बड़ौदा ई-ट्रेड 3 इन 1 खाता
बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ बाधारहित और सुरक्षित ट्रेडिंग अनुभव के लिए सिंक्रोनाइज्ड बैंक, डीमैट एवं ट्रेडिंग खाता खोले. डिजीटल खाता खोलने की प्रक्रिया 100% पेपर रहित. प्रतिस्पर्द्धी ब्रोकरेज दरें, ट्रेडिंग खाते के लिए कोई वार्षिक अनुरक्षण शुल्क (एएमसी) नहीं, पहले वर्ष डीमैट खाते हेतु एएमसी में छूट.
प्रमाणित और अनुभवी रिलेशनशिप मैनेजर विशेष तौर पर डिलीवरी ट्रेडिंग शुल्क क्या है? आपके लिए बनाई गई विशेषीकृत ट्रेडिंग और निवेश नीति बनाने में सहायता करेंगे.
बड़ौदा ई-ट्रेड 3 इन 1 खाता : विशेषताएं
बड़ौदा ई-ट्रेड 3 इन 1 खाता : ट्रेड का माध्यम
बड़ौदा ई-ट्रेड मोबाइल एप्लिकेशन
ऐप स्टोर और गूगल प्लेस्टोर में 4+ रेटिंग
बड़ौदा ई-ट्रेड वेबसाइट
आसान और स्मार्ट ट्रेडिंग हेतु
बड़ौदा ई-ट्रेड – प्रो डेस्कटॉप ट्रेडिंग ऐप्लीकेशन
प्रोफेशनल ट्रेडर्स हेतु त्वरित प्लेटफॉर्म
बड़ौदा ई-ट्रेड 3 इन 1 खाता : डिस्क्लेमर
प्रतिभूति बाजार में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है, निवेश से पहले सभी संबंधित दस्तावेजों को ध्यानपूर्वक पढ़ें.
बॉब कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड, बैंक ऑफ़ बड़ौदा की पूर्ण स्वामित्त्व वाली अनुषंगी
सदस्य: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया एवं बीएसई लिमिटेड.
एनएसई सदस्य कोड:13045 / बीएसई क्लीयरिंग संख्या : 3258
पंजीकृत कार्यालय:
बॉब कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड,
1704, बी विंग, 17 वां तल, पारिनी क्रीसेंजो,
जी ब्लॉक, बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स, बांद्रा (पूर्व),
मुंबई – 400051. टेली: 022-6138 9300
Tel: 022-6138 9300
सेबी सिंगल रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र - INZ000159332 दिनांक 20 नवंबर 2017.
सेबी (रिसर्च एनालिस्ट्स) विनियमन, 2014, पंजीकरण सं.: INH000000040 03 फरवरी 2020 तक वैध
भौतिक पावर ऑफ़ अटर्नी के प्रस्तुतीकरण डिलीवरी ट्रेडिंग शुल्क क्या है? पर खाता खोलने की प्रक्रिया पूरी होगी. प्रमाणीकरण के लिए ओटीपी आधारित आधार ई-साइन के उपयोग पर प्रतिबंध होने के कारण, ऑनलाइन आवेदन पत्र के सभी पृष्ठों को मुद्रित कराना होगा और ग्राहक को इस पर भौतिक रूप से हस्ताक्षर करके बॉब कैप्स में जमा करना होगा. बैंक ऑफ़ बड़ौदा डीमैट खाते हेतु प्रत्यक्ष सत्यापन (आईपीवी) ट्रेडिंग खाते के लिए भी मान्य होगा. प्रथम वर्ष डीमैट खाते पर कोई वार्षिक रखरखाव प्रभार नहीं लिए जाएंगे.
बाजार अवधि सोमवार से शुक्रवार प्रातः 9:15 बजे से अपराह्न 3:30 बजे तक है.
बाजार अवधि के पश्चात (एएमओ) अगले दिन रात्रि 8 बजे से प्रात: 8 बजे तक आदेश दिए जा सकते हैं. एएमओ आदेश सुबह 9.15 बजे मार्केट में हिट होगा.
