“Trading का अर्थ है किसी वस्तु या सेवा को लाभ कमाने के मकसद से खरीदना और बेचना”
Trading in Hindi | ट्रेडिंग कैसे सीखें | ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं?
Trading क्या होती है और कैसे की जाती है? अगर आपके मन में भी सवाल है तो आपको आज बहुत मज़ा आने वाला है क्योंकि आज हम ट्रेडिंग से जुड़ी सभी जानकारी आपके साथ शेयर करने वाले हैं। हम जानेंगे कैसे दुनिया में लोग मात्र एक दिन में ट्रेडिंग से हज़ारों रूपये कमा लेते हैं और आप ऐसा कैसे कर सकते हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया के 100 सबसे अमीर आदमियों की लिस्ट में 2 ट्रेडर भी शामिल है जिन्होंने अपनी ट्रेडिंग कला के बल पर बेशुमार दौलत इकट्ठा की है। हालाँकि ऐसे भी लाखों उदाहरण हैं जहाँ ट्रेडिंग ने लोगो को डुबो दिया । ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने ट्रेडिंग साइकोलॉजी से जुड़ी किताबें नहीं पढ़ी थी।
मार्किट लोगों के मूड से चलता है और अगर आपको पब्लिक के मन का नहीं पता तो आप एक सफल ट्रेडर नहीं बन पाओगे इसलिए पहले शेयर मार्किट की बेस्ट किताबें पढ़कर ज्ञान अर्जित करें और उसके बाद ही ट्रेडिंग करना शुरू करें।
Trading मीनिंग इन हिंदी
आसान हिंदी भाषा में ट्रेडिंग का मतलब होता है ‘व्यापर’ या ‘लेनदेन’। अब व्यापार तो वैसे किसी भी चीज़ का हो सकता है लेकिन क्योंकि हम यहाँ शेयर मार्किट की बात कर रहे हैं तो यहाँ ट्रेडिंग का मतलब है शेयर खरीदने और बेचने की प्रक्रिया।
ट्रेडिंग क्या होती है?
जब आप किसी कंपनी के शेयर को कम दाम पर खरीदते हैं और कुछ मिनट, घंटे, या दिनों बाद उस शेयर की कीमत बढ़ जाने के बाद ज़्यादा दाम पर बेचते हैं तो इसी को हम सफल ट्रेडिंग कहते हैं। एक ट्रेडर को सफल तभी कहा जा सकता है जब वह कोई भी शेयर मुनाफे के साथ बेचे अन्यथा अपना नुकसान तो वे लोग भी करते हैं जिन्हे ट्रेडिंग का T भी नहीं पता।
ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं?
अब जैसा की हमने आपसे ट्रेडिंग की परिभाषा में कहा की आप किसी शेयर को कुछ मिनटों से लेकर हफ्ते भर तक होल्ड कर सकते है। उसी समय अवधि के अनुसार ट्रेडिंग को मुख्य रूप से दो प्रकार में विभाजित किया गया है:
इंट्राडे ट्रेडिंग(Intraday Trading):
इंट्राडे का हिंदी में मतलब है ‘दिन के अंदर’। जब आप किसी शेयर को एक ही दिन में खरीदते और मार्किट बंद होने से पहले बेच देते हैं तो उस प्रकार की ट्रेडिंग को इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है। इसमें आपको सुबह मार्किट खुलते ही पोजीशन बनानी होती है क्योंकि अच्छे मौके सुबह ही मिलते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग का ही एक और टाइप होता है जिसे हम कहते है स्कल्पिंग(Scalping) जिसमे मार्किट खुलने के एक घंटे के अंदर ही शेयर का खरीदना और बेचना दोनों हो जाता है।
स्विंग ट्रेडिंग(Swing Trading)
स्विंग का हिंदी में मतलब होता है ‘झूलना’ और ट्रेडिंग जगत में भी इसका मतलब होता है किसी शेयर को एक से ज़्यादा ट्रेडिंग सेशन तक पकड़ के रखना और कुछ दिन या हफ़्तों बाद बेचना। हम ऐसा कह सकते है कि आपको एक शेयर लेकर कुछ दिनों या हफ़्तों तक झूलना है और जब उसकी कीमत आपके मुताबिक बढ़ जाये तो उसे बेच देना है। अब क्योंकि स्विंग Trading में हम एक दिन से ज़्यादा शेयर को होल्ड करते हैं इसे हम डिलीवरी(Delivery) ट्रेडिंग भी कहते है।
अगर आप एक हफ्ते के आगे तक अगर कोई शेयर होल्ड करते हैं तो आप पोज़िशनल(Positional) ट्रेडिंग कर रहे हैं और अगर आप 1 महीने से ज़्यादा कोई शेयर रखते है तो फिर आप ट्रेडिंग नहीं इन्वेस्टिंग कर रहे हैं क्योंकि स्विंग ट्रेडिंग की अधिकतम अवधि 2 महीने है। उसमे भी लोग एक हफ्ते से ज़्यादा किसी शेयर को होल्ड नहीं करते तो एक महीना तो बहुत दूर की बात है।
ट्रेडिंग कैसे सीखें? How to Learn Trading in Hindi?
