ये ट्रेंड या रुझान, प्रकृति के आधार पर छोटी, मीडियम या लंबी अवधि के हो सकते हैं। अगर आप शॉर्ट टर्म ट्रेडर हैं तो आपको छोटी-अवधि के ट्रेंड चार्ट को देखने की आवश्यकता होगी जो प्रति घंटा या मिनट-दर-मिनट के रूझानों को प्लॉट करता है। दूसरी ओर, अगर आप एक लॉन्ग टर्म ट्रेडर हैं तो आपके लिए साप्ताहिक या मासिक चार्ट अधिक उपयोगी साबित होगा।
टेक्निकल एनालिसिस क्या है?
पिछले कई अध्यायों को पढ़ने के दौरान हमने कई बार टेक्निकल एनालिसिस का ज़िक्र किया। अब हम आगे इसकी विस्तृत जानकारी लेते हुए देखेंगे कि टेक्निकल एनालिसिस कितना बहुमुखी हो सकता है। हम टेक्निकल एनालिसिस का आधार बनने वाले प्राथमिक अनुमानों और धारणाओं को भी देखेंगे। चलिए, हमेशा की तरह, पहले टेक्निकल एनालिसिस पर ध्यान देते हैं।
टेक्निकल एनालिसिस क्या है?
टेक्निकल एनालिसिस एक निवेश विश्लेषण तकनीक है जिसमें मूल्य के संभावित भविष्य के रूझानों की भविष्यवाणी करने के लिए एसेट के पिछले मूल्य और रूझानों का अध्ययन करते हैं। यह ऐतिहासिक जानकारी का उपयोग करके आने वाले भविष्य का अनुमान लगाने की कोशिश करता है, ताकि ट्रेडर संभावित रूझानों का इस्तेमाल कर मुनाफ़ा कमा सकें।
जैसा कि आप देख सकते हैं कि इस तकनीक का मुख्य उद्देश्य ऐतिहासिक मूल्य रूझानों का विश्लेषण करके भविष्य की कीमत के रूझान का अनुमान लगाना है। यह दृष्टिकोण फंडामेंटल एनालिसिस से बहुत अलग है, जो हर दिशा से निवेश का मूल्यांकन करने और एक एसेट को प्रभावित करने वाले मात्रात्ममक और गुणात्मक कारकों का विश्लेषण करने पर केंद्रित है। वास्तव में यह अंतर ही शेयरों और दूसरे एसेट के टेक्निकल एनालिसिस को बहुमुखी बनाता है।
बहुमुखी प्रयोग
चलिए रोज़मर्रा की दो गतिविधियां लेते हैं जैसे, खाना बनाना और ड्राइविंग। अब खाना पकाने के लिए प्रत्येक व्यंजन की रेसिपी अलग है। आप एक ही रेसिपी से दो अलग अलग व्यंजन बनाकर, अलग अलग स्वाद की उम्मीद नहीं कर सकते। दूसरे शब्दों में, हर बार जब आप नया व्यंजन बनाते हैं तो आपको अलग सामग्री का उपयोग करने और इसके लिए अलग विधि का पालन करने की आवश्यकता होती है।
फंडामेंटल एनालिसिस कुछ ऐसा ही है। जैसे, हर एसेट के फंडामेंटल पूरी तरह से अलग होते हैं, इसलिए उन मूल सिद्धांतों के विश्लेषण की प्रक्रिया भी हर निवेश विकल्प के लिए बदलती है। उदाहरण के तौर पर, हमने पहले के एक मॉड्यूल में देखा कि इक्विटी शेयरों का फंडामेंटल एनालिसिस करने के लिए आपको उद्योग का मूल्यांकन करने, कंपनी का आकलन करने और फिर उसके फाइनेंशियल्स का विश्लेषण करने के बाद शेयर के मूल्य पर पहुँचना होता है। अब अगर आप एक अलग एसेट, जैसे कृषि उत्पाद का फंडामेंटल एनालिसिस कर रहे हैं, तो ये दृष्टिकोण उस पर काम नहीं करेगा।
टेक्निकल एनालिसिस से परिचय