निवेशकों के लिए जरूरी जानकारी: इंट्रा-डे ट्रेडिंग पर जानें, कैसे लगेगा आयकर
शेयर बाजार के जानकार कुंज बंसल का कहना है कि निवेशक जब एक दिन के भीतर ही स्टॉक की खरीद-फरोख्त करता है तो उसे इंट्रा-डे ट्रेडिंग कहते हैं।
कोविड- 19 महामारी के अनिश्तिता भरे दौर में निवेशक अब शेयर बाजार में लंबे समय तक पैसा लगाने के बजाए इंट्रा-ट्रेडिंग में हाथ आजमाने लगे हैं। नौकरीपेशा व आम आदमी भी इंट्रा-डे ट्रेडिंग में पैसे लगाना पसंद करता है। ऐसे निवेशकों के लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि इंट्रा-डे ट्रेडिंग से हुई कमाई पर आयकर गणना कैसे की जाएगी। पेश है प्रमोद तिवारी की रिपोर्ट-
कारोबार से हुई कमाई माना जाएगा मुनाफा
शेयर बाजार के जानकार कुंज बंसल का कहना है कि निवेशक जब एक दिन के भीतर ही स्टॉक की खरीद-फरोख्त करता है तो उसे इंट्रा-डे ट्रेडिंग कहते हैं। इस तरह ट्रेडिंग का मकसद निवेश करना नहीं, बल्कि बाजार में उतार-चढ़ाव से मुनाफा कमाना है।
लिहाजा ऐसे मुनाफे को कारोबार से हुई कमाई माना जाएगा। ट्रेडिंग करते समय भी जब निवेशक स्टॉक खरीदेगा तो भी उसे यह बताना पड़ेगा कि संबंधित स्टॉक को इंट्रा-डे के लिए खरीदा जा रहा अथवा डिलीवरी के लिए। यहां डिलीवरी का मतलब स्टॉक को एक दिन से ज्यादा समय के लिए रखना है।
कोई नौकरीपेशा इंट्रा-डे ट्रेडिंग करता है तो यह कारोबार या पेशे के रूप में अतिरिक्त आय होगी और रिटर्न भरते समय आईटीआर फॉर्म-3 का उपयोग करना होगा। वित्तवर्ष 2020-21 में अगर किसी ने इंट्रा-डे ट्रेडिंग किया है तो उसे आईटीआर-3 में इसके मुनाफे या घाटे का विवरण देना होगा।
निवेशकों के लिए जरुरी जानकारी
- स्टॉक में निवेश से हुए नुकसान को समायोजन आठ साल किया जा सकेगा।
- एलटीसीजी से नुकसान की भरपाई एसटीसीजी में हो सकेगी, एसटीसीजी की भरपाई, एसटीसीजी से नहीं कर सकेंगे।
- इंट्रा-डे से हुए नुकसान का समायोजन करने को पेशेवरसे डिलीवरी ट्रेडिंग शुल्क क्या है? ऑडिट कराना जरूरी होगा।
खर्च और नुकसान के समायोजन का मौका
आयकरदाताओं को इंट्रा-डे ट्रेडिंग के कारोबार की श्रेणी में रखने का फायदा भी मिलता है। आयकर कानून के तहत इस ट्रेडिंग पर आए खर्च को आप कारोबारी खर्च की तरह रिटर्न में समायोजित कर सकते हैं। रिटर्न भरते समय करदाता इंटरनेट, टेलीफोन, डीमैट खाते के खर्च के अलावा ब्रोकर शुल्क पर भी टैक्स छूट ले सकते हैं। हालांकि इसका समायोजन वेतन, अन्य कारोबार, आवासीय संपत्ति या किसी और कमाई के साथ नहीं कर सकेंगे। नुकसान को अगले साल के मुनाफे में समायोजित करने के लिए रिटर्न में डिलीवरी ट्रेडिंग शुल्क क्या है? भी इसका उल्लेख करना होगा।
एक से ज्यादा निवेश तो भरेंगे आईटीआर फॉर्म-2
स्टॉक में एक दिन से ज्यादा निवेश करने वाले करदाताओं रिटर्न भरते समय आईटीआर-2 फॉर्म चुनना होगा। ऐसे निवेशकों पर दो तरह से आयकर की देनदारी बनती है। अगर उसने 12 महीने से कम समय के लिए निवेश किया है तो लघु अवधि का पूंजीगत लाभ कर देना होगा। यह स्टॉक से एक लाख रुपये से ऊपर के शुद्ध मुनाफे पर 10 फीसदी लगता है। एलटीसीजी के मामले में नुकसान की भरपाई आठ साल तक की जा सकेगी।
