मैं पुस्तकों और विषयों की व्यापक कवरेज और SprintUPSC द्वारा प्रदान किए गए विश्‍लेषण के स्तर से मंत्रमुग्‍ध हूं।

app image

गहरा पर्पटी अध्ययन

महाद्वीपों की वृद्धि और विकास की प्रक्रिया में स्‍थलमंडलीय विभ्रंश एक आधारभूत प्रक्रिया है और विभ्रंश के कारण बने बेसिनों के भीतर संचित वैश्विक हाइड्रोकार्बन भंडारों के कारण इनका सामाजिक महत्‍व काफी अधिक है। स्‍थल मंडल में दरार आने तक संचय पर विस्‍तारित प्रतिबल के अनुप्रयोग और तनाव के स्‍थानीकरण के परिणामस्‍वरूप विभ्रंश होता है, जिसके बाद समुद्रतल फैल जाता है और समुद्री स्‍थलमंडल में अधिकांश विस्‍तार आ जाता है। अत: महाद्वीपीय-विघटन में दो मूलभूत भू-वैज्ञानिक प्रक्रियाएं यथा विरूपण और मैग्‍माकरण नाटकीय रूप से शामिल होती है। फिर भी दरार से बहाव के क्रम में प्रत्‍येक प्रक्रिया के बारे में बेहतरीन प्रश्‍न मौजूद हैं। हमें तनाव की प्रमात्रा और कारण जिनसे विभ्रंश होता है जो कि वे विरूपण प्रकियाएं है जिनके द्वारा महाद्वीपीय स्‍थलमंडल इन तनावों पर प्रतिक्रिया करता गहन विश्लेषण और विस्तृत व्याख्या गहन विश्लेषण और विस्तृत व्याख्या है और उन प्रमुख मानदंडों जो इस विरूपण को नियंत्रित करते हैं, के बारे में पूर्ण जानकारी नहीं है। इसी प्रकार से तनाव के स्‍थानीकरण और एस्‍थेनोस्‍फीयर से स्‍थलमंडल में ताप अभिवहन में दरार संबंधी मैग्‍मा की भूमिका तथा विस्‍तारण के दौरान मैंटल के पिघलने पर नियंत्रण (जैसे मैंटल का तापमान, ज्‍वलनशीलता की मात्रा और कम पैमाने पर संवहन) के बारे में अधिक जानकारी नहीं है। इन प्रक्रियाओं को समझना आज पृथ्‍वी वैज्ञानिकों के आधारभूत लक्ष्‍यों में से एक लक्ष्‍य है।

ख) प्रतिभागी संस्‍थाएं :

राष्ट्रीय भूकंप केन्द्र विज्ञान, नोएडा

राष्ट्रीय अंटाकर्टिक और समुद्री अनुसंधान गहन विश्लेषण और विस्तृत व्याख्या केन्द्र, गोवा

इस कार्यक्रम के कार्यान्‍वयन के पहले कदम के रूप में यह प्रस्‍तावित है कि दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में उडीपी-कवाली भूकंपीय अनुप्रस्‍थ के माध्‍यम से पूर्व-पश्चिम कॉरीडोर पर अध्‍ययन किया जाए और इसे लक्षद्वीप समूहों से पृथक अरब सागर बेसिन से जोड़ना है। अरब सागर अपतट तथा उडीपी-कवाली गहरी-अनुप्रस्‍‍थ जो कि समग्र दक्षि‍ण प्रायद्वीप पर फैली है, से प्राप्‍त उच्‍च गुणवत्तायुक्‍त मल्‍टीचैनल भूकंपीय प्रतिबिम्‍बन, गुरूत्‍वाकर्षण और चुंबकीय डेटा इसे अध्‍ययन हेतु आदर्श कॉरीडोर बनाता है। इसके साथ-साथ दो गहरे समुद्र में स्थि‍त वेधन स्‍थलों (डीएसडीपी 219 और 221) से प्राप्‍त भूवैज्ञानिक जानकारी, भू-भौतिक डेटा को नियंत्रित करती है। प्रारंभिक परिणामों के आधार पर, यह प्रस्‍तावित है कि डब्‍ल्‍यूसीएमआई के महत्‍वपूर्ण भागों पर उच्‍च रिजोलुशन (विभेदन) एमसीएस और अपवर्तन डेटा भी एकत्र किया जाए।

प्रैक्टिस टेस्ट बनाएं

किताब के अध्‍याय या टॉपिक वार

अपने पढ़ाई के समय के अनुसार हिंदी और अंग्रेजी में अभ्‍यास करें

अपने सीखने की अवस्था के आधार पर कठिनाई स्तर का चयन करें

आपके पास कितना समय है उसके आधार पर प्रैक्टिस टेस्‍ट की लंबाई का चयन करें

असल परीक्षा अनुभव हेतु परीक्षा मोड का उपयोग करें

जल्‍दी सीखने और दोहराने हेतु अध्‍ययन मोड का उपयोग करें

21,000

about us

download

व्यक्तिगत विश्लेषण और प्रतिक्रिया

महत्वपूर्ण सवालों के जवाब के लिए मुख्य मैट्रिक्स जैसे कि कवरेज, सटीकता और प्रदर्शन स्कोर का उपयोग करें

क्‍या आपने पर्याप्‍त सिलेबस को कवर एवं अभ्‍यास कर लिया है ?

