शेयर बाजार आधारित फिल्में और वेब-सीरीज
शेयर बाजार (स्टॉक मार्केट) आधारित फिल्में और वेब-सीरीज
शेयर बाजार किसी भी देश के आर्थिक जगत का बहुत बड़ा बैरोमीटर है जिससे उस देश कि अर्थव्यवस्था का कुछ कुछ अंदाजा लगाया जा सकता है। विभिन्न कंपनियों के स्टाक्स को शेयर बाजार में खरीदा बेचा जाता है और उससे कंपनियों की पूंजी बढ़ती घटती रहती है।
करोड़ों लोग इन शेयर बाजारों में अपनी किस्मत आजमाते हैं। इसलिये इस विषय का असर बहुत व्यापक है।
हिंदी, अंग्रेजी और अन्य भाषाओं में भी शेयर बाजार के ऊपर आधारित फिल्में, टीवी श्रंखलायें, वेब सीरीज और ढेर सारी डाक्यूमेंट्री (documentary) बने हैं। किसी किसी फिल्म में कथानक का मूल शेयर बाजार होता है वहीं कुछ में वो घटनाकृम में रहता है।
यहां पर हम कुछ ऐसी ही हिंदी/अंग्रेजी फिल्में, वेब सीरीज की चर्चा करेंगे जो कि या तो शेयर बाजार के माहिर खिलाड़ियों के ऊपर हे या फिर रोजाना काम करने वाले ट्रेडर्स के उपर बनी हैं।
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शेयर बाजार पर बनी हिंदी फिल्में
शेयर बाजार को लेकर हिंदी फिल्मों और टीवी धारावाहिकों का रुख कुछ नकारात्मक सा ही है। स्टॉक मार्केट को सट्टा की तरह पेश किया जाता है जहां पर लोग रातों रात धनी बन जाते हैं या फिर धनी व्यक्ति की कंपनी के शेयर इतने गिर जाते हैं कि उसका सब कुछ बिक जाता है और वो और उसका पूरा परिवार सड़क पर आ जाता है।
यही कारण है कि हिंदी में शेयर बाजार को लेकर कुछ चंद फिल्में ही बनी हैं। हमारी जानकारी में यहां नीचे बताई गई हिंदी फिल्में ही स्टॉक मार्केट पर बनी हैं।
- शेयर बाजार (Share Bazar) (1987) - ये हिंदी फिल्म शेयर बाजार के दो ट्रेडर भाइयों मनसुख और हंसमुख मेहता के उपर बनी है जो कि बांबे स्टॉक एक्सचेंज में उठापटक करते हैं। इस फिल्म में जैकी श्राफ और डिम्पल कपाड़िया ने लीड रोल में काम किया है।
- गफला (Gafla) (2006) - ये फिल्म बांबे स्टॉक मार्केट में हुये 1992 के बदनाम प्रतिभूति घोटाले के मुख्य आरोपी हर्षद मेहता के जीवन पर आधारित है। ये फिल्म यू-ट्यूब पर देखने के लिये उपलब्ध है।
- सास बहू और सेन्सेक्स (Saas Bahu aur Sensex) (2008) ये एक हिंदी फिल्म है जो 2008 में आई थी। शोना ऊर्वशी द्वारा निर्देशित इस फिल्म में शेयर बाजार में पैसा लगाने का और वहां काम करने के बारे में कुछ कहने के साथ ही साथ अन्य मसाले डाल कर बनाई गई एक मसाला हिंदी फिल्म है। इस फिल्म में किरण खेर, तनुश्री दत्ता, अंकुर खन्ना, फारूख शेख इत्यादि ने काम किया है।
- जो हम चाहें (Jo Hum Chahein) (2011) - नवोदित कलाकार हीरो सनी गिल, हीरोईन सिमरन मुंडी और नवोदित निर्देशक पवन गिल सबकी ये पहली फिल्म थी जिसमें हीरो MBA करने के बाद बांबे स्टॉक मार्केट में ट्रेडर बन कर अपनी आजीविका चलाना शुरू करता है।
- बाजार (Bazaar) (2018) शेयर मार्केट में सफल ट्रेडर कैसे बनें - सैफ अली खान इस फिल्म के हीरो हैं जो कि किसी भी तरह से शेयर बाजार मे पैसा कमाने में विश्वास करता है। स्टॉक मार्केट के कई काली सफेद गतिविधयां इसमें दिखाई गई हैं जैसे कि इनसाइडर ट्रेडिंग इत्यादि।
