वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया था कि तलाशी के दौरान कई साहित्य, किताबें भी मिलीं जिनकी पड़ताल की जाएगी। ध्वस्त किए गए मकान की अनुमानित कीमत पांच करोड़ रुपये है जिसे नियम के अनुसार ध्वस्त किया गया।
मूल्य कार्रवाई वास्तव में क्या है?
221. स्टॉक में व्यापार या निवेश के रूप में प्रतिभूतियों के उपचार के बारे में स्पष्टीकरण
1 24-4-1991 सर्कुलर नं 599, द्वारा (देखें स्पष्टीकरण 2), यह बैंकों द्वारा आयोजित प्रतिभूतियों सामान्य रूप से शेयर में करने के लिए दिया जाता है के रूप में उनके स्टॉक में व्यापार और नुकसान का दावा, खाते की किताबों में डेबिट किया है, तो एक ही उपचार दिया जाना चाहिए के रूप में माना जाना चाहिए कि स्पष्ट किया गया व्यापार. यह भी प्रतिभूतियों की खरीद पर खंडित अवधि के लिए ब्याज का भुगतान राजस्व भुगतान के रूप में माना जाता है और तदनुसार अनुमति दी जानी चाहिए कि स्पष्ट किया गया था.
प्र.20.मूल्य कार्रवाई वास्तव में क्या है? सीआईटी [1991] 187 आईटीआर 541 वी. विजया बैंक लिमिटेड के मामले में उच्चतम न्यायालय के निर्णय के फलस्वरूप, ऊपर परिपत्र 31-7-1991 दिनांकित, सर्कुलर नंबर 610 की समस्या से वापस ले लिया गया [स्पष्टीकरण 1 देखें] . सुप्रीम कोर्ट ने विजया बैंक लिमिटेड के मामले में ही टूटी हुई अवधि के लिए ब्याज के लिए दावे के साथ संबंध था और प्रतिभूतियों गठित चाहे मुद्दा तय नहीं किया था कि प्रभाव के लिए भारतीय Banks'Association से निरूपण किया गया है माल का भंडार या निवेश. इसलिए यह पूर्ण में 24-4-1991 सर्कुलर नं 599, की वापसी के लिए नहीं बुलाया गया था कि प्रतिनिधित्व दिया गया है.
Twitter Controversy: क्या ट्विटर ने वास्तव में अपना कानूनी कवच खो दिया? जानिए आखिर क्यों मचा है इतना घमासान
By: एबीपी न्यूज | Updated at : 17 Jun 2021 07:42 AM (IST)
क्या वास्तव में ट्विटर ने भारत में अपना कानूनी कवच खो दिया?
नई दिल्ली: आईटी नियमों का पालन न करने पर माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने भारत में मिली कानूनी सुरक्षा खो दी है. ट्विटर अब भारत में मूल्य कार्रवाई वास्तव में क्या है? थर्ड पार्टी गैरकानूनी कंटेंट के लिए भारतीय दंड संहिता के तहत कार्रवाई के लिए उत्तरदायी है. आईटी एक्ट की धारा 79 के तहत ट्विटर को लीगल प्रोटेक्शन मिला था. हालांकि फेसबुक, यूट्यूब, गूगल, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप को ये प्रोटेक्शन मिलता रहेगा.
ट्विटर और सरकार को लेकर क्यों मचा है घमासान
- केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि सोशल मीडिया में एक छोटी सी चिंगारी भी बड़ी आग का कारण बन सकती है. खासकर फेक न्यूज के खतरे ज्यादा हैं. इस पर कंट्रोल करना और इसे रोकना नए आईटी नियमों में एक महत्वपूर्ण नियम था, जिसका पालन ट्विटर ने नहीं किया.
- सरकार का कहना है कि ट्विटर देश के कानून की अनिवार्य प्रक्रिया को स्थापित करने से इनकार करके यूजर्स की शिकायतों को दूर करने में भी नाकाम रहा है. ट्विटर तभी फ्लैग करने की नीति चुनता है, जो वह उसके उपयुक्त हो या उसकी पसंद और नापसंद के मुताबिक चीजें हों.
- वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि ट्विटर अपने प्लेटफॉर्म पर नकली समाचार/गलत सूचना के खतरे से लड़ने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाते हैं तो फिर भारत को सोशल मीडिया कंपनियों द्वारा सामना किए जाने वाले परिणामों को निर्धारित मूल्य कार्रवाई वास्तव में क्या है? करने वाले प्रभावी कानूनी प्रावधानों के साथ सामने आने की जरूरत है.
