आसान है Digital Payment, क्रिएट करें अपना क्यूआर कोड, जानें इसका सही तरीका

QR Code for Digital Payment यूपीआइ (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस ) डेबिट/क्रेडिट कार्ड को पीछे छोड़ते हुए देश की पसंदीदा भुगतान प्रणाली बन गई है। यूपीआइ न सिर्फ उपयोग में आसान है बल्कि अब कहीं भी इसका उपयोग किया जा सकता है।

संतोष आनंद, नई दिल्ली: यूपीआइ के साथ क्यूआर कोड को स्कैन कर सकते हैं और किसी भी व्यक्ति या व्यापारी को या विभिन्न यूपीआइ एप्स पर भुगतान कर सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे अपने एकाउंट में पैसा प्राप्त करने के लिए खुद व्यापारियों को चाहिए सुरक्षा और सुविधाएं का यूपीआइ पेमेंट क्यूआर कोड बना और उसे साझा कर सकते हैं.

अगर आप अपने बैंक एकाउंट में पैसा प्राप्त करने के लिए खुद का यूपीआइ क्यूआर कोड पेमेंट सिस्टम बनाना चाहते हैं, तो फिर यह काफी आसान है। यूपीआइ ऐसे फीचर्स के साथ आता है, जिसकी मदद से आप खुद के लिए क्यूआर कोड जेनरेट कर सकते हैं। यह सुविधा सभी यूपीआइ एप्स में उपलब्ध है और यह उसी तरह काम करती है जैसे हम दूसरों को भुगतान करते हैं यानी कोई आपके क्यूआर कोड को स्कैन कर आपको पैसा भेज सकता है।

पेटीएम एप

पेटीएम एप में अपना यूपीआइ क्यूआर कोड बनाने और उसे एक्सेस करने के लिए पेटीएम में यूपीआइ एकाउंट होना जरूरी है। पेटीएम पर इसे एक्सेस करने के लिए एंड्रायड/आइओएस एप को ओपन करें, जहां आपने अपना बैंक एकाउंट लिंक किया है। अब अपना क्यूआरकोड देखने के लिए बायीं ओर प्रोफाइल/मेन्यू आइकन पर क्लिक करें। अब आप इसे किसी के साथ साझा करने के लिए शेयर क्यूआर बटन पर क्लिक कर सकते हैं।

गूगल पे

अगर आप अपने फोन पर गूगल पे का उपयोग करते हैं, तो फिर यहां भी पेमेंट के लिए क्यूआर कोड बना और उसे एक्सेस कर सकते हैं। इसके लिए गूगल पे एप को एंड्रायड/आइओएस डिवाइस पर ओपन करें, जहां आपने अपना बैंक खाता लिंक किया है। अब ऊपर दायीं ओर अपने प्रोफाइल आइकन पर टैप करें। यहां पर आपको बैंक खाते के साथ जुड़ा क्यूआर कोड मिलेगा, जिसे आप अन्य लोगों के साथ शेयर कर सकते हैं और अपने एकाउंट में राशि प्राप्त कर सकते हैं।

आनलाइन पेमेंट के लिए फोनपे का भी देश में खूब उपयोग होता है। यह भी यूपीआइ पेमेंट एप में से एक है। जब बात गूगल प्ले स्टोर और एपल एप स्टोर से पेमेंट एप्स के डाउनलोड की आती है, तो फिर यह सबसे ज्यादा डाउनलोड किए जाने वाल एप है। क्यूआर बनाने और उसे एक्सेस करने के लिए फोनपे एप (एंड्रायड/आइओएस) को ओपन करें और अपने प्रोफाइल आइकन पर टैप करें। अब प्रोफाइल सेक्शन में आपको क्यूआर कोड पर टैप करना होगा। क्यूआर कोड सेक्शन के तहत आपको व्यापारियों को चाहिए सुरक्षा और सुविधाएं अपना क्यूआर कोड मिल जाएगा।

भीम एप

भीम एप में क्यूआर कोड क्रिएट करने और उसे एक्सेस करने के लिए आपके पास भीम एप पर यूपीआइ एकाउंट होना चाहिए। भीम (भारत इंटरफेस फार मनी) एप नेशनल पेमेंट्स कारपोरेशन का आधिकारिक एप है। भीम एप में क्यूआर कोड बनाने के लिए इसे एंड्रायड/आइओएस डिवाइस पर ओपन करें। अब आप अपने प्रोफाइल टैब पर टैप करें और आपको यहां पर क्यूआर मिल जाएगा। इसके बाद अपना क्यूआर कोड पेमेंट हासिल करने के लिए किसी अन्य के साथ भी साझा कर सकते हैं।