विस्तार
कोविड- 19 महामारी के अनिश्तिता भरे दौर में निवेशक अब शेयर बाजार में लंबे समय तक पैसा लगाने के बजाए इंट्रा-ट्रेडिंग में हाथ आजमाने लगे हैं। नौकरीपेशा व आम आदमी भी इंट्रा-डे ट्रेडिंग में पैसे लगाना पसंद करता है। ऐसे डिलीवरी ट्रेडिंग शुल्क क्या है? निवेशकों के लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि इंट्रा-डे ट्रेडिंग से हुई कमाई पर आयकर गणना कैसे की जाएगी। पेश है प्रमोद तिवारी की रिपोर्ट-
कारोबार से हुई कमाई माना जाएगा मुनाफा
शेयर बाजार के जानकार कुंज बंसल का कहना है कि निवेशक जब एक दिन के भीतर ही स्टॉक की खरीद-फरोख्त करता है तो उसे इंट्रा-डे ट्रेडिंग कहते हैं। इस तरह ट्रेडिंग का मकसद निवेश करना नहीं, बल्कि बाजार में उतार-चढ़ाव से मुनाफा कमाना है।
लिहाजा ऐसे मुनाफे को कारोबार से हुई कमाई माना जाएगा। ट्रेडिंग करते समय भी जब निवेशक स्टॉक खरीदेगा तो भी उसे यह बताना पड़ेगा कि संबंधित स्टॉक को इंट्रा-डे के लिए खरीदा जा रहा अथवा डिलीवरी के लिए। यहां डिलीवरी का मतलब स्टॉक को एक दिन से ज्यादा समय के लिए रखना है।
कोई नौकरीपेशा इंट्रा-डे ट्रेडिंग करता है तो यह कारोबार या पेशे के रूप में अतिरिक्त आय होगी और रिटर्न भरते समय आईटीआर फॉर्म-3 का उपयोग करना होगा। वित्तवर्ष 2020-21 में अगर किसी ने इंट्रा-डे ट्रेडिंग किया है तो उसे आईटीआर-3 में इसके मुनाफे या घाटे का विवरण देना होगा।
- स्टॉक में निवेश से हुए नुकसान को समायोजन आठ साल किया जा सकेगा।
- एलटीसीजी से नुकसान की भरपाई एसटीसीजी में हो सकेगी, एसटीसीजी की भरपाई, एसटीसीजी से नहीं कर सकेंगे।
- इंट्रा-डे से हुए नुकसान का समायोजन करने को पेशेवरसे ऑडिट कराना जरूरी होगा।
खर्च और नुकसान के समायोजन का मौका
आयकरदाताओं को इंट्रा-डे ट्रेडिंग के कारोबार की श्रेणी में रखने का फायदा भी मिलता है। आयकर कानून के तहत इस ट्रेडिंग पर आए खर्च को आप कारोबारी खर्च की तरह रिटर्न में समायोजित कर सकते हैं। रिटर्न भरते समय करदाता इंटरनेट, टेलीफोन, डीमैट खाते के खर्च के अलावा ब्रोकर शुल्क पर भी टैक्स छूट ले सकते हैं। हालांकि इसका समायोजन वेतन, अन्य कारोबार, आवासीय संपत्ति या किसी और कमाई के साथ नहीं कर सकेंगे। नुकसान को अगले साल के मुनाफे में समायोजित करने के लिए रिटर्न में भी इसका उल्लेख करना होगा।
एक से ज्यादा निवेश तो भरेंगे आईटीआर फॉर्म-2
स्टॉक में एक दिन से ज्यादा निवेश करने वाले करदाताओं रिटर्न भरते समय आईटीआर-2 फॉर्म चुनना होगा। ऐसे निवेशकों पर दो तरह से आयकर की देनदारी बनती है। अगर उसने 12 महीने से कम समय के लिए निवेश किया है तो लघु अवधि का पूंजीगत लाभ कर देना होगा। यह स्टॉक से एक लाख रुपये से ऊपर के शुद्ध मुनाफे पर 10 फीसदी लगता है। एलटीसीजी के मामले में नुकसान की भरपाई आठ साल तक की जा सकेगी।
Paytm Money ने शुरू की F&O में निवेश की सुविधा, हर ट्रेड पर शुल्क महज 10 रुपये
Paytm Money ने F&O में निवेश की सुविधा शुरू की है, जिसमें हर ट्रेड पर महज 10 रुपये शुल्क वसूला लिया जाएगा.