- स्कैम 1992 - द हर्षद मेहता स्टोरी(Scam 1992 - the Harshad Mehta Story) (हिंदी) - सोनी लिव (SonyLiv) पर उपलब्ध हो गया है। जैसा कि नाम से जाहिर है ये फिल्म हर्षद मेहता के जीवन पर आधारित है।
- द बिग बुल (The Big Bull) (हिंदी) (2020) - अमेजन प्राइम (Amazon Prime) पर 8 अप्रैल 2021 को उपलब्ध हो गई है। इसको अजय देवगन और कुकी गुलाटी ने बनाया है और इसके मुख्य कलाकार में अभिषेक बच्चन हैं। ये फिल्म भी हर्षद मेहता के जीवन पर आधारित है।
शेयर बाजार आधारित हिंदी वेब सीरीज
भारत में अभी OTT आधारित प्लेटफार्म का विकास हो रहा है। ऐसे में में नये नये विषय के लिये हो सकता है कि कुछ वेब सीरीज शेयर बाजार पर भी बनें।
- द बुल ऑफ दलाल स्ट्रीट (The Bull of Dalal Street) (हिंदी) - एसएक्स प्लेयर (MX Player) पर उपलब्ध
- शेयर बाजार पर इम्तियाज अली की लघु फिल्म (YouTube पर उपलब्ध)
स्टॉक शेयर मार्केट में सफल ट्रेडर कैसे बनें मार्केट आधारित अंग्रेजी में बनी फिल्में
अंग्रेजी भाषा में फिल्म बनाने में अमेरिका का हॉलीवुड (Hollywood) सबसे बड़ा केन्द्र है। वहां पर हमेशा नये नये विषय पर फिल्में बनाने का काम चलता रहता है।
जाहिर सी बात है कि अंग्रेजी में हॉलीवुड ने बहुत सारी शेयर बाजार आधारित फिल्में और वेब-सीरीज बनाई हैं।
हमने यहां नाचे ऐसी अंग्रेजी फिल्मों कि सूची बनाई है जो शेयर बाजार पर आधारित हैं। इनमें से कई फिल्में आपको हिंदी भाषा में डब होकर भी देखने को मिल जायेंगी।
अगर आप यूट्यूब, नेटफ्लिक्स, हॉटस्टार, अमेजन प्राइम, जी5, सोनीलिव आदि OTT पर अगर खोजेंगे तो आपके ये फिल्में अंग्रेजी में या हिंदी में डब होकर मिल जायेंगी और आप इनको देख सकते हैं।
- ट्रेडिंग प्लेसेज - Trading Places (1983)
- वॉल स्ट्रीट - Wall Street (1987)
- अदर पीपुल्स मनी - Other People's Money (1991)
- बारबेरियंस एट द गेट - Barbarians at the Gate (1993)
- रोग ट्रेडर - Rogue Trader (1999)
- बॉयलर रूम - Boiler Room (2000)
- वॉल स्ट्रीट वारियर्स - Wall Street Warriors (2006)
- मिलियन डॉलर ट्रेडर्स - Million Dollar Traders (2009)
- मार्जिन कॉल Margin Call (2011)
- टू बिग टू फेल - Too Big to Fail (2011)
- वॉल स्ट्रीट - मनी नेवर स्लीप्स - Wall Street – Money Never Sleeps (2011)
- आर्बीट्रॉज - Arbitrage (2012)
- द वोल्फ ऑफ वॉल स्ट्रीट - The Wolf of Wall Street (2013)
- द बिग शॉर्ट - The Big Short (2015)
- इक्विटी - Equity (2016)
- मनी मॉन्स्टर - Money Monster (2016)
स्टॉक मार्केट पर डाक्यूमेंटरी
- बूम डस्ट बूम - Boom Bust Boom -- Strengths & Weaknesses of US economy
- ट्रेडर - Trader -- Documentary on legendary trader Paul Tudor Jones
- बिकमिंग वारेन बफेट - Becoming Warren Buffett -- Documentary on Buffett's upbringing
- 25 मिलियन पाउन्ड - 25 Million Pounds -- Financial & Thriller documentary
- द चाइना हसल - The China Hustle (2018) – Finance & Trade Documentary