- विशेषज्ञों का साफतौर पर कहना मूल्य कार्रवाई वास्तव में क्या है? है कि चूंकि ट्विटर, एक सेवा प्रदाता के रूप में नए आईटी नियमों का पालन नहीं करता है, तो सरकार उन्हें भारतीय संदर्भ में एक सहज तरीके से अपनी सेवा प्रदान करने से रोकने के लिए कार्रवाई शुरू कर सकती है.
- आईटी नियम 2021 के नियम 7 के आधार पर, कोई भी मध्यस्थ आईटी नियमों का पालन नहीं करता है, तो वे स्वचालित रूप से कानूनी दायित्व से अपनी वैधानिक छूट खो देते हैं. इस मामले में ट्विटर ने आईटी नियमों 2021 का पालन न करके 25 फरवरी से 90 दिनों की समाप्ति के बाद अपनी वैधानिक प्रतिरक्षा खो दी है.
- हालांकि ट्विटर ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि भारत सरकार के नए आईटी रूल्स को फॉलो किया गया मूल्य कार्रवाई वास्तव में क्या है? है और इसके लिए एक अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी भी नियुक्ति कर दिया गया है.
- जानकारी के अनुसार, ट्विटर का मध्यस्थ का दर्जा और उसे मिली कानूनी सुरक्षा नए दिशानिर्देशों का पालन न करने के कारण 26 मई को स्वतः खत्म हो गई है. आईटी नियमों को पालन नहीं करने वाले मूल्य कार्रवाई वास्तव में क्या है? हर सोशल मीडिया मंच के साथ ऐसा हुआ है.
- इस महीने की शुरुआत में सरकार ने ट्विटर को नोटिस जारी कर उसे नए आईटी नियमों के तत्काल अनुपालन के लिए 'एक आखिरी मौका' दिया था. सरकार ने आगाह किया था कि यदि ट्विटर इन नियमों का अनुपालन करने में विफल रहता है, तो वह आईटी कानून के तहत दायित्व से प्राप्त छूट गंवा देगा.
- सरकार का पिछले कुछ महीनों में कई बार ट्विटर के साथ विवाद हुआ है. ट्विटर ने हाल में कुछ बीजेपी नेताओं के ट्वीट को ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ करार दिया था. इसको लेकर भी काफी विवाद छिड़ा है.
- केंद्र के साथ ट्विटर का टकराव इस साल फरवरी में शुरू हुआ था. उस दौरान केंद्रीय तकनीक मंत्रालय ने ट्विटर ने उस कंटेंट को ब्लॉक करने के लिए कहा था कि जिसमें पीएम मोदी के प्रशासन पर देश में किसान आंदोलन को लेकर आलोचनाओं को खत्म करने के आरोप लग रहे थे. इसके बाद केंद्र ने सोशल मीडिया कंपनियों की जवाबदेही बढ़ाने वाले नए कानून को पेश किया.
प्रयागराज में बुल्डोजर की कार्रवाई के ख़िलाफ़ उच्च न्यायालय में याचिका दायर
जिला अधिवक्ता मंच के पांच अधिवक्ताओं की ओर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को भेजी गई पत्र याचिका में दावा किया गया है कि पीडीए ने जिस मकान को ध्वस्त किया है, वास्तव में उस मकान का स्वामी जावेद नहीं है, बल्कि उसकी पत्नी परवीन फातिमा है।
प्रयागराज: शहर के अटाला और करेली में शुक्रवार को हुए पथराव के बाद इस घटना के कथित मास्टरमाइंड मोहम्मद जावेद के करेली स्थित मकान के ध्वस्तीकरण के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है।
प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) और जिला प्रशासन ने रविवार को जावेद उर्फ पंप के दो मंजिला मकान को ध्वस्त कर दिया था ।
अच्छे भाव के इंतजार में प्याज स्टोरेज करना पड़ा किसान को भारी, 200 क्विंटल प्याज हुआ खराब
महाराष्ट्र में इन दिनों प्याज उत्पादक किसानों की समस्या बढ़ते ही जा रही है. प्याज की कीमतों में गिरावट से किसान पहले से ही परेशान हैं. हालात ये है कि मौजूदा बाजार भाव में किसानों को लागत निकालने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. वही दूसरी ओर अब किसानों के लिए प्याज का भंडारण करना भी चुनौतीपूर्ण हो गया है. असल में महाराष्ट्र की मंडियों में प्याज की कीमत इन दिनों बेहद ही कम है. इस वजह से किसान मूल्य कार्रवाई वास्तव में क्या है? प्याज के भंडारण (Storage) पर जोर दे रहे हैं. जिसके तहत किसान खेतों से प्याज (onion)निकाल कर उसे स्टाेरेज करके रख रहे है, लेकिन स्टाेरेज करना मालेगांव के किसान (Farmer) धर्म मूल्य कार्रवाई वास्तव में क्या है? शेलार को भारी पड़ा है. इस वजह से उनका 200 क्विंटल प्याज खराब हो गया है. नतीजतन उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा है.
