OctaFX makes commodities trading easy
Сommodities are tradeable physical assets such as metals, including gold, silver, platinum, and copper as well as crude oil, natural gas, and other resources.
The value of commodities to a trader is that they have little connection with the ups and downs of currencies and the stock market, helping create a diverse and stable investment portfolio.
Modern investment offers a variety of easy ways to take part in commodities trading—the most common of these is derivative trading. It lets you take a position on a commodity’s price without actually owning the asset.
Advantages of derivative trading:
- The ability to profit from not just strong markets but from falling ones as well.
- The opportunity to speculate within a wide range of markets from just one platform.
- Margin trading lets you create a diverse investment portfolio rather than locking up all your capital within a single transaction.
Gold— XAU/USD
Commodities trading in gold has become very popular as online investment has grown—it provides one of the simplest and most affordable means of making a profit.
Gold has great transferable value and historically has been proven to be highly dependable for gold traders. Plus, in general, precious metals make an excellent bolster during periods where currencies are down and inflation is high.
इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो Intraday Trading मे मिल सकता है बेहतर मुनाफा, जानिए कैसे
जो लोग शेयर बाजार में एक ही दिन में पैसा लगाकर मुनाफा कमाना चाहते हैं उनके लिए इंट्रा डे ट्रेडिंग बेहतर विकल्प है. इसमें पैसा लगाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
लोग अक्सर कहते हैं कि शेयर बाजार से मोटा कमाया जा सकता है लेकिन ये इतना आसान भी नहीं है. हालांकि अगर आप बेहतर रणनीति बनाकर लॉन्ग टर्म में सोच कर निवेश करेंगे तो यहां से कमाई की जा सकती है. वहीं इक्विटी मार्केट में इंट्रा डे के जरिए कुछ घंटों में ही अच्छा पैसा बनाया जा सकता है. इंट्रा डे में डिलवरी ट्रेडिंग के मुकाबले पैसा जल्दी बनाया जा सकता है लेकिन इसके जोखि से बचने के लिए आपको बेहतर रणनीति, कंपनी के फाइनेंशियल और एक्सपर्ट की सलाह जैसी चीजों का ध्यान रखना होता है.
क्या है इंड्रा डे ट्रेडिंग
शेयर बाजार में कुछ घंटो के लिए या एक ट्रेडिंग सेशन के लिए पैसा लगाने को इंट्रा डे कहा जाता है. मान लिजिए बाजार खुलने के समय आपने एक शेयर में पैसा लगाया और देखा की आपको आपके मन मुताबिक मुनाफा मिल रहा है तो आप उसी समय उस शेयर को बेचकर निकल सकते है. इंट्रा डे में अगर आप शेयर उसी ट्रेंडिग सेशन में नही भी बेचेंगे तो वो अपने आप भी सेल ऑफ हो जाता है. इसका मतलब आपको मुनाफा हो या घाटा हिसाब उसी दिन हो जाता है. जबकि डिलवरी ट्रेडिंग में आप शेयर को जबतक चाहे होल्ड करके रख सकते हैं. इंट्रा डे में एक बात यह भी है कि आपको ब्रोकरेज ज्यादा देनी पड़ती है. हां लेकिन इस ट्रेडिंग की खास बात यह है कि आप जब चाहे मुनाफा कमा कर निकल सकते है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
बाजार के जानकारों के मुताबिक शेयर बाजार में इंट्रा डे में निवेश करें या डिलिवरी ट्रेडिंग करें आपको पहले इसके लिए अपने आप को तैयार करना होता कि आप किसलिए निवेश करना चाहते हैं और आपका लक्ष्य क्या है. फिर इसके बाद आप इसी हिसाब से अपनी रणनीति और एक्सपर्ट के जरिए बाजार से कमाई कर सकते हैं. एंजल ब्रोकिंग के सीनियर एनालिस्ट शमित चौहान के मुताबिक इंट्रा डे में रिस्क को देखते हुए आपकी रणनीति बेहतर होनी चाहिए. इसके लिए आपको 5 अहम बाते ध्यान मं रखनी चाहिए.
1. इंट्रा डे ट्रेडिंग में सिर्फ लिक्विड स्टॉक में पैसा लगाना चाहिए. जबकि वोलेटाइल स्टॉक से दूरी बनानी चाहिए.
2. इंट्रा डे में बहुत ज्यादा स्टॉक की जगह अच्छे 2-3 शेयर्स का चुनाव करना चाहिए.
3. शेयर चुनते वक्त बाजार का ट्रेंड देखना चाहिए. इसके बाद कंपनी की पोर्टफोलियो चेक करें. आप चाहे तो शेयर को लेकर एक्सपर्ट की राय भी ले सकते हैं.
4. इंट्रा डे ट्रेडिंग में स्टॉक में उछाल और गिरावट तेजी से आते है, इसलिए ज्यादा लालच नहीं करना चाहिए और पैसा लगाने के पहले उसका लक्ष्य और स्टॉप लॉस जरूर तय कर लेना चाहिए. जिससे टारगेट पूरा होते देख स्टॉक को सही समय पर बेचा जा सके.
5.इंट्रा डे में अच्छे कोरेलेशन वाले शेयरों की खरीददारी करना बेहतर होता है.
डीमैट अकाउंट से कर सकते हैं ट्रेडिंग
अगर शेयर बाजार में ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होगा. आप ऑनलाइन खुद से ट्रेडिंग कर सकते हैं या ब्रोकर को ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं. इंट्रा डे में किसी शेयर में आप जितना चाहे उतना पैसा लगा सकते हैं.