- द कॉरपोरेशन - The Corporation (2003) -- Finance Documentary
- बिलियन डॉलर डे - Billion Dollar Day (1985) - Documentary
- द एसेन्ट ऑफ मनी - The Ascent of Money (2008) -- Finance Documentary
- केपिटलिज्म - ए लव स्टोरी - Capitalism: A Love Story (2009) -- Finance Documentary
- फलोर्ड - Floored (2009) -- Stock Trading Documentary
- इनसाइड जॉब - Inside Job (2011) – Financial Crisis 2008, Finance Movie
- बेटिंग ऑन जीरो - Betting On Zero -- Big bet on short selling on one company
- हैंक: 5 ईयर्स फ्रोम द ब्रिंक - Hank: 5 Years from the Brink -- Bailout of the banking system in 2008
- चेजिंग मैडॉफ - Chasing Madoff (2011) शेयर मार्केट में सफल ट्रेडर कैसे बनें
- मनी फॉर नथिंग - Money for Nothing (2013)
आखिरी बात
तो ये सब जो फिल्में जो शेयर बाजार पर आधारित हेैं, उनको आपको जरूर देखना चाहिये यदि आप स्टॉक मार्केट में थोड़ी बहुत भी दिलचस्पी लेते हैं।
हालीवुड की कुछ फिल्में तो वैसे भी बहुत प्रसिद्ध हैं, उनको तो बिना शेयर बाजार के केवल रोमांच और अच्छे अभिनय तथा कथानक के लिये देखा जा सकता है।
Investment Tips: शेयर मार्केट से करोड़पति कैसे बनें? आपका भी है यही सवाल? ये 7 जवाब
पैसा कमाना हर किसी को अच्छा लगता है. कहा जाता है कि शेयर बाजार में बहुत पैसा है. कुछ लोगों को उदाहरण दिया जाता है कि इन्होंने महज 5000 रुपये से निवेश की शुरुआत की थी, और आज शेयर बाजार से करोड़ों रुपये बना रहे हैं. आखिर उनकी सफलता का राज क्या है, आज हम आपको बताएंगे? (Photo: Getty Images)
दरअसल, आप भी कुछ आसान टिप्स को फॉलो कर शेयर बाजार से पैसे बना सकते हैं. शेयर बाजार में कुछ बातों का ध्यान रखकर आप लखपति से करोड़पति बन सकते हैं. लेकिन अक्सर लोग पैसे बनाने की होड़ में नियम और रिस्क को भूल जाते हैं, या फिर कहें जानबूझकर नजरअंदाज कर देते हैं. और फिर उनकी उनकी शिकायत होती है कि शेयर बाजार से बड़ा नुकसान हो गया. (Photo: Getty Images)
यह भी एक कड़वी सच्चाई है कि शेयर बाजार से 90 फीसदी से ज्यादा रिटेलर पैसा नहीं बना पाते हैं, हर रिटेल निवेशक को शेयर मार्केट में सफल ट्रेडर कैसे बनें शेयर बाजार में कदम रखने से पहले इसे आंकड़े को ध्यान में रखना चाहिए. लेकिन एक इसमें एक अच्छी बात यह है कि 10 फीसदी रिटेल निवेशक पैसे बनाने में सफल रहते हैं. क्योंकि वे नियमों को फॉलो करते हैं. (Photo: Getty Images)
अब आइए आपको बताते हैं कि शेयर बाजार के आप कैसे करोड़पति बन सकते हैं.
1. शुरुआत कैसे करें: शेयर बाजार में निवेश से पहले ये जानने की कोशिश करें कि शेयर बाजार क्या है? शेयर बाजार कैसे काम करता है? लोगों को शेयर बाजार से कैसे कमाई होती है? क्योंकि शेयर बाजार कोई पैसे बनाने की मशीन नहीं है. डिजिटल के इस दौर में आप घर बैठे ऑनलाइन इस बारे में जानकारी जुटा सकते हैं. इसके अलावा आप इस मामले में वित्तीय सलाहकार की मदद ले सकते हैं. जो आपको शुरुआत में सही दिशा बताएंगे.