ट्रेडिंग एक ऐसी चीज़ है जो आपको एक दिन में नहीं आएगी। इसके लिए आपको रोज़ पढ़ना पड़ेगा। जिस प्रकार अच्छी किताबें और अच्छे लोग तुरंत समझ में नहीं आते उन्हें पढ़ना पड़ता है। वैसे ही ट्रेडिंग का ज्ञान लेने के लिए आपको टेक्निकल एनालिसिस और Trading Psychology से जुड़ी किताबों को पढ़ना पड़ेगा तब जाकर कुछ बात बनेगी।
इसके बाद भी सिर्फ पढ़ने से काम नहीं चलेगा। आपको मार्किट का रुख देखकर अपनी खुद की स्ट्रेटेजी बनानी पड़ेगी और जिस शेयर में ट्रेडिंग करने की सोच रहे हैं उसके कैंडलस्टिक चार्ट को देखकर उसका तकनिकी विश्लेषण करना होगा। इसके बाद ही आपको पता चल पायेगा कि वो शेयर ऊपर जायेगा या नहीं।
मार्किट से बड़ा गुरु कोई नहीं है इसलिए अगर आप Trading सीखना चाहते हैं तो लाइव ट्रेडिंग सेशन के दौरान किसी भी स्टॉक को पकड़ लें जिसके प्राइस में तेजी से बदलाव हो रहे हो। उस शेयर के पीछे के पैटर्न को देखकर आने वाले पैटर्न का अंदाज़ा लगाएं और खुद का टेस्ट करें।
स्टॉक मार्किट में एक्सपर्ट निवेशक बनने के लिए आप seekhonivesh.com पर हमारे आर्टिकल पढ़ सकते है। आपको लगभग हर दिन एक नयी जानकारी मिलेगी जो आपको एक सफल निवेशक और बेहतर इंसान बनने में मदद करेगी।
ट्रेडिंग कैसे की जाती है?
