या इसे रेगुलेट कर दिया जाता है तो आने वाले समय में क्रिप्टो मार्किट में आसमान छु लेने वाली तेजी आ जाएगी।
इसलिए दोस्तों मैं आज जो आपको जानकारी देने वाला हूँ उसे पूरा पढ़िएगा, अगर आज आप मौके को चूक गए तो कहीं भविष्य में आपको पछताना न पड़ जाये. क्यूंकि आज जो मैं आपको बताने जा रहा हूँ उसमे आपका एक भी पैसा नहीं खर्च होने वाला है और फिर भविष्य किसने देखा है। तो चलिए सबसे पहले शुरू करते है..
Pi network क्या है?
दोस्तों बिटकॉइन क्या है यह तो आप जानते ही होंगे। ठीक इसी प्रकार से Pi network एक नई क्रिप्टोक्यूरेंसी है, जिसे मोबाइल के माध्यम से माइन किया जाता है। क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल मनी का एक नया रूप है जो सरकारों या बैंकों के बजाय एक समुदाय द्वारा बनाया और सुरक्षित किया जाता है। किसी भी क्रिप्टोकरेंसी को कमाने के दो तरीके होते है पहला या तो उसे ख़रीदा जाये या फिर खोजा (माइन) जाये. वर्तमान में किसी भी करेंसी को माइन करने के लिए GPU माइनर की आवश्यकता होती है, जो की काफी महंगे होते है. जबकि PI Coin पहली ऐसी digital currency है जिसे मोबाइल द्वारा माइन किया जा सकता है, और इसे माइन करने में किसी भी प्रकार का कोई शुल्क नहीं देना होता है।
Pi Network किसने बनाया?
Pi Network Stanford University California की स्नातकों की एक टीम द्वारा द्वारा बनाया गया है, जिसका उद्देश्य हर रोज लोगों को क्रिप्टोक्यूरेंसी में अधिक से अधिक पहुंच प्रदान करने का एक प्रयास है। पाई की कोर टीम का नेतृत्व डा० चेंग्दियाओ फैन, कंप्यूटर वैज्ञानिक डा० निकोलस कोक्कालिस करते है, जिनमें से सभी ने स्टैनफोर्ड के ब्लॉकचेन network के निर्माण में मदद की। इस नेटवर्क का जन्म 14 SIA कॉइन कैसे काम करता है मार्च, 2019 को किया गया था। और आज इस नेटवर्क में 10 मिलियन से ज्यादा लोग जुड़ चुके है। इस टीम का कहना है कि वह इस परियोजना सफल होने की गारंटी नहीं दे सकते, लेकिन वह इस परियोजना को सफल बनाने के लिए जी जान से लगे है।
PI Coin का Price क्या है?
दोस्तों किसी भी कॉइन की कीमत का निर्धारण तब होता है जब वह Mainnet यानि की एक्सचेंज में शामिल हो जाता है। किसी भी कॉइन को एक्सचेंज में शामिल होने के लिए SIA कॉइन कैसे काम करता है दो चरणों से गुजरना होता है तब जाकर यह तीसरे चरण में यह Mainnet में शामिल हो जाता है। अभी PI Coin अपने दुसरे चरण में है, जैसे ही यह कॉइन तीसरे फेज में पहुंचेगा यह एक्सचेंज में शामिल हो जायेगा। जिसके बाद ही इस कॉइन की कीमत निर्धारित होगी। अभी इस कॉइन को न तो ख़रीदा जा सकता है और ना ही बेचा जा सकता है, इसे सिर्फ मोबाइल के माध्यम से माइन किया जा सकता है।
PI Coin कैसे कमाए?
दोस्तों PI Coin कमाने का सिर्फ एक ही तरीका है और वो है Mine करना. इस कॉइन को mine करने के लिए आपको इसकी एंड्राइड एप को इंस्टाल करना होगा. उसके बाद आपको अपना अकाउंट बनाना होगा फिर PI Coin का referral code डाल के account को activate करना होगा, जिसके बाद ही आप इस कॉइन को कमा सकते है।
चलिए स्टेप बाई स्टेप स्टार्ट करते है पाई कॉइन माइनिंग कैसे करे?