Published: February 18, 2021 5:00 PM IST
भारत के घरेलू डिजिटल वित्तीय सेवा प्लेटफॉर्म पेटीएम (Paytm) ने गुरुवार को घोषणा की कि उसकी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी पेटीएम मनी (Paytm Money) ने फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) ट्रेडिंग को सभी के लिए खोल दिया है. इसका उद्देश्य एक महत्वपूर्ण धन प्रबंधन उत्पाद (Wealth Management Product) के रूप में एफ एंड ओ ट्रेडिंग के साथ लोगों को सशक्त बनाना है.
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कंपनी ने एक बयान में कहा कि उसे अपने अर्ली एक्सेस प्रोग्राम के लिए 1 लाख से अधिक अनुरोधों के साथ अपने प्लेटफॉर्म पर एफएंडओ ट्रेडिंग के लिए जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है. ट्रेडिंग अब सभी के लिए पेटीएम मनी एप और वेबसाइट पर लाइव है.
कंपनी ने दावा किया है कि वह फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस ट्रेडिंग के लिए 10 रुपये में सबसे कम और सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी ब्रोकरेज की सुविधा यूजर्स को दे रही है. कंपनी ने डिलीवरी के लिए शून्य और इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए प्रति ट्रांजैक्शन ट्रेडिंग फीस केवल 10 रुपये रखी है, जो कि काफी कम है. पेटीएम मनी द्वारा लिया जाने वाला यह शुल्क ग्राहकों को अन्य प्लेटफॉर्म्स की तुलना में काफी कम पड़ेगा.
मूल्य कम होने के साथ-साथ यह अनुभवी से लेकर पहली बार ट्रेडिंग कर रहे व्यापारियों को उनके मोबाइल पर एक सुरक्षित वातावरण में बेस्ट-इन-क्लास उत्पाद के साथ फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस में व्यापार करने का लाभ मिलेगा.
एफएंडओ प्लेटफॉर्म में सहज डिलीवरी ट्रेडिंग शुल्क क्या है? यूआई और आसान ऑनबोर्डिग है, जो एफ एंड ओ ट्रेडिंग को हर भारतीय के लिए सुलभ और संभव बनाता है.
पेटीएम मनी ने अपने बयान में कहा है कि अर्ली ऐक्सेस प्रोग्राम के दौरान कंपनी ने टियर-3, टियर-4 और शेष भारत के अन्य शहरों से एफ एंड ओ ट्रेड में बड़े पैमाने पर दिलचस्पी देखी है. कंपनी ने 30 वर्ष से कम आयु के उपयोगकर्ता आधार और महिला निवेशकों में धन उत्पादों के प्रति भी रुचि में वृद्धि दर्ज की है.
पेटीएम मनी का उद्देश्य सभी भारतीयों के लिए स्टॉक ट्रेडिंग को सरल बनाना है, चाहे वे अनुभवी व्यापारी हों या पहले से बाजार में निवेश करने वाले व्यापारी हों. यही वजह है कि कंपनी ने अपनी एप और वेबसाइट दोनों के माध्यम से निवेश और व्यापार करने की सुविधा दी है, जिसे संचालित करना बेहद सरल है.
पेटीएम मनी के सीईओ वरुण श्रीधर ने कहा, “हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि जनवरी के अर्ली एक्सेस लॉन्च के बाद एफ एंड ओ के शुरुआती कुछ हफ्तों के दौरान 1 लाख से अधिक उपयोगकर्ताओं को एक्सेस की अनुमति दी गई है. प्लेटफार्म पर टीयर 1 शहरों जैसे मुंबई, दिल्ली, पुणे, हैदराबाद और कोलकाता के यूजर्स ज्यादा हैं. छोटे शहरों में पटना, कोटा और गुंटूर के यूजर्स रुचि दिखा रहे हैं. इसके अलावा 50 प्रतिशत से अधिक यूजर्स की उम्र 20 से 30 साल के बीच हैं.”