पिछले अध्याय में हमने टेक्निकल एनालिसिस की परिभाषा को समझा। इस अध्याय टेक्निकल एनालिसिस से परिचय में हम इसकी अवधारणाओं और इसके कुछ उपयोगिताओं को जानेंगे।
टेक्निकल एनालिसिस की सब से खास उपयोगिता यह है कि किसी भी तरीके के एसेट क्लास में इसका उपयोग किया जा सकता है। शर्त सिर्फ एक है कि उस एसेट क्लास का पुराना ऐतिहासिक डाटा उपलब्ध हो। ऐतिहासिक डाटा का मतलब है कि उस ऐसेट का ओपन , हाई , लो , क्लोज ( OHLC) और वॉल्यूम का डाटा मौजूद हो।
इसे एक उदाहरण से समझने की कोशिश करते हैं। अगर आपने एक बार कार चलाना सीख लिया तो आप किसी भी तरीके की कार चला सकते हैं। इसी तरह से अगर आपने एक बार टेक्निकल एनालिसिस सीख लिया तो आप इसका इस्तेमाल शेयर ट्रेडिंग , कमोडिटी ट्रेडिंग , विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग , फिक्स्ड इनकम प्रॉडक्ट , कहीं भी कर सकते हैं।
किसी भी दूसरे तरीके की तकनीक के मुकाबले टेक्निकल एनालिसिस का यह सबसे बड़ा फायदा है। उदाहरण के तौर पर फंडामेंटल एनालिसिस में आपको हर शेयर का घाटा मुनाफा , बैलेंस शीट , कैश फ्लो जैसी तमाम चीजें देखनी पड़ती है जबकि कमोडिटी के एनालिसिस में इनमें से बहुत सारी चीजें काम नहीं आती। आपको नए तरीके का डाटा इस्तेमाल करना पड़ता है।
2.3- टेक्निकल एनालिसिस की अवधारणाएं
टेक्निकल एनालिसिस इस बात पर ध्यान नहीं देती कि कोई शेयर अंडरवैल्यूड यानी अपनी वास्तविक कीमत से सस्ता है या ओवरवैल्यूड यानी अपनी वास्तविक कीमत से महंगा है। टेक्निकल एनालिसिस में सिर्फ एक चीज का महत्व है – और वह है शेयर का पुराना ट्रेडिंग डाटा और यह डाटा आगे आने वाले समय के बारे में क्या संकेत दे सकता है।
टेक्निकल एनालिसिस कुछ मूलभूत अवधारणाओं टेक्निकल एनालिसिस से परिचय पर आधारित होती है , जिनके बारे में जानना जरूरी है :
- बाजार हर जरूरी चीज को कीमत में शामिल कर लेता है (Markets discount everything)- ये अवधारणा हमें बताती है कि किसी शेयर से जुड़ी हर सूचना या जानकारी उस शेयर की बाजार कीमत में शामिल हो जाती है। उदाहरण के तौर पर कोई व्यक्ति अगर किसी शेयर को चुपचाप बाजार से खरीद रहा है क्योंकि शायद उसे पता है कि कंपनी का अगला तिमाही नतीजा अच्छा आने वाला है तब शेयर से मुनाफा होगा। वह व्यक्ति भले ही ये छुपा कर कर रहा हो लेकिन शेयर की कीमतों में इसका असर दिखने लगता है। एक अच्छा टेक्निकल एनालिस्ट शेयर के चार्ट पर इसको पहचान लेता है और वह इस शेयर को खरीदने के लिए उपयुक्त मानता है।
- “क्यों” से ज्यादा जरूरी है “क्या”– यह अवधारणा पहली अवधारणा से ही मिली हुई है। हमारे पिछले उदाहरण में ही अगर देखें टेक्निकल एनालिसिस से परिचय तो एक अच्छा टेक्निकल एनालिस्ट यह नहीं जानना चाहेगा कि उस व्यक्ति ने यह शेयर क्यों खरीदा? टेक्निकल एनालिस्ट का पूरा ध्यान इस बात पर होगा कि उस व्यक्ति के छुपा कर की गई खरीदारी से शेयर की कीमतों पर क्या असर हो रहा है और आगे क्या होगा?
