विवाहित महिला 500 ग्राम सोना रख सकती: इसके मुताबिक, एक विवाहित महिला अपने पास 500 ग्राम सोना आसानी से रख सकती है, जबकि अविवाहित महिला के पास 250 ग्राम तक सोना होने पर कोई परेशानी नहीं है। इसके अलावा विवाहित पुरुष के पास 100 ग्राम सोना रह सकता है। ऐसे में किसी के पास अगर इस सीमा तक सोना है तो उन्हें कोई इनकम प्रूफ देने की जरूरत नहीं है। इससे ज्यादा होने पर इनकम सोर्स मांगा जा सकता है।
भारत बॉन्ड ईटीएफ में पैसा लगाने का आज आखिरी दिन, निवेश करने में है फायदा?
नई दिल्ली. सरकार के भारत बॉन्ड ईटीएफ के न्यू फंड ऑफर (एनएफओ) की चौथी किस्त में निवेश आज यानी 8 दिसंबर, 2022 को बंद हो जाएगा. अगर आप इसमें निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं तो पहले इसे अच्छे से समझ लें और यह जान लें कि इसमें निवेश के क्या फायदे हैं. इस बॉन्ड ईटीएफ के इंडेक्स को एएए-रेटिंग प्राप्त है जो दिखाता है कि क्या काफी स्थिर निवेश विकल्प है.
बात अगर रिटर्न की करें तो ऐसी सिक्योरिटीज में आमतौर पर 7.5 प्रतिशत तक का मुनाफा मिल जाता है. इसकी मैच्योरिटी डेट 18 अप्रैल 2033 है और मोडिफाइड ड्यूरेशन 6.66 साल है. इस पर आपको 6.9 फीसदी यील्ड मिलने का अनुमान है.
लिक्विडिटी
आप एक्सचेंज पर किसी भी समय इसे खरीद-बेच सकते हैं. आप विशेष बास्केट साइज में इसे एएमसी के माध्यम से खरीद-बेच सकते हैं. इसलिए लिक्विडिटी के मामले में यहां कोई परेशानी नहीं नजर आती है.
Gold limit in India : अब घर में रख सकते हैं इतना सोना, जान लें वरना खड़ी हो जाएगी मुश्किल
HR Breaking News (डिजिटल डेस्क)। भारत में सोना खरीदना शुभ माना जाता है। एक सुरक्षित निवेश ऑप्शन के रूप में सोने को सिक्के, बार, गहने या कागज के रूप में या गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (गोल्ड ईटीएफ), भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) और गोल्ड म्यूचुअल फंड (गोल्ड एमएफ) के माध्यम से खरीदकर रख सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में कोई भी व्यक्ति अधिकतम कितना सोना रख सकता है? घर में कितनी लिमिट तक सोना रखा जा सकता है?
भारत में साल 1968 में गोल्ड कंट्रोल एक्ट की स्थापना हुई। इस कानून के चलते नागरिकों के एक निश्चित मात्रा से ज्यादा सोना रखने पर रोक लगा दी गयी है। हालांकि इस एक्ट को 1990 में खत्म कर दिया गया। वर्तमान में भारत में सोने की मात्रा पर कोई प्रतिबंध नहीं है लेकिन रखने वाले के पास उसके वैलिड सोर्स और सोने से जुड़े दस्तावेज होना जरूरी है। किसी इनकम टैक्स रेड के दौरान संपत्ति जब्त करते समय आयकर अधिकारियों के लिए दिशा-निर्देश बनाए क्या शॉर्ट टर्म बॉन्ड हैं? गए हैं। इन निर्देशों के अनुसार व्यक्ति के लिंग और वैवाहिक स्थिति के आधार पर एक निश्चित सीमा तक गहने या आभूषण जब्त नहीं किए जा सकते हैं।
Mutual funds: वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी निवेश का बेहतर साधन है म्यूचुअल फंड, पढ़ें काम की खबर
म्यूचुअल फंड को लेकर आमतौर पर धारणा है कि यह वरिष्ठ नागरिकों के लिए जोखिम भरा होता है। इसकी बड़ी वजह वरिष्ठ नागरिकों की बढ़ती उम्र है। लेकिन, वर्तमान में ऐसे नागरिकों के लिए निवेश के कई विकल्प मौजूद हैं। इन्हीं में एक क्या शॉर्ट टर्म बॉन्ड हैं? है म्यूचुअल फंड। मौजूदा समय में ऐसे कई म्यूचुअल फंड हैं, जिन्हें खासतौर पर ऐसे नागरिकों की जरूरतों और कम जोखिम को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।
रिटर्न के लिहाज से भी यह वरिष्ठ नागरिकों के लिए निवेश का अच्छा विकल्प है। म्यूचुअल फंड के जरिये फंड मैनेजर निवेशकों की कमाई को उन योजनाओं में लगाते हैं, जहां बेहतर रिटर्न मिलता है। इससे निवेश में विविधता भी आती है। इसकी रकम को शेयर, बॉन्ड और ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) आदि में लगाया जाता है। इसलिए इसके प्रदर्शन यानी रिटर्न पर बाजार के उतार-चढ़ाव का असर रहता है।
विस्तार
