1. जो लोग बाएं हाथ से सारा काम करते हैं, जब वे कंप्यूटर का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं तो उन्हें सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस का समस्या हो जाती है। ऐसी अवस्था में बाएं हाथ में दर्द उठता है। इसके अलावा अगर बाएं हाथ के कंधों में आर्थराइटिस है तो भी बाएं हाथ में दर्द हो सकता है।
सिर दर्द क्या है, क्यों होता है, इसके लक्षण, कारण और इलाज के बारे में यहां जानें
Updated: June 2, 2022 5:14 PM IST
सिर के किसी भी हिस्से में अचानक होने वाले दर्द को सिरदर्द कहते हैं. यह सिर के किसी एक या दोनों तरफ हो सकता है. किसी एक खास प्वाइंट से शुरू होकर सिरदर्द पूरे सिर में फैल सकता है या किसी विशेष स्थान पर हो सकता है. सिर में सनसनी पैदा करने वाला, तेज या हल्का दर्द हो सकता है. यह धीरे-धीरे बढ़ सकता है या अचानक तेज सिरदर्द शुरू हो सकता है. कई बार यह एक-दो घंटे तक रह सकता है और कई दिनों तक भी सिरदर्द रह सकता है.
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तनाव के कारण अक्सर सिरदर्द होने लगता है. तनाव से जुड़ा सिरदर्द, कंधों, गर्दन, जबड़े, मांसपेशियों और खोपड़ी में तनाव के चलते होता है. बहुत ज्यादा काम करने, पर्याप्त नींद न लेने, समय पर खाना न खाने और शराब का सेवन करने की वजह से ऐसा सिरदर्द होता है. जीवनशैली में बदलाव करने, पर्याप्त मात्रा में आराम करने या दर्द निवारक दवा लेने से इस दर्द में राहत मिलती है. इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि सिरदर्द कितने प्रकार का होता है, सिरदर्द के लक्षण, कारण और इलाज.
सिर दर्द के प्रकार
अंतरराष्ट्रीय हेडएक सोसाइटी के अनुसार सिर दर्द प्राथमिक और माध्यमिक, दो प्रकार का होता है. प्राथमिक सिरदर्द में टेंशन से होने वाला सिर दर्द, क्लस्टर सिरदर्द और माइग्रेन के कारण होने वाला सिरदर्द शामिल होते हैं. जबकि माध्यमिक सिर दर्द में रीबाउंड और थंडरक्लैप सिर दर्द, कैफीन के लिए सिरदर्द और स्ट्रेस सिरदर्द शामिल होते हैं.
प्राथमिक सिरदर्द सिर के अंदर दर्द-संवेदी संरचनाओं की अतिक्रियाशीलता या उनमें होने वाली समस्याओं के कारण होते हैं. इनमें रक्त वाहिकाएं, मांसपेशियां, सिरदर्द और गर्दन की नसें शामिल हैं. प्राथमिक सिरदर्द दिमाग की रासायनिक गतिविधियों में होने वाले बदलावों का परिणाम क्या सिर और कंधे तेजी से उलटे हैं भी हो सकता है. माइग्रेन प्राथमिक सिरदर्द का दूसरा सबसे आम रूप है. क्लस्टर सिरदर्द 15 मिनट से 2-3 घंटे तक भी रह सकता है. यह दिन में कई बार शुरू हो सकता है. टेंशन के सिरदर्द का सबसे प्रमुख कारण है. यह धीरे-धीरे शुरू होता है. इस प्रकार का सिरदर्द भी घंटों तक बने रह सकता है.
सिरदर्द के लक्षण
जैसा कि हमने ऊपर बताया आमतौर पर सिरदर्द के लक्षणों के लिए किसी डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता नहीं होती है. इसके लक्षणों में हल्का सिरदर्द शामिल है, जिसमें आंखों और भौहों के ऊपर सिर के दोनों क्या सिर और कंधे तेजी से उलटे हैं क्या सिर और कंधे तेजी से उलटे हैं तरफ दर्द, दबाव या खिंचाव महसूस होता है. सिर के किसी एक हिस्से में भी दर्द, दबाव या खिंचाव महसूस हो सकता है. कई बार यह दर्द गर्दन और सिर के पिछले हिस्से के साथ ही पूरे सिर में फैलने लगता है. ऐसे ही दर्द के बारे में अक्सर लोग क्या सिर और कंधे तेजी से उलटे हैं ‘सिर दर्द से फट रहा है’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं.