अगले साल भी वृद्धि की रफ्तार बने रहने की वाहन उद्योग को उम्मीद

कोविड-19 के आघात से उबरने के बाद भारतीय वाहन उद्योग ने नए उत्सर्जन एवं सुरक्षा मानकों की वजह से बढ़ती लागत और ब्याज दरों में हो रही बढ़ोतरी के बावजूद वर्ष 2023 में सतत विकास की रफ्तार बनाए रखने की उम्मीद लगाई हुई है। कुछ दिनों व्यापारियों को चाहिए सुरक्षा और सुविधाएं में खत्म होने वाला साल 2022 भारतीय वाहन उद्योग के लिए बेहतरीन साबित हुआ है।

सेमीकंडक्टर की कमी के बावजूद भी वर्ष 2022 में यात्री व्यापारियों को चाहिए सुरक्षा और सुविधाएं वाहन ने दर्ज की रिकॉर्ड बिक्री

आपूर्ति श्रृंखला की बाधाओं और सेमीकंडक्टर की कमी का असर होने के बावजूद वर्ष 2022 में यात्री वाहन (PV) खंड में रिकॉर्ड बिक्री दर्ज किए जाने की संभावना दिख रही है। लेकिन दोपहिया वाहनों की बिक्री में साल के अधिकांश समय तक उछाल नहीं देखी गई है। वाहन उद्योग के मुताबिक, इस साल यात्री वाहनों की बिक्री करीब 38 लाख इकाई तक पहुंच सकती है। तिपहिया और वाणिज्यिक वाहन खंड में भी पिछले साल की तुलना में अच्छी वृद्धि देखी गई है। वाहन विनिर्माता इस गति को अगले साल में भी जारी रखने के लिए उत्सुक होंगे।

वर्ष 2023 में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में आएगी तेजी

उद्योग पर्यवेक्षकों के मुताबिक वर्ष 2023 में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में भी तेजी देखने को मिलेगी। वर्ष 2022 में भी इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में तेजी देखी गई है खासकर दोपहिया खंड में। हालांकि नए साल में वाहन खरीदने की इच्छा रखने वालों के लिए खबर शायद अच्छी न हो। इसकी वजह यह है कि अगले साल वाहन की कीमतें बढ़ने वाली हैं। कंपनियां एक अप्रैल, 2023 से सख्त उत्सर्जन मानदंडों के अनुरूप खुद को ढालने और प्रौद्योगिकी को अपनाने पर आने वाली लागत का बोझ खरीदारों पर ही डालेंगे। मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स और हुंदै जैसी कई कंपनियां पहले ही कह चुकी हैं कि वे जनवरी से कीमतें बढ़ाने जा रही हैं। इसके अलावा, बढ़ती ब्याज दरों और बिगड़ती वैश्विक आर्थिक स्थिति का आने वाले दिनों में भारत पर पड़ने वाला असर भी भारतीय वाहन उद्योग को सतर्क रहने को मजबूर किए हुए है।

वर्ष 2023 शायद उद्योग के लिए काफी अच्छा होगा- आर सी भार्गव

मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आर सी भार्गव ने कहा, ‘कीमत में वृद्धि का हमेशा बिक्री पर एक निश्चित नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। लेकिन हमें अभी नहीं मालूम है कि कीमतें कितनी बढ़ेंगी और इनपुट लागत और विदेशी मुद्रा विनिमय की क्या स्थिति होगी। ऐसी अनिश्चितताएं हमेशा बनी रहेंगी।’ हालांकि उन्होंने कहा कि घरेलू कार उद्योग में पिछले कुछ महीनों में नई जान आई है और सेमीकंडक्टर की किल्लत भी 2023 में समाप्त होने जा रही है। भार्गव ने कहा, ‘हमारा अनुमान होगा कि अगला साल शायद उद्योग के लिए काफी अच्छा साल होगा। हमें अगर 2022 से बेहतर नहीं तो कम-से-कम इतना अच्छा प्रदर्शन करना ही चाहिए।’ उन्होंने कहा कि मारुति सुजुकी ग्राहकों की मांग को पूरा करने के लिए कारों, विशेष रूप से अधिक एसयूवी मॉडल पेश करती रहेगी।