2. छोटी रकम से करें निवेश की शुरुआत: ये जरूरी नहीं है कि शेयर बाजार में निवेश के लिए बड़ी रकम होनी चाहिए. अधिकतर लोग यही गलती करते हैं. अपनी पूरी जमापूंजी शेयर बाजार में लगा देते हैं. फिर बाजार में उतार-चढ़ाव को झेल नहीं पाते हैं. आप छोटी रकम यानी महज 5 रुपये से भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. (Photo: Getty Images)
3. टॉप कंपनियों को चुनें: शुरुआत में बहुत ज्यादा रिटर्न पर फोकस करने से बचें. क्योंकि बहुत ज्यादा रिटर्न के चक्कर में लोग उन कंपनियों स्टॉक्स में पैसे लगा देते हैं, जो फंडामेंटली मजबूत नहीं होते हैं, और फिर फंस जाते हैं. इसलिए निवेश की शुरुआत अक्सर लार्ज कैप कंपनियों से करें. जो फंडामेंटली मजबूत हो. जब आपको कुछ साल का अनुभव हो जाएगा तो फिर थोड़ा रिस्क ले सकते हैं.
4. निवेशित रहने की जरूरत: जब आप छोटी रकम से निवेश की शुरुआत करेंगे, तो फिर हर महीने निवेश को बढ़ाते रहें. अपने पोर्टफोलियो को संतुलित बनाकर रखें. जब आप लगातार कुछ साल तक बाजार में निवेशित रहेंगे तो फिर आप लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं. अक्सर बाजार में लंबे समय के निवेशित रहने वालों का फायदा होता है. (Photo: Getty Images)
5. पैनी स्टॉक्स से रहें दूर: रिटेल निवेशक अक्सर सस्ते स्टॉक्स पर फोकस करते हैं. 10-15 रुपये वाले स्टॉक्स को अपने पोर्टफोलियो में शामिल कर लेते हैं और फिर गिरावट में घबरा जाते हैं. उन्हें लगता है कि सस्ते शेयर में कम निवेश कर ज्यादा कमाया जा सकता है. लेकिन ये सोच गलत है. स्टॉक्स का चयन हमेशा कंपनी की ग्रोथ को देखकर करें. उसी कंपनी में निवेश करें, जिसका बिजनेस अच्छा हो और उस बिजनेस को चलाने वाला मैनेजमेंट अच्छा हो.
6. गिरावट में घबराएं नहीं: शेयर बाजार में जब भी गिरावट आए, तो अपने निवेश को बढ़ाने बढ़ाएं. अक्सर रिटेल निवेशक को जब तक कमाई होती है, तब तक वो निवेश में बने रहते हैं. लेकिन जैसे से बाजार में गिरावट का दौर चलता है, रिटेल निवेशक घबराने लगते हैं, और फिर बड़े नुकसान के डर से शेयर सस्ते में बेच देते हैं. जबकि बड़े निवेशकर खरीदारी के लिए गिरावट का इंतजार करते हैं. (Photo: Getty Images)
7. कमाई का कुछ हिस्सा करें सुरक्षित निवेश: शेयर बाजार से होने वाली कमाई के कुछ हिस्से को सुरक्षित निवेश के तौर पर दूसरे जगह पर भी लगाएं. इसके अलावा अपने मुनाफे को बीच-बीच में कैश करते हैं. सबसे अहम शेयर मार्केट में सफल ट्रेडर कैसे बनें और हर रिटेल निवेशक के जरूरी बात यह है कि वे बिना जानकारी शेयर बाजार से दूर रहें, और निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें. देश के बड़े निवेशकों को फॉलो करें, उनकी बातों को गंभीरता से लें. (Photo: Getty Images)
दुनिया के ज्यादातर सफल ट्रेडर करते है ऑप्शन ट्रेडिंग, आप भी जाने इसके बारे में
ऑप्शन ट्रेडिंग हमें किसी भी मार्केट कंडीशन में कम जोखिम के साथ ज्यादा लाभ करने की अनुमति देता है. ऑप्शन ट्रेडिंग, स्टॉक ट्रेडिंग के मुकाबले थोड़ा अलग है पर इसें सही तरह से समझा जाए तो ऑप्शन सबसे अच्छा तरीका है ट्रे करने का.