दोस्तों सबसे पहले हमें PI Network की एप को इंस्टाल करना होगा आप इस लिंक पर क्लिक करके इस एप को इनस्टॉल कर सकते है।
क्या होते हैं Crypto Token, आप खुद भी बनाकर बेच सकते हैं अपना टोकन, जानिए कैसे
Crypto Tokens and Crypto Coin: एक तरह की डिजिटल करेंसी होती होती है, जो कॉइन या टोकन किसी भी रूप में हो सकती है. ये दोनों ही चीजें एक-दूसरे से काफी अलग होती हैं. इस आर्टिकल में हम यह जानेंगे कि अपना खुद का क्रिप्टो टोकन कैसे बनाया जा सकता है और यह क्रिप्टो कॉइन से अलग कैसे होता है.
Cryptocurrency Explainer : क्रिप्टो टोकन और क्रिप्टो कॉइन में है बड़ा फर्क. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
आप अपनी खुद की क्रिप्टोकरेंसी (how to make cryptocurrency) कैसे बना सकते हैं? इस सवाल का काफी सीधा जवाब हो सकता है, जो आपको चौंका सकता है. पिछले कुछ सालों में ढेरों क्रिप्टोकरेंसी डेवेलप की गई हैं, जिनमें से सबसे पॉपुलर बिटकॉइन, इथीरियम, डॉजकॉइन और लाइटकॉन जैसी करेंसीज़ हैं. सीधे शब्दों में कहें तो क्रिप्टोकरेंसी एक तरह की डिजिटल करेंसी होती होती है, जो कॉइन या टोकन (token) किसी भी रूप में हो सकती है. ये दोनों ही चीजें एक-दूसरे से काफी अलग होती हैं. इस आर्टिकल में हम यह जानेंगे कि अपना खुद का क्रिप्टो टोकन कैसे बनाया जा सकता है और क्रिप्टो कॉइन से अलग कैसे होता है.
क्रिप्टो टोकन क्या होते हैं?
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कॉइन और टोकन दोनों ही क्रिप्टोकरेंसी हैं, लेकिन फर्क ये होता है कि कॉइन्स अपनी खुद की ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर चलती हैं. ब्लॉकचेन एक डिजिटल बहीखाता होता है, जिसपर ब्लॉक पर होने वाले ट्रांजैक्शन का डेटा स्टोर होता है. हर ब्लॉक अपने पिछले ब्लॉक से एक यूनीक हैश कोड के जरिए जुड़ा होता है.
टोकन डिजिटल संपत्ति के वर्ग में रखे जाते हैं और ये पहले से मौजूद किसी अन्य ब्लॉकचेन पर काम करते हैं. उदाहरण के लिए इथीरियम एक ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म है और इसका अपना टोकन ईथर है. लेकिन ईथर की ही तरह कई दूसरे टाइप के टोकन्स भी हैं, जो इथीरियम प्लेटफॉर्म पर रन करते हैं.
कॉइन्स अपने खुद के डिजिटल बहीखाते पर चलते हैं और उनकी वैल्यू उनकी वेल्थ ट्रांसफर करने को लेकर है यानी कि वो दरअसल, पूंजी हैं. वहीं, टोकन का अपना कोई प्लेटफॉर्म नहीं होता है, ये किसी और प्लेटफॉर्म पर रन करते हैं. कॉइन्स, जोकि बस डिजिटल ही हो सकती है, टोकन किसी फिजिकल यानी असली चीज को भी दर्शा सकते हैं. यानी कि टोकन एक तरीके के ऑनलाइन कॉन्ट्रैक्ट होते हैं, जिन्हें ऑफलाइन भी किसी चीज से असाइन किया जा सकता है, जैसे कि कोई टिकट, या कूपन या ऐसे ही कोई रिडीम किए जा सकने वाले पॉइंट्स.