नए मानकों को लागू करने से बढ़ सकती है वाहनों की लागत

वाहन उद्योग के निकाय व्यापारियों को चाहिए सुरक्षा और सुविधाएं ‘सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स’ (SIAM) के महानिदेशक राजेश मेनन ने कहा कि यात्री वाहन उद्योग ने अप्रैल 2022 से ईंधन दक्षता नियमों के दूसरे चरण को अपनाया था और अप्रैल 2023 से बीएस-6 उत्सर्जन मानदंडों के दूसरे चरण को भी पूरा करने के लिए कमर कस रहा है। उन्होंने कहा कि 2023 में यात्री वाहनों के लिए विभिन्न नए सुरक्षा नियमों को लागू करने पर भी चर्चा चल रही है। लेकिन नए मानकों को लागू करने से वाहनों की लागत बढ़ सकती है और वैश्विक मंदी के रुझान के साथ मिलकर यह वर्ष 2023 में चिंता का सबब बन सकता है।

महंगाई से प्रभावित होगी वाहनों की मांग

इसके अलावा बढ़ती मुद्रास्फीति के साथ ब्याज दरों में लगातार हुई बढ़ोतरी भी वाहनों की मांग को प्रभावित कर सकती है। हालांकि महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) के कार्यकारी निदेशक (वाहन एवं कृषि क्षेत्र) राजेश जेजुरिकर उद्योग की मौजूदा बिक्री गति को बनाए रखने के बारे में आश्वस्त हैं। उन्होंने कहा, ‘M&M में सभी मॉडल निर्धारित मानकों के अनुरूप बीएस-6 मानदंडों का पालन करेंगे। कीमत एवं लागत का अंतर उतना अधिक नहीं होना चाहिए जितना बीएस-4 से बीएस-6 संक्रमण के समय रहा था।’

टाटा मोटर्स के प्रबंध निदेशक (यात्री वाहन एवं इलेक्ट्रिक वाहन) शैलेश चंद्र ने कहा कि उद्योग पर मुद्रास्फीति के दबाव जैसे व्यापक आर्थिक कारकों के प्रभाव को देखना होगा। उन्होंने कहा, ‘मैं कहूंगा कि इस साल उच्च वृद्धि होने जा रही है लेकिन अगले साल उच्च आधार प्रभाव होने और तमाम प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच वृद्धि के स्तर के बारे में कुछ कहना मुश्किल होगा।’

ड्रोन भर रहे ऊंची उड़ान, 1 साल में 10 गुना हुई संख्या

ड्रोन भर रहे ऊंची उड़ान, 1 साल में 10 गुना हुई संख्या

Ahmedabad. देश में व्यापारियों को चाहिए सुरक्षा और सुविधाएं विमान और विमानों में सफल करने वाले यात्रियों की संख्या ही नहीं बढ़ रही बल्कि मानव रहित विमान (ड्रोन) की संख्या भी बढ़ रही है। बीते एक साल में तो इसमें रॉकेट की गति से इजाफा हुआ है। महज सालभर में ड्रोन की संख्या बढक़र 10 गुना हो गई है। देश में ड्रोन का उपयोग सुरक्षा एजेंसियां तो आसमान से नजर रखने के लिए कर ही रहीं हैं। निजी कंपनियां भी फोटोग्राफी, व्यापारियों को चाहिए सुरक्षा और सुविधाएं वीडियोग्राफी और वस्तुओं को इधर से उधर पहुंचाने, फसलों में दवाईयों के छिडक़ाव के लिए कर रही हैं।

नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री वी के सिंह की ओर से हाल ही में राज्यसभा में दी गई जानकारी में यह तथ्य सामने आए हैं। राज्यसभा सांसद अमीबेन याज्ञिक की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने यह तथ्य पेश किए।

देश में 2021 में पंजीकृत ड्रोन की संख्या 502 थी, जबकि 2022 में यह संख्या 4833 बढ़ी। 19 दिसंबर 2022 की स्थिति में देश में 5335 ड्रोन हैं।