म्यूचुअल फंड को लेकर क्या शॉर्ट टर्म बॉन्ड हैं? आमतौर पर धारणा है कि यह वरिष्ठ नागरिकों के लिए जोखिम भरा होता है। इसकी बड़ी वजह वरिष्ठ नागरिकों की बढ़ती उम्र है। लेकिन, वर्तमान में ऐसे नागरिकों के लिए निवेश के कई विकल्प मौजूद हैं। इन्हीं में क्या शॉर्ट टर्म बॉन्ड हैं? एक है म्यूचुअल फंड। मौजूदा समय में ऐसे कई म्यूचुअल फंड हैं, जिन्हें खासतौर पर ऐसे नागरिकों की जरूरतों और कम जोखिम को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।
रिटर्न के लिहाज से भी यह वरिष्ठ नागरिकों के लिए निवेश का अच्छा विकल्प है। म्यूचुअल फंड के जरिये फंड मैनेजर निवेशकों की कमाई को उन योजनाओं में लगाते हैं, जहां बेहतर रिटर्न मिलता है। इससे निवेश में विविधता भी आती है। इसकी रकम को शेयर, बॉन्ड और ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) आदि में लगाया जाता है। इसलिए इसके प्रदर्शन यानी रिटर्न पर बाजार के उतार-चढ़ाव का असर रहता है।
महंगाई के असर से बचाने में मददगार
निवेश विशेषज्ञों का मानना है कि म्यूचुअल फंड वरिष्ठ नागरिकों की ओर से किए जाने वाले निवेश को महंगाई के असर से भी बचाता है।
कभी भी खरीद सकते हैं सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, वह भी डिस्काउंट पर
सोने में निवेश की बात होते ही पहले ध्यान सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) पर जाता है। जानकार भी सोने में निवेश के लिहाज से पहली प्राथमिकता सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को देते हैं। लेकिन ये बॉन्ड सब्सक्रिप्शन के लिए हमेशा उपलब्ध नहीं होते। मौजूदा वित्त वर्ष यानी 2022-23 के लिए पहली सीरीज की बिक्री 24 जून को खत्म हो गई जबकि निवेशकों को 28 जून को बॉन्ड जारी भी कर दिए गए। फिलहाल एसजीबी सब्सक्रिप्शन के लिए उपलब्ध नहीं है। आरबीआई के अनुसार इस वित्त वर्ष के लिए दूसरी सीरीज 22 से 26 अगस्त के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए उपलब्ध होगी और बॉन्ड 30 अगस्त को जारी किए जाएंगे।
लेकिन कई ऐसे निवेशक हैं जिन्हें यह लग रहा है कि शायद आने वाले दिनों में कीमतों में तेजी न आ जाए। हालांकि ज्यादातर जानकार यह मान रहे हैं कि कीमतें शॉर्ट टर्म यानी दो तीन महीने तक सीमित दायरे में रह सकती है। एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज की असिस्टेंट वाइस-प्रेसिडेंट (रिसर्च कमोडिटी) वंदना भारती के मुताबिक शॉर्ट टर्म में सोने में थोड़ी तेजी आ सकती है। लेकिन ऐसे क्या शॉर्ट टर्म बॉन्ड हैं? निवेशकों को भी परेशान होने की जरूरत नहीं है। उन्हें दूसरी सीरीज तक इंतजार करने की जरूरत नहीं है। वे सेकेंडरी मार्केट यानी स्टॉक एक्सचेंज पर जाकर एसजीबी खरीद सकते हैं। डीमैट फॉर्म में बॉन्ड को लेने वाले कभी भी इसे स्टॉक एक्सचेंज पर बेच सकते हैं। इस वजह से ये बॉन्ड ट्रेडेबल हैं यानी ट्रेड के लिए सेकेंडरी मार्केट में उपलब्ध हैं।
Gold limit in India : अब घर में रख सकते हैं इतना सोना, जान लें वरना खड़ी हो जाएगी मुश्किल
HR Breaking News (डिजिटल डेस्क)। भारत में सोना खरीदना शुभ माना जाता है। एक सुरक्षित निवेश ऑप्शन के रूप में सोने को सिक्के, बार, गहने या कागज के रूप में या गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (गोल्ड ईटीएफ), भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) और गोल्ड म्यूचुअल फंड (गोल्ड एमएफ) के माध्यम से खरीदकर रख सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में कोई भी व्यक्ति अधिकतम कितना सोना रख सकता है? घर में कितनी लिमिट तक सोना रखा जा सकता है?
भारत में साल 1968 में गोल्ड कंट्रोल एक्ट की स्थापना हुई। इस कानून के चलते नागरिकों के एक निश्चित मात्रा से ज्यादा सोना रखने पर रोक लगा दी गयी है। हालांकि इस एक्ट को 1990 में खत्म कर दिया गया। वर्तमान में भारत में सोने की मात्रा पर कोई प्रतिबंध नहीं है लेकिन रखने वाले के पास उसके वैलिड सोर्स क्या शॉर्ट टर्म बॉन्ड हैं? और सोने से जुड़े दस्तावेज होना जरूरी है। किसी इनकम टैक्स रेड के दौरान संपत्ति जब्त करते समय आयकर अधिकारियों के लिए दिशा-निर्देश बनाए गए हैं। इन निर्देशों के अनुसार व्यक्ति के लिंग और वैवाहिक स्थिति के आधार पर एक निश्चित सीमा तक गहने या आभूषण जब्त नहीं किए जा सकते हैं।
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