उन्होंने कहा, “बिना किसी कॉन्ट्रैक्ट या कमिटमेंट के 10 रुपये प्रति ऑर्डर की हमारी कीमत ट्रेडिंग की समग्र लागत को काफी कम कर देती है और इसे सुपर पारदर्शी भी बनाती है. इसके साथ ही पेटीएम मनी भारत के सबसे व्यापक और शीर्ष डिजिटल धन प्रबंधन प्लेटफॉर्म बनने के लिए एक कदम आगे ले जा रहा है.”
भारत में एफ एंड ओ ट्रेडिंग एक अत्यधिक प्रतिस्पर्धी क्षेत्र है, जो कई पुराने और युवा दिग्गजों को होस्ट करता है. इतने कम समय में पेटीएम मनी पर एफएंडओ ट्रेडिंग का यह व्यापक रूप से अपनाया जाना हमारे लिए काफी महत्व रखता है और प्रत्येक भारतीय के लिए डिजिटल ट्रेडिंग को लोकतांत्रिक बनाने के हमारे प्रयासों के लिए मान्यता को इंगित करता है. फ्यूचर्स और ऑप्शंस सेगमेंट में सरलीकृत ट्रेडिंग के साथ, प्लेटफॉर्म उपयोगकर्ता को बाजारों पर शोध करने, बाजार मूवर्स का पता लगाने, अनुकूलन वॉचलिस्ट बनाने और 50 से अधिक शेयरों के लिए मूल्य अलर्ट सेट करने के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान करता है.
इसके अलावा, बिल्ट-इन ब्रोकरेज कैलकुलेटर के साथ निवेशक लेन-देन शुल्क की खोज कर सकता है और शेयरों को लाभकारी रूप से बेचने के लिए सटीक निवारक मूल्य जान सकता है. इसके अलावा स्टॉक ट्रेडिंग के अनुभव को और अधिक फायदेमंद बनाने के लिए एडवांस्ड चार्ट और कवर ऑर्डर और ब्रैकेट ऑर्डर जैसे अन्य विकल्प जोड़े गए हैं. यह सब बैंक-स्तरीय सुरक्षा के साथ निवेशकों के व्यक्तिगत डेटा को सुरक्षित रखने के लिए पूर्ण डेटा गोपनीयता के साथ उपलब्ध होगा. इसके अलावा, कंपनी अधिक मूल्यवर्धक सुविधाओं के साथ आने की योजना बना रही है और बहुत जल्द अपने मंच पर कुछ और रोमांचक उत्पादों को लॉन्च करने का इरादा रखती है.
पेटीएम मनी वन97 कम्युनिकेशंस की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जो पेटीएम की मालिक है और इसका संचालन करती है. यह देश का सबसे बड़ा ऑनलाइन निवेश मंच है और अब अपने उपयोगकर्ताओं के लिए स्टॉक, ईटीएफ, आईपीओ, डिजिटल गोल्ड, डायरेक्ट म्यूचुअल फंड और एनपीएस की वर्तमान सुविधा के साथ ही एफ एंड ओ की सुविधा भी लेकर आ गया है.
इसका उद्देश्य पूर्ण-स्टैक निवेश और धन प्रबंधन मंच बनने के साथ ही करोड़ों भारतीयों के लिए धन सृजन के अवसरों को सामने लाना है. इसका मुख्यालय और संचालन बेंगलुरु से होता है, जिसकी टीम में 300 से अधिक सदस्य हैं.
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फ्यूचर ट्रेडिंग क्या होता है? | फ्यूचर ट्रेनिंग की जरूरत क्यों पड़ी?
दोस्तों आप में से बहुत से लोग ट्रेडिंग करते होंगे ट्रेनिंग कई तरह की होती है और इन्हीं में से एक होती है फ्यूचर ट्रेडिंग, जिसमें कॉन्ट्रैक्ट को खरीदा और समय खत्म होने से पहले बेचा जाता है आप मे से बहुत से कैंडिडेट ऐसे होंगे जिन्हें फ्यूचर ट्रेडिंग के बारे में पूरी जानकारी नहीं होगी इसलिए आज इस आर्टिकल में हम आपको फ्यूचर ट्रेडिंग से रिलेटेड पूरी इन्फॉर्मेशन देंगे तो जो कैंडिडेट फ्यूचर ट्रेडिंग करना चाहते हैं और इसके बारे में जानकारी लेना चाहते हैं वो हमारे इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें.
