समय के हर पल में एक मुद्रा जोड़ी हमेशा दोहरी कीमत उद्धृत किया गया है: बिड के लिए बिक्री और आस्क खरीद के लिए के एक आधार मुद्रा में एक जोड़ी एक बोली के लिए .

उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए विदेशी मुद्रा में एक स्विंग व्यापार क्या है? घटता विदेशी मुद्रा भंडार एक बड़ा जोखिम, भारत के पास है इससे निपटने का ब्लूप्रिंट

ब्लूमबर्ग द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार थाईलैंड में जीडीपी के मुकाबले विदेशी मुद्रा भंडार में सबसे बड़ी गिरावट देखी गई है। इसके बाद मलेशिया और भारत का स्थान है। लेकिन भारतीय रुपया अब धीरे-धीरे स्थिरता की तरफ बढ़ रहा है।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। उभरती एशियाई अर्थव्यवस्थाओं के सामने इन दिनों एक बड़ी मुश्किल खड़ी होती जा रही है। इन अर्थव्यवस्थाओं के विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी से कमी आ रही है, जो चिंता का विषय है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है।

ज्यादातर एशियाई अर्थव्यवस्थाएं इन दिनों डॉलर की मजबूती का शिकार हैं। बहुत से केंद्रीय बैंक अपनी मुद्राओं में होने वाली गिरावट को रोकने के लिए बाजार में हस्तक्षेप कर रहे हैं। वे करेंसी मार्केट में अपने विदेशी मुद्रा कोष से डॉलर की बिक्री कर रहे हैं। लेकिन इससे हो यह रहा है कि उनका खजाना दिनों-दिन खाली होता जा रहा है। अगर यह स्थिति कुछ दिन और विदेशी मुद्रा में एक स्विंग व्यापार क्या है? बनी रही तो जल्द ही एशियाई देशों के केंद्रीय बैंकों को करेंसी मार्केट में हस्तक्षेप करना बंद करना होगा।

क्या है वास्तविक स्थिति

एक देश अपनी विदेशी मुद्रा होल्डिंग्स के साथ कितने महीने का आयात अफोर्ड कर सकता है, इस हिसाब से देखें तो चीन को छोड़कर बाकी उभरती हुई एशियाई अर्थव्यवस्थाओं के लिए विदेशी मुद्रा भंडार लगभग सात महीने के आयात तक गिर गया है। 2008 में वैश्विक वित्तीय संकट के बाद से यह सबसे खराब आंकड़ा है। इस साल की शुरुआत में इन देशों का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 10 महीने के आयात के बराबर था। अगस्त 2020 में यह 16 महीने के उच्चतम स्तर पर था।

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सिंगापुर में स्टैंडर्ड चार्टर्ड में आसियान और दक्षिण एशिया एफएक्स अनुसंधान के प्रमुख दिव्या देवेश ने कहा कि गिरावट से संकेत मिलता है कि अपनी करेंसी को सपोर्ट करने के लिए केंद्रीय बैंको का हस्तक्षेप घटता जाएगा।

किस देश के पास कितना फॉरेन रिजर्व

ब्लूमबर्ग द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, थाईलैंड ने सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में विदेशी मुद्रा भंडार में सबसे बड़ी गिरावट देखी, इसके बाद मलेशिया और भारत का स्थान रहा। स्टैंडर्ड चार्टर्ड का अनुमान है कि भारत के पास लगभग नौ महीने, इंडोनेशिया के लिए छह, फिलीपींस के पास आठ और दक्षिण कोरिया के पास सात महीने के आयात को कवर करने के लिए विदेशी मुद्रा बची है।

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इस स्थिति को देखते हुए मंदी का कोई भी संकेत एशियाई मुद्राओं के लिए नुकसान को बढ़ा सकता है। हाल के दिनों में कई एशियाई मुद्राएं ऐसी रही हैं, जिन्होंने डॉलर के मुकाबले सबसे बड़ी गिरावट देखी है। बहुत संभव है कि कुछ देशों के केंद्रीय बैंक डॉलर की बिक्री करने के बजाय उसकी खरीद में लग जाएं। उनका ध्यान आयातित मुद्रास्फीति से निर्यात को बढ़ावा देने की तरफ भी जा सकता है।

