डीमेट अकाउंट क्या है और Demat Account कैसे खुलवाएं हिंदी में
Demat Account In Hindi: अगर आप भी निवेशक बनना चाहते हैं और शेयर बाजार में निवेश और ट्रेडिंग करके पैसे कमाना चाहते हैं तो उसके लिए आपको जरुरत पड़ती है Demat Account की. क्योंकि बिना Demat Account के आप शेयर की लेन – देन और शेयर को Hold नहीं कर सकते हैं.
क्या आप जानते हैं Demat Account क्या है, डीमैट अकाउंट कैसे खुलवाएं, डीमैट अकाउंट कौन खुलवाता है, डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है, डीमैट अकाउंट के फायदे और नुकसान क्या हैं तो आप एक दम सही लेख पर आये हैं.
आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको डीमैट अकाउंट के बारे में पूरी जानकरी देने वाले हैं जो कि आपको डीमैट अकाउंट खुलवाने से पहले पता होनी चाहिए. अगर आप भी शेयर बाजार में निवेश करने के बारे में विचार कर रहें हैं तो इस लेख को पूरा अंत तक जरुर पढ़ें.
तो चलिए शुरू करते हैं आज का यह लेख और जानते हैं Demat Account क्या होता है विस्तार से –
डीमैट अकाउंट खोलना क्यों जरूरी है
S L kashyap जून 03, 2021 0
सेबी SEBI के दिशा निर्देश के अनुसार किसी प्राइवेट ब्रोकर या बैंक ब्रोकर के डीमेट खाते को छोड़कर कोई व्यक्ति किसी अन्य तरीके से शेयरों की खरीद और बिक्री नहीं कर सकता इसलिए भी डीमैट अकाउंट जरूरी है अगर आप अपने बचत के पैसों को शेयर बाजार या शेयर बाजार के अन्य विकल्पों में निवेश करना चाहते हैं तो आपके लिए डीमैट खाता खुलवाना अनिवार्य है।
डीमैट खाता पूर्ण रुप से आपके बैंक खाते की तरह ही काम करता है। अब डीमैट खाता पूर्ण रूप से ऑनलाइन हो गया है जैसे बैंक में आपको पासबुक में लेनदेन की समरी मिलती है वैसे ही डीमैट खाता में आपको आपके स्टेटमेंट की प्रविष्टि कराई जा सकती है आप इसे भौतिक रूप से नहीं रख सकते, इसकी सुरक्षा भी इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ब्रोकर कंपनियां करती हैं और सरकार की इस पर पूरी नजर रहती है. और बैंक खाते की ही तरह यहां पर भी डेबिट और क्रेडिट होता है!
डीमैट अकाउंट खुलवाने के क्या फायदे है ?
डीमेट अकाउंट के कई फायदे हैं। अपनी बचत के पैसों को निवेश करके जीवन में अपने सपनों को पूरा करने के लिए और आपके बेहतर भविष्य के लिए आपके पास पैसों को निवेश करने के लिए एक डीमैट अकाउंट जरूर होना चाहिए. डीमेट अकाउंट के जरिए आप स्टॉक, म्यूच्यूअल फंड, गोल्ड, करंसी, इटीएफ आदि भी खरीद सकते हैं आपके पास डीमैट अकाउंट होने से शेयर बाजार में आप ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट को बहुत ही आसान बना देता है। आप अपने भिन्न-भिन्न शेयरों में किए गए निवेश के पोर्टफोलियो को नियमित रूप से चेक कर सकते हैं। इसका स्टेटस देख सकते हैं। डिमैट अकाउंट होने से शेयरों की खरीद बिक्री इटीएफ, म्यूचल फंड एसआईपी और अन्य भी कार्य आसान हो जाते हैं
डीमैट अकाउंट कैसे काम करता है?