ऐसे समझे ऑप्शन ट्रेडिंग को
जैसे बैंक से पैसे निकालने या जमा करने के लिए हमें बैंक में खाता खुलवाना होता है, वैसे ही अगर आप स्टॉक मार्केट में ट्रेंडिग करना चाहते है तो आपको किसी ब्रोकर के पास ट्रेडिंग खाता खोलना होगा. इसके लिए आपको एक डीमैट खाता और ट्रेडिंग खाता खोलना होगा तभी आप ऑप्शन ट्रेडिंग कर पाएंगे.
ट्रेडिंग खाता खोलते समय रखे इन बातों का ध्यान
- हमें लंबे समय तक ट्रेड करना है इसलिए ऐसा स्टॉक ब्रोकर चुने, जिसकी ब्रोकरेज चार्जेज कम हो और अन्य चार्जेज भी कम हो, क्योंकि अगर शुल्क ज़्यादा हुये तो इससे आपका मुनाफा घट सकता है.
- ऐसा स्टॉक ब्रोकर चुने, जिसका ट्रेडिंग पोर्टल और एप बहुत ही सिम्पल हो, और जिसमें टेक्निकल गड़बड़ी कम हो. क्योंकि कभी-कभी कुछ स्टॉक ब्रोकर के पोर्टल और एप शेयर मार्केट में सफल ट्रेडर कैसे बनें में टेक्निकल गड़बड़ी हो जाती है जिससे ट्रेडर्स को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
ऑप्शन ट्रेडिंग के बेसिक्स को अच्छी तरह से समझें
- ऑप्शन क्या होते है?
- ऑप्शन कितने तरह के होते है?
- ऑप्शन कैसे काम करते है?
बिना ऑप्शन के बेसिक्स को समझे आप ऑप्शन ट्रेडर नहीं बन सकते है क्योंकि ऑप्शन बेसिक्स हमारे नींव की तरह काम करते है. जब आप कोई स्टॉक खरीदते हैं, तो आप केवल यह तय करते हैं कि आपको कितने शेयर चाहिए और आपका ब्रोकर मौजूदा बाजार मूल्य या आपके द्वारा निर्धारित सीमा मूल्य पर ऑर्डर भरता है लेकिन ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए ज़रूरी होती है सिर्फ एक सही स्ट्रेटेजी की समझे. इसके लिए नीचे आपको समझाया जायेगा कि ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करते हैं.
ऑप्शन खरीददार और ऑप्शन सेलर
- ऑप्शन खरीददार :- ऑप्शन खरीददार बहुत कम पैसो के साथ ट्रेडिंग शुरुआत कर सकते है क्योंकि ऑप्शन खरीददार को सिर्फ ऑप्शन प्रीमियम देना होता है लेकिन ऑप्शन खरीददार की लाभ कमाने की प्रवृति ऑप्शन सैलर के मुकाबले बहुत कम होती है.
- ऑप्शन सेलर :- ऑप्शन सेलर बनने के लिए आपको अपने अकाउंट में मार्जिन रखना होता है और इसी कारण एक ऑप्शन सेलर को ज़्यादा पैसो की जरुरत होती है. जबसे सेबी ने नया मार्जिन नियम लागू किया है तब से ऑप्शन सेलिंग के लिए मार्जिन की ज़रुरत कई गुना तक बढ़ गई है लेकिन फिर भी एक ऑप्शन सेलर के लाभ कमाने की प्रवृति ऑप्शन खरीददार से ज्यादा होती है. आपने जो भी ऑप्शन ट्रेडिग के केपिटल रखा है उस हिसाब से आप देख सकते है कि आप ऑप्शन खरीददार बनना चाहते है या ऑप्शन सेलर
- कॉल ऑप्शन :- यह एक अनुबंध है जो आपको एक निश्चित समय के अंदर ही एक पूर्व निर्धारित मूल्य पर स्टॉक खरीदने का अधिकार देता है, लेकिन दायित्व नहीं.
- पुट ऑप्शन :- एक पुट ऑप्शन आपको अनुबंध समाप्त होने से पहले एक निश्चित कीमत पर शेयर बेचने का अधिकार देता है, लेकिन दायित्व नहीं.
आप किस दिशा में क्या ऑप्शन खरीदेंगे या बेचेंगे?