क्रिप्टो टोकन रिलीज कैसे किए जाते हैं?
जिस तरह शेयर मार्केट में IPO यानी इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग खुलते हैं, वैसे ही टोकन्स को इनीशियल कॉइन्स ऑफरिंग (ICO) के जरिए रिलीज किया जाता है. टोकन को क्राउडसेल्स के जरिए इंट्रोड्यूस किया जाता हैै. निवेशक ICO खत्म हो जाने के बाद भी सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध टोकन खरीद सकते हैं. अगर कोई नया टोकन बनाना है तो यह क्राउडसेल्स पर बनेगा और इन्हें कोई भी बना सकता है. जिनकी दिलचस्पी होगी, वो टोकन में निवेश करेंगे या फिर उस टोकन को पहले से मौजूद कॉइन्स के जरिए फंड करेंगे. हालांकि, यह एक जोखिम भरा कदम हो सकता है, क्योंकि टोकन वाला निवेशक पैसे लेकर भाग सकता है.
क्रिप्टो टोकन कैसे लॉन्च कर सकते हैं?
आमतौर पर धारणा यह है कि अपना क्रिप्टो टोकन बनाना बहुत ही जटिल और लंबी प्रक्रिया है और इसके लिए बहुत ही बारीक तकनीकी जानकारियां और कोडिंग आनी चाहिए. हालांकि, अब यह बात बहुत सही नहीं है. अब ऐसे बहुत से प्लेटफॉर्म हैं, जहां लोग अपना खुद का टोकन बना सकते हैं. उदाहरण के लिए- एक यूजर-फ्रैंडली ऐप्लीकेशन, CoinTool, है जो लोगों को अपना खुद का क्रिप्टो कॉइन बनाने का मौका देता है. इस ऐप पर आप अपने टोकन का नाम और सिंबल चूज़ कर सकते हैं.
जैसाकि हम पहले बता चुके हैं टोकन एक तरीके के कॉन्ट्रैक्ट होते हैं, जो असल में किसी भी चीज को रिप्रेजेंट कर सकते हैं. ऐसा भी हो सकता है कि एक यूजर बिना किसी ICO के कोई क्रिप्टो कॉइन शुरू करे और उसे अपनी छोटी कम्युनिटी तक सीमित रखे, जिसमें उसके दोस्त और परिचित निवेश कर सकते हैं. कॉइन्स की तुलना में टोकन बनाने में ज्यादा आसान होते हैं- कॉइन्स को ऑपरेट करने के लिए उनका अपना ब्लॉकचेन होता है, जबकि टोकन पहले से ही मौजूद नेटवर्क पर काम करते हैं, इससे उन्हें जल्दी और आसानी से बनाया जा सकता है और कॉइन के मुकाबले ये कम खर्चीले होते हैं.
साथ ही, टोकन बनाने पर आपको कोई जुर्माना भी नहीं देना पड़ेगा. यानी कि अगर आप बस जिज्ञासावश क्रिप्टो टोकन बनाते हैं तो आपको कोई नुकसान नहीं होगा. टोकन्स किसी भी चीज का प्रतिनिधित्व करते हैं, ऐसे में उनका खुद का कोई मॉनेटरी वैल्यू नहीं होता है. हालांकि, यह बात ध्यान में रखिए कि अगर आप जिज्ञासा के चलते अपना टोकन बना रहे हैं तो इसे क्राउडसेल पर मत बेचिए, इसमें कई बार गुमराह करने या धोखाधड़ी करने जैसे आरोप लगने की संभावना रहती है.
अब एटीएम पर ₹25 लाख से ज्यादा के सिक्के बेच सकेंगे ग्राहक, Tanishq लेकर आया ‘Gold Coin ATMs'
Tanishq Launches Gold Coin Atm's: तनिष्क (Tanishq) ने अक्षय तृतीया के मौके पर कंपनी ने ऐसी मशीनें लॉन्च की हैं, जो देशभर में अपने 21 फ्लैगशिप स्टोर्स में 1-2 ग्राम सोने के सिक्के खरीद सकेंगे.