Trading शुरू करने के लिए आपको सबसे पहले एक डीमैट अकाउंट की ज़रूरत पड़ती है जो आपको स्टॉक एक्सचेंज के साथ जोड़ता है। बिना ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट के बिना आप शेयर खरीदने की सोच भी नहीं सकते।
अगर आपने डीमैट अकाउंट खुलवा लिया है तो आप बिना किसी दिक्कत के ट्रेडिंग शुरू कर सकते है। दुनिया के शेयर बाज़ारों की टाइमिंग अलग अलग होती है जैसे भारतीय स्टॉक मार्किट सुबह 9:15 पर खुलता है और दोपहर 3:30 बजे बंद हो जाता है जबकि अन्य स्टॉक एक्सचेंज जैसे यूरोप,ऑस्ट्रेलिया, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज और अमेरिकी नैस्डेक की ओपन टाइमिंग काफी अलग है।
तो जिस मार्किट में आपको Trading करनी है उसकी ओपनिंग और क्लोजिंग टाइमिंग पता करें। फिर ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खुलवाएं। ट्रेडिंग अकाउंट इंट्राडे ट्रेडिंग में मदद करेगा और डीमैट आपको स्विंग ट्रेडिंग करने में मदद करेगा क्योंकि आपके ख़रीदे गए शेयर डीमैट के अंदर ही रखे जायेंगे। ये दोनों काम करने के बाद आप आराम से किसी भी शेयर में ट्रेड करना शुरू कर सकते हैं।
शुरुआत में हमेशा बहुत कम पैसे लगाकर देखें ताकि अगर नुकसान भी हो तो कम हो। अगर आप पहली बार में कामयाब नहीं होते हैं तो घबराने की कोई बात नहीं है क्योंकि हमने पहले से ही कम पैसो से शुरुआत की है और वे ही पैसे लगाएं जिनके जाने का आपको गम न हो और लोन लेकर ट्रेड करने की सोच रहे हैं तो ऐसा ख्याल भी मन से निकाल दें।
लोन लेकर ट्रेड करना पाप है इसलिए Trading करने के लिए केवल उन्हों पैसो का इस्तेमाल करे जो अगर चले भी जाये तो आपके परिवार पर कोई असर न पड़े पर अगर आपको रिस्क लेना का शोक है तो आईपीओ में निवेश करना एक बेहतरीन विकल्प स्टॉक ट्रेडिंग के प्रकार हो सकता है।
Symbiox Investment & Trading Co Ltd (SYMB)
सिम्बायॉक्स इन्वेस्टमेंट & ट्रेडिंग कंपनी लिमिटेड शेयर (SYMB शेयर) (ISIN: INE653R01012) के बारे में। आप इस पृष्ठ के अनुभागों में से किसी एक में जा कर ऐतिहासिक डेटा, चार्ट्स, तकनीकी विश्लेषण तथा अन्य के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
सिम्बायॉक्स इन्वेस्टमेंट & ट्रेडिंग कंपनी लिमिटेड कंपनी प्रोफाइल
सिम्बायॉक्स इन्वेस्टमेंट & ट्रेडिंग कंपनी लिमिटेड कंपनी प्रोफाइल
- प्रकार : इक्विटी
- बाज़ार : भारत
- आईसआईन : INE653R01012
- एस/न : SYMBIOX
Symbiox Investment & Trading Co Ltd engages in the trading of sarees in India. It also deals in shares, stocks, debentures, bonds, and obligations and securities issued or guarantees; and offers gunny, hessian, carper backing, tarpoline cloth, jute cutting, raw jute, textiles, fabrics, garments, carpets, durries, mats, rugs, blankets, shawls, tweeds, linens, flannels, bed spreads, quilts, scares, belts, and furnishing, as well as apparels dressing materials mixed nylon, polyester, fiber, yarn, and hosiery and mixed fabrics natural silk fabrics and garments. The company sells its products through a chain of wholesalers and retailers. Symbiox Investment & Trading Co. Ltd. was incorporated in 1979 and is based in Kolkata, India.
आय विवरण
तकनीकी सारांश
ट्रेंडिंग शेयर
ट्रेंडिंग शेयर
SYMB टिप्पणियाँ
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
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STOCK MARKET TRADING क्या होता है?
STOCK MARKET TRADING क्या होता है? Types of STOCK TRADING?
दोस्तों, अक्सर हमें Stock Market में Trading शब्द सुन ने को मिलता है, आज हम इसी सम्बन्ध में चर्चा करेंगे कि “STOCK MARKET TRADING” क्या होता है?
