आरबीआई ने 2018 में सभी बैंकों और वित्तीय संस्थाओं से क्रिप्टो करेंसी की खरीद-फरोख्त से जुड़ी सेवाएं देने पर रोक लगी दी थी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल क्रिप्टो करेंसी पर आरबीआई के निर्देशों को खारिज कर दिया था. उसने क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंजों की याचिका पर यह फैसला दिया था.
Axis Securities ने कहा- 'दिसंबर तक 20,200 के स्तर को छू सकता है निफ्टी'; इन शेयरों पर लगाएं दांव
भारतीय शेयर बाजारों में अभी भारी अस्थिरता देखी जा रही है। निवेशक रूस-यूक्रेन संकट और ग्लोबल अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले इसके नकारात्मक प्रभावों का आकलन करने में जुटे हैं। इस बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव ने इक्विटी बाजार को लाल रंग में धकेल दिया है। बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी-50 में इस साल अब तक 4.72 फीसदी की गिरावट आ चुकी है।
मीडियम टर्म में, भू-राजनीतिक घटनाएं और महंगाई जैसे आर्थिक कारक, ब्याज दरों पर यूएस फेड का फैसला और यूपी जैसे बड़े राज्य के विभानसभा चुनाव के नतीजे अस्थिरता का कारण बन सकते हैं और बाजार के प्रदर्शन पर असर डाल सकते हैं। हालांकि ब्रोकरेज फर्म एक्सिस सिक्योरिटीज (Axis Securities) के एनालिस्टों का मानना है कि लंबी अवधि के लिए इक्विटी मार्केट का आउटलुक पॉजिटिव है। ब्रोकरेज ने इस साल के अंत तक निफ्टी- 50 के 20,200 अंत तक पहुंचने के टारगेट को बरकरार रखा है।
विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता सबसे बड़ी चिंता : मनमोहन सिंह
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को उद्योग जगत को आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता सबसे बड़ी चिंता कदम उठा रही है। औद्योगिक संस्था, एसोचैम की वार्षिक आम बैठक को सम्बोधित करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि मुझे मालूम है कि अर्थव्यवस्था में मंदी के कारण उद्योग जगत बेहद चिंतित है। विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता सबसे बड़ी चिंता
उन्होंने कहा कि अगर स्थितियां ठीक नहीं चलतीं, जैसा कि अभी लग रहा है, तो यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह आगे बढ़कर इस दिशा में कदम उठाए। सबसे बड़ी चिंता विदेशी मुद्रा की अस्थिरता को लेकर है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बाजार से बड़ी मात्रा में मुद्रा के प्रवाह के कारण यह स्थिति पैदा हुई है, जिससे रुपये का अवमूल्यन हुआ है। उन्होंने कहा कि हम मांग एवं आपूर्ति दोनों तरफ से चालू खाता घाटे को कम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
देश के चालू खाता घाटा का जिक्र करते हुए, जो वित्त वर्ष 2012-13 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.7 प्रतिशत है, प्रधानमंत्री ने कहा विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता सबसे बड़ी चिंता कि इसे 2.5 फीसदी तक लाना संभव है, लेकिन यह एक साल में नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि यह वित्त वर्ष 2013-14 के दौरान कुछ हद तक कम हो सकता है। (एजेंसी)
सीबीडीसी को लेकर साइबर सुरक्षा और गोपनीयता को लेकर चिंता बढ़ी
शेयर बाजार 06 नवंबर 2022 ,12:45
© Reuters. सीबीडीसी को लेकर साइबर सुरक्षा और गोपनीयता को लेकर चिंता बढ़ी
नई दिल्ली, 6 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नियंत्रित डिजिटल रुपये की दिशा में भारत की यात्रा शुरू होते ही साइबर सुरक्षा और गोपनीयता को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।यूएस फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने हाल ही में साइबर खतरे को वित्तीय स्थिरता से संबंधित अपनी सबसे बड़ी चिंता के रूप में सूचीबद्ध किया। साथ ही हाल ही में यूके हाउस ऑफ लॉर्डस की रिपोर्ट में साइबर सुरक्षा और गोपनीयता खतरों को केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) विकसित नहीं करने के संभावित कारणों के रूप में वर्णित किया गया है।
Forex Reserves: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी गिरावट! दो साल के निचलते स्तर पर पहुंचा, जानिए क्यों आ रही गिरावट?
2 सितंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 560 अरब डॉलर से गिरकर 553.105 अरब डॉलर पर आ गया था
भारतीय रुपये पर बना हुआ है दबाव
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, रुपये की कीमत ने रिजर्व बैंक की टेंशन थोड़ी बढ़ा दी है। लिहाजा आरबीआई रुपये की कीमत को नियंत्रित करने के लिए कदम उठा रहा है। इन चीजों का असर मुद्रा भंडार पर दिख रहा है। डॉलर में तेजी की वजह से भारतीय रुपया पर लगातार दबाव बना हुआ है।
अगस्त में भी देखने को मिली थी गिरावट
अगस्त में देश के विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserves) में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी। 2 सितंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता सबसे बड़ी चिंता भंडार 560 अरब डॉलर से गिरकर 553.105 अरब विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता सबसे बड़ी चिंता डॉलर पर आ गया था। इसमें 7.941 अरब डॉलर की गिरावट देखने को मिली थी। इस समय मुद्रा भंडार 2 साल के निचले स्तर पर आ गया था। 26 अगस्त 2022 को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 561.046 अरब डॉलर था।
क्रिप्टो करेंसी से देश की वित्तीय स्थिरता विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता सबसे बड़ी चिंता पर पड़ सकता है असर : शक्तिकांत दास
सरकार क्रिप्टो करेंसी के बारे में संसद में एक विधेयक पेश करने की योजना बना रही है. इसके तहत कंपनियों और लोगों पर क्रिप्टो करेंसी खरीदने और बेचने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा.
आरबीआई के गवर्नर ने कहा कि मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी अलग है. ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का फायदा उठाना जाना चाहिए. यह दूसरी चीज है. लेकिन, क्रिप्टो के बारे में वित्तीय स्थिरता के लिहाज से हमें काफी चिंता है. उन्होंने इस बारे में ज्यादा नहीं बताया. लेकिन, केंद्रीय बैंक मनी लाउंड्रिंग और आंतकी गतिविधियों के लिए फंडिंग के वास्ते डिजिटल करेंसी के इस्तेमाल पर चिंता जता चुका है.
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