मोबाइल में डिजिटल वॉलेट से उपभोक्ता वस्तुओं की खरीदारी में 40 प्रतिशत ने क्रेडिट कार्ड और 15 प्रतिशत ने डेबिट कार्ड को प्राथमिकता दी है। इसके साथ ही ऑन लाइन पेमेंट में 2024 तक 47 फीसदी की वृद्धि का अनुमान है। इसके अलावा अभी खरीदो भुगतान बाद में जैसी स्कीमों का भी मार्केट पर असर पड़ा है। हालांकि अभी यह बाजार तीन फीसदी का है जिसके 2024 तक बढ़कर नौ फीसदी हो जाने का अनुमान है।

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सरकार ई-मार्केट प्लेस (जीईएम) के माध्यम से माल की खरीद।

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हरियाणा डेयरी विकास सहकारी प्रसंघ को ईजीमार्केटस मिला एनसीडीएफआई ई-मार्केट पुरस्कार

हरियाणा डेयरी विकास सहकारी प्रसंघ को मिला एनसीडीएफआई ई-मार्केट पुरस्कार

सरकारी प्रवक्ता ने रविवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय राष्ट्रीय सहकारी डेयरी प्रसंघ (एनसीडीएफआई) के सेवा के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आज राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय, गांधीनगर (गुजरात) में आयोजित स्वर्ण जयंती समारोह और ई-मार्केट पुरस्कार वितरण समारोह में एचडीडीसीएफ को यह पुरस्कार प्रदान किया गया। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

हरियाणा की ओर से एचडीडीसीएफ के अध्यक्ष रणधीर सिंह और प्रबंध निदेशक ए.श्रीनिवास ने इस पुरस्कार समारोह में भाग लिया और वित्त वर्ष 2021-22 के लिए एनसीडीएफआई ई-मार्केट का सक्रिय भागीदारी पुरस्कार प्राप्त किया। प्रवक्ता ने बताया कि एचडीडीसीएफ पिछले चार वर्षों से एनसीडीएफआई के साथ मिल कर कार्य कर रहा है।

ई-नेशनल एग्रीकल्चर Market (eNAM) के मुख्य तथ्य

वर्ष 2021 में ई-नाम की पांचवी वर्षगांठ के शुभ अवसर पर 3 नई और सुविधाओं को जोड़ा गया है जो इस प्रकार है-

  • किसानों द्वारा इस पोर्टल पर मंडियों में बेचे जाने वाले फसलों की मूल्य की जानकारी आसानी से प्राप्त हो सकेगी।
  • किसान अपनी फसल का व्यापार अपने ही खेत से आसानी से कर सकते हैं।
  • ई-नाम पोर्टल के जरिए उन सभी किसानों को जो रजिस्टर हुए हैं मौसम से संबंधित जानकारी भी दी जाएगी।

e-National Agriculture Market (eNAM) की प्रगति

  • ई-नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट के अनुसार 4 फरवरी 2021 तक 18 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों के 1000 बाजारों को ई-नाम पोर्टल से जोड़ दिया गया है।
  • ई-नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट के इस पोर्टल पर अभी तक 1.69 करोड़ से अधिक किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन करा लिया है और 1.55 लाख व्यापारियों ने भी अपना पंजीकरण सफलतापूर्वक कर लिया है।
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • बैंक अकाउंट नंबर
  • निवास प्रमाण पत्र
  • बैंक पासबुक

e-National Agriculture Market (eNAM) रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन

  • ई-नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट पोर्टल में अपना रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आपको कुछ स्टेप अपनाने होंगे जो कि आपको नीचे दिए गए हैं।
  • सबसे पहले आपको इसकी आधिकारिक वेबसाइट https://enam.gov.in/NAMV2/home/other_register.html पर जाना है
  • अब होम पेज पर आपको रजिस्ट्रेशन का विकल्प दिखाई देगा उस विकल्प पर क्लिक करना है।
  • अब आपको पंजीकरण करने के लिए यदि आपके साथ हैं तो किसान का चयन करें अथवा आप एपीएमसी का चयन करें।
  • पंजीकरण के लिए आपको अपनी ईमेल आईडी देनी होगी क्योंकि इस पर आपका यूजर आईडी और पासवर्ड प्राप्त होगा।
  • फोन पेज में पूछी गई सभी जानकारियों को सही से भरना है।
  • फॉर्म भरने के बाद आपको फॉर्म सबमिट करना है इस प्रकार आप का रजिस्ट्रेशन हो जाएगा।

