PF Balance: कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) कर्मचारियों के लिए सरकार के जरिए चलाई जा रही प्रबंधित सेवानिवृत्ति बचत योजना है. हर महीने, कर्मचारी भविष्य निधि के लिए अपने वेतन का एक हिस्सा योगदान करते हैं. इस योजना का उद्देश्य रोजगार से सेवानिवृत्ति के समय ब्याज सहित एकमुश्त भुगतान प्राप्त करना है. भारत में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन या ईपीएफओ, भविष्य निधि के नियमन और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है.

alt

आईएसए खाता क्या है?

Gramin Urja Sathi Scheme 2022, Dated :2022-07-27 List of Interested Farmers Under PM-KUSUM Component -A, Dated :2022-02-28 Invitation of Quotations from the Agencies for “Providing Door-to-Door Electricity Dues Collection through E-wallet System from Consumers in Urban and Rural areas of JBVNL”, Dated :2021-05-28 Expression of Interest- EOI सौर ऊर्जा से जुडा ऊर्जा संयत्र स्थापित करने के लिए बंजर/ अनुपजाऊ जमीन के अधिसूचित करने , Dated :2021-03-04 PM-KUSUM component A tariff petition, Dated :2020-12-03 Tariff Order for FY 2020-21., Dated :2020-11-27 ❌ Fake Recruitment News Alert ❌ ❌ NOTICE ❌, Dated :2020-07-24 ❌ Fake Recruitment News Alert ❌ ❌ Fraud Alert ❌, Dated :2020-07-24 Sachet - Electrical Safety Handbook, आईएसए खाता क्या है? Dated :2020-06-27 Revenue collection through Mobile Van , Dated :2020-06-01

JBVNL में आपका आईएसए खाता क्या है? स्वागत है

जेबीवीएनएल (झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड) झारखंड राज्य की सबसे बड़ी (डिस्कॉम) बिजली कंपनी है, जो झारखंड राज्य में (डोमेस्टिक) एल.टी और एच.टी उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति करने के लिए मुख्य रूप से शामिल है। वर्ष 2013 में पूर्ववर्ती झारखंड राज्य विद्युत बोर्ड (जे.एस.इ बी) से अलग हो कर। 6 जनवरी 2014 को परिचालन शुरू किया गया । कंपनी के पास लगभग 37 लाख का पंजीकृत उपभोक्ता आधार है और लगभग 2,150 MW (FY 17) का पीक लोड है। -18)। कंपनी 7 बिजली आपूर्ति क्षेत्रों में विभिन्न श्रेणियों जैसे एचटी, एलटीआईएस, डीएस, एनडीएस, आईएएस, आदि के लिए बिजली के वितरण में शामिल है। रांची, धनबाद, सिंहभूम(जमशेदपुर ), हजारीबाग, गिरिडीह, दुमका और मेदिनीनगर।

राज्य के अलग होने के बाद से आईएसए खाता क्या है? विद्युत क्षेत्र की उपयोगिता प्रति व्यक्ति बिजली की खपत, उच्च AT & C नुकसान, गैर-चिंतनशील टैरिफ, अपर्याप्त कार्यबल, सीमित विद्युतीकरण और घटते बिजली आईएसए खाता क्या है? के बुनियादी ढांचे जैसे विभिन्न विरासत से मिली चुनौतियों पर काबू पाने में लंबा सफर तय किया है। राज्य मे माननीय प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण पर राज्य ने लगातार प्रगति की है और राज्य में हर घर तक बिजली पहुंच सुनिश्चित करने और उन्नत डिजिटल तकनीकों का लाभ उठाने की कोशिश की है। परिवर्तन की इस यात्रा के पांच प्रमुख क्षेत्र अंतिम पायदान तक बिजली की पहुंच है, जिससे बिजली का बुनियादी ढांचा मजबूत हो रहा है, सेवा वितरण, परिचालन और वित्तीय आत्मनिर्भरता और सतत विकास के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ मिल रहा है।

PF Withdrawal: अगर ये कागज नहीं है तो हो जाएगी मुश्किल, इन दस्तावेजों के बिना नहीं निकाल पाएंगे पीएफ का पैसा

PF Login: भारत सरकार की मदद से शुरू किए गए प्रसिद्ध बचत कार्यक्रमों आईएसए खाता क्या है? में से एक कर्मचारी भविष्य निधि या ईपीएफ है. संगठन की स्थापना 1951 में हुई थी और इसकी देखरेख श्रम और रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार के जरिए की जाती है. श्रम मंत्रालय भारत में ईपीएफ कार्यक्रमों को नियंत्रित करता है.

alt

5

alt

5

alt

Government Scheme: इस सरकारी योजना में करें सिर्फ 200 रुपये का निवेश, हर महीने मिलेगी 50 हजार पेंशन

इस स्कीम में निवेश करने वाले को को 80सी के तहत छूट के साथ ही 80 सीसीडी के तहत अतिरिक्त 50,000 रुपये तक की Income Tax छूट भी मिलती है.

