4. यदि एमएसीडी लाइन सिग्नल लाइन की तुलना में तेजी से गिरती है , तो इसे ऊपर से पार करते हुए , सिग्नल को बेरीश के रूप में माना जाता है , कीमत में कमी का विस्तार सुझाता है।

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Stock market : भूल जाइए टेक्निकल इंडिकेटर्स! 8 स्टेप्स की यह ट्रेडिंग स्ट्रैटजी देगी कमाई की गारंटी

मुंबई बेस्ड ट्रेडर विजय ठक्कर की यह स्ट्रैटजी आपकी ट्रेडिंग स्क्रीन को अव्यवस्थित करने का भी काम करती है, जिसमें आपको सभी टेक्निकल इंडिकेटर्स (technical indicators) को हटाना होगा, ताकि आप देख सकें कि पीछे क्या छिपा है

Trading Strategy : भारत की सदियों पुरानी ध्यान यानी मेडिटेशन की प्रक्रिया में आपके मन से फिजूल के विचार एक-एक करके निकल जाते हैं और आप शांति की स्थिति में पहुंच जाते हैं। इसे सफलतापूर्वक करने पर आपका तनाव बिल्कुल खत्म होता जाता है। शेयर बाजार में 8 स्टेप्स वाली ऐसी ही ट्रेडिंग की स्ट्रैटजी है, जो आपको सफलता की गारंटी दे सकती है। यह मुंबई बेस्ड ट्रेडर विजय ठक्कर (Vijay Thakkar) ने तैयार की है। हालांकि, यह आपकी ट्रेडिंग स्क्रीन को अव्यवस्थित करने का भी काम करती है, जिसमें आपको सभी टेक्निकल इंडिकेटर्स (technical indicators) को हटाना होगा, ताकि आप देख सकें कि पीछे क्या छिपा है। हम यहां आपकी स्ट्रैटजी के बारे में ही बता रहे हैं।

एमएसीडी इंडिकेटर का उपयोग अपने चार्ट में ट्रेंड इंडिकेटर कैसे सेट करें कैसे करें – विवरण जानिए

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स्टॉक ट्रेडिंग में गहराई से विश्लेषण शामिल होता है। आपके द्वारा निवेश किए जा रहे स्टॉक के सभी आवश्यक विवरण आपके पास यह सुनिश्चित करने के लिए होना चाहिए कि आप अपने निवेश पर मुनाफा निश्चित कर सकते हैं। स्टॉक्स की गति की भविष्यवाणी करने के लिए वित्तीय विवरणों को पढ़ने से लेकर तकनीकी चार्ट और इंडिकेटर तक – यह आपके निवेश को सही पाने के लिए बहुत सारे शोध और तथ्य लेता है। तकनीकी इंडिकेटर व्यापारिक समुदाय में विशेष रूप से लोकप्रिय हो गए हैं क्योंकि आप सुरुचिपूर्ण कम्प्यूटरीकृत चार्ट प्राप्त कर सकते हैं जो आपको स्टॉक्स की गति और रुझानों को समझने में मदद कर सकते हैं। आइए समझते हैं कि एमएसीडी इंडिकेटर क्या है और इसका उपयोग कैसे करें।

एमएसीडी इंडिकेटर क्या है?

मूविंग एवरेज और कन्वर्जेंस डाइवर्जेंस के लिए लघु , एमएसीडी एक लोकप्रिय गति और प्रवृत्ति-निम्नलिखित इंडिकेटर है जिसे गेराल्ड एपेल द्वारा विकसित किया गया था। इंडिकेटर मूविंग एवरेज की जानकारी पर केंद्रित है , जो इसे एक विश्वसनीय गति फिल्टर और उपकरण बनाता है , जिसे आप स्टॉक् मार्केट में व्यापार करते समय उपयोग कर सकते हैं। इंडिकेटर को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि विश्लेषक स्टॉक प्रक्रियाओं का विश्लेषण करते समय गति , अपने चार्ट में ट्रेंड इंडिकेटर कैसे सेट करें शक्ति , रुझान और दिशा में परिवर्तन प्रकट कर सकते हैं। मुख्य रूप से , इस इंडिकेटर में तीन मुख्य , विशिष्ट घटक होते हैं , जिनके बारे में आपको जानना चाहिए , इससे पहले कि आप समझ सकें कि एमएसीडी का प्रभावी ढंग से उपयोग कैसे किया जाए। वे इस प्रकार हैं :

super trend and rsi intraday strategy in hindi

एवं आप के मार्किट में आये हुए कुछ महीने हो गए तो अपने पैसे को बटकर हिसाब से ही इसमें technical chart पर पैसे लगाए वैसे तो कोई भी इंट्राडे में पैसे लगाकर राजा नहीं बना है सभी लोस्स ही करते है कभी न कभी चाहे वो कितने बड़े इन्वेस्टर क्यों न हो ।