क्या आप याद करने और सही ढंग से जवाब देने में सक्षम हैं ?गहन विश्लेषण और विस्तृत व्याख्या

क्‍या आप परीक्षा के लिए तैयार हैं ?

मानक उच्च क्‍वालिटी वाले प्रश्न

उत्तर और स्पष्टीकरण के लिए मूल स्रोतों का संदर्भ

सभी प्रमुख एनसीईआरटी की किताबें शामिल

मानक किताबें और रिपोर्ट जैसे कि लक्ष्‍मीकांत, रमेश सिंह, जीसी लियोंग, आर्थिक सर्वेक्षण और एआरसी रिपोर्ट भी कवर किए गए हैं

about us

download

SprintUPSC एक तय मॉक टेस्‍ट सीरीज से कहीं अधिक है।

व्‍यक्तिगत अभ्‍यास

किन्‍हीं अन्‍य IAS प्रीलिम्‍स टेस्‍ट सीरीज से अलग यहां आप किसी और तरीके से नहीं बल्कि अपने पढ़ाई की योजना के अनुसार प्रैक्टिस टेस्‍ट बना सकते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि प्रश्नों का अभ्यास करना आपकी दैनिक आदत का हिस्सा बन जाए। आपके पास कितना समय है और सीखने की अवस्‍था पर आप कहां पर हो इसके आधार पर आप प्रैक्टिस टेस्‍ट की लंबाई और कठिनाई स्‍तर को चुन सकते हैं। यदि आपने पहली बार टॉपिक/अध्‍याय पढ़ा है तो हम सलाह देंगें कि आसान प्रश्‍नों से शुरूआत करें और धीरे-धीरे उससे थोड़े कठिन और उसके बाद कठिन प्रश्‍नों की ओर आगे बढ़ें। यह सुनिश्चित करेगा कि आपमें उत्‍साह की कमी न हो। हम समझते हैं कि हर कोई अलग होता है और सबके सीखने की अवस्‍था भी अलग-अलग है।

गहन विश्‍लेषण

आपको सटीकता, कवरेज और प्रदर्शन स्‍कोर के मामले में अपने तरह का पहला गहन विश्‍लेषण मिलता है जो आपके प्रदर्शन पर नजर रखने और उसे सुधारने में मदद करता है।

इतिहास, कविता और अनुवाद से लेकर प्रशासन बेहद विस्तृत था वीरेंद्र बरनवाल का फलक

Follow us:

शुभनीत कौशिक

ज़रूर पढ़े

मुश्किल में बीजेपी, राहुल बना रहे हैं कांग्रेस का नया रास्ता

भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन और आधुनिक भारत के राजनीतिक व्यक्तित्वों के गंभीर अध्येता, साहित्यकार-अनुवादक वीरेंद्र कुमार बरनवाल का कल 12 जून को निधन हो गया। वीरेंद्र बरनवाल ने जहाँ ‘हिन्द स्वराज : नव सभ्यता-विमर्श’, ‘मुस्लिम नवजागरण और अकबर इलाहाबादी का गांधीनामा’ तथा ‘जिन्ना : एक पुनर्दृष्टि’ जैसी गंभीर और शोधपरक किताबें लिखीं। वहीं उन्होंने वोले शोयिंका सरीखे विश्व साहित्यकारों के साथ नाइजीरियाई, जापानी और रेड इंडियन समुदाय के कवियों की रचनाओं के हिंदी अनुवाद भी किया।

आजमगढ़ के फूलपुर में पैदा हुए वीरेंद्र कुमार बरनवाल के स्वतन्त्रता सेनानी पिता दयाराम बरनवाल ने भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया था और वे गहन विश्लेषण और विस्तृत व्याख्या समाजवादी आंदोलन से भी जुड़े रहे। वीरेंद्र बरनवाल ने अपनी उच्च शिक्षा बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी से हासिल गहन विश्लेषण और विस्तृत व्याख्या की। भारतीय राजस्व सेवा में नियुक्त होने से पूर्व उन्होंने भोपाल विश्वविद्यालय से क़ानून की पढ़ाई भी की।

रेटिंग: 4.94
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 786