डीमैट खाते 10 करोड़ के पार | अगस्त 2022 में खुले सबसे ज्यादा डिमैट खाते?
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सी.डी.एस.एल. और एन.एस.डी.एल. द्वारा जारी आंकड़ों में यह बात निकलकर सामने आई है कि देश में पहली बार अगस्त 2022 में डीमैट खातों की संख्या 10 करोड़ के जादुई आंकड़े को पार कर गई है. इनके मुताबिक गत माह यानी अगस्त 2022 में 22 लाख डीमैट खाते खोले गए हैं जोकि पिछले 4 महीनों का सबसे अधिक आंकड़ा दर्शाता है.इन 22 लाख डिमैट खातों की संख्या में खुदरा/रीटेल यानि छोटे निवेशकों का योगदान सर्वाधिक है. डीमैट खातों की संख्या में इस अप्रत्याशित तेजी से सहज अंदाजा लगाया जा सकता है की देश में शेयर बाजार में पैसा लगाने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है.
डीमैट खाता क्या है
जब शेयर या सिक्योरिटी निवेशकों द्वारा खरीदे जाते हैं तो यह शेयर या सिक्योरिटी इलेक्ट्रॉनिक रूप से जिन खातों में रखे जाते हैं उन्हें डीमैट खाता कहा जाता है.स्टॉक एक्सचेंज जैसे कि निफ़्टी या सेंसेक्स या फिर कोई भी एक्सचेंज हो अगर आपको कोई स्टॉक खरीदना या बेचना है तो डीमैट खाता होना अत्यंत जरूरी है.डीमेट अकाउंट, डिमैटेरियलाइजेशन अकाउंट का संक्षिप्त नाम है.आजकल कई स्टॉक ब्रोकर आपको अपने म्युचुअल फंड्स को डीमैट कितने डीमैट खाते हो सकते हैं? फॉर्मेट में रखने की सुविधा भी प्रदान करते हैं.
डीमैट खातों की संख्या क्यों बढ़ रही है
डिमैट अकाउंट खोलने की प्रवृत्ति में इधर तेजी से इजाफा हुआ है जिसके प्रमुख कारण निम्नलिखित हो सकते हैं-
- जैसा कि कुछ दिनों पहले जेरोधा के फाउंडर नितिन कामत जी ने बताया था की आधार से डिमैट अकाउंट का खोला जाना ब्रोकिंग के क्षेत्र में क्रांतिकारी सिद्ध हुआ और इस प्रक्रिया के आने से लोगों ने डिमैट अकाउंट तेजी से खुलवाए.
- अब डिमैट खाते खुलवाने के लिए आपको किसी ऑफिस जाने की जरूरत नहीं पड़ती है यह घर बैठे 15 कितने डीमैट खाते हो सकते हैं? से 20 मिनट में आप अपने मोबाइल या लैपटॉप के द्वारा आसानी से ओपन कर सकते हैं.यह भी डिमैट खातों की संख्या बढ़ाने में सहायक सिद्ध हुआ.
- करोना कॉल में काफी लोगों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा था, ऐसे लोगों ने नए अवसरों की तलाश में स्टॉक मार्केट का रुख किया इस कारण भी डिमैट अकाउंट की संख्या में वृद्धि देखने को मिलती है.
- भारतीय स्टॉक मार्केट में डिस्काउंट ब्रोकरों के आ जाने से प्रतियोगिता बहुत बढ़ गई है, दिन प्रतिदिन यह नए डिस्काउंट ब्रोकर नई तकनीकों के साथ और नए ऑफर्स के साथ आते रहते हैं , डिमैट अकाउंट की संख्या बढ़ने के पीछे यह भी एक प्रमुख कारण है.