अगर आपको लगता है कि स्टॉक की कीमत बढ़ेगी: कॉल ऑप्शन खरीदें या पुट ऑप्शन बेचें.
अगर आपको लगता है कि स्टॉक की कीमत स्थिर रहेगी: कॉल ऑप्शन बेचें और पुट ऑप्शन भी बेचें.
अगर आपको लगता है कि स्टॉक की कीमत नीचे जाएगी: पुट ऑप्शन खरीदें या कॉल ऑप्शन बेचें.
एक्स्चेंज द्वारा तय सही स्ट्राइक प्राइस का चयन करें
ऑप्शन में ट्रेडिंग करते समय हमें बहुत सावधानी के साथ स्ट्राइक प्राइस का चयन करना होता है क्योंकि किसी भी स्टॉक या इंडेक्स की स्ट्राइक प्राइस एक्स्चेंज द्वारा तय की जाती है और एक ऑप्शन ट्रेडर सिर्फ उन्ही स्ट्राइक प्राइस पर ट्रेड कर सकता है जो एक्स्चेंज द्वारा तय की गई है.
उदाहरण के लिए, यदि आप मानते हैं कि किसी कंपनी का शेयर मूल्य वर्तमान में ₹2000 पर ट्रेड कर रहा है, और भविष्य की किसी तारीख तक ₹2050 तक बढ़ जाएगा, आप ₹2050 से कम स्ट्राइक मूल्य के साथ एक कॉल ऑप्शन खरीद सकते है. फिर जैसे-जैसे कंपनी का शेयर मूल्य ₹2050 के नजदीक जाता जाएगा, आपका लाभ बढ़ता जायेगा. इसी तरह शेयर मार्केट में सफल ट्रेडर कैसे बनें अगर कंपनी का शेयर मूल्य उस भविष्य की तारीख तक ₹2000 से जैसे-जैसे कम होगा, आपका मुनफा कम होता चला जायेगा लेकिन ऑप्शन खरीदते हुए आपका अधिकतम नुकसान आपने जो प्रीमियम दिया है सिर्फ वही होगा.
इसी तरह, अगर आपको लगता है कि किसी कंपनी का शेयर मूल्य वर्तमान में ₹500 रु पर ट्रेड कर रहा है, और भविष्य की किसी तारीख तक ₹450 तक घट जाएगा, तब आप ₹450 से कम स्ट्राइक मूल्य के साथ एक पुट ऑप्शन खरीद सकते है.
फिर जैसे-जैसे कंपनी का शेयर मूल्य ₹450 के नजदीक जाता जायेगा, आपका लाभ बढ़ता जायेगा. इसी तरह अगर कंपनी का शेयर मूल्य उस भविष्य की तारीख तक ₹500 से जैसे-जैसे बढ़ेगा, आपका मुनाफा कम होता शेयर मार्केट में सफल ट्रेडर कैसे बनें शेयर मार्केट में सफल ट्रेडर कैसे बनें चला जायेगा. इस में भी ऑप्शन खरीदते हुये आपका अधिकतम नुकसान आपका प्रिमियम है.
ऑप्शन ट्रेडिंग की समय सीमा निर्धारित करें
- ऑप्शन में सबसे अहम रोल एक्सपायरी का होता है. ऑप्शन एक्सपायरी एक तिथि होती है जहां पर ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट एक भविष्य की तारिख पर शून्य हो जाते है. प्रत्येक ऑप्शन की समाप्ति अवधि तक उस भविष्य तारीख के अंतिम दिन तक उस ट्रेड में बने रह सकते है. ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट के लिए तीन एक्सपायरी होती है-
- नियर मंथ (1महीना)
- मिडिल मंथ (2महीना)
- फार मंथ (3 महीना)
- उदाहरण के लिए, अभी निफ्टी 15000 पर ट्रेड कर रहा है और आप निफ्टी में ट्रेड करना चाहते है तो आप साप्ताहिक एक्सपायरी या महीने की एक्सपायरी को लेकर ट्रेड कर सकते है.यदि आपको लगता है निफ्टी इस महीने के अंत तक 15500 तक या उससे ज्यादा तक पहुंच जायेगा, तब 15500 कॉल ऑप्शन महीने की जो आखिरी एक्सपायरी है उस पर खरीदते है.