STOCK MARKET TRADING
“Trading का अर्थ है किसी वस्तु या सेवा को लाभ कमाने के मकसद से खरीदना और बेचना”
TRADING का हिंदी अर्थ व्यापर होता है ,जब हम कोई बस्तु या सेवा इसी उद्देश्य से खरीदते है कि उस वस्तु और सेवा को कुछ समय बाद बेच कर हम उस से लाभ कमाएंगे तो इस कार्य को “TRADING” कहा जाता है, हम अपने आस पास जितने भी व्यापर होता देखते है – चाहे राशन या सब्जी की दुकान हो अन्य दुकान, सभी दुकानदार बस्तु या सेवा इस उद्देश्य से खरीदते है ताकि वे उसे बेच कर लाभ कमा सके,
TRADING IN STOCK MARKET
हमें देखा कि TRADING का अर्थ, यानी बस्तु या सेवा लाभ कमाने के उद्देश्य से खरीदना और बेचना होता है , ठीक इसी तरह जब हम STOCK MARKET में कोई भी STOCK या SHARE खरीदते है, तो हमारा मुख्य उद्देश्य होता है, उस SHARE या STOCK के भाव बढ़ जाने पर उसे बेच कर लाभ कमाया जा सके, और इस तरह STOCK MARKET में भाग लेने वाले 99% से ज्यादा लोग जब कोइ शेयर या STOCK खरीदते है और बेचते है तो उनकी ये क्रिया “STOCK MARKET TRADING” कहलाती है,
STOCK MARKET में TRADING कितने प्रकार की होती है ?
“TRADING” शब्द “INVESTMENT” की अपेक्षा जल्दबाजी और RISK वाला लगता है, और ये काफी हद तक सही भी है, क्योकि TRADING करने वाला व्यक्ति हमेशा मौके के इन्तेजार में रहता है और जैसे ही उसे सही मौका दिखता है, वो अपने सौदे को बेच कर लाभ कमा लेता है,
इस तरह से देखा जाये तो TRADING एक SHORT TERM ACTIVITY होता है, और TRADING के कुछ मुख्य प्रकार है –
ऐसे TRADE जो एक दिन के अन्दर ही पुरे कर लिए जाते है, यानी SHARE या STOCK उसी दिन खरीद कर उसी दिन बेचने के कार्य को इंट्रा डे ट्रेडिंग कहा जाता है, जैसे -सुबह 9:15 पे MARKET खुलने के बाद स्टॉक खरीदना और उसी दिन शाम 3.30 पे MARKET बंद होने से पहले आप उसे बेच दे, अक्सर देखा गया है कि एक INTRA DAY TRADER एक दिन में 5- 6 TRADE करते है, इस तरह की TRADING में STOCK HOLD करने का टाइम कुछ घंटो में होता है,
नोट: इस तरह की TRADING के लिए BROKER कंपनिया आपको आपके पास उपलब्ध रकम के दस से बीस गुना ज्यादा मार्जिन देती है, की आप उनसे दिन भर के लिए उधर लेकर आप TRADING करके लाभ कमाओ और उसी दिन शाम तक आप उनको उनका पैसा सौदे को बेचकर उन्हें लौटा दो,
2. SCALPER TRADING –
ऐसे TRADE जो कुछ मिनट के अन्दर ही पुरे कर लिए जाते है, यानी SHARE या STOCK खरीदने कुछ मिनट के अन्दर ही उसे बेच दिया जाये तो इसे SCALPER TRADING कहा जाता है, जैसे -सुबह 9:15 पे MARKET खुलने के बाद स्टॉक खरीदना , और खरीदने के 1,२, या 5-10 MINUTE के अन्दर उसे बेच कर छोटा लेकिन फटाफट लाभ कमाना, अक्सर देखा गया है कि इस तरह की TRADING में AMOUNT बहुत ज्यादा होती है, जैसे अगर आप 10 लाख रूपये लगाते है और उसमें 100 रूपये के 10000 शेयर लेते है तो 100 रूपये के ऊपर अगर शेयर 20 पैसा भी बढ़ जाता है तो 10000 X 0.2 यानी लगभग 2000 रूपये का फायदा हो जाता है, और अगर 100 रूपये का शेयर 101 रूपये हो जाता है तो आपको प्रति शेयर 1 रूपये की हिसाब से आपको 10000 रूपये तक का लाभ हो सकता है , लोग फटाफट छोटे छोटे PROFIT मार्जिन के साथ फटाफट PROFIT कमाने के लिए इस तरह की TRADING करते है,