- बचत के माध्यमों जैसे कि एफ़.डी.; पी.पी.एफ. इत्यादि पर ब्याज की दर निरंतर कम होती जा रही है और महंगाई दर नित नई ऊंचाइयां छू रही है इस परिस्थिति में लोगों को ज्यादा रिटर्न पाने के लिए एक बेहतर माध्यम की तलाश थी और यह खोज डिमैट अकाउंट पर जाकर रूकती है जहां पर निवेशक ज्यादा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं.बचतों/सेविंग्स पर कम ब्याज दर भी डिमैट खातों की संख्या बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है.
सी.डी.एस.एल. के पास में कितने डीमैट खाते हैं
सार्वजनिक आंकड़ों के अनुसार सी.डी.एस.एल. जोकि भारत की दो डिपॉजिटरीज में से एक है,के पास 7.कितने डीमैट खाते हो सकते हैं? 16 करोड़ डीमैट खाते हैं.
एन.एस.डी.एल. के पास में कितने डीमैट खाते हैं
एन.एस.डी.एल. जोकि भारत की दूसरी डिपॉजिटरीज है,के पास 7.16 करोड़ डीमैट खाते हैं.
डीमैट खातों की संख्या बढ़ना क्या संकेत करता है
भारतीय बाजार में डीमैट खातों की बढ़ती संख्या हर्ष का विषय है क्योंकि इनमें से अधिकतर डीमैट खाते खुदरा निवेशकों यानी रिटेल निवेशकों की बाजार/स्टॉक मार्केट में भागीदारी बढ़ने का संकेत है. खुदरा निवेशकों के बढ़ने से फायदा यह होगा की हमारी निर्भरता विदेशी निवेशकों पर घटेगी और ऐसा होने से बाजार में तेज उतार-चढ़ाव देखने को कम मिलेगा.
निष्कर्ष
बढ़ती तकनीकी और तकनीकी के विस्तार के कारण स्टॉक मार्केट में लोगों द्वारा भारत के कोने-कोने से निवेश किया जा रहा हैं, और यह संख्या क्रमबद्ध तरीके से लगातार बढ़ती ही जा रही है. आने वाले समय में जब बिजली के साथ-साथ नेटवर्क का विस्तार भी दूर तलक हो जाएगा तब डिमैट अकाउंट की यह संख्या और तेजी से बढ़ेगी.
आज की तारीख लोगों में निवेश को लेकर सोचने का नजरिया और जागरूकता मल्टीमीडिया के उपयोग के कारण लगातार बढ़ता जा रही है, अभी तक हमारे देश में जनसंख्या के प्रतिशत के हिसाब से स्टॉक मार्केट में निवेश करने वालों की संख्या काफी कम कहीं जा सकती है,इस संख्या के भविष्य में बढ़ने की अपार संभावनाएं प्रतीत होती हैं,और जब ऐसा होगा तो यह भारत के निर्माण एवं भविष्य के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा.
Demat Account: जानें कितनी तरह के होते हैं डीमैट अकाउंट, शेयर बाजार में करनी है एंट्री तो खुलवाना होगा खाता
Demat Account Opening: भारतीय शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं तो सबसे पहले डीमैट खाता खुलवाना होगा. लिहाजा यहां पर आपको डीमैट खातों के टाइप के बारे में जानकारी दी जा रही है.