समाप्ति तिथियां साप्ताहिक से लेकर महीनों तक हो सकती हैं. लेकिन साप्ताहिक ऑप्शन सबसे अधिक जोखिम वाले होते हैं और अनुभवी ऑप्शन ट्रेडर्स ज्यादातर इन्ही में ट्रेड करते हैं.
लंबी अवधि के ट्रेडर्स के लिए, मासिक तिथियां बेहतर होती हैं. लंबी एक्सपायरी स्टॉक को आगे बढ़ने के लिए अधिक समय देती है जो एक ऑप्शन खरीदार को मुनाफा कमाने का अवसर प्रदान करती है.
मुट्ठीभर लोग ही होते हैं बाजार में सफल, दिग्गज की राय
भारतीय शेयर बाजार शेयर मार्केट में सफल ट्रेडर कैसे बनें लंबा सफर तय कर चुका है. मॉडर्न इंफ्रास्ट्रक्चर और सिस्टम के बावजूद, पूरा लाभ सिर्फ चार पक्षों को ही मिल रहा है.
मॉडर्न इंफ्रास्ट्रक्चर और सिस्टम के बावजूद, पूरा लाभ सिर्फ चार पक्षों- नियामक, स्टॉक एक्सचेंज, टैक्स विभाग और ब्रोकर्स को मिल रहा है. कारोबारी कल भी निराश थे. आज भी उनका हालत वैसी ही है. सिर्फ चुनिंदा लोग ही बाजार में सफल हुए हैं.
इस मुट्ठीभर लोगों की सूची में सभी निवेशक हैं, कोई कारोबारी नहीं है. भारत में शेयर कारोबार में सफलता महज 1 फीसदी लोगों को ही मिलती है. अब सवाल उठता है कि ऐसा क्यों है? जवाब साफ है, यह हमारी रगों में नहीं है.
हम तीन तरह से चीजों को सीख सकते हैं: जन्म के साथ ही वह हमारे डीएनए से आए; स्कूल के दौरान वह हमारी शिक्षा का हिस्सा हो या फिर हमारी घरेलू संस्कृति का अंग हो; और युवाअवस्था में किताबों में, फिल्मों में, या लोगों को दुनिया भर में देखकर.
जैसे जमैका के धावक छोटी दौड़ और अफ्रीकी धावक मैराथन दौड़ के महारथी माने जाते हैं, उसी तरह सिर्फ पढ़ाई और कोचिंग के जरिए सब कुछ सीख पाना संभव नहीं होता. हम अपनी युवा पीढ़ी से निवेश की उम्मीद करते हैं, जबकि हमारे पूर्वजों ने इस पर कभी ध्यान ही नहीं दिया.
कई खानदानों ने अपनी संपत्ति बाजार में लुटा दी और यही वजह है कि कई औद्योगिक घरानों में निवेश प्रतिबंधित है. कारोबार तो छोड़िए, हमें हमारे स्कूल, कॉलेज और घर में भी कभी भी निवेश का कोई पाठ सीखने को नहीं मिलता.
युवा पीढ़ी अपनी समझ को नष्ट कर रही है. फिल्म 'उड़ता पंजाब' की तरह, शेयर बाजार का नशा भी निवेशकों की नब्ज पर हावी हो रहा है. शेयर ट्रेडिंग किसी लत से कम नहीं है. यह भी एक प्रकार का नशा हो सकता है और कई लोग कारोबार के लिए अपना सबकुछ लुटा देते हैं.
मुझे याद है, एक बार मैं आईआईएम-अहमदाबाद में लेक्चर दे रहा था. तब एक छात्र ने मुझे बताया कि वह अपनी पिता की पेंशन की रकम से शेयर बाजार में कारोबार करना चाहता है. मैने उसका हाथ पकड़ा और उससे वादा करवाया कि वह ऐसा नहीं करेगा.
मेरी पत्नी अंग्रेजी पढ़ाती है. अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में उसने मुझसे पूछा कि क्या हमारा बेटा उनकी पेंशन की रकम से शेयरों में कारोबार कर सकता हैं? यह सुन कर मैं हैरान रह गया. यह बंदर के हाथ में बंदूक देने के समान है.