नोट: इस तरह की TRADING के लिए BROKER कंपनिया आपको आपके पास उपलब्ध रकम के दस से बीस गुना ज्यादा मार्जिन देती है, की आप उनसे दिन भर के लिए उधर लेकर आप TRADING करके लाभ कमाओ और उसी दिन शाम तक आप उनको उनका पैसा सौदे को बेचकर उन्हें लौटा दो ,
3. SWING TRADING
ऐसे TRADE जो कुछ दिन, हफ्ते या महीने के अन्दर ही पुरे कर लिए जाते है, यानी SHARE या STOCK के बाद उसे कुछ दिन, हफ्ते या कुछ महीने तक अपने पास रखते है और उसके सही भाव बढ़ने का इन्तेजार करते है , जैसे -JANUARY 2017 में ख़रीदे गए शेयर को फ़रवरी या अप्रैल मई तक बेचना, इस तरह की STOCK BUYING को SHARE DELIVERY पर खरीदना कहते है,
इस तरह के ट्रेड में में ट्रेडर अपने शेयर्स के भाव में दिनों के हिसाब से 5 या 10 प्रतिशत से ज्यादा भाव बढ़ने की आशा के साथ ट्रेड करता है, ध्यान देने वाली बात ये है कि इस तरह के ट्रेड में पूरा पैसा ट्रेडर का लगा होता है, इसमें कंपनिया किसी तरह का कोई MARGIN MONEY नहीं देती,
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Stock Market fundamentals : Stock Market में पैसा कमाना हैं तो इन 5 ट्रेडिंग strategies के बारे में जरूर जाने
रिपोर्ट के मुताबिक ये ट्रेडिंग रणनीतियाँ बहुत काम की होती हैं और निवेशक को उस ट्रेडिंग शैली पर निर्णय लेने में मदद करती हैं जिसे वे अपनाना चाहते हैं। प्रत्येक प्रकार की ट्रेडिंग रणनीति से जुड़े जोखिम और लागत की गहन समझ के साथ ट्रेडर्स चाहें तो रणनीतियों के संयोजन का उपयोग करके भी शेयरों में खरीद-फरोख्त कर सकते हैं।
Stock Market : ट्रेडिंग का मतलब सिक्टोरिटीज को खरीदना और बेचना होता है। ट्रेडिंग भी कई प्रकार की होती हैं। एक दिन से लेकर सालों के लंबे अंतराल के लिए भी ट्रेडिंग की जाती है। इसके साथ ही अलग-अलग बाजारों के माहौल और वहां मौजूद जोखिम से जुड़ी विभिन्न ट्रेडिंग रणनीतियां ( trading strategies) शेयरों में कारोबार करने के समय अपनाई जाती हैं। यहां पर हम कुछ ट्रेडिंग रणनीतियों पर चर्चा कर रहे हैं जो बाकी रणनीतियों में से सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। ये रणनीतियां निवेशकों को तर्कसंगत निवेश निर्णय लेने में मदद कर सकती हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग ( Intraday Trading)
इंट्राडे ट्रेडिंग जिसे डे ट्रेडिंग के रूप में भी जाना जाता है। ये ऐसी ट्रेडिंग रणनीति है जिसमें निवेशक एक ही दिन में शेयरों को खरीदते और बेचते हैं। वे शेयर बाजार के बंद होने के समय से पहले ट्रेडिंग बंद कर देते हैं। एक ही दिन में वे मुनाफा और घाटा बुक करते हैं। निवेशक इन शेयरों में एक दिन में कुछ सेकंड , घंटे के लिए या इसमें दिन भर में कई बार ट्रेड ले सकते हैं। इसलिए इंट्राडे एक अत्यधिक वोलाटाइल ट्रेडिंग रणनीति मानी जाती और इसके लिए तेजी से निर्णय लेना होता है।
पोजीशनल ट्रेडिंग ( Positional Trading)