By: ABP Live | Updated at : 01 Dec 2021 12:03 PM (IST)
Edited By: Meenakshi
डीमैट खाते के प्रकार
Demat Account: घरेलू शेयर बाजार में इस साल काफी अच्छी तेजी दर्ज की गई है, हाल फिलहाल की बात करें तो शेयर बाजार में बीते हफ्ते भारी गिरावट आई लेकिन आज स्टॉक मार्केट में जोरदार बढ़त देखी जा रही है. साल 2021 की तेजी ने ऐसे निवेशकों का ध्यान भी शेयर बाजार की तरफ खींचा है जो शेयर बाजार में इंवेस्टमेंट करने से ये कहकर बचते हैं कि 'शेयर बाजार में पैसा लगाना अपने बस की बात नहीं'. इसीलिए हम आपको ये बता रहे हैं कि स्टॉक मार्केट में पैसा लगाना इतना भी मुश्किल नहीं है और थोड़ी रिसर्च और एक्सपर्ट्स की राय लेकर आप इसमें निवेश के लिए एंट्री कर सकते हैं. शेयर बाजार में पैसा लगाने के लिए आपको डीमैट खाते की जरूरत पड़ेगी. यहां हम आपको डीमैट खाते के बारे में अहम जानकारी दे रहे हैं
डीमैट खातों को देखे तो ये 3 तरह के होते हैं और इन्हें इंवेस्टर्स की प्रोफाइल के हिसाब से तैयार किया जाता हैं. डीमैट खातों का मैनेजमेंट आपकी ब्रोकिंग फर्म ही करेगी. इन तीन तरह के डीमैट खातों का नाम जानें-
रेगुलर डीमैट खाता
रिपाट्राइबल डीमैट अकाउंट
नॉन-रिपाट्राइबल डीमैट अकाउंट
रेगुलर डीमैट खाता
अगर आप स्टॉक मार्केट में नई एंट्री करते हैं तो आपका रेगुलर डीमैट खाता बनाया जाता है जिसमें कोई भी इंडियन इंवेस्टर या ट्रेडर देश में ही रहकर शेयरों की खरीद-फरोख्त कर सकता है. आप ये रजिस्टर्ड ब्रोकर या ब्रोकिंग फर्म के पास खुलवा सकते हैं और किसी भी डिपॉजिट्री (NSDL/CDSL) में खुलवा सकते हैं.
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रिपाट्राइबल डीमैट अकाउंट
एनआरआई (NRI) के लिए रिपाट्राइबल डीमैट अकाउंट (Repatriable Demat account) होता है. इसके जरिए वो इंडियन स्टॉक मार्केट में निवेश कर सकते हैं और पैसा भी विदेश ट्रांसफर कर सकते हैं. हालांकि फंड ट्रांसफर करने के लिए उनके पास NRE अकाउंट होना चाहिए. इस अकाउंट में ज्वॉइंट होल्डर के साथ भी फंड ट्रांसफर कर सकते हैं, बशर्ते वो ज्वाइंट होल्डर भारतीय सिटीजन हो. रिपाट्राइबल डीमैट खाता खुलवाने के प्रोसेस में एनआरआई को पासपोर्ट साइज फोटो, पासपोर्ट की कॉपी, अपना PAN कार्ड, विदेश में जहां रह रहे हैं वहां का एड्रेस और वीजा के डॉक्यूमेंट लगेंगे. इसके अलावा FEMA डिक्लियरेशन और एनआरई या एनआरओ खाते का कैंसिल्ड चेक भी देना पड़ेगा.
नॉन-रिपाट्राइबल डीमैट अकाउंट
ये नॉन-रिपाट्राइबल डीमैट अकाउंट (Non-Repatriable Demat account) भी नॉन रेजीडेंट इंडियंस यानी एनआरआई के लिए होता है लेकिन इस अकाउंट के जरिए आप विदेश में पैसा ट्रांसफर नहीं कर सकते हैं. जिनकी इनकम भारत और विदेश दोनों में होती है ये अकाउंट उनके लिए होता है.
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Published at : 01 Dec 2021 12:03 PM (IST) Tags: Stock Market demat account Regular Demat Account Non-Repatriable Demat account Repatriable Demat account हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
कितने तरह के होते हैं डीमैट अकाउंट और कैसे खुलवाएं डीमैट खाता ? जानिए पूरी जानकारी
देश में मौजूदा वक्त में 10 करोड़ से ज्यादा डीमैट अकाउंट होल्डर हैं. अगर आप भी कितने डीमैट खाते हो सकते हैं? डीमैट कितने डीमैट खाते हो सकते हैं? अकाउंट खोलना चाहते हैं और इसको लेकर आपके मन में सवाल है तो हम आपके सारे सवालों का जवाब आज देने जा रहे हैं. जैसे कि डीमैट अकाउंट क्या होता है, ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है. दोनों अलग कैसे हैं और कितने प्रकार का डीमैट अकाउंट होता है.
what is a demat account, what is a trading account. How are both different and how many types of demat account are there.