चलिए अब हम मेन टॉपिक पर आते हैं और बात करते है की क्या इस चार्ट की मदद से हमे कोई buy और sell का सिग्नल मिल सकता है जिससे हम कुछ पैसे कमा सके इस स्ट्रेटेजी के द्वारा । हमे इसके लिए trading view का plateform चाहिए जो आपको बड़े आसानी से मिल जायेगा मैं तो zerodha उसे करता हूँ सारे प्लेटफॉर्म में यह चार्ट उपलब्ध है ।

इस चार्ट के लिए जो इंडिकेटर हमे चाहिए वो इस प्रकार है

super trend indicator :-

इसको सेलेक्ट करने के लिए हम अपने टेक्निकल चार्ट में उपरवाले सेक्शन में जायेंगे और वहां से इंडिकेटर वाले सेक्शन में टाइप करेंगे जैसा मैंने निचे इमेज में बताया है और वहां से super trend को सेलेक्ट करेंगे । इसके सेटिंग में जाकर इसके वैल्यू को को हम 10 से 7 पर सेट करेंगे । निचे वाले में कोई बदलाव नहीं करेंगे उसको 3 पर ही रहने देंग

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स्टॉक buy और sell कब करे – ssuper trend and rsi intraday strategy in hindi

buy position :-

किसी भी स्टॉक का चुनाव हम हमेसा की तरह निफ़्टी 50 या निफ़्टी बैंक में दिए हुए स्टॉक से ही करेंगे क्योंकि इससे हमारा रिस्क बहुत कम होजाता है । और यदि निफ़्टी 50 या निफ़्टी बैंक का ट्रेंड उस दिन upside में हो तो हमारे चुने हुए स्टॉक में प्रॉफिट कमाने की एक्यूरेसी 80% हो जाती है ।

माना की कोई स्टॉक का चुनाव हमने कर लिया सारे इंडिकेटर भी अप्लाई कर लिए , जब तक rsi 50 के ऊपर नहीं जायेगे तब तक हम इंतजार करेंगे और इसके साथ ही हमे supertrend का सिग्नल की अव्सय्कता होगी।

इसके लिया हम किसी green candle को super trend के ग्रीन लाइन के ऊपर क्लोज होने तक इंतज़ार करेंगे । लेकिन यहाँ ध्यान देना होगा की कोई छोटा green candle ही बने ताकि हमे प्रॉफिट जल्दी हो , ज्यादा बड़ा green candle पर ट्रेड लेने पर हमारा रिस्क बढ़ जायेगा और स्टॉपलॉस भी अपने चार्ट में ट्रेंड इंडिकेटर कैसे सेट करें बड़ा लगाना पड़ेगा

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नमस्ते दोस्तों। आज हम समझने वाले है की rsi indicator in hindi में क्या होता है। और इसका ट्रेडिंग में का महत्त्व है। क्या हम rsi इंडिकेटर का इस्तेमाल करके ट्रेडिंग में अच्छे खासे पैसे कमा सकते है। और आखिर rsi इंडिकेटर का इस्तेमाल करते कैसे है। इन सब के बारे में हम आज विस्तार में जानने वाले है।

rsi indicator एक leading indicator है। जो की स्टॉक के ट्रेंड चेंज होने के पहले ही सिग्नल दे देता है। की स्टॉक ऊपर जानेवाला है या फिर निचे। इसीलिए इसे लीडिंग इंडिकेटर भी बोलते है। अगर आपको leading indicators के बारे में नहीं पता तो आप हमारी पिछली पोस्ट पढ़ सकते है। उसमे हमने leading indicators के बारे में विस्तार में बताया है।