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निजी संस्था को आउटसोर्स करने पर विचार

डिजिटल मार्केट की ग्रोथ को देखते हुए ही एमएसएमई मंत्रालय अब भारतीय एमएसएमई उत्पादों को ऑनलाइन बेचने को बेताब हो गया है। पहले वह अलीबाबा और अमेज़न की तर्ज पर ई-कॉमर्स पोर्टल भारत क्राफ्ट लाना चाहता था लेकिन अब एक निजी संस्था को आउटसोर्स करने पर विचार कर रहा है।

सोमवार को मुंबई में एसएमई बॉडी इंडिया एसएमई फोरम द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, "हमने सरकार के साथ कई दौर की बैठकें कीं, साथ ही सरकार ने ई -मार्केट (जीईएम) के साथ कई दौर की बैठकें कीं, लेकिन अब पोर्टल को निजी हाथों से संचालित करने की तैयारी है। पोर्टल जितना बेहतर प्रदर्शन करेगा, उतना ही बेहतर कमीशन मिलेगा।

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) भा आज एक ऐप लॉन्च करने जा रहा है ताकि वह अपने ई-कॉमर्स ईजीमार्केटस पोर्टल भारत मार्केट के लिए छोटे व्यापारियों को अवसर दे सके। सीएआरआईटी ने कहा है कि भारत मार्केट व्यापारियों और व्यापारियों और उपभोक्ताओं के लिए शुद्ध रूप से सबसे आधुनिक डिजिटल तकनीक के साथ भौतिक ऑफ़लाइन खुदरा व्यापार का सबसे अच्छा संयोजन है।

ऑन लाइन खरीदारी का बाजार ग्रोथ कर रहा है

ऑन लाइन खरीदारी का बाजार किस तरह ग्रोथ कर रहा है इसका एक नमूना पिछले दिनों देखने को मिला जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आदिवासी महिलाओं और स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों को खरीदने के लिए ट्राइब्स इंडिया पोर्टल को चुना तो इसके बाद पोर्टल ने 30,000 से अधिक दैनिक ग्राहकों की वृद्धि दर्ज की पोर्टल को लगभग 1.50 लाख रुपये के ऑर्डर मिले।

इसी तरह एक ईजीमार्केटस वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 2021-22 में सार्वजनिक खरीद पोर्टल GeM से 1 लाख करोड़ रुपये की वस्तुओं और सेवाओं की खरीद की उम्मीद है। सरकार ने यह ई-मार्केट (GeM) पोर्टल अगस्त 2016 में ऑनलाइन खरीद के लिए शुरू किया था। GeM के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तलीन कुमार ने कहा कि 2020-21 में ऑर्डर मूल्य 37,000 करोड़ रुपये है, जो पिछले वर्ष में 22,896 करोड़ रुपये था। मार्च 2021 तक रेल मंत्रालय के ऑनबोर्डिंग के साथ, GeM अगले वित्त वर्ष के एक लाख करोड़ रुपये के ऑर्डर मूल्य की ओर अग्रसर है।

ई-कॉमर्स उद्योग की संभावनाएं (E-Commerce Industry Prospects)

ई-कॉमर्स ने भारत में व्यापार करने के तरीके को बदल दिया है। भारतीय ई-कॉमर्स बाजार के 2020 तक 46.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2025 तक 111.40 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने की उम्मीद है। 2030 तक, इसके 350 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।

भारत का ई-कॉमर्स बाजार 2024 तक 111 बिलियन अमेरिकी डॉलर और 2026 तक 200 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।