डीमैट अकाउंट क्या है ?
डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट की तरह है, जिसमें आप शेयर सर्टिफिकेट और अन्य सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में रख सकते हैं। डीमैट अकाउंट का मतलब डिमैटेरियलाइजेशन अकाउंट होता है। इसमें शेयर, बॉन्ड्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज , म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस और ईटीएफ जैसे इन्वेस्टमेंट को रखने की प्रक्रिया आसान हो जाती है। इस अकाउंट के माध्यम से शेयरों और संबंधित डॉक्युमेंट्स के रखरखाव की परेशानियों दूर हो जाती हैं।
डीमैट अकाउंट का अर्थ हम एक उदाहरण के माध्यम से समझ सकते हैं। मान लीजिए आप कंपनी X का शेयर खरीदना चाहते है, शेयर खरीदने के साथ का वह आपके नाम पर ट्रांसफर भी होंगे। पहले आपको अपने नाम के साथ शेयर सर्टिफिकेट भी मिलते थे। जिसमें पेपर वर्क की कार्रवाई भी शामिल है। जितनी बार कोई शेयर खरीदा या बेचा जाता था तो उतनी बार सर्टिफिकेट बनाने पड़ते थे। इस कागजी कार्रवाई की प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाने के लिए भारत ने एनएसई कितने डीमैट खाते हो सकते हैं? पर व्यापार के लिए 1996 में डीमैट अकाउंट प्रणाली की शुरुआत की।
आज के समय में कोई पेपर वर्क नहीं होती है और न ही कोई भैतिक प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। इसलिए जब आप कंपनी X के शेयर खरीदते हैं, तो आपको जो भी मिलता है, वह आपके डीमैट अकाउंट में इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में एंटर हो जाता है। डीमैट एकाउंट को ऐसे ही आसान शब्दों में आप समझ गए होंगे।
यदि आप आज शेयर बाजार (एनएसई और बीएसई) या किसी अन्य सिक्योरिटीज में इन्वेस्ट करना चाहते हैं, तो डीमैट अकाउंट अनिवार्य है. आपके द्वारा किए जाने वाले ट्रेड और लेनदेन के इलेक्ट्रॉनिक सेटेलमेंट के लिए डीमैट अकाउंट नंबर अनिवार्य है.
डीमैट अकाउंट कैसे प्राप्त करें?
जब आप डीमैट अकाउंट के बारे में जान गए हैं, तो आइए जानते है डीमैट अकाउंट कैसे खोला जा सकता है। आप डीमैट अकाउंट नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL ) या सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CSDL) के साथ खोल सकते हैं। ये डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (DP) एजेंट कितने डीमैट खाते हो सकते हैं? नियुक्त करती हैं, जो स्वंय और इन्वेस्टर्स के बीच मध्यस्थ के रूप में काम करती है। उदाहरण के रूप में एचडीएफसी बैंक एक डीपी है, जिसके साथ आप डीमैट अकाउंट खोल सकते कितने डीमैट खाते हो सकते हैं? हैं। स्टॉकब्रोकर और फाइनेंसियल इंस्टीटूशन भी डीपी है। आप उनके साथ भी डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं।
जिस तरह से एक बैंक अकाउंट में पैसा होता है, उसी तरह से एक डीमैट अकाउंट आपके इन्वेस्टमेंट को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में रखता है, जो लैपटॉप या स्मार्ट डिवाइस और इंटरनेट के साथ आसानी से एक्सेस हो सकता है। जिसको एक्सेस करने के लिए आपके पास एक यूनिक लॉगिन आईडी और पासवर्ड होना चाहिए। हालांकि, बैंक अकाउंट के विपरीत, आपके डीमैट अकाउंट में किसी भी प्रकार का 'न्यूनतम बैलेंस' होना आवश्यक नहीं है।
आप किसी भी डिपॉजिटर्स की वेबसाइट पर जाकर उनकी डीपी की सूची प्राप्त कर सकते है। जिसके साथ आप डीमैट एकाउंट खोलना चाहते है। डीपी का चुनाव उनके वार्षिक शुल्क पर निर्भर होना चाहिए।