rsi indicator in hindi / rsi indicator kya hota hai

rsi का full फॉर्म होता है relative अपने चार्ट में ट्रेंड इंडिकेटर कैसे सेट करें strength index .यानि की ये इंडिकेटर स्टॉक की strength यानि की ताकद बताता है। की स्टॉक ऊपर जा सकता है की निचे। अगर interday trading में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला इंडिकेटर हे तो वो rsi indicator है।

rsi indicator स्टॉक्स के चार्ट में होने वाले मोमेंटम का ट्रेंड को दर्शाता है। और इसे oscillator भी कहा जाता है। क्युकी ये इंडिकेटर ० ते १०० के बिच में घूमता रहता है। और स्टॉक overbought हे या फिर oversold है। ये दर्शाने का काम rsi indicator करता है।

स्टॉक में उसके टाइम फ्रेम के हिसाब से मार्केट में strength हे या weakness है। ये rsi indicator दर्शाता है। उसेही rsi indicator कहा जाता है ,अभी हमने जाना की rsi indicator क्या होता है (rsi indicator in hindi).अभी हम जानेंगे की rsi indicator काम कैसे करता है।

rsi indicator कैसे काम करता है

rsi indicator ० ते १०० के बिच में ट्रेंड दिखने के कारन ये कभी ० के निचे और १०० के ऊपर नही जाता। इसके में तीन स्तर होते है। जैसे की ३०,५०,और ७० ये इसके महत्वपूर्ण स्तर है। इनका मतलब होता है की। अगर rsi अगर ५० से १०० के बिच है मतलब स्टॉक का मोमेंटम अभी पॉजिटिव यानि की बुलिश है। और अगर rsi का स्तर ० से लेकर ५० के बिच होता है तो इसका मतलब स्टॉक का मोमेंटम नेगेटिव यानि की बेयरिश है।

rsi indicaor १४ दिनों का average निकाल के आपको स्टॉक की strength बताता है। हलाकि हम उसका average चेंज भी कर सकते है। जाइए की हम 20 दिनों का भी average निकल सकते है। या आप अपने हिसाब से इसका average निकल सकते है। लेकिन डिफ़ॉल्ट १४ दिनों का average निकलने ये सही होता है। ये इंडिकेटर ज्यादातर technical analysis में इस्तेमाल किया जाता है।

अगर rsi ५० के ऊपर जा रहा है इसका मतलब शेयर में तेजी आने की संभवना होती है। या स्टॉक की प्राइज भी ऊपर जाने लगाती है। लेकिन अगर rsi ५०के निचे अपना ट्रेंड बना रहा होता है ,यानि की शेयर में बिकवाली होना शुरू हुआ है ,यानि स्टॉक निचे जाने की संभावना होती है।

RSI indicator के फायदे

ये एक मोमेंटम indicator होने के कारन ये आपको स्टॉक के चार्ट का मोमेंटम बताता है। और अगर मार्केटover bought (औसत से ज्यादा खरीद ) हे तो ये आपको outbought का सिग्नल पहले ही दे देता है। इससे आप पहल की स्टॉक का रिवर्सल पता करके के स्टॉक में short selling भी कर सकते है। अपने चार्ट में ट्रेंड इंडिकेटर कैसे सेट करें आपको अच्छ मुनाफा कमाने का मौका ये इंडिकेटर देता है।

और अगर मार्केट over sold यानि की औसत से ज्यादा बिकवाली स्टॉक में है तो ये इंडिकेटर आपको over sold का सिग्नल पहले ही दे देता है। और ऐसा मन जाता है की स्टॉक जब भी over bought होता है। या फिर over sold होता है। तो मार्केट में रिवर्सल जरूर आता है। तो इसी रिवर्सल को पहलेही पहनके आप इसमें अच्छा मुनाफा काम सकते है।

निष्कर्ष

rsi indicator एक ऐसा इंडिकेटर हे जो आपको मार्किट की ताकत बुलिश है या फिर बेयरिश है ये दर्शाता है। फिर उसके हिसाब से आप अपना ट्रेड ले सकते है। लेकिन इसे समझने के लिए आपको इसे candle stick chart पर लगाना जरुरी है। उससे ही आपको इसका अंदाजा हो जायेगा की ये काम कैसे करता है।

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