भारत के 2 प्रमुख एक्सचेंज हैं NSE और BSE यहां पर हजारों की संख्या में शेयर लिस्टेड होते हैं जिनकी हम खरीदारी और बिकवाली करते हैं जब आप शेयर बाजार में डीमैट अकाउंट के जरिए शेयरों की खरीदारी करते हैं तब ब्रोकर आपके डीमैट खाते में शेयर को क्रेडिट कर देता है और यह आपको पोर्टफोलियो अथवा होल्डिंग के विवरण में दिखने लगता है यदि आप इंटरनेट आधारित ऑनलाइन डिमैट अकाउंट के साथ व्यापार करते हैं. तो आप अपनी होल्डिंग का विवरण ऑनलाइन ही देख सकते हैं ब्रोकर की ऐप में इस प्रकार एक डीमैट अकाउंट में शेयर की खरीदारी होती है।
जब आपको आपके के खरीदे हुए शेयर को बेचना होता है तब आप अपने ब्रोकर को डिलीवरी निर्देश देते हैं जिसमें आपको आपके बिके हुए शेयर का विवरण भरना होता है. अब तो डिपॉजिटरीज ने T-pin अनिवार्य कर दिया है ताकि ब्रोकर आपके खाते में पड़े शेयर या पैसों का गलत उपयोग ना कर सके यह ऑनलाइन प्रोसेस होती है। लेकिन अब यह बहुत आसान हो गया है इसके बाद आपके शेयर डेबिट हो जाते हैं और बिके हुए शेयरों का भुगतान ब्रोकर आपको दो-तीन दिन के सेटलमेंट के बाद कर देता है अगर आप यह प्रक्रिया ब्रोकर के ऐप से कर रहे हैं तो आपको तुरंत ही आपकी क्रेडिट और डेबिट धनराशि दिखने लगती है
डीमैट अकाउंट खोलने के लिए जरूरी दस्तावेज
डीमेट अकाउंट खोलने के लिए सबसे पहले तो आपके पास पैन कार्ड एड्रेस प्रूफ के लिए आधार कार्ड वोटर आईडी कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए इसके अलावा फ्यूचर ऑप्शन और करेंसी ट्रेडिंग के लिए आपके बैंक खाते का 6 महीने का बैंक स्टेटमेंट भी देना होता है। डीमेट अकाउंट खोलने के लिए आप सेबी रजिस्टर्ड ब्रोकर या सब ब्रोकर से संपर्क कर सकते है।
डीमैट अकाउंट कैसे खोलें
Demat account ऑनलाइन तरीके से कुछ ही समय में खुल जाता है इसके लिए आपको किसी ऑफिस या बैंक के चक्कर लगाने नहीं पड़ेंगे अब डिमैट अकाउंट घर बैठे मोबाइल से ही खोला जा सकता है बस आपके आधार नंबर पर मोबाइल अपडेट होना चाहिए और पैन कार्ड बैंक स्टेटमेंट का होना जरूरी है
डीमैट अकाउंट खोलने से पहले निवेशकों को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए
यदि आप डिमैट अकाउंट खोलने जा रहे हैं तो सबसे पहले आप ब्रोकरेज और वार्षिक रखरखाव शुल्क के बारे में कंपनी की सारी सूचना और शर्तें ध्यान से पढ़नी चाहिए और कई कंपनियों मैं तुलना करके डीमेट अकाउंट खोलना चाहिए
अगर आप शेयर बाजार में रुचि रखते हैं और अपना डीमैट खाता भारत के नंबर 1 ब्रोकर के साथ खोलना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आपको डीमैट अकाउंट क्यों खोलना चाहिए लिंक से आप अपना खाता खोल सकते हैं।
डीमैट अकाउंट कैसे खोले?
आधुनिक डिजिटलीकरण के कारण, अब व्यक्तिगत निवेशकों के लिए डीमैट खाता खोलना आसान हैं। शेयरों को खरीदने और बेचने के लिए शेयर बाजार में लेन-देन करने के लिए डीमैट खाता आवश्यक हैं। इस आर्टिकल में हम देखेंगे की डीमैट अकाउंट की परिभाषा क्या हैंं और डीमैट अकाउंट कैसे खोलें।
डीमैट खाता क्या हैं?