क्या है फॉरेक्स स्केलिंग

स्योर रूप से कई व्यापारी इस तरह की अवधारणाओं से परिचित हैं जैसे "स्केलिंग", "-से-खोपड़ी", "स्केलर"। इस विदेशी मुद्रा में एक स्विंग व्यापार क्या है? लेख में, हम स्केलिंग के बुनियादी सिद्धांतों, इस व्यापार रणनीति के फायदे और नुकसान, साथ ही इसके कार्यान्वयन के तरीकों को प्रकट करने जा रहे हैं। हमें याद आता है कि यह लेख केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और व्यापार की एक विशेष शैली के विकल्प को प्रोत्साहित नहीं करता है.

शुरुआती और अनुभवी व्यापारियों दोनों के बीच व्यापार के सबसे लोकप्रिय प्रकारों में से एक, मध्यम अवधि का व्यापार है, जिसे कभी-कभी स्विंग ट्रेडिंग (स्विंग" से - उतार-चढ़ाव, परिवर्तन, लय) कहा जाता है। स्विंग ट्रेडिंग को पहली बार 1 9 50 के दशक में अमेरिकी व्यापारी जी डगलस टेलर द्वारा अपने काम में विस्तार से वर्णित किया गया था "टेलर ट्रेडिंग तकनीक" । आधुनिक व्यापारी "स्विंग" समय की एक निश्चित अवधि कहते हैं जिसके दौरान बाजार की स्थिति एक स्विंग/उतार-चढ़ाव के भीतर सक्रिय रहती है.

गोल्ड का व्यापार कैसे करें: गोल्ड ट्रेडिंग रणनीतियाँ

सोना दरअसल कमोडिटी बाजार में सबसे ज्यादा कारोबार करने वाली और लोकप्रिय कीमती धातु है। यह कई कारकों के कारण एक बहुत ही आकर्षक निवेश है; उदाहरण के लिए, व्यापारी जोखिमों में विविधता लाने के लिए सोने में निवेश करते हैं, अधिकांश देशों में सोना सबसे स्थिर सुरक्षित स्वर्ग है, बाजार शारीरिक रूप से पीली धातु के मालिक के बिना भी सोने में निवेश करने के विभिन्न तरीके प्रदान करते हैं, आदि.

ब्रोकरेज हाउस भी बैंकों की बड़ी संख्या के बीच ठेकेदार के एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, धन, आयोग घरों, डीलिंग केन्द्रों, आदि .

विदेशी मुद्रा व्यापार के बारे में गलत धारणाओं

विदेशी मुद्रा एक रूले नहीं है क्योंकि मुद्रा मूल्य में उतार चढ़ाव के मूल में कुछ सिद्धांत होते हैं. सबसे पहले, मुद्रा की कीमत अपने देश के आर्थिक प्रदर्शन पर निर्भर करता है।दूसरी बात, यह वरीयताओं और विदेशी मुद्रा खिलाड़ियों . की विदेशी मुद्रा में एक स्विंग व्यापार क्या है? उम्मीदों से जुड़ा हुआ है. यह सभी प्रोग्नोसिस जोएक विषय है.उद्देश्य कारकों के बजाय भिन्न युक्तबाजार विश्लेषण करके साबित कर दिया है .

इंटरबैंक व्यापार में विशिष्ट लेनदेन की मात्रा और लाखों अमरीकी डॉलर का भी अरबों का अनुमान है। सबसे बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों, हेज फंड और निजी निवेशकों - इंटरबैंक बाजार के प्रतिभागियों बैंकों और उनके ग्राहकों में शामिल हैं। इस प्रकार, यह इस बाजार पर लेन-देन संस्करणों निजी निवेशकों के बहुमत के लिए बहुत अधिक हैं .

विदेशी मुद्रा में लिवरेज क्या है

लिवरेज में फोरेक्स व्यापारी के धन का दलाल के क्रेडिट के आकार का अनुपात है। दूसरे शब्दों में, संभावित रिटर्न को बढ़ाने के लिए लीवरेज एक उधार ली गई पूंजी है। विदेशी मुद्रा का लाभ उठाने का आकार आमतौर पर कई बार निवेश की गई पूंजी से अधिक होता है.