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Table of Contents
फ्यूचर ट्रेडिंग क्या है? (What is Future Trading in Hindi)
फ्यूचर ट्रेडिंग एक फाइनेंशियल प्रोडक्ट होता है जो डेरिवेटिव ट्रेडिंग का एक प्रकार है फ्यूचर ट्रेडिंग में आपको भविष्य में एक पहले से ही निर्धारित समय और मूल्य पर एक फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स / डेरिवेटिव खरीदने या बेचने के लिए कानूनी समझौता होता है फ्यूचर ट्रेडिंग में सेलर और बायर दोनों का दायित्व होता है कि वह निर्धारित समय और मूल्य पर सामान को एक दूसरे को सौंप दें जिससे कॉन्ट्रैक्ट पूरा हो सके.
फ्यूचर ट्रेडिंग में पहले से निर्धारित किए गए मूल्य को फ्यूचर प्राइस कहते हैं और पहले से निर्धारित किए गए समय को डिलीवरी डेट कहा जाता हैं फ्यूचर ट्रेडिंग में किसी भी प्रकार का कोई मिनिमम अकाउंट साइट नहीं होता है इससे आप कम से कम पैसे में भी शुरू कर सकते हैं. फ्यूचर ट्रेडिंग शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने का एक प्रमुख तरीका होता है और यह तरीका कई अलग-अलग सेग्मेंट्स में उपयोग किया जाता है आज के टाइम में लगभग हर एक्सचेंज फ्यूचर ट्रेडिंग का ऑप्शन देते हैं तो अगर आप ट्रेडिंग करना चाहते हैं फ्यूचर ट्रेडिंग करना आपके लिए अच्छा हो सकता है
फ्यूचर ट्रेडिंग की विशेषताएं क्या है?
फ्यूचर ट्रेडिंग की निम्नलिखित विशेषताएं है-
- फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट को आप किसी दूसरे ट्विटर के साथ ट्रांसफर करके भी ट्रेडिंग किया जा सकता है.
- अगर कोई व्यक्ति अपने कॉन्ट्रैक्ट से बाहर जाना चाहता है तो वह जा सकता है लेकिन इसके लिए उसे कुछ पेमेंट करना होता है.
- फ्यूचर ट्रेडिंग में कॉन्ट्रैक्ट की कीमत उसके एसेट्स पर डिपेंड करती है अगर एसेट्स की कीमत बढ़ती है तो फिर से कॉन्ट्रैक्ट की कीमत भी बढ़ जाती है लेकिन अगर एसेट्स की कीमत घटती हैं तो फिर कॉन्टैक्ट की कीमत भी घट जाती है.
- फ्यूचर ट्रेडिंग दो पक्षों के बीच में भविष्य में होने वाला व्यापार है जिसमें हमेशा से दोनों पक्षों द्वारा अपने कॉन्ट्रैक्ट को पूरा न करने का डर रहता है जिसके लिए सेवई द्वारा इसे रेगुलेट किया जाता है जिससे कोई भी पक्ष इसे बीच में छोड़कर नहीं जाता है.
- सेबी द्वारा फ्यूचर ट्रेडिंग को सही से चलाया जाता है जिससे गलतियाँ होने की संभावना न के बराबर होती है.
- फ्यूचर ट्रेडिंग के कुछ नियम होते हैं ये नियम ट्रेडिंग करने वाले ट्रेडर के अनुसार नहीं होते बल्कि ये अपने मान को पर कार्य करते हैं.
- फ्यूचर ट्रेडिंग में सेटलमेंट का एक उचित समय होता है जिसमें दोनों पक्ष अपने अपने कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार वो उसका समय आने पर कॉन्ट्रैक्ट को पूरा करते हैं और इसके लिए किसी भी तरह की भौतिक मूवमेंट की जरूरत नहीं होती है.
फ्यूचर ट्रेनिंग की जरूरत क्यों पड़ी?