इससे पहले, जब निवेशक स्टॉक खरीदना और बेचना चाहते थे, तो उन्हे प्रत्यक्ष रूप से रसीदों/ प्रमाणपत्रों का आदान-प्रदान करके निवेश प्रक्रिया फिज़िकली करनी पडती थी। डिपॉजिटरी एक्ट 1996 ने डीमैटरियलाइजेशन या डीमैट की शुरुआत की, जिसके तहत इन भौतिक प्रमाणपत्रों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्टोर्ड की जानेवाले असेट्स में बदल दिया गया। इस प्रक्रिया की वजह से शेयर मार्केट्स में शामिल जोखिम ना के बराबर हो गायी हैंं।
डीमैट खाता मतलब
ये जानने से पहले की डीमैट अकाउंट कैसे खोलें, आइये जानते हैंं की डीमैट खाता क्या होता हैंं| डीमैट अकाउंट आपके द्वारा खरीदे गए सभी शेयरों को स्टोर करता हैं। डीमैट खाता न केवल स्टॉक बल्कि अन्य निवेश एसेट्स जैसे म्यूचुअल फंड, बॉन्ड, ईटीएफ आदि को संग्रहीत करता हैं। अनिवार्य रूप से तीन प्रकार के डीमैट खाते होते हैंं –
- रेगुलर डीमैट अकाउंट
- एनआरआई (NRI) डीमैट अकाउंट (रीपैटरीएबल)
- एनआरआई (NRI) डीमैट अकाउंट (नॉन-रीपैटरीएबल)
डीमैट खाता खोलने की प्रक्रिया क्या हैं?
डीमैट खाता ऑनलाइन खोलने के लिए आवश्यक प्रक्रिया और अत्यावश्यक दस्तावेज नीचे दिए गए हैंं –
डीमैट खाता ऑनलाइन कैसे खोलें?
डीमैट खाता ऑनलाइन खोलना पूरी तरह से सुरक्षित हैं क्योंकि यह सेबी द्वारा अनिवार्य सुरक्षा उपायों के अनुरूप हैं। डीमैट खाता खोलने की पूरी प्रक्रिया इस प्रकार हैंं –
- आपको डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट को चुनना होगा।
- ऑनलाइन फॉर्म भरें|
- आपके मूल विवरण, पता विवरण, आर्थिक विवरण और बैंक विवरण की जानकारी भरे।
- आपके पास नॉमिनी जोड़ने का विकल्प भी हैं।
- इसके बाद आपको निचे बताए गए आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड करना होगा।
- डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन को पूरा करें|
- ई-साइन चुनें, जो आपकी खाता खोलने की प्रक्रिया को गति देता हैं।
- यदि आप का केवाईसी वेरिफाईड हैंं और आपने ई-साइन का विकल्प चुना हैं तो आपका पंजीकरण सफलतापूर्वक पूरा करने के लगभग 4 घंटे के भीतर आपको एक ट्रेडिंग कोड/क्लाइंट आईडी मिल जानी चाहिए।
- अंत में, आपको डीपी को पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी की हस्ताक्षरित प्रति को कुरियर करना होगा, जो पंजीकरण पूरा करने के समय आपके पंजीकृत ईमेल आईडी पर आपको मेल कर दी जाएगी।
डीमैट खाता खोलने के लिए अत्यावश्यक दस्तावेज
सेबी द्वारा डीमैट खाता खोलने के लिए पैन कार्ड अनिवार्य कर दिया गया हैं।
आधार कार्ड पहचान और पते दोनों के प्रमाण के रूप में कार्य करता हैं।
बैंक खाता होने के प्रमाण के रूप में आवश्यक। ये बैंक अकाउंट आपके डीमैट खाते से जोड़ा जाता हैंं|
अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) अनुपालन के लिए वैध पासपोर्ट फोटोग्राफ होना अनिवार्य हैंं।
डेरिवेटिव और कमोडिटी में व्यापार करने के लिए आवश्यक निम्नलिखित दस्तावेजों का उपयोग आय प्रमाण के रूप में किया जा सकता हैं –
- अंतिम 6 महीने का बैंक स्टेटमेंट
- लेटेस्ट आईटीआर स्टेटमेंट
- लेटेस्ट वेतन विवरण
- डीपी होल्डिंग स्टेटमेंट
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निष्कर्ष
शेयर बाजार में निवेश करने और अन्य निवेश साधनों की तुलना में बेहतर मुनाफा कमाने की आपकी तलाश में ऑनलाइन डीमैट खाता खोलने का तरीका सबसे महत्वपूर्ण हैं। किसी भी नामांकित ब्रोकर के साथ, ऑनलाइन डीमैट खाता खोलना अत्यंत आसान और सुविधाजनक हैं।