अगर सिरदर्द तनाव का है तो यह गर्दन और सिर के पिछले हिस्से पर भी असर दिखाता है, जबकि माइग्रेन का सिरदर्द बहुत तेज होता है और इसमें उल्टी व मतली के साथ आवाज और तेज रोशनी में चिड़चिड़ाहत होती है. क्लस्टर सिरदर्द में आंखें लाल होने, आंखों से पानी आने, नाक बहने और पलकों के सूख जाने या सूजन जैसी समस्याएं होती हैं. रिबाउंड सिरदर्द में बेचैनी, गर्दन में दर्द, नाक बंद होना और नींद न आने जैसे लक्षण दिखते हैं. यही नहीं इसका दर्द हर दिन अलग हो सकता है.
सिरदर्द क्यों होता है?
सिर में मौजूद दर्द-संवेदी संरचनाओं में किसी तरह की चोट लगने या जलन के कारण सिरदर्द होता है. दर्द को महसूस करने वाली संरचनाओं में माथा, खोपड़ी, सिर का ऊपरी भाग, गर्दन, सिर की मांसपेशियां, सिर के चारों ओर मौजूद उत्तक, साइनस, सिर की प्रमुख धमनियां और नसें शामिल हैं. इन संरचनाओं में किसी तरह के दबाव, ऐंठन, जलन, सूजन, या तनाव के चलते सिरदर्द हो सकता है.
आमतौर पर सिरदर्द की समस्या के लिए डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता नहीं होती. हालांकि, कभी-कभी सिरदर्द किसी अन्य गंभीर बीमारी का लक्षण होता है. लेकिन यह जानना भी जरूरी है कि सिरदर्द में कब डॉक्टर को दिखाएं. अगर झटके के बाद सिरदर्द हो या सिरदर्द के साथ गर्दन में अकड़न, बुखार, बेहोशी, भ्रम, आंख और कान में भी दर्द हो तो तुरंत इलाज के लिए डॉक्टर के पास जाएं.
Nerve Treatment: कंधे या बाजू की नस पर नस चढ़ जाए तो घबराइए नहीं, जानिए लक्षण और उपचार
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। बिना इलाज के छोटी सी परेशानी भी बड़ी मुसीबत का सबब बन जाती है। नस पर नस का चढ़ना एक छोटी सी परेशानी है लेकिन अगर इसे नजरअंदरा कर दिया जाए तो ये आपको लंबे समय तक बीमार कर सकती है। कई बार काम करते समय या फिर मांसपेशियों में खिंचाव की वजह से आपकी नस पर नस चढ़ जाती है। नस पर नस चढ़ने की स्थिति दो तरह की हो सकती है। पहली स्थिति में आपको तत्काल दर्द होग और ठीक हो जाएगा। जबकि दूसरी स्थिति गंभीर और दर्दनाक हो सकती है जो आपको लाचार भी बना सकती है।
अक्सर जांघ, पैर, हाथ, गर्दन, बाजू, पेट, पस्लियों के आस-पास की नस पर नस चढ़ती है। जब भी बॉडी के जिस अंग की नस पर नस चढ़ती है तो प्रभावित मांसपेशियों का हिस्सा 15 मिनट तक के लिए सख्त हो जाता है। उस क्या सिर और कंधे तेजी से उलटे हैं हिस्से पर कुछ दर्द की दवाई लगाने से राहत भी मिल जाती है। आइए जानते है कि नस पर नस चढ़ने का क्या कारण है और इसका उपचार कैसे किया जाए।
क्या सिर और कंधे तेजी से उलटे हैं
शीर्षासन ज्यादातर लोगों को बहुत मुश्किल योग लगता हैं। महिलाएं इसे करने से बहुत डरती हैं क्योंकि उन्हें चोट लगने का डर सताता रहता है तो कुछ महिलाओं को शरीर को अपने सिर पर बैलेंस करना बहुत मुश्किल लगता है। लेकिन क्या आप जानती है कि इसे करने के कितने फायदे हैं। जिसे करने में अच्छे-अच्छों के पसीने निकलने लगते हैं। बॉलीवुड की बहुत सारी एक्ट्रेसेस जैसे दीपिका पादुकोण, आलिया भट्ट, करीना कपूर खान, सुष्मिता सेन, मलाइका अरोड़ा, सोनक्षी सिन्हा से लेकर जैकलीन तक खुद को फिट रखने के लिए शाीर्षासन करती हैं। शीर्षासन करना आपके लिए कितना फायदेमंद हो सकता है यह बात तो आपको इन एक्ट्रेसेस को देखकर ही पता चल गया होगा। आइए शीर्षासन के फायदों के बारे में जानें।
तनाव से राहत दिलाएं