पोजिशनल ट्रेडिंग एक ऐसी रणनीति है जहां शेयर्स को महीनों या सालों के लंबे समय तक रखा जाता है। ऐसे शेयरों में समय के साथ भाव में बड़ी बढ़त की अपेक्षा के साथ मुनाफा कमाने की उम्मीद की जाती है। निवेशक आमतौर पर फंडामेंटल एनालिसिस के साथ कंपनी का टेक्निकल ग्राउंड देखकर इस शैली को अपनाते हैं। इसलिए इस प्रकार की ट्रेडिंग रणनीति में आमतौर पर बाजार के रुझान और उतार-चढ़ाव जैसी अल्पकालिक जटिलताओं को नजरअंदाज कर दिया जाता है।
स्विंग ट्रेडिंग ( Swing Trading)
स्विंग ट्रेडिंग आमतौर पर एक ऐसी रणनीति है जहां निवेशक शेयरों के भाव में और तेजी की उम्मीद में एक दिन से अधिक समय तक शेयरों को अपने पास रखते हैं। स्विंग ट्रेडर्स आने वाले दिनों में बाजार की गतिविधियों और रुझानों की भविष्यवाणी करने के लिए जाने जाते हैं। इंट्राडे ट्रेडर्स और स्विंग ट्रेडर्स के बीच स्टॉक को अपने पास रखने की समय सीमा में महत्वपूर्ण अंतर होता है। इसलिए कहा जाता है कि ज्यादातर टेक्निकल ट्रेडर्स स्विंग ट्रेडिंग की कैटेगरी में आते हैं।
टेक्निकल ट्रे़डिंग ( Technical Trading)
टेक्निकल ट्रेडिंग में ऐसे निवेशक शामिल हैं जो शेयर बाजार में प्राइस चेंज की भविष्यवाणी करने के लिए अपने तकनीकी विश्लेषण ज्ञान का उपयोग करते हैं। इस ट्रेडिंग शैली में कोई विशेष समय-सीमा नहीं होती है क्योंकि यह एक दिन से लेकर महीनों तक के लिए भी हो सकती है। बाजार में कीमतों में उतार-चढ़ाव को निर्धारित करने के लिए अधिकांश ट्रेडर्स अपने टेक्निकल एनालिसिस स्किल्स का उपयोग करते हैं। हालांकि स्टॉक की कीमतों का निर्धारण करते समय सबसे महत्वपूर्ण टेक्निकल एनालिसिस बाजार की परिस्थिति होती है।
फंडामेंटल ट्रेडिंग ( Fundamental Trading)
फंडामेंटल ट्रेडिंग का मतलब स्टॉक में निवेश करना होता है जहां ट्रेडर्स समय के साथ भाव में तेजी की उम्मीद के साथ कंपनी के स्टॉक को खरीदता है। इस तरह की ट्रेडिंग में ' बाय एंड होल्ड ' रणनीति में विश्वास किया जाता है। इस प्रकार की ट्रेडिंग आमतौर पर कंपनी के फोकस्ड इंवेंट्स में किया जाता है। इसके लिए फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स , नतीजों , ग्रोध और मैनेजमेंट क्वालिटी का सावधानीपूर्वक विश्लेषण किया जाता है।
मिंट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक ये ट्रेडिंग रणनीतियाँ बहुत काम की होती हैं और निवेशक को उस ट्रेडिंग शैली पर निर्णय लेने में मदद करती हैं जिसे वे अपनाना चाहते हैं। प्रत्येक प्रकार की ट्रेडिंग रणनीति से जुड़े जोखिम और लागत की गहन समझ के साथ ट्रेडर्स चाहें तो रणनीतियों के संयोजन का उपयोग करके भी शेयरों में खरीद-फरोख्त कर सकते हैं।
इंट्रा-डे, लंबी अवधि का ट्रेड क्या है और इनके चार्जेज़ क्या होते हैं? आसान शब्दों में समझिए सारी बात
स्टॉक एक्सचेंज में एक ही दिन में शेयर की खरीद और बिक्री दोनों करने वाले सौदों को इंट्रा डे ट्रेडिंग कहते हैं. इसमें शेयर खरीदा तो जाता है, लेकिन उसका मकसद निवेश करना यानी शेयर को अपने पास रखना नहीं, बल्कि उसी दिन शेयर की कीमत में होने वाले उतार-चढ़ाव से मुनाफा कमाना यानी प्रॉफिट बुकिंग करना होता है.