ऊपर बतायी गयी प्रक्रिया और विवरणों को ध्यान में रखते हुए, आप भी पूरी तरह से परेशानी मुक्त तरीके से डीमैट खाता खोल सकते हैंं। यदि आप इक्विटी में निवेश करना चाहते हैंं और लंबी अवधि के लिए निवेश करके कम्पाउंडिंग से लाभ प्राप्त करना चाहते हैंं, तो आगे बढ़ें और अभी अपना डीमैट खाता खोलें।
अगर आपको डीमैट अकाउंट कैसे खोले की जानकारी अच्छी लगी हो तो इस आर्टिकल को सोशल मीडिया नेटवर्क्स पर जरूर शेयर करें और अगर आपके कोई सवाल हैं तो आप कमेंट बॉक्स के माध्यम से बता सकते हैं।
शेयर मार्केट में निवेश: डीमैट अकाउंट खोलते समय ट्रांजेक्शन और मेंटेनेंस चार्ज सहित इन 5 बातों का रखें ध्यान, इससे आपको मिलेगा ज्यादा फायदा
अगर आप शेयर मार्केट में निवेश का प्लान बना रहे हैं तो इसके लिए आपको डीमैट अकाउंट खोलना होगा। इसके बिना आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग नहीं कर सकते हैं। कहीं भी डीमैट अकाउंट खोलने से पहले इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जिस ब्रोकेज हाउस में आप डीमैट अकाउंट खोल रहे हैं वो आपको कौन-कौन सी सुविधाएं देता और आपसे इसके बदले में कितना चार्ज लेगा। हम आपको ऐसी 5 बातों के बारे में बता रहें हैं जिनका ध्यान आपको डीमैट अकाउंट खोलते समय रखना चाहिए।
ब्रोकरेज और ट्रांजेक्शन फीस
भारत में ब्रोकरों के बीच डीमैट अकाउंट खोलने और ब्रोकरेज चार्ज अलग-अलग हैं। जबकि उनमें से ज्यादातर आजकल मुफ्त डीमैट खाते खोल रहे हैं। वे इक्विटी खरीदने और बेचने पर आपसे लेनदेन (ट्रांजेक्शन) फीस ले सकते हैं। डीमैट अकाउंट की फीस के अलावा सालाना मेंटेनेंस चार्ज और ट्रांजेक्शन फीस की भी जांच करें, कि आपके डीमैट अकाउंट का सालाना खर्च कितना है। ट्रांजेक्शन फीस को लेकर ब्रोकरों के बीच बड़ा अंतर हो सकता है।
अन्य सुविधाओं के बारे में जानें
कुछ ब्रोकरेज हाउस सिर्फ इक्विटी ब्रोकिंग की सेवा ही नहीं प्रदान करतें, बल्कि कई प्रकार की अन्य सेवाएं भी आप तक पहुंचाते हैं। कई ब्रोकरेज फर्म आपको समय-समय पर रिसर्च उपलब्ध कराती रहती हैं जो आपको सही जगह निवेश करने में मदद कर सकता है। ऐसे में जान लें आपका ब्रोकरेज हाउस आपको क्या-क्या सुविधा देगा। यदि आप उन निवेशकों में से हैं जिनके पास ट्रेडिंग के लिए ज्यादा समय नहीं है तो आप ऐसे ब्रोकेज हाउस का चयन कर सकते हैं जिसका मार्केट ट्रैकिंग के लिए मोबाइल ऐप हो।
डीमैट और ट्रेडिंग खाते की सुविधा
इक्विटी और डेरिवेटिव में ट्रेडिंग में लगातार एक्टिविटी होती रहती है। क्योंकि एक सेकंड की देरी भी फायदा और नुकसान के बीच अंतर को ज्यादा या कम कर सकती है। आपके लिए यह सबसे अच्छा है यदि आपका ब्रोकर 2-इन-1 डीमैट और ट्रेडिंग खाता आपको देता हैं। जिससे आप दो अलग-अलग ब्रोकरों के होने पर लेनदेन में देरी से बच सकें। ट्रेडिंग खाते के बगैर डीमैट खाता अधूरा है।
डीमैट खाते में आप सिर्फ डिजिटल रूप में शेयरों को रख सकते हैं। जबकि ट्रेडिंग अकाउंट के साथ आप शेयर, आईपीओ, म्यूचुअल फंड और यहां तक गोल्ड में निवेश कर सकते हैं। इसके बाद आप इन्हें डीमैट खाते में रख सकते हैं।
पोर्टफोलियो की जानकारी भी जरूरी
कई ब्रोकरेज हाउस आपके पोर्टफोलियो की जानकारी आपको समय-समय पर देते रहते हैं। इससे आपको अपने निवेश से मिलने वाले रिटर्न की जानकारी रखने में मदद मिलेगी।
कनेक्टिविटी का रखें ध्यान
आप कारोबार के लिए फोन और इंटरनेट दोनों का ही इस्तेमाल कर सकते हैं। ब्रोकरेज हाउस का चयन करने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि वह दोनों में से कौनसी सुविधा मुहैया करवाता है। हालांकि अब ज्यादातर ब्रोकर्स दोनों ही सुविधाएं देते हैं।
डीमैट अकाउंट क्या होता है? शेयरों की खरीद और बिक्री कैसे की जाती है?