फ्यूचर ट्रेडिंग में पैसे न होने की स्थिति में व प्रॉडक्ट तैयार न होने के कारण फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट होते हैं जिसमे अगर आप आज किसी प्रॉडक्ट का सौदा करते हैं तो बाद में उसी निश्चित समय और मूल्य का लेन देन करके इसे समाप्त किया जाता है फ्यूचर ट्रेडिंग शुरू होने के कारण आने वाले भविष्य की कीमतें और अनुमान आसानी से मिल जाते हैं जिससे कि जिस सेग्मेंट में फ्यूचर ट्रेडिंग की जाती है वह स्थिर बना रहता है लेकिन स्पॉट ट्रेडिंग के समय ऐसा नहीं होता है. फ्यूचर ट्रेडिंग में आपको किसी न्यूनतम पूंजी की जरूरत नहीं होती है यह आपके सौदे पर डिपेंड करता है यहाँ पर आप अपने ब्रोकर से मार्जिन लेकर भी सौदा कर सकते हैं और सौदा खत्म होने पर ब्रोकर को मार्जिन वापस देना होता है.
तरलता: फ्यूचर ट्रेडिंग में हर रोज़ नए नए सौदे होते हैं जिससे ट्रेडर को फ्यूचर ट्रेडिंग में काफी ज्यादा तरलता मिलती है
कम ब्रोकरेज और कमीशन : फ्यूचर ट्रेडिंग करने में ब्रोकर काफी कम पैसा लगाते हैं जिससे एक ट्रेडर कोअतिरिक्त भार नहीं पड़ता है जिससे वह अधिक सौदे को कर सकता है
लीवरेज: अगर आप फ्यूचर ट्रेडिंग करते हैं तो इसमें आपको अच्छा मार्जिन मिलता है जिससे आप अपने कॉन्ट्रैक्ट के मूल्य का थोड़ा सा हिस्सा देखकर पोजिशन ले सकते हैं
हेजिंग: अगर आप फ्यूचर ट्रेडिंग में इंटरेस्ट रखते हैं तो आपको हैं जिनके बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है क्योंकि इसकी सहायता से आप अपने फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट में होने वाले नुकसान को कुछ कम कर सकते हैं.
शार्ट सेलिंग: फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट में शार्ट सेलिंग कानूनी रूप से वैध है जिससे कि यहाँ शार्ट सेलिंग ज्यादा होती है.
फ्यूचर ट्रेडिंग में हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
फ्यूचर ट्रेडिंग में हमें जितना अधिक प्रॉफिट होता है उतना ही इसमें रिस्क भी होता है अगर आप पहली बार फ्यूचर ट्रेनिंग कर डिलीवरी ट्रेडिंग शुल्क क्या है? रहे हैं तो आपको फ्यूचर ट्रेडिंग के बारे में पूरी जानकारी होना बहुत ज़रूरी है.
- स्टार्टिंग में अगर मार्केट आपके हिसाब से नहीं हैं तो आप काफी ज्यादा देनदारियों में उलझ सकते हैं.
- फ्यूचर ट्रेडिंग करने में आपको शुरुआत में अपने पैसे का इन्वेस्टमेंट काफी सावधानी से करना है.
- आपको अपने द्वारा लिए गए निर्णय और होने वाली ट्रेड के मूल्यों के प्रति काफी सजग रहना बहुत जरूरी होता है.
- अगर आपको फ्यूचर ट्रेडिंग के बारे में पूरी जानकारी नहीं है तो इसमें आपको काफी ज्यादा नुकसान भी हो सकता है.
- यदि आप किसी भी कॉन्ट्रैक्ट के बीच में छोड़कर जाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको कुछ पेमेंट करना पड़ता है जो आपके लिए नुकसानदायक होता है.
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आज आपने क्या सीखा
दोस्तों, हम उम्मीद करते हैं कि हमारा ये (Future trading kya hai) आर्टिकल आपके लिए काफी हेल्पफुल होगा और आपको पसंद भी आया होगा क्योंकि इसमें हमने आपको फ्यूचर ट्रेडिंग से रिलेटेड पूरी इन्फॉर्मेशन दी है
हमारी यह (Future trading kya hai) जानकारी आपको कैसे लगी कमेंट करके जरूर बताएगा और जो कैंडिडेट फ्यूचर ट्रेडिंग करना चाहते हैं उनके साथ भी जरूर शेयर कीजिएगा.
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