- कीमत में एक चलन दिखता है (Price moves in trend)– टेक्निकल एनालिसिस के मुताबिक कीमत में हर बदलाव एक खास ट्रेंड या चलन को बताता है। उदाहरण के तौर पर- निफ़्टी का 6400 से बढ़कर 7700 तक पहुंचना- एक दिन में नहीं हुआ। यह चलन 11 महीने पहले शुरू हुआ था। इसी से जुड़ी हुई एक दूसरी अवधारणा यह है कि जब एक तरफ की चाल शुरू होती है तो शेयर की कीमत भी उसी दिशा में बढ़ती जाती हैं , कभी उपर की तरफ तो कभी नीचे की तरफ।
- इतिहास अपने को दोहराता है– टेक्निकल एनालिसिस के मुताबिक कीमत का चलन अपने आप को दोहराता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बाजार के भागीदार एक तरीके की घटना पर हर बार एक ही तरीके की प्रतिक्रिया देते हैं। इसीलिए शेयर की कीमत एक ही तरीके से चलती हैं। उदाहरण के तौर पर ऊपर जा रहे बाजार में बाजार का हर खिलाड़ी किसी भी कीमत पर शेयर खरीदना चाहता है भले ही वह शेयर कितना भी महंगा हो। इसी तरीके से गिरते हुए बाजार टेक्निकल एनालिसिस से परिचय में वह किसी भी कीमत पर बेचना चाहते हैं भले ही शेयर की कीमत टेक्निकल एनालिसिस से परिचय टेक्निकल एनालिसिस से परिचय अपनी वास्तविक कीमत से बहुत सस्ती हो। इंसान की इसी आदत की वजह से इतिहास अपने को दोहराता है।
2.4- बाजार पर नजर रखने का तरीका (The Trade Summary)
भारतीय शेयर बाजार सुबह 9:15 से 3:30 बजे तक खुले रहते हैं। इन 6 .15 घंटों में लाखों ट्रेड होते हैं। किसी एक शेयर में भी हर मिनट कोई ना कोई सौदा हो रहा होता है। सवाल यह उठता है कि बाजार के भागीदार के तौर पर क्या हमें हर सौदे पर नजर रखनी चाहिए?
इसपर गहराई से नजर डालने के लिए हम एक काल्पनिक शेयर की बात करते हैं। नीचे के चित्र पर नजर डालिए , हर बिंदु एक ट्रेड को दिखलाता है। अगर हम हर सेकंड होने वाले वाले हर सौदे को इस ग्राफ पर दिखाएंगे तो इस ग्राफ में कुछ भी नहीं दिखेगा। इसलिए यहां केवल कुछ महत्वपूर्ण बिंदु ही दिखाए जा रहे हैं।
Daily Trade Pattern: दैनिक ट्रेड पैटर्न
बाजार सुबह 9 :15 बजे खुला और शाम के 3:30 बजे बंद हुआ। बाजार का रूख समझने के लिए , इस दौरान जितने भी ट्रेड हुए उन सब को देखने के बजाय उनका एक संक्षिप्त विवरण देख लेना ही काफी होगा।
लर्न टेक्निकल एनालिसिस | टेक्निकल एनालिसिस टुटोरिअल
तकनीकी विश्लेषण अतीत में बाजार के व्यवहार का अध्ययन करके बाजार मनोविज्ञान को समझने के लिए प्रयास करता है। एक सार, लाभ और तकनीकी विश्लेषण की सीमाओं को समझता है, तो यह उसके लिए एक बेहतर व्यापारी बनने के लिए टेक्निकल एनालिसिस से परिचय नए कौशल दे सकते हैं। जॉन मर्फी राज्यों के रूप में, "तकनीकी विश्लेषण अनुभव और अध्ययन के साथ बेहतर बनाता है .”
आप तकनीकी विश्लेषण का सबसे जरूरी और मौलिक अंक जानने के लिए, क्यों और कैसे को समझने में मदद करने के लिए "तकनीकी विश्लेषण समझाया" का मुख्य उद्देश्य है सफल व्यापारी इसे अपने व्यापार में उपयोग करें और तकनीकी चार्ट्स और इंडीकेटर्स पर आधारित अपने व्यापार रणनीति विकसित करें .
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