स्टॉक एक्सचेंजों में शेयरों की ट्रेडिंग कई प्रकार की होती है. इनमें दो सबसे ज्यादा प्रचलित तरीके इंट्रा-डे ट्रेड और डिलीवरी ट्रेड के हैं. इनके अपने-अपने फायदे और नुकसान हैं और ये अलग-अलग तरह के लोगों के लिए मुफीद होती हैं. आज हम आपको ट्रेडिंग के इन्ही दोनों तरीकों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं.
स्टॉक एक्सचेंज में एक ही दिन में शेयर की खरीद और बिक्री दोनों करने वाले सौदों को इंट्रा डे ट्रेडिंग कहते हैं. इसमें शेयर खरीदा तो जाता है, लेकिन उसका मकसद निवेश स्टॉक ट्रेडिंग के प्रकार करना यानी शेयर को अपने पास रखना नहीं, बल्कि उसी दिन शेयर की कीमत में होने वाले उतार-चढ़ाव से मुनाफा कमाना यानी प्रॉफिट बुकिंग करना होता है.
इसमें शेयर की खरीद और बिक्री दोनों ही चीजें उसी दिन होती हैं, इसलिए उस दिन शेयर के भाव गिरने पर उसे होल्ड करके बढ़त का इंतज़ार नहीं किया जा सकता. इंट्रा डे विकल्प में अगर आप खरीदे हुए शेयर की बिक्री सत्र की समाप्ति तक नहीं करते, तो वह स्वचालित रूप से शेयर के बंद मूल्य पर बिक जाता है.
इंट्रा डे ट्रेड में जिस दिन शेयर खरीदा जाता है, उसी दिन पूरा पैसा नहीं देना होता है. नियम के मुताबिक शेयर खरीदने के 2 कारोबारी दिवसों (ट्रेडिंग डे) के बाद पूरा भुगतान करना होता है. हालांकि इसके बावजूद खरीदारी करते समय आपको शेयर के भाव की 30 फीसदी रकम अदा करनी होती है.
इंट्रा डे सौदों के लिए अलग-अलग शेयर ब्रोकरिंग कंपनियां अलग-अलग चार्ज लेती हैं. मिसाल के तौर पर जेरोधा इक्विटी इंट्राडे ट्रेडिंग के प्रत्येक ऑर्डर पर 0.03% या 20 रुपये का चार्ज लेती है. इन दोनों में से जो भी कम है, वह लिया जाता है. इसके अलावा ब्रोकरेज और लेनदेन शुल्क पर 18% जीएसटी का भी भुगतान भी करना होता है.
इंट्रा डे ट्रेडिंग में जहां शेयरों की खरीद और बिक्री उसी दिन कर दी जाती है, वहीं डिलिवरी सौदे यानी लॉन्ग टर्म ट्रेड में खरीदार शेयर को कुछ समय तक अपने पास रखता है. इसमें शेयर की खरीदारी लंबे समय में ज्यादा मुनाफा कमाने के मकसद से की जाती है.साथ ही इसमें शेयर धारक को शेयर के भाव में हुई बढ़ोतरी के साथ ही डिविडेंड और बोनस जैसे लाभ मिलने की संभावना भी रहती है. लॉन्ग टर्म ट्रेड निवेश की दृष्टि से किया जाता है.
हालांकि इसमें भी खरीदार को मुनाफा ही होगा, इसकी गारंटी नहीं होती, क्योंकि खरीद के बाद शेयर के भाव में काफी लंबे समय तक भी गिरावट बनी रह सकती है.
डिलीवरी ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर्स के अपने अलग-अलग चार्जेज़ होते हैं, जो चौथाई से आधे फीसदी तक हा सकते हैं, पर सबसे ज्यादा प्रचलित दर चौथाई फीसदी की ही है. मिसाल के तौर पर आईआईएफएल अपनी अलग-अलग कैटेगरीज में 0.40%,0.280%, 0.220% और 0.160% चार्ज लेती है.
शेयर खान और मोतीलाल ओसवाल जैसी ब्रोकरेज कंपनियां औसतन निवेशक इक्विटी डिलीवरी पर 0.50% का ब्रोकरेज शुल्क लेती हैं. इंट्रा डे की तरह ही इसमें भी ब्रोकरेज और लेनदेन शुल्क पर 18% जीएसटी का भी भुगतान भी करना होता है.
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