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मूल्य कार्रवाई वास्तव में क्या है?
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भ्रामक विज्ञापन क्या है?
टेलीविजन, रेडियो, या अन्य किसी इलैक्ट्रॉनिक मीडिया, समाचारपत्रों, बैनरों, पोस्टरों, हैंडबिलों, दीवारों पर लिखकर इत्यादि माध्यमों से वस्तुओं, सेवाओं अथवा वाणिज्यिक गतिविधियों की प्रकृति, विशिष्टताओं, गुणों अथवा भौगोलिक मूल को अनुचित तरीके से पेश करके उपभोक्ताओं को भ्रमित करने के लिए किया गया कोई विज्ञापन अथवा प्रचार सामान्य तौर पर भ्रामक विज्ञापन के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।
कोई विज्ञापन “भ्रामक” कब होता है?
- जब किसी खाद्य तेल के विज्ञापन में यह दर्शाया जाता मूल्य कार्रवाई वास्तव में क्या है? है कि जब तक आप उस विशिष्ट तेल को प्रयोग कर रहे हैं तब तक आप हृदय की समस्याओं से मुक्त रहेंगे, तो यह एक मिथ्या तथ्य है।
- जब किसी वॉटर प्यूरीफायर, जो केवल बैक्टीरिया मूल्य कार्रवाई वास्तव में क्या है? को फिल्टर करता है (और वायरस को नहीं), के विज्ञापन में यह दर्शाया जाता है कि वह 100 प्रतिशत शुद्ध पानी देता है, तब यह एक झूठा विज्ञापन है।
- जब कोई सेलफोन सेवा प्रदाता एस0टी0डी0 कॉल्स 40 पैसे प्रति मिनट की दर पर देने का वादा करता है किन्तु यह नहीं बताता कि यह दरें केवल उसी सेवा प्रदाता द्वारा प्रदान की जा रही सेवा वाले नम्बर पर लागू होंगी, तो यह भ्रामक हो जाता है।
- जब कोई विनिर्माता यह दावा करता है कि उसके द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे रेफ्रीजरेटर सबसे उत्तम है अथवा उसमें रखा गया भोजना रोगाणु-मुक्त है, तो उसे इस दावे मूल्य कार्रवाई वास्तव में क्या है? की पुष्टि के संबंध में पर्याप्त आंकड़ें उपलब्ध कराने चाहिए, अन्यथा, यह एक मिथ्या कथन हो जाता है।
- जब किसी डिटेर्जेन्ट के विज्ञापन में यह दर्शाया जाता है कि यह केवल एक बार कपड़े धोने से ग्रीस हटा सकता है – तो वह ऐसा करने में सक्षम होना चाहिए और विनिर्माता को इसे सिद्ध करना चाहिए। अन्यथा, यह एक असत्य अथवा झूठा कथन माना जाएगा।
- जब किसी विज्ञापन में यह वादा किया जाता है कि जब कभी भी आप विज्ञापित उत्पाद खरीदेंगे तो आपको एक “मुफ्त गिफ्ट” दिया जाएगा, ऐसी स्थिति में गिफ्ट मुफ्त ही होना चाहिए। यदि विनिर्माता, बताए गए गिफ्ट की या तो पूरी या फिर आंशिक कीमत वसूलता है, तो ऐसा विज्ञापन, झूठा और भ्रामक माना जाता है।
- यदि कोई खुदरा विक्रेता यह दावा करता है कि वह अपने उत्पाद पर किसी त्यौहार के अवसर पर कोई विशेष मूल्य कार्रवाई वास्तव में क्या है? छूट प्रदान कर रहा है, जबकि वास्तव में वह त्यौहार के अवसर को अपनी पुरानी और घटिया वस्तुओं से छुटकारा पाने के रूप में प्रयोग कर रहा है, तो वह उपभोक्ताओं को धोखा दे रहा है।
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- यदि किसी फेश क्रीम के विज्ञापन में यह दावा किया जाता है कि इससे काले धब्बे बिल्कुल खत्म हो जाते हैं और यहां तक कि पुनः काले धब्बों होने से भी रोकथाम होती है, तो विनिर्माता को ऐसा सिद्ध करने में सक्षम होना चाहिए। अन्यथा, यह एक कपटपूर्ण विज्ञापन है।
- यहां तक कि किसी विज्ञापन के नीचे, उत्पाद के संबंध में दी जा रही महत्वपूर्ण जानकारी को छोटे अक्षरों में कम करना भी एक अनुचित व्यापार व्यौहार माना जाता है, विशेषकर जब ऐसी जानकारी उपभोक्ता के लिए सुस्पष्ट न हो।
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