बढ़ती ड्रोन की संख्या और उपयोग को देखते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने ड्रोन यातायात प्रबंधन प्रणाली को भी शुरू किया है। इसके तहत मंत्रालय ने 24 अक्टूबर 2021 को राष्ट्रीय मानवरहित वायुयान प्रणाली यातायात प्रबंधन नीतिगत ढांचा (यूटीएम पोलिसी फ्रेमवर्क) जारी किया है। जिसमें मानव रहित विमानों (ड्रोन) के जरिए माल के सुरक्षित और निर्बाध परिवहन की सुविधा सुनिश्चित की गई है। हर ड्रोन को एक विशेष पहचान संख्या (यूएनआई) के तहत पंजीकृत किया जा रहा है। जिससे उसका पता लगाया जा सके।

ड्रोन हवाई क्षेत्र नक्शा जारी, ग्रीन जोन में छूट

मंत्रालय ने 24 सितंबर 2021 को डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर ड्रोन के हवाई क्षेत्र का नक्शा भी प्रकाशित किया है। इस नक्शे में पूरे देश के हवाई क्षेत्र को लाल, पीले और हरे क्षेत्र में दर्शाया है। लाल और पीले रंग के क्षेत्र में ड्रोन को उड़ाने के लिए केन्द्र सरकार और संबंधित हवाई यातायात क्षेत्र नियंत्रण प्राधिकरण की पूर्व मंजूरी जरूरी है। ग्रीन जोन में 400 मीटर की ऊंचाई तक ड्रोन को उड़ाने के लिए कोई स्वीकृति की मंजूरी नहीं चाहिए। यूटीएम पॉलिसी फ्रेमवर्क में परिवर्तन होते रहते हैं।

2021 व्यापारियों को चाहिए सुरक्षा और सुविधाएं में महाराष्ट्र में थे सर्वाधिक ड्रोन, 2022 में दिल्ली में

2021 में 502 में से सबसे ज्यादा 192 ड्रोन महाराष्ट्र में थे। फिर 70 दिल्ली में, 67 तेलंगाना में, 34 कर्नाटक में, 33 गुजरात में थे। 2022 में सर्वाधिक 1193 नए ड्रोन दिल्ली में पंजीकृत हुए। फिर हरियाणा में 829 । कर्नाटक में 636 पंजीकृत हुए। महाराष्ट्र में 477 , तमिलनाडु में 328 पंजीकृत हुए। गुजरात में 138 नए ड्रोन जुड़े।

सर्वाधिक ड्रोन वाले टॉप-10 राज्य
राज्य - ड्रोन संख्या
दिल्ली- 1263
हरियाणा-842
कर्नाटक-670
महाराष्ट्र-669
तमिलनाडु-338
तेलंगाना-332
केरल-234
गुजरात-171
उत्तरप्रदेश-122
पश्चिम बंगाल-112
(स्त्रोत: राज्यसभा में पेश आंकड़े)

Newly married couples: शादीशुदा लोग इस स्‍कीम में करें एक बार अप्‍लाई, साल के मिलेंगे 51 हजार रुपये

Pension Scheme: आज के समय में ज्‍यादातर लोग प्राइवेट नौकरी करते हैं या अपना खुद का बिजनेस करते हैं. इन लोगों को सरकारी पेंशन नहीं मिल पाती है. ऐसे में सरकार ने व्‍यापारियों, प्राइवेट नौकरी करने वालों के लिए बेहतरीन योजना बनाई है.

alt

5

alt

5

alt

10

alt

6

Newly married couples: शादीशुदा लोग इस स्‍कीम में करें एक बार अप्‍लाई, साल के मिलेंगे 51 हजार रुपये

PMVVY: आज के समय में ज्‍यादातर लोग सरकारी नौकरी को इसलिए वरीयता देते हैं क्‍योंकि वहां अच्‍छी पेंशन मिलने के चांसेस रहते हैं. वहीं प्राइवेट नौकरी करने वाले लोगों के पास पेंशन का विकल्‍प तो रहता है, लेकिन घर चलाने के लिए वह अमाउंट बहुत ही कम पड़ता है. ऐसे में आपको मोदी सरकार की इस योजना में अप्‍लाई कर देना चाहिए, जिससे आप सालाना फिक्स पेंशन का लाभ उठा सकते हैं. इस योजना में आप 31 मार्च 2023 तक ही अप्‍लाई कर सकते हैं. अगर आप सही समय पर निवेश कर देंगे तो सालाना 51 हजार रुपये पेंशन प्राप्‍त कर सकते हैं.