Bitcoin एक डिजिटल मुद्रा का प्रतिनिधित्व करता है २००९ में आविष्कार किया । सातोशी नाकामोतो Bitcoin के निर्माण के पीछे व्यक्ति है जिसकी पहचान की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है । उपयोग के लिए उपलब्ध bitcoins के लिए वर्तमान बाजार टोपी $ 134 बिलियन से बढ़कर है । Bitcoin ऑनलाइन भुगतान प्रणालियों की तुलना में लेनदेन के लिए कम शुल्क की गारंटी देता है और विकेन्द्रीकृत प्राधिकारी द्वारा नियंत्रित होता है .

Foreign Exchange Reserves: नौ सप्ताह बाद मिली राहत, विदेशी मुद्रा भंडार में आया उछाल, सोने में तेजी का मिला फायदा

Foreign Exchange Reserves: लगातार नौ सप्ताह की गिरावट के बाद विदेशी मुद्रा भंडार में सात अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 20.4 करोड़ डॉलर का उछाल दर्ज किया गया और यह 532.868 अरब डॉलर पर पंहुच गया.

Foreign Exchange Reserves: लगातार नौ सप्ताह तक विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई जिसके बाद बीते सप्ताह इसमें तेजी आई है. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार सात अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 20.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 532.868 अरब डॉलर पर पंहुच गया. भारतीय रिजर्व बैंक की विदेशी मुद्रा में एक स्विंग व्यापार क्या है? तरफ से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक सुरक्षित सोने के भंडार का मूल्य बढ़ने से विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि हुई है. इसके पिछले हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 4.854 अरब डॉलर घटकर 532.664 अरब डॉलर पर आ गया था.

अक्टूबर 2021 में डॉलर रिजर्व 645 बिलियन डॉलर था

देश का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले कई हफ्तों से लगातार गिर रहा था. दरअसल तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य में डॉलर के मुकाबले तेजी से गिरते रुपए को संभालने के लिए आरबीआई ने इस विदेशी मुद्रा भंडार के एक हिस्से का इस्तेमाल किया है. एक साल पहले अक्टूबर 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था. आरबीआई की तरफ से जारी साप्ताहिक सांख्यिकीय आंकड़ों के अनुसार, सात अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 1.311 अरब डॉलर घटकर 471.496 अरब डॉलर रह गयीं. एफसीए असल में समग्र भंडार का एक प्रमुख हिस्सा होता है.

डॉलर के संदर्भ में एफसीए में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में वृद्धि या मूल्यह्रास का प्रभाव शामिल है. आरबीआई ने कहा कि सात अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में सोने के सुरक्षित भंडार के मूल्य में उल्लेखनीय वृद्धि होने से विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा है. इस दौरान सोने के सुरक्षित भंडार का मूल्य 1.35 अरब डॉलर बढ़कर 38.955 अरब डॉलर पर आ गया. केंद्रीय बैंक के अनुसार, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 15.5 करोड़ डॉलर की गिरावट के साथ 17.582 अरब डॉलर रह गया है. इसके अलावा समीक्षाधीन सप्ताह में अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष के पास रखी भारत की आरक्षित निधि 10 करोड़ विदेशी मुद्रा में एक स्विंग व्यापार क्या है? डॉलर बढ़कर 4.836 अरब अमेरिकी डॉलर हो गई.

रुपए पर अभी बना रहेगा दबाव

इधर डॉलर के मुकाबले रुपए के प्रदर्शन को लेकर मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के मुद्रा और सर्राफा विश्लेषक गौरांग सोमैया ने कहा, ‘‘अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपए के 82.10 से 82.6 प्रति डॉलर के दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है.’’

बीते सप्ताह डॉलर इंडेक्स 113.31 के स्तर पर बंद हुआ. आखिरी कारोबारी सत्र में तेल में गिरावट दर्ज की गई. ब्रेंट क्रूड बीते सप्ताह 91.63 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर बंद हुआ. WTI क्रूड 85.61 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर बंद हुआ. इसके अलावा, बीएसई सेंसेक्स शुक्रवार को 684 अंक या 1.20 फीसदी की मजबूती के साथ 57920 अंक पर पंहुचा गया तथा निफ्टी में भी 171.35 अंक की बढ़त रही.