Tanishq Launches Gold Coin Atm's: इन्वेस्टमेंट (Investment Plan) के रूप में कई समय से आम ग्राहक सोने के सिक्के (Gold Coin) की खरीददारी करता आया है. अब ग्राहकों के लिए ये खरीददारी और भी आसान होने वाली है. जिस तरह ग्राहक ATM से पैसे निकाल सकते हैं, ठीक उसी तरह अब सोने के सिक्के को भी आप एटीएम से खरीद सकते हैं. बता दें टाटा ग्रुप की ज्वैलरी सब्सिडियरी तनिष्क (Tanishq) ने हाल ही में अपने स्टोर्स में गोल्ड डिस्पेंसिंग (Gold-Dispensing) मशीनें लॉन्च की हैं.
बता दें इस हफ्ते की शुरुआत में तनिष्क (Tanishq) ने अक्षय तृतीया के मौके पर कंपनी ने ऐसी मशीनें लॉन्च की हैं, जो देशभर में अपने 21 फ्लैगशिप स्टोर्स में 1-2 ग्राम सोने के सिक्के खरीद सकेंगे. आइए जानते हैं क्या है ये गोल्ड ATM और कैसे करता है काम.
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कैसे काम करेंगी मशीनें
टाइटन के ज्वैलरी डिवीजन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय चावला ने हेक्कन हेराल्ड से बात करते हुए बताया कि, 'तनिष्क गोल्ड कॉइन एटीएम कहीं न कहीं बैंक एटीएम की तरह ही दिखता है. अगर एक बार कस्टमर वांछित ग्राम सोने के सिक्के को सेलेक्ट कर लेते हैं, तो मशीन पैसे के बारे में डीटेल देती है, जिसके बाद पेमेंट करने के लिए कई तरह के ऑप्शंस नजर आएंगे. पेमेंट जब पूरी हो जाती है, तो ये गोल्ड काइन एटीएम पैक किए गए सोने के सिक्कों को बाहर निकाल देती है.
जानिए कहां लगी है ये ATM मशीन
तनिष्क अपने ग्राहकों के लिए सुविधा को और आसान बनाने के लिए'गोल्ड कॉइन एटीएम' लेकर आया है. हाल ही में तनिष्क ने अपने कई शोरूम्स में गोल्ड डिस्पेंसिंग मशीनें (Gold Disappearing Machines) लॉन्च की हैं. इन मशीनों में से 1 ग्राम और 2 ग्राम के सिक्के लिए जा सकते हैं. अगर गिनती की बात करें, तो अभी देश में तनिष्क के 21 शोरूम में ऐसी मशीने लगाई SIA कॉइन कैसे काम करता है गई हैं. इन मशीनों से अभी तक 25 लाख रुपये के सोने के सिक्के बिक चुके हैं.
भीड़ से होगा बचाव
टाइटन के ज्वैलरी डिवीजन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय चावला का कहना है कि अक्षय तृतीया और अन्य ऐसे ही खास दिनों में ज्यादा भीड़ होने की वजह से 1 या 2 ग्राम का सोने का सिक्का खरीदने वाले ग्राहकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. लेकिन इस बार अक्षय तृतीया पर ऐसा नहीं हुआ. कई लोगों ने सिक्के की खरीददारी के लिए गोल्ड काइन एटीएम मशीन का इस्तेमाल किया.
बिटकॉइन क्या है और यह कैसे काम करता है?