यह ध्यान देना चाहिए कि आप एक से अधिक डीमैट एकाउंट को एक डीपी के साथ न जोड़े। क्योंकि एक पैन कार्ड को कई डीमैट अकाउंट के साथ जोड़ा जा सकता है।
डीमैट अकाउंट का विवरण
आपका डीमैट अकाउंट खुलने के बाद सुनिश्चित करें, कि आपको अपने डीपी से निम्न विवरण प्राप्त किया :
डीमैट अकाउंट नंबर : सीडीएलएस के तहत यह बेनिफिशियरी आईडी' के रूप में जाना जाता है। यह मुख्यत 16 कैरेक्टर का मिश्रण है।
डीपी आईडी : यह आईडी डिपॉजिटर प्रतिभागी को दी जाती है। जो आपके डीमैट अकाउंट नंबर का हिस्सा है।
पीओए नंबर : यह पावर ऑफ अटॉर्नी एग्रीमेंट का हिस्सा है, जहां एक इन्वेस्टर दिए गए निर्देशों के अनुसार स्टॉक ब्रोकर को अपने अकाउंट को संचालित करने की अनुमति देता है।
ऑनलाइन एक्सेस के लिए आपको अपने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट्स पर एक यूनिक लॉगिन आईडी और पासवर्ड भी मिलेगा।
डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट
डीमैट अकाउंट एक ट्रेडिंग अकाउंट के साथ होता है. जो शेयर बाजार में शेयर खरीदने औऱ बेचने के लिए जरूरी है. उदाहरण के रूप में एचडीएफसी बैक का एक डीमैट अकाउंट 3 इन 1 होता है, जिसमें सेविंग, डीमैट और ट्रेडिंग तीनों को जोड़ा जाता है.
लोग कभी-कभी डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच कंफ्यूज होते हैं कि वे एक जैसे नहीं हैं। एक डीमैट एकाउंट में आपके नाम के शेयरों और अन्य सिक्योरिटीज का विवरण होता है। शेयर खरीदने और बेचने के लिए, आपको एक ट्रेडिंग एकाउंट खोलना होगा। कई बैंक और ब्रोकर ऑनलाइन ट्रेडिंग सुविधाओं के साथ ट्रेडिंग एकाउंट की पेशकश करते हैं, जिससे आम इन्वेस्टर्स के लिए शेयर मार्केट में भाग लेना आसान हो जाता है।
डीमैट अकाउंट के प्रकार
अब हम डीमैट अकाउंट कितने डीमैट खाते हो सकते हैं? की परिभाषा समझ गए हैं। तो आइए डीमैट अकाउंट के प्रकारों को देखें। यह मुख्य रूप से तीन प्रकार हैं:
रेगुलर डीमैट अकाउंट: यह उन भारतीय नागरिकों के लिए है जो, देश में रहते हैं।
रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट: इस तरह का डीमैट अकाउंट प्रवासी भारतीयों (NRI) के लिए है, जो विदेशों में फंड ट्रांसफर करने सक्षम बनाता है। हालांकि, इस तरह के डीमैट अकाउंट को एनआरई बैंक अकाउंट से लिंक करने की जरूरत है।
नॉन-रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट: यह भी एनआरआई के लिए है, लेकिन इस प्रकार के डीमैट अकाउंट के साथ, विदेशों में फंड ट्रांसफर करना संभव नहीं है। साथ ही इसे एनआरओ बैंक अकाउंट से भी लिंक कराना होगा।
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* इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य है और यह केवल सूचना के प्रयोजनों के लिए है। यह आपकी अपनी परिस्थितियों में विशिष्ट सलाह का विकल्प नहीं है।
डीमैट अकाउंट - अर्थ, प्रकार, लाभ, डीमैट खाता ऑनलाइन कैसे खोलें
डीमैट खाता एक ऐसा खाता है जो निवेशकों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में शेयरों या प्रतिभूतियों को रखने की अनुमति देता है। खरीदे गए शेयरों को डीमैट खाते में जमा किया जाता है और इसी तरह बिक्री के समय, प्रतिभूतियों को खाते से डेबिट किया जाता है। इस खाते का उपयोग शेयरों, ईटीएफ, म्यूचुअल फंड, बॉन्ड, सरकारी बॉन्ड, आदि जैसे निवेश का एक विस्तृत विकल्प रखने के लिए किया जाता है।
इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडों का न्यायिक उपयोग करने के लिए 1996 में शेयरों के डीमैटरियलाइजेशन की प्रक्रिया शुरू की गई थी। डीमैटरियलाइज्ड या डीमैट खाता इलेक्ट्रॉनिक मोड में शेयरों को रखने में मदद करता है और लोगों को सुरक्षित तरीके से बिक्री के मामले में शेयरों को खरीदने और आय एकत्र करने में मदद करता है।
डीमैट खाते के प्रकार:
डीमैट खाते की तीन अलग-अलग श्रेणियां हैं जो नीचे उल्लिखित हैं:
1. नियमित डीमैट खाता
नियमित डीमैट खाता एक प्रकार का डीमैट खाता है जो उन निवेशकों या व्यापारियों के लिए उपयुक्त है जो भारतीय निवासी हैं।
2. प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता
प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता एक प्रकार का डीमैट खाता है जो उन निवेशकों या व्यापारियों के लिए उपयुक्त है जो अनिवासी भारतीय (NRI) हैं। इस प्रकार का डीमैट खाता विदेशों में पूंजी स्थानांतरित करने की अनुमति देता है। हालांकि, गैर-निवासी एक्सटर्नल (NRE) बैक खाते की आवश्यकता है।
3. गैर-प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता
गैर-प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता एक प्रकार का डीमैट खाता है जो फिर से अनिवासी भारतीयों (NRI) के लिए उपयुक्त है, लेकिन विदेशों में धन का हस्तांतरण नहीं हो सकता है। इस प्रकार के डीमैट खाते के साथ संबद्ध होने के लिए एक अनिवासी आयुध (NRO) बैंक खाते की आवश्यकता होती है।
डीमैट खाते के लाभ:
डीमैट खाते के कई लाभ हैं जो नीचे उल्लिखित हैं:
1. सुगमता
डीमैट खाते नेट बैंकिंग के माध्यम से निवेश और लेनदेन के स्टेटमेंट की आसान पहुंच प्रदान करते हैं। डीमैट खाते के माध्यम से लेनदेन और निवेश का विवरण आसानी से ट्रैक किया जा सकता है।
2. प्रतिभूतियों का सरल डिमटेरियलाइजेशन
डिपॉजिटरी प्रतिभागी (DP) के अनुरोध पर, भौतिक रूप में प्रमाणपत्र आसानी से इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित किए जा सकते हैं, और इसका विपरीत भी संभव है।
3. कम जोखिम
भौतिक रूप में प्रतिभूतियों को रखने से चोरी या नुकसान का जोखिम होता है। लेकिन इन जोखिमों को पूरी तरह से डीमैट खाते के माध्यम से खारिज कर दिया जाता है जो निवेशक को इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रतिभूतियों को संग्रहीत करने देता है।
4. शेयरों के हस्तांतरण में आसानी
ट्रेडों पर शेयरों का हस्तांतरण भी डीमैट खाते के माध्यम से एक बहुत ही सरल प्रक्रिया बन गई है क्योंकि भौतिक प्रतिभूतियों जैसे स्टैंप ड्यूटी और अन्य शुल्कों में किए गए कुछ खर्चों को समाप्त कर दिया गया है। निवेशक के खाते में स्थानांतरण के लिए ली गई कुल लागत और समय भी कम हो गया है।
5. शेयरों का नकदीकरण
डीमैट खातों के माध्यम से शेयरों का नकदीकरण या बिक्री एक बहुत ही सरल और त्वरित प्रक्रिया बन गई है।
6. प्रतिभूतियों के आदान-प्रदान में ऋण
डीमैट खाता धारक खाते में रखी प्रतिभूतियों के बदले आसानी से ऋण प्राप्त कर सकता है। दूसरे शब्दों में, डीमैट खाते में प्रतिभूतियों का उपयोग ऋण प्राप्त करने के लिए संपार्श्विक के रूप में किया जा सकता है।
7. वैश्वीकरण का पहलू
डीमैट खाते वैश्विक निवेशकों को भारतीय शेयर बाजारों तक सरल पहुंच प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। और इसलिए, देश में विदेशी निवेश प्राप्त करने में मदद करता है।
ऑनलाइन डीमैट खाता कैसे खोलें?