विदेशी मुद्रा भंडार में एक वर्ष की सबसे तेज वृद्धि, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 544.72 अरब डॅालर पर पहुंचा

आरबीआइ की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार 11 नवंबर को समाप्त सप्ताह में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 14.73 अरब डालर की वृद्धि रही है। बता दें कि 2022 की शुरुआत में देश का विदेशी मुद्रा भंडार करीब 630 अरब डॅालर था।

मुंबई, एजेंसी। बीते सप्ताह देश के विदेशी मुद्रा भंडार में एक वर्ष से ज्यादा की सबसे तेज वृद्धि दर्ज की गई है। आरबीआइ की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, 11 नवंबर को समाप्त सप्ताह में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 14.73 अरब डॅालर की वृद्धि रही है। समाचार एजेंसी रायटर के मुताबिक, अब देश का विदेशी मुद्रा भंडार 544.72 अरब डॅालर पर पहुंच गया है। विदेशी मुद्रा भंडार में अगस्त 2021 के बाद यह सबसे ज्यादा वृद्धि रही है। आंकड़ों के अनुसार, चार नवंबर को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 529.99 अरब डॅालर था। 2022 की शुरुआत में देश का विदेशी मुद्रा भंडार करीब 630 अरब डॅालर था। तब से रुपये में गिरावट का माहौल है।

मध्य सितंबर के बाद रुपया पहली बार विदेशी मुद्रा में एक स्विंग व्यापार क्या है? डॅालर के मुकाबले 80 के स्तर के करीब

इस गिरावट को रोकने के लिए आरबीआइ विदेशी मुद्रा भंडार से डॅालर की बिक्री कर रहा है। 11 नवंबर को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान अमेरिका में उपभोक्ता महंगाई में अनुमान से ज्यादा नरमी रही है। इससे बीते चार वर्षों में रुपये का साप्ताहिक प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है और मध्य सितंबर के बाद रुपया पहली बार डॅालर के मुकाबले 80 के स्तर के करीब आया है।

हालांकि, चालू सप्ताह में भारतीय मुद्रा में गिरावट रही है और यह डॅालर के मुकाबले 81.68 के स्तर पर पहुंच गई है।आरबीआइ के अनुसार, बीते सप्ताह विदेशी मुद्रा आस्तियों (एफसीए) में 11.8 अरब डॅालर की वृद्धि रही है और यह 482.53 अरब डॅालर पर पहुंच गई हैं। विदेशी मुद्रा भंडार में एफसीए की सबसे बड़ी हिस्सेदारी होती है। इसी प्रकार स्वर्ण भंडार 2.64 अरब डॅालर बढ़कर 39.70 अरब डॅालर हो गया है।

विदेशी मुद्रा का फ्लो बढ़ाने के उपायों को RBI ने किया नोटिफाइड, रुपये के मूल्य में गिरावट को थामने की है कवायद

Foreign Exchange Inflows: बैंक 8 जुलाई से 31 अक्टूबर, 2022 के बीच विदेशों से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा में लिए विदेशी मुद्रा में एक स्विंग व्यापार क्या है? गए कर्ज के जरिये जुटाये गए धन का इस्तेमाल भारत में ग्राहकों को विदेशी मुद्रा उधार देने में कर सकते हैं.

केंद्रीय बैंक ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के बॉन्ड बाजार में निवेश से संबंधित दो नोटिफिकेशन भी जारी की हैं.

Foreign Exchange Inflows: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बॉन्ड बाजार में विदेशी निवेश और बैंकों के विदेशी मुद्रा में कर्ज के लिए प्रावधानों में ढील देने को लेकर गुरुवार को नोटिफिकेशन जारी कर दी. यह रुपये के मूल्य में गिरावट को थामने के लिए किए गए उपायों का हिस्सा हैं. पीटीआई की खबर के मुताबिक, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में गिरावट के बीच बुधवार को इन उपायों की घोषणा की गई. ऑथोराइज्ड डीलर कैटेगरी-1 बैंक के इंटरनेशनल मार्केट्स से विदेशी मुद्रा उधारी पर जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, बैंक 8 जुलाई से 31 अक्टूबर, 2022 के बीच विदेशों से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा में लिए गए कर्ज के जरिये जुटाये गए धन का इस्तेमाल भारत में ग्राहकों को विदेशी मुद्रा उधार देने में कर सकते हैं.

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