इंटरनेट इन्वेस्टमेंट मार्किट में सबसे चर्चित विषय है Bitcoin. अगर आप बिटकॉइन में इन्वेस्ट करना चाहते है तो थोड़ी बहुत जानकारी से आप इस विषय को नहीं समझ सकते है। कोई भी Beginner यहाँ इन्वेस्ट कर सकता है लेकिन उसके लिए आपको क्रिप्टो करेंसी / बिटकॉइन के सम्बन्ध में पूरी तरह जानना होगा।
यहाँ पर हम उन सभी विषयो को विस्तृत रूप से बताया है जो की आपकी जानकारी के लिए प्रमुख होंगी।
Bitcoin cryptocurrency क्या है ?
Bitcoin, यह एक virtual currency है ,जो की एक computer algorithm के माध्यम से बनाई गई हैं। Peer to Peer बिटकॉइन नेटवर्क के माध्यम से इसका लेन देन होता है, केन्द्रीय बैंक, RBI जैसी कोई भी अथॉरिटी यहाँ नहीं होती ।
बिटकॉइन की शुरुआत सन २००९ में हुई थी लेकिन हल ही में यह बहुत ज्यादा ट्रेंडिंग में है। आप अपना डिजिटल करेंसी या bitcoin को bitcoin वॉलेट में सेव कर सकते है। भविस्य के आदान प्रदान के लिए आप यहाँ से सिक्योर ऑनलाइन ट्रांसक्शन कर सकते है।
बिटकॉइन का इस्तेमाल कहा होता है |
इन दिनों बिटकॉइन का इस्तेमाल बहुत सारी ऑनलाइन लेन देन के लिए हो रही है। इसके अलावा आप P2P नेटवर्क के जरिये भी लेनदेन कर सकते है। बहुत सी उच्च कम्पनियाँ जैसे टेस्ला ,माइक्रोसॉफ्ट , कुछ ऑनलाइन डेवलपर्स , NGO भी लें देन के लिए बिटकॉइन का इस्तेमाल करते हैं।
बिटकॉइन से ब्यापार कैसे करते हैं ?
जैसे कि आप जानते है , बिटकॉइन डिजिटल वॉलेट मैं सेव किया जाता है। ये पूरी तरीके से एक Digitally controlled करेंसी हैं। इस करेंसी की कीमत , दूनिया भर में एक ही समय पर समान रहेती हैं। क्रिप्टो करेंसी का कोई निर्धारित समय नही होते , ग्लोबली बहुत सारी एक्टिविटीज़ के ऊपर इसकी कीमत डिपेंड करती हैं। इसीलिये बिटकॉइन के कीमत पर उताड़ चढ़ाओ देखा जाता है।
एक बिटकॉइन का मूल्य कितना होता है ?
बिटकॉइन जो सबको पता है की यह एक मूलयवान मुद्रा है। लेकिन इस मुद्रा की तुलना आप किसी भी शारीरिक या छेत्रियमुद्रा से नहीं कर सकते है जैसे की डॉलर , पाउंड , रुपया इत्यादि।
भारतीय मूल्य के मुताबिक अभी बिटकॉइन की कीमत ४०८६३८० रूपए है। लेकिन जैसे कि आपको पता है इस डिजिटल मुद्रा का कोई अधिकार नियंत्रण नहीं करता ,इसलिए Market के मुताबिक ही इसका मूल्य में बृद्धि और कमी आती है।
बिटकॉइन की खरीदारी कैसे करें ?