शेयर मार्केट में निवेश शुरू करने के लिए आपको तीन अकाउंट (खातों) की जरूरत होती है. ये तीन अकाउंट हैं डीमैट अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और बैंक अकाउंट.
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- Updated On - July 28, 2022 / 10:41 AM IST
शेयर मार्केट में निवेश शुरू करने के लिए आपको तीन अकाउंट (खातों) की जरूरत होती है. ये तीन अकाउंट हैं डीमैट अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और बैंक अकाउंट. हर अकाउंट का अपना एक अलग काम होता है, लेकिन ट्रांजैक्शन (लेन-देन) को पूरा करने के लिए तीनों एक-दूसरे पर निर्भर होते हैं. शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के लिए ये तीन अकाउंट होने चाहिए.
डीमैट अकाउंट क्या है?
डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट के समान है. जैसे एक सेविंग अकाउंट (बचत खाता) पैसे को चोरी होने और किसी भी गड़बड़ी से बचाता है, वैसे ही एक डीमैट अकाउंट निवेशकों के लिए भी यही काम करता है. डीमैट अकाउंट या डीमैटरियलाइज्ड अकाउंट इलेक्ट्रॉनिक रूप में शेयरों और सिक्योरिटीज को रखने की सुविधा देता है. ये अकाउंट फिजिकल शेयरों को डीमैट रूप में स्टोर (संग्रहित) करते हैं. फिजिकल शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित करने की प्रक्रिया (प्रोसेस) को डिमैटेरियलाइजेशन कहा जाता है. जब भी ट्रेडिंग की जाती है तो इन शेयरों को डीमैट अकाउंट में क्रेडिट या डेबिट किया जाता है.
डीमैट अकाउंट के प्रकार (टाइप)
डीमैट अकाउंट खोलते समय निवेशकों को अपने प्रोफाइल के मुताबिक डीमैट अकाउंट का चुनाव काफी सावधानी से करना चाहिए. कोई भी भारतीय मिनटों में ऑनलाइन डीमैट अकाउंट खोल सकता है. निवेशक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) के साथ डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं. 5पैसा https://bit.ly/3RreGqO एक ऐसा ही प्लेटफॉर्म है जहां आप आसानी से अपना डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं और ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं. डीमैट अकाउंट चार तरह के होते हैं.
1)- रेगुलर डीमैट अकाउंट
एक रेगुलर डीमैट अकाउंट भारतीय निवासी निवेशकों के लिए होता है जो केवल शेयर खरीदना और बेचना चाहते हैं और सिक्योरिटीज को जमा (डिपॉजिट) करना चाहते हैं. जब आप शेयर बेचते हैं तो शेयर अकाउंट से डेबिट हो जाते हैं. इसी तरह जब आप शेयर खरीदते हैं तो वो आपके अकाउंट में क्रेडिट आपको डीमैट अकाउंट क्यों खोलना चाहिए हो जाते हैं. यदि आप फ्यूचर एंड ऑप्शन में ट्रेडिंग कर रहे हैं तो डीमैट अकाउंट की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि इस तरह की डील के लिए स्टोरेज आपको डीमैट अकाउंट क्यों खोलना चाहिए की कोई जरूरत नहीं होती है.