हैंडस्टैंड को कूलिंग आसन कहा जाता है क्योंकि यह आपका ध्यान अंदर की ओर खींचने में हेल्प करता है। यह पोज चिंता, तनाव या भय को दूर करने में बहुत मददगार होता है। तनाव से राहत पाने के लिए शीर्षासन, लंबी और धीमी सांस के साथ करना एक बेहतरीन नुस्खा है।
जब आप सिर के बल उलटा होते हैं तो आपके ब्रेन में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है। यह आपके फोकस और मेंटल कामों को बेहतर बनाने में हेल्प करता है। तनाव और चिंता को दूर करने के साथ, ये आसन आपके ब्रेन को तेज और स्पष्ट रखता है।
कंधों और बाजुओ को मजबूत बनाएं
एड्रिनलकरते समय आप अपने बाजुओं की मदद से जमीन पर खड़े होते हैं। ऐसा करने से आपकी बाजुएं, कंधे और गर्दन मजबूत होते हैं। आपकी ऊपरी बॉडी में ताकत और धीरज को बेहतर बनाने में शीर्षासन सबसे अच्छा आसन है।
डाइजेशन में सुधार
यह आसन आपके डाइजेशन के लिए भी बहुत अच्छा होता है। जी हां जब आप एक शीर्षासन करते हैं, तो आप अपने पाचन अंगों पर गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव को उलटने की अनुमति देते हैं, ऐसा करने से फंसी गैसों को छोड़ने और सभी अंगों में ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करने में मदद मिलती है। इससे शरीर द्वारा पोषक का अवशोषण भी बढ़ता है।
जब आप आसन करते समय उल्टा होते हैं, ये आपके छोटे एड्रिनल ग्लैंड को निचोड़ता है जो तनाव हार्मोन के उत्पादन के लिए जिम्मेदार होते हैं। और एड्रिनल ग्लैंड के साफ होने से तनाव भी कम होता है।
शरीर की इन जगहों पर हो दर्द तो भूलकर भी न करें इग्नोर
शरीर में अलग-अलग तरह के दर्द होते हैं, जिनके अनेक कारण होते हैं। किसी दर्द का कारण बिल्कुल सामान्य होता है, तो कुछ के क्या सिर और कंधे तेजी से उलटे हैं कारण गंभीर भी हो सकते हैं। आप किसी भी दर्द को नजरअंदाज न करें, बता रही हैं क्या सिर और कंधे तेजी से उलटे हैं निधि गोयल
हार्ट अटैक व अन्य कारणों से होने वाले दर्द में फर्क
जब हम अपने बाएं हाथ में दर्द महसूस करते हैं, तो हमें और दूसरी चीजें भी देखनी चाहिए। जैसे पसीने का आना, अचानक ब्लडप्रेशर का कम होना और टहलने पर दर्द का बढ़ जाना। यदि ये सारे लक्षण एक साथ महसूस हो रहे हैं, तो यह हार्ट अटैक हो सकता है। अगर मरीज क्या सिर और कंधे तेजी से उलटे हैं को डायबिटीज है या उसका कोलेस्ट्रॉल स्तर ठीक नहीं है और तब बाएं हाथ में दर्द महसूस हो, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, यह हार्ट अटैक से संबंधित हो सकता है।
जरूरी नहीं कि बाएं हाथ में दर्द हर्ट अटैक का लक्षण हो, ये भी हो सकते हैं कारण
बाएं हाथ में दर्द के एक नहीं कई कारण होते हैं।
हर्ट अटैक के प्रमुख लक्षणों के बारे में जब बात की जाती है तो उनमें बाएं हाथ का दर्द भी शामिल होता है। सवाल ये है कि क्या बाएं हाथ का दर्द केवल हर्ट अटैक का ही कारण होता है? इसका जवाब है, नहीं। बाएं हाथ में दर्द के एक नहीं कई कारण होते हैं। जो लोग इसे केवल हर्ट अटैक से जोड़कर देखते हैं उन्हें ये बात जान लेनी चाहिए कि दिल का क्या सिर और कंधे तेजी से उलटे हैं दौरा पड़ने के लक्षणों में बाएं हाथ में दर्द के अलावा भी कई तरह के लक्षणों का प्रकट होना आवश्यक है, जैसे मरीज को पसीना आना, घबराहट होना, मिचली आना आदि। इसलिए हर बार बाएं हाथ के दर्द को हर्ट अटैक से जोड़कर परेशान होने की जरूरत नहीं है। आज हम आपको बताने वाले हैं कि बाएं हाथ में दर्द और किन कारणों से हो सकता है।
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