सबसे जरुरी और महत्वपूर्ण सवाल यह है की बिटकॉइन की खरीदारी कैसे करें। वैसे तो बहुत सारी ऐसी प्लेटफार्म और वेबसाइट हैं जहां से आप बिटकॉइन की खरीदारी कर सकते है। लेकिन आपको यह अवश्य ध्यान रखें की आप कोई ट्रस्टेड साइट से ही बिटकॉइन की खरीद करें।
उम्मीद है की इस ब्लॉग के माध्यम से आपको बिटकॉइन से सम्बंधित सभी जानकारी हासिल हुई होगी। बिटकॉइन से जुडी और भी ऐसे ब्लॉग की जानकारी के लिए हमसे जुड़े रहे।
MSME विभाग के अधिकारियों को सद्बुद्धि देने के लिए 23 दिसंबर को हवन करेंगे प्रदेश के व्यापारी
चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा सरकार के एमएसएमई विभाग के अधिकारियों को सद्बुद्धि देने के लिए अब हवन होगा। ये हवन करेंगे हरियाणा के उद्यमी और व्यापारी। ये सभी अधिकारियों को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना भी करेंगे। यह जानकारी समाजसेवी इंडस्ट्रियलिस्ट व हरियाणा चेंबर ऑफ कॉमर्स के मेंबर वह ओपेरा चैरिटेबल फाउंडेशन के कर्ताधर्ता ने दी। हरियाणा सरकार में एमएसएमई एक्ट 2016 में लागू हुआ था। मध्यम वर्ग के इंडस्ट्रियलिस्ट व व्यापारियों के लिए मुश्किलों को आसान करने की कवायद मानी जाती थी। इस एक्ट के अनुसार इंडस्ट्रीज व व्यापारियों के पेमेंट से जुड़े मामले एमएसएमई विभाग 90 दिनों के अंदर अवार्ड देता था। पिछले 3 वर्षों से भारत में कामयाबी की मिसाल हरियाणा के सबसे काबिल मुख्यमंत्री व ब्यूरोक्रेसी के अफसरों के बावजूद एमएसएमई विभाग 3 सालों से कछुए की चाल से रेंग रहा है। जिस काम के लिए एक्ट में 90 दिन का समय नहीं किया गया है, वह काम 33 सालों के बावजूद लंबित पड़े हुए हैं। इस वक्त लगभग 600 के एमएसएमई विभाग के पास पेंडिंग हैं।
अजयवीर सहगल का कहना है कि एमएसएमई विभाग ने उन्हें उनके इंडस्ट्रीज भाइयों को इतना परेशान किया है कि मजबूरन उन्हें सबक सिखाने के लिए वह उन्हीं के विभाग के बाहर सुबह 9:30 बजे हवन करवाएंगे। ईश्वर उन्हें सद्बुद्धि दे और वह अपने कार्य को तीव्र गति से कर पाए।
कैसे काम करता है एमएसएमई विभाग
अजयवीर सहगल ने बताया कि किसी भी उद्योग या व्यापार में समय से भुगतान बहुत ही आवश्यक है यदि समय से इंडस्ट्रीलिस्ट को अपनी पेमेंट ना मिले तो वह तरक्की नहीं कर पाता ।इन्ही मुश्किलों को देखते हुए 2016 में एमएसएमई एक्ट लागू किया गया था जिसमें शिकायत प्राप्त होने पर एमएसएमई काउंसिल को 90 दिनों के अंदर किसी भी डिस्प्यूट का सेटलमेंट करवाना आवश्यक था, ताकि इज ऑफ डूइंग बिजनेस मेंटेन रहे । एमएसएमई विभाग शिकायत मिलने पर सबसे पहले सेटलमेंट करवाने की कोशिश करता है और यदि अगर सेटलमेंट ना हो तो आर्बिट्रेटर अप्वॉइंट करके आर्बिट्रेटर को ही अवार्ड करने की पावर थी । लेकिन पिछले कुछ वर्षों से आर्बिट्रेटर से सीधे अवार्ड करने की पावर वापस ले ली गई हैं।
सहगल ने बताया कि आर्बिट्रेटर को अपनी रिपोर्ट दोबारा से काउंसिल में जमा कराने को कह दिया गया है। इसी के बाद एड हाकिस्म और इंजस्टिस एमएसएमई डिपार्टमेंट में चरम पर है । भ्रष्ट अधिकारियों के चलते आर्बिट्रेटर की रिपोर्ट पर ध्यान नहीं दिया जाता या फिर 2 या 3 सालों के बाद यह कह दिया जाता है कि आर्बिट्रेटर की रिपोर्ट ही गलत है। गौरतलब है कि अभी भी 600 मामले हरियाणा एमएसएमई के काउंसिल के पास पेंडिंग पड़े हैं।
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