2)- बेसिक सर्विस डीमैट अकाउंट
यह एक नए तरह का डीमैट अकाउंट है, जिसे बाजार नियामक (मार्केट रेगुलेटर) सेबी ने पेश किया है. छोटे निवेशकों को ध्यान में रखते हुए यह अकाउंट शुरू किया गया है. 50,000 रुपये से कम के स्टॉक और बॉन्ड रखने के लिए कोई मेंटेनेंस चार्ज (रखरखाव शुल्क) नहीं देना होगा. 50,000 रुपये से 2 लाख रुपये तक की सिक्योरिटी रखने पर सिर्फ 100 रुपये का चार्ज लगता है.
3)- प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता (Repatriable Demat Account)
प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता NRI (अनिवासी भारतीयों) के लिए है. इसके जरिए वे भारतीय बाजार में निवेश कर सकते हैं और विदेशों में भी पैसा भेज आपको डीमैट अकाउंट क्यों खोलना चाहिए सकते हैं. हालांकि फंड ट्रांसफर करने के लिए डीमैट खाते को NRI (Non-Resident External) खाते से जोड़ा जाना चाहिए.
4)- गैर प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता (Non-repatriable Demat Account)
अनिवासी भारतीयों (NRI) के लिए एक गैर-प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता भी है. हालांकि इस खाते के जरिए विदेश में पैसा ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है.
डीमैट अकाउंट के फायदे
डीमैट अकाउंट बिना किसी परेशानी के शेयरों को तेजी से ट्रांसफर करने की सुविधा देता है. शेयर या सिक्योरिटीज सर्टिफिकेट एक डीमैट अकाउंट में इलेक्ट्रॉनिक रूप से रखे जाते हैं. ऐसे में इनके चोरी, जालसाजी और नुकसान की संभावना बहुत कम होती है. ट्रेडिंग एक्टिविटी को आसानी से ट्रैक किया जा सकता है. डीमैट खातों को कभी भी और कहीं भी एक्सेस किया जा सकता है. बोनस स्टॉक, राइट्स इश्यू, स्प्लिट शेयर अपने आप अकाउंट में जमा हो जाते हैं.
डीमैट अकाउंट कैसे खोलें
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के लिए डीमैट खाता खोलना अनिवार्य है. आप किसी वित्तीय संस्थान या ब्रोकर के माध्यम से डीमैट खाता (अकाउंट) खोल सकते हैं. सबसे पहले आपको इसके लिए एक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) चुनना होगा. यह एक वित्तीय संस्थान, ऑथराइज बैंक या ब्रोकर कोई भी हो सकता है. आप उनके साथ एक डीमैट खाता खोल सकते हैं. डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट को ब्रोकरेज चार्ज, सालाना चार्ज और लीवरेज के आधार पर चुना जाना चाहिए. DP सिलेक्ट करने के बाद आपको खाता खोलने का फॉर्म, KYC फॉर्म भरना होगा और फिर जमा करना होगा. इसके साथ आपको कुछ डॉक्युमेंट भी देने होंगे.
इनमें पैन कार्ड, रेजिडेंस प्रूफ, आईडी प्रूफ और पासपोर्ट साइज फोटो शामिल हैं. वेरिफिकेशन प्रोसेस (सत्यापन प्रक्रिया) के लिए ओरिजनल कॉपी (मूल प्रति) अपने पास रखें. इसके अलावा आपको बैंक डिटेल देने के लिए एक कैंसिल चेक (रद्द चेक) जमा करना होगा. इसके बाद आपको एग्रीमेंट साइन करना होगा जिसमें रूल और रेगुलेशन के साथ-साथ आपके अधिकारों के बारे में सभी जानकारी होगी. आपको रूल और रेगुलेशन (नियमों और विनियमों) को ध्यान से पढ़ना चाहिए. आजकल कई प्लेटफॉर्म ऑनलाइन डीमैट खाता खोलने की सुविधा देते हैं. अपने डीमैट की सरल प्रक्रिया को पूरा करने के बाद आप अपना डीमैट खाता खोल सकते हैं.
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