सेबी को बिना कोर्स किए शेयर कारोबार की अनुमति नहीं देनी चाहिए. यह जरूरी है. यदि ऐसा नहीं हुआ तो तमाम बिचौलिए और उनके कर्मचारी मोटी कमाई करते रहेंगे और बाकी 99 फीसदी छोटे कारोबारी अपने गुजर-बसर के लिए भी जूझते रहेंगे.
बिना समझ के यदि कोई बाजार से करोड़पति बनना चाहता है, तो उसे अरबों रुपये के साथ शुरुआत करनी चाहिए. शेयर बाजार एकदम अलग खेल है. आप बिना घाटा खाए इसे नहीं समझ सकते. इसमें समझ के साथ-साथ धैर्य, टाइमिंग और अनुशासन की खास जगह है.
ट्रेडिंग आपके वित्तीय स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. आप सिर्फ एक ही सौदे में अपने 50 साल की कमाई लुटा सकते हैं. आज के दौर में ब्रोकर टीवी और इंटरनेट विज्ञापनों के जरिए युवाओं को कारोबार के लिए आकर्षित कर रहे हैं. यह उन्हें बरगलाने का एक तरीका है.
इस दाम में खरीदें, इतने में बेचें और इतना स्टॉप लॉस रखें. यह तो भगवान भी नहीं बता सकते. यह सिर्फ उनके लिए बिजनेस हासिल करने का एक माध्यम है. मुझे राज कपूर की फिल्म 'श्री 420' याद आती है, जिसमें वो एक स्कीम के तहत शेयर मार्केट में सफल ट्रेडर कैसे बनें किसी निश्चित तिथि पर 100 रुपये में घर बेचने का वादा करते हैं.
जब उनसे किसी ने पूछा कि वे 100 रुपये में घर कैसे बेचेंगे, तो उन्होंने कहा कि वे नहीं बेच सकते. वे सिर्फ सपने का सौदा कर रहे हैं. दूसरे शब्दों में कहें, तो वे मूर्ख बनाने का सौदा था. इसी तरह शेयर बाजार है. सीड कैपिटल के नाम पर लोग बाजार में घुस जाते हैं.
उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि कारोबार में कैपिटल जुटाने के लिए उन्हें ब्रांडेड कपड़े, साधारण मोबाइल, महंगे रेस्त्रां में खाना और खुद के वाहनों का त्याग करना चाहिए. यदि वे ऐसा नहीं करेंगे, तो उनके पास कोई पूंजी शेष ही नहीं रहेगी. कम समय में करोड़पति बनने का सपना सबसे बड़ा धोखा है.
लोगों को निवेश और कारोबार के बीच का फर्क नहीं पता. रोम एक दिन में नहीं बना था, मगर हिरोशिमा और नागासाकी एक ही पल में तबाह जरूर हो गए थे. बाजार आपकी अवधारणा पर नहीं चलता है. यह जुआ भी नहीं है. यदि आपको जुआ खेलना है, तो दलाल पथ नहीं, गोवा जाइए.
शुरुआती दिनों में कलकत्ता स्टॉक बाजार में लोग सिर्फ पांच अक्षरो - त, थ, द, ध, न, में ही कारोबा कर लेते थे. 'त' का अर्थ था तरुणी, 'थ' का अर्थ था थोड़ी मात्रा, 'द' का अर्थ था दलाल, 'ध' का इस्तेमाल धनवान के लिए होता था, जबकि 'न' का मतलब था कि कोई नुकसान के बाद पैसे शेयर मार्केट में सफल ट्रेडर कैसे बनें देने से इनकार कर रहा है.
ट्रेडिंग से ज्यादा खतरनाक है फ्यूचर्स ट्रेडिंग, जो आपके जीवन को निष्क्रिय और कारोबार को विकलांग बना देती है. एक सच यह भी है कि ज्यादातर फ्यूचर्स कारोबारी कम उम्र में ही रक्तचाप के मरीज बन जाते हैं. यह जीवन आपका है और आप ही को तय करना है कि आपको खुशियां कैसे चाहिए.
नोट: यह लेख विजय केडिया के विचार को व्यक्त करता है. केडिया एक जाने-माने निवेशक हैं. ये बातें उन्होंने लंदन बिजनेस स्कूल में दिए गए अभिभाषण के दौरान कहीं थीं.
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