मालूम हो कि चार फरवरी 2004 को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 के कानूनी ढांचे के तहत एलआरएस को पेश किया गया था। लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के तहत, अधिकृत डीलर किसी भी खाते या लेनदेन या दोनों के लिए एक वित्तीय वर्ष तक रेजिडेंट द्वारा स्वतंत्र रूप से रेमिटेंस की अनुमति दे सकते हैं। यह योजना कॉर्पोरेट, पार्टनरशिप फर्मों, ट्रस्ट आदि के लिए उपलब्ध नहीं है।

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Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी के जरिए कमाना चाहते हैं ज्यादा मुनाफा, तो जानिए किस तरह करें निवेश

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नई दिल्ली। देश और दुनिया के लोगों में क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज बढ़ता जा रहा है। जिसमें सबसे ज्यादा बिटकॉइन की बढ़ती मांग देखी जा रही है। जिसका कारण है बिटकॉइन से मिलने वाला मुनाफा। बिटकॉइन मे निवेश करने वाले लोगों को खूब पैसा कमाने का मौका मिल रहा है। हालांकि अभी इसका भाव इस साल की रिकॉर्ड ऊंचाई से बहुत नीचे आ चुका है। लेकिन निवेशक इसमें पैसा इसलिए भी लगा रहे हैं, क्योंकि उन्हें अभी बिटकॉइन में सस्ते भाव पर निवेश का मौका दिखाई दे रहा है। इसे लेकर एक रिपोर्ट भी सामने आई है, जिसके मुताबिक साल 2021 में क्रिप्टोकरेंसी में भारत में एक करोड़ से भी ज्यादा नए निवेशक बने हैं। यदि आप भी इसमें निवेश करने का विचार कर रहे हैं, तो यह तरीका आपको काफी फायदा दे सकता है।

Cryptocurrency: विदेश में धन भेजकर क्रिप्टोकरेंसी में नहीं कर पाएंगे निवेश, ICICI बैंक ने लगाई रोक

पिछले कुछ महीनों से देश में क्रिप्टोकरेंसी की ओर लोगों का आकर्षण बढ़ रहा है। अगर आप भी विदेश में पैसा भेजकर उसे क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं तो अब ऐसा नहीं होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि आईसीआईसीआई बैंक ने इस पर रोक लगा दी है.

विदेशों में निवेश करने के लिए धन भेजने वाले ग्राहकों से आईसीआईसीआई बैंक ने कहा क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं है कि इस पैसे का उपयोग दुनिया की सबसे बड़ी और लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी, बिटक्वाइन या किसी अन्य क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए नहीं किया जा सकता। इसके लिए आईसीआईसीआई बैंक ने अपने 'रिटेल आउटवर्ड्स रेमिटेंस एप्लीकेशन फॉर्म' में बदलाव किया है। इसके तहत अब ग्राहकों को आउटवर्ड्स रेमिटेंस आवेदन पत्र क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं देना होगा। ग्राहकों को आरबीआई लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (एलआरएस) के तहत विदेशों में संपत्तियों को खरीदने के लिए पैसा ट्रांसफर के लिए हस्ताक्षर करने होंगे। बैंक ने ग्राहकों को कहा है कि जब भी वे विदेश में पैसा भेजेंगे तो उन्हें यह बताना होगा कि वे इसका निवेश क्रिप्टो में नहीं करेंगे।

Cryptocurrency: विदेश में धन भेजकर क्रिप्टोकरेंसी में नहीं कर पाएंगे निवेश, ICICI बैंक ने लगाई रोक

पिछले कुछ महीनों से देश में क्रिप्टोकरेंसी की ओर लोगों का आकर्षण बढ़ रहा है। अगर आप भी विदेश में पैसा भेजकर उसे क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं तो अब ऐसा नहीं होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि आईसीआईसीआई बैंक ने इस पर रोक लगा दी है.