सालाना मिलेंगे 51 हजार रुपये

इस योजना में अगर पति पत्‍नी दोनों अप्‍लाई करेंगे तो आपको प्रधानमंत्री वय वंदना योजना में लगभग 3 लाख 7 हजार रुपये की रकम जमा करनी होगी. इस तरह आपका कुल निवेश 6 लाख 15 हजार रुपये होगा. सरकार इस योजना पर 7.40% का सालाना ब्‍याज देती है. इस तरह निवेश करने पर आपको सालाना 51 हजार की पेंशन प्राप्‍त होगी. इस पेंशन को अगर आप मासिक लेना चाहते हैं तो 4100 रुपये की राशि आपको हर माह पेंशन के तौर पर मिलेगी.

10 साल बाद मिलेगा पूरा पैसा

इस योजना में आप जितना भी पैसा जमा करेंगे, उस अमाउंट को सरकार 10 साल बाद आपको वापस कर देगी यानी इस योजना में आपको सिर्फ 10 साल के लिए ही निवेश करना होता है. उसके बाद आपको हर माह या हर साल जैसा आप चाहेंगे, उस तरह से आपको पेंशन देना शुरू कर देगी. अगर आप इस पॉलिसी को बीच में सरेंडर करेंगे, तो इस योजना के तहत आप जो भी पैसा निवेश करेंगे. वह आपको लौटा दिया जाएगा.

योजना के बारे में जान लीजिए

इस योजना का नाम प्रधानमंत्री वय वंदना योजना है, जो एक सामाजिक सुरक्षा योजना है. इस योजना में पेंशनधारक को मासिक, त्रैमासिक या सालाना आधार पर पेंशन दी जाती है. इस योजना को केंद्र सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) दोनों एक साथ संचालित करती है. इस स्‍कीम के तहत 60 साल या इससे ज्‍यादा के लोग अप्‍लाई कर सकते हैं. निवेशकर्ता इस स्‍कीम में 15 लाख रुपये तक निवेश कर सकता है.

पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की जरूरत नहीं

दिल्ली मेट्रो के मैजेंटा लाइन पर मेडिकल सप्लाई ले जा रहा ड्रोन गिरा, कुछ देर के लिए बाधित हुई सेवा

ड्रोन जैसे ही जसोला विहार के पास मेट्रो ट्रैक पर गिरा हड़कंप मच गया। खबर मिलते ही दिल्ली पुलिस, सीआईएसएफ और डीएमआरसी के कर्मचारी हरकत में आए और उनकी टीमें उस इलाके में पहुंची जहां ड्रोन गिरा था। इसे सुरक्षित तरीके से मेट्रो की पटरियों से हटाया गया।

फोटोः IANS

नवजीवन डेस्क

दिल्ली मेट्रो की मैजेंटा व्यापारियों को चाहिए सुरक्षा और सुविधाएं लाइन पर जसोला विहार-शाहीन बाग से बॉटनिकल गार्डन के बीच मेट्रो ट्रैक पर रविवार दोपहर चिकित्सा सामग्री ले जा रहा एक ड्रोन गिर गया, जिसके चलते सुरक्षा कारणों से मेट्रो ट्रेनों को बीच रास्ते में रोक दिया गया, जिससे से यात्रियों में अफरातफरी मच गई। करीब आधे घंटे तक मेट्रो सेवाएं बाधित रहीं।

जानकारी के मुताबिक, ड्रोन जैसे ही जसोला विहार के पास मेट्रो ट्रैक पर गिरा हड़कंप मच गया। खबर मिलते ही दिल्ली पुलिस, सीआईएसएफ और डीएमआरसी के कर्मचारी हरकत में आए और उनकी टीमें उस इलाके में पहुंची जहां ड्रोन गिरा था। इसे सुरक्षित तरीके से मेट्रो की पटरियों से हटाया गया, ताकि सेवाएं फिर से शुरू की जा सकें।

इस दौरान कुछ देर के लिए यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा, क्योंकि न तो किसी को मेट्रो स्टेशन में प्रवेश करने की अनुमति थी और न ही बाहर निकलने की। डीएमआरसी ने कहा कि आधे घंटे के बाद मजेंटा लाइन पर सेवाएं सामान्य हो गईं। दिल्ली पुलिस ने ड्रोन को अपने कब्जे में ले लिया है और बाद में इसे उसके मालिक को सौंप दिया जाएगा।

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

रेटिंग: 4.31
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 264