नेशनल पेंशन स्कीम को लॉन्ग टाइम इन्वेस्टमेंट माना जाता है. आप नौकरी करते हुए इसमें हर महीने एक तय राशि जमा करते हैं, जो रिटायरमेंट के बाद आपको पेंशन के रूप में मिलती है.

दो तरह से मिलते हैं पैसे

नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में जमा हुए पैसे निवेशक को दो तरह से मिलते हैं. आप जमा रकम का सीमित हिस्सा एक ही बार में निकाल सकते हैं, जबकि दूसरा हिस्सा पेंशन के लिए जमा रहेगा.

इस राशि से एन्यूटी (Annuity) खरीदी जाएगी. एन्यूटी खरीदने के लिए जितनी अधिक रकम आप छोड़ेंगे, आपको रिटायर होने के बाद उतनी ही अधिक पेंशन मिलेगी.

कांग्रेस ने चुनाव में मेरा पूरा इस्तेमाल नहीं किया: मेवानी

जिग्नेश मेवानी ने कहा है कि वह इस बात को महसूस करते हैं कि उनका और बेहतर आईएसए खाता क्या है? ढंग से इस्तेमाल किया जा सकता था, न केवल नामांकन के बाद बल्कि उससे पहले भी ऐसा हो सकता था। बताना होगा कि गुजरात के विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है।

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें

गुजरात की वडगाम सीट से जीते कांग्रेस के विधायक जिग्नेश मेवाणी ने कहा है कि उन्हें इस बात का अफसोस है कि पार्टी ने चुनाव प्रचार के दौरान उनका पूरा इस्तेमाल नहीं किया। जिग्नेश इस बार कांग्रेस के टिकट पर जीते हैं जबकि पिछली बार उन्होंने निर्दलीय लड़ते हुए जीत हासिल की थी। मेवाणी गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं।

अंग्रेजी अखबार आईएसए खाता क्या है? द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में जिग्नेश ने कहा कि वह इस बात को महसूस करते हैं कि उनका और बेहतर ढंग से इस्तेमाल किया जा सकता था, न केवल नामांकन के बाद बल्कि उससे पहले भी ऐसा हो सकता था।

बेहद खराब प्रदर्शन

गुजरात के विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को कड़ी टक्कर देते हुए 77 सीटें हासिल की थी लेकिन इस बार वह सिर्फ 17 सीटों पर जीत हासिल कर सकी।

कांग्रेस की हालत इस कदर खराब रही कि गुजरात विधानसभा में विपक्ष के नेता सुखराम राठवा और पूर्व नेता प्रतिपक्ष परेश धनानी भी अपनी-अपनी सीटों से चुनाव हार गए। आईएसए खाता क्या है? कांग्रेस को 2017 के विधानसभा चुनाव में 41 फीसद वोट मिले थे जबकि इस बार वह 27 फीसद वोट ही हासिल कर पाई।

कांग्रेस का प्रदर्शन इतना खराब रहा कि वह 33 में से 21 जिलों में खाता तक नहीं खोल सकी।

जिग्नेश ने इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के युवा नेता कन्हैया कुमार और राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी के साथ मिलकर प्रचार किया था। उन्हें कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची में भी शामिल किया गया था। कुछ जगहों पर जहां आईएसए खाता क्या है? उनकी चुनावी सभा कराई गई वहां उन्होंने बिलकिस बानो के बलात्कारियों की रिहाई के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था।

चुनाव प्रचार से दूरी

कांग्रेस की हार के अहम कारणों का विश्लेषण करें तो पहला कारण यह आईएसए खाता क्या है? समझ में आता है कि केंद्रीय नेतृत्व चुनाव प्रचार से दूरी बनाए रहा। भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सिर्फ 1 दिन के लिए चुनाव प्रचार में पहुंचे। अंतिम दिनों में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कुछ चुनावी सभाएं की लेकिन इससे पार्टी को कोई फायदा नहीं हुआ। 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने गुजरात में धुआंधार चुनाव प्रचार किया था। कुछ वैसे ही प्रचार की जरूरत इस बार भी थी।

राहुल गांधी तो प्रचार में सिर्फ 1 दिन के लिए आए लेकिन प्रियंका गांधी 1 दिन के लिए भी गुजरात में चुनाव प्रचार के लिए नहीं आईं। इससे शायद पार्टी के चुनाव प्रचार पर आईएसए खाता क्या है? खराब असर पड़ा और गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी जैसे-तैसे चुनाव अभियान चला सकी।

रेटिंग: 4.37
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 245