जुलाई 2021 तक, भारत में इंटरनेट कनेक्शन की संख्या उल्लेखनीय रूप से बढ़कर 784.59 मिलियन हो गई, जो ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम द्वारा संचालित थी। कुल इंटरनेट कनेक्शनों में से 61% कनेक्शन शहरी क्षेत्रों में थे, जिनमें से 97% कनेक्शन वायरलेस थे।

भारत में इंटरनेट कारोबार का क्षेत्र तेजी से वृद्धि रहा है। भारत में ई-कॉमर्स का तेजी से विकास और इंटरनेट तक पहुंच और आसानी से उपलब्ध स्मार्ट फोन के कारण है। इसके अलावा अनुकूल ईजीमार्केटस जनसांख्यिकी (favorable demographics) और डिजिटलीकरण के सरकारी प्रयास भी भारत में ई-कॉमर्स क्षेत्र के विकास को आगे बढ़ा रहे हैं।

भारत में ई-कॉमर्स बाजार का आकार (E-Commerce Market Size in India)

भारतीय ऑनलाइन किराना बाजार 2019 में 1.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 2024 में 18.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो 57% की सीएजीआर (CAGR) से बढ़ रहा है। भारत की उपभोक्ता डिजिटल अर्थव्यवस्था (Consumer Digital Economy) के 2030 तक 800 बिलियन अमेरिकी डॉलर का बाजार बनने की उम्मीद है।

ग्रांट थॉर्नटन” के अनुसार, भारत में ई-कॉमर्स की कीमत 2025 तक 188 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने की उम्मीद है। 2020 में 50 अरब डॉलर के कारोबार के साथ, भारत ई-कॉमर्स के लिए आठवां सबसे बड़ा बाजार बन गया।

स्मार्टफोन का बढ़ता दायरा, 4जी नेटवर्क के विस्तार ने भारतीय ई-कॉमर्स बाजार के 2017 में 38.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2026 तक 200 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने की ईजीमार्केटस उम्मीद है।

चीन और अमेरिका के बाद, भारत के पास 2020 में 14 करोड़ के साथ तीसरे सबसे ज्यादा ऑनलाइन खरीददारी करने वाले लोग थे। देश में नेक्स्ट-जेन मोबाइल ब्रॉडबैंड टेक्नोलॉजी शुरू होने से पहले ही भारतीय उपभोक्ता तेजी से 5जी स्मार्टफोन को अपना रहे हैं।

नई टेक्नोलॉजी का उपयोग (Use of New Technology in E-Commerce)

ई-कॉमर्स उद्योग भारत में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को वित्त पोषण, प्रौद्योगिकी और प्रशिक्षण के माध्यम से सीधे प्रभावित कर रहा है और अन्य उद्योगों पर भी इसका अनुकूल/प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

भारतीय ई-कॉमर्स उद्योग तेजी से विकास पथ पर है और 2034 तक अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ई-कॉमर्स बाजार बनने की उम्मीद है। डिजिटल पेमेंट, लोकल लॉजिस्टिक्स और डिजिटल विज्ञापन जैसी टेक्नोलॉजी इस क्षेत्र में विकास को रफ़्तार प्रदान कर रहे है।

नई तकनीक ने ई-कॉमर्स इंडस्ट्री को आगे बढ़ाने में काफी मदद की है –

Conclusion

ई-कॉमर्स में बहुत सी नई चीजें हो रही हैं। ई-कॉमर्स ने खरीदारी को आसान बना दिया है। भारत में ई-कॉमर्स उद्योग कई चुनौतियों के बावजूद तेजी से बढ़ रहा है। ई-कॉमर्स उद्योग वर्तमान में भारत में सबसे तेजी से बढ़ते उद्योगों में से एक है।

ई-कॉमर्स में यह अभूतपूर्व वृद्धि स्मार्ट फोन और इंटरनेट उपयोगकर्ताओं में वृद्धि, 3G/4G इंटरनेट सेवाओं का विस्तार, जनता में जागरूकता, सरकार के प्रयास जैसे कई कारण है। इसके अतिरिक्त सरकार को एक उचित कानूनी ढांचा प्रदान करने के लिए कदम उठाने चाहिए ताकि ई-कॉमर्स के विकास में बाधाओं को कम किया जा सके।

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