डीमैट खाता खोलना, एक बहुत ही सरल और परेशानी रहित प्रक्रिया है। खाता खोलने के चरण नीचे दिए गए हैं:
1. डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) सेलेक्ट करें।
2. आवश्यक विवरण के साथ खाता खोलने का फॉर्म भरें और इसके साथ आवश्यक दस्तावेज जमा करें। डीमैट खाता खोलने के लिए पैन कार्ड अनिवार्य है।
3. फॉर्म जमा करने के बाद, नियमों और विनियमों की प्रतिलिपि, समझौते की शर्तें, शुल्क जमाकर्ता प्रतिभागी द्वारा प्रदान किए जाएंगे।
4. इन-पर्सन सत्यापन भी अनिवार्य है और इसलिए, डीपी अधिकारी कर्मचारियों के एक सदस्य को खाता खोलने के रूप में प्रदान किए गए विवरण को सत्यापित करने के लिए व्यक्ति से संपर्क करना होगा।
5. सत्यापन के बाद, डीपी स्टाफ का सदस्य एक खाता संख्या या ग्राहक आईडी देगा। इन विवरणों को ऑनलाइन भी चेक किया जा सकता है।
6. डिमैट खाते के लिए एक वार्षिक रखरखाव शुल्क भी लिया जाता है जो खाता लेनदेन शुल्क को कवर करता है। ये शुल्क डीपी द्वारा निर्धारित संरचना के अनुसार लागू होते हैं।
डीमैट खाता - अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. डीमैट खाते कितने प्रकार के होते हैं?
डीमैट खाते तीन प्रकार के होते हैं: नियमित कितने डीमैट खाते हो सकते हैं? डीमैट खाता, प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता और गैर-प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता।
2. क्या डीमैट खाते के माध्यम से ऋण लिया जा सकता है?
डीमैट खाताधारक अपने खाते में रखी प्रतिभूतियों के माध्यम से आसानी से ऋण प्राप्त कर सकते हैं।
3. डीमैट खाते में प्रतिभूतियों का न्यूनतम बैलेंस क्या है?
डीमैट खाते में आवश्यक प्रतिभूतियों की कोई न्यूनतम शेष राशि नहीं है।
4. DP क्या है?
DP का अर्थ है डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स जो NSDL और CDSL जैसी डिपॉजिटरी के बीच मध्यस्थ का काम करते हैं। एक बैंक के समान, व्यापारी अपने डीमैट खाते को DP के साथ अन्य सुविधाओं के साथ खोल सकते हैं जो उन्हें निवेश या व्यापार करने की सुविधा प्रदान करते हैं।
5. क्या पार्ट डीमैटरियलाइजेशन की अनुमति है?
हां, निवेशक अपनी होल्डिंग को पूरी तरह या आंशिक रूप से डीमैटरियलाइज कर सकते हैं।
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