विदेशों में निवेश करने के लिए धन भेजने वाले ग्राहकों से आईसीआईसीआई बैंक ने कहा है कि इस पैसे का उपयोग दुनिया की सबसे बड़ी और लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी, बिटक्वाइन या किसी अन्य क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए नहीं किया जा सकता। इसके लिए आईसीआईसीआई बैंक ने अपने 'रिटेल आउटवर्ड्स रेमिटेंस एप्लीकेशन फॉर्म' में बदलाव किया है। इसके तहत अब ग्राहकों को आउटवर्ड्स रेमिटेंस आवेदन पत्र देना होगा। ग्राहकों को आरबीआई लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (एलआरएस) के तहत विदेशों में संपत्तियों को खरीदने के लिए पैसा ट्रांसफर के लिए हस्ताक्षर करने होंगे। बैंक ने ग्राहकों को कहा है कि जब भी वे विदेश में पैसा भेजेंगे तो उन्हें यह बताना होगा कि वे इसका निवेश क्रिप्टो में नहीं करेंगे।

क्रिप्टोकरेंसी पर मोदी सरकार का नया बिल निवेशकों को राहत देगा या नुकसान?

देश में 2013 में शुरू हुई क्रिप्टोकरंसी अपने शुरुआत से ही सुरक्षा कारणों के चलते सवालों के घेरे में रही है। एक अनुमान के मुताबिक भारत में क्रिप्टोकरंसी धारकों की संख्या डेढ़ से दस करोड़ के बीच हो सकती है, जिसकी कीमत अरबों डॉलर में आंकी गई है। भारत सरकार के इस आदेश ने इन लोगों के निवेश को खतरे में डाल दिया है।

Photo used for representation purpose only. File | Photo Credit: Reuters

‘‘ये महत्वपूर्ण है कि सभी लोकतांत्रिक देश साथ काम करें और यह सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में ना जाए, जो हमारे युवाओं को बर्बाद कर सकता है।’’

क्रिप्टोकरेंसी और बिटकॉइन का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते गुरुवार, 18 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया की ओर से आयोजित ‘‘सिडनी संवाद’’ में ये बातें कहीं थी। पीएम मोदी ने सभी लोकतांत्रिक देशों से साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया था कि वे क्रिप्टोकरेंसी गलत हाथों में ना जाने दें, अन्यथा युवाओं का भविष्य बर्बाद हो सकता है। उन्होंने डिजिटल क्रांति से उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए समान सोच वाले देशों के एकजुट होने की आवश्यकता पर भी बल दिया था। पीएम मोदी के इस भाषण के बाद देश में क्रिप्टोकरंसी के भविष्य को लेकर बहस एक बार फिर तेज़ हो गई थी।

Bitcoin Investment : क्या हम सचमुच कहीं निवेश करते हैं या बस अनुमान लगाते हैं कि रिटर्न मिल जाएगा?

Cryptocurrency prices : क्रिप्टोकरेंसी निवेश को लेकर एक बड़ा ही सीधा, सहज सवाल उठता है, क्या हम सच में किसी चीज में निवेश कर रहे हैं? या हम बस यह अनुमान लगाकर चल रहे हैं कि भविष्य में हमें कुछ रिटर्न मिल जाएगा?

साल 2009 में डेवलप होने के बाद से क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Cryptocurrency Bitcoin Value) की बढ़ती पॉपुलैरिटी और दूनी-चौगुनी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं होती इसकी वैल्यू निवेशकों को भी हैरानी में डालती है. जैसाकि इंटरनेट के साथ हुआ था, उसी तरह क्रिप्टोकरेंसी को भी मेनस्ट्रीम में आने में कुछ साल लगे, लेकिन अब यह वर्चुअल करेंसी अप्रत्याशित तेजी से बढ़ रही है. बहुत से निवेशकों ने क्रिप्टोकरेंसी को अपने इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो (Cryptocurrency in investment portfolio) का हिस्सा बना लिया है. लेकिन बिटकॉइन और इस जैसी दूसरी क्रिप्टोकरेंसी फिजिकल असेट नहीं हैं, यानी आप इन्हें छू नहीं सकते, हाथ से इनका लेन-देन नहीं कर सकते. ये करेंसी किसी एक संस्था या सिस्टम के तहत नहीं चलती हैं. यह पूरा नेटवर्क खुद से खुद को चलाता है. ट्रांजैक्शन कुछ डिसेंट्रलाइज्ड यानी बिना किसी एक सेंटर वाले कंप्यूटरों के नेटवर्क पर होता है.

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