डिस्क्लेमर : आर्टिकल में इंड्रा डे ट्रेडिंग को लेकर बताए गए टिप्स मार्केट एक्सपर्ट्स के सुझावों पर आधारित हैं. निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.
Explainer : क्या है अल्गो ट्रेडिंग और सेबी के किस नियम से ब्रोकर्स में मचा हड़कंप, क्या इस ट्रेडिंग से मिलता है तय रिटर्न?
सेबी ने अल्गो ट्रेडिंग को लेकर ब्रोकर्स के लिए नियम बना दिए अपनी ट्रेडिंग रणनीति के लिए सही ब्रोकर चुनें हैं.
सेबी ने हाल में ही अल्गो ट्रेडिंग को लेकर नियम बनाया है. देश में तेजी से बढ़ रही इस ट्रेडिंग को लेकर अभी तक कोई रेगुले . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : September 07, 2022, 15:15 IST
हाइलाइट्स
पिछले सप्ताह बाजार नियामक सेबी ने इसे लेकर कुछ नियम बना दिए हैं.
स्टॉक की खरीद-फरोख्त पूरी तरह कंप्यूटर के जरिये की जाती है.
इसमें जैसे ही आप बटन दबाते हैं, कंप्यूटर ट्रेडिंग शुरू कर देता है.
नई दिल्ली. अग्लो ट्रेडिंग जिसका पूरा नाम अल्गोरिदम ट्रेडिंग (Algorithm Trading) है, यह वैसे तो भारत में नया कॉन्सेप्ट है लेकिन इसका इस्तेमाल साल 2008 से ही होता रहा है.
अल्गो ट्रेडिंग को लेकर अभी तक ब्रोकर तय रिटर्न का दावा करते थे, लेकिन पिछले सप्ताह बाजार नियामक सेबी ने इसे लेकर कुछ नियम बना दिए हैं और इसके बाद से ट्रेडिंग की इस नई विधा पर बहस भी शुरू हो गई है. इस बहस को हवा तब मिली जब जिरोधा के फाउंडर निखिल कामत ने अल्गो ट्रेडिंग के तय रिटर्न वाले दावे पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, अभी तक इसे लेकर काफी भ्रम फैलाया जा चुका है.
कैसे होती है अल्गो ट्रेडिंग
अल्गो ट्रेडिंग में स्टॉक की खरीद-फरोख्त पूरी तरह कंप्यूटर के जरिये की जाती है. इसमें स्टॉक चुनने के लिए जिस गणना का उपयोग होता है, वह भी कंप्यूटर द्वारा ही किया जाता है. इसीलिए इसका नाम ऑटोमेटेड या प्रोग्राम्ड ट्रेडिंग भी है. इसके लिए कंप्यूटर में पहले से ही अलग-अलग पैरामीटर्स के हिसाब से गणनाएं फीड की जाती हैं. साथ ही स्टॉक को खरीदना या बेचना है उसका निर्देश, शेयर बाजार का पैटर्न और सभी नियम व शर्ते भी पहले से फीड कर दी जाती हैं. जैसे ही आप बटन दबाते हैं, कंप्यूटर ट्रेडिंग शुरू कर देता है.
इस सिस्टम का लिंक स्टॉक एक्सचेंज के सर्वर से जुड़ा होता है, लिहाजा बाजार की पल-पल की अपडेट भी मिलती रहती है. इसकी मदद से ट्रेडिंग का समय काफी बच अपनी ट्रेडिंग रणनीति के लिए सही ब्रोकर चुनें जाता है और ब्रोकर को भी सही स्टॉक चुनने में मदद मिलती है. यही कारण है कि अभी तक ब्रोकर यह दावा करते थे कि अल्गो ट्रेडिंग के जरिये तय रिटर्न मिलना आसान है. उनका तर्क था कि यह सिस्टम किसी स्टॉक की भविष्य की संभावनाओं और पुराने प्रदर्शन का सही व सटीक आकलन कर सकता है.
क्यों पड़ी सेबी की निगाह
बाजार नियामक सेबी ने दिसंबर, 2021 में ही कहा था कि वह जल्द ही अल्गो ट्रेडिंग को लेकर कुछ नियम बनाने वाला है. सेबी के दखल देने की सबसे बड़ी वजह यह है कि अभी भारतीय शेयर बाजार में होने वाली करीब 50 अपनी ट्रेडिंग रणनीति के लिए सही ब्रोकर चुनें फीसदी ट्रेडिंग इसी विधा के जरिये की जाती है. इससे पहले तक यह ट्रेडिंग पूरी तरह नियंत्रण से बाहर थी, लेकिन अब सेबी ने इसे लेकर कुछ नियम बना दिए हैं.
क्या है सेबी का नया अपनी ट्रेडिंग रणनीति के लिए सही ब्रोकर चुनें नियम
बाजार नियामक ने पिछले सप्ताह एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा कि जो भी ब्रोकर अल्गो ट्रेडिंग की सेवाएं देते हैं, वे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष किसी भी रूप में स्टॉक के पुराने प्रदर्शन या भविष्य की संभावनाओं की जानकारी अपने उत्पाद के साथ नहीं दे सकेंगे. यह कदम ब्रोकर्स के उन दावों के बाद उठाया गया है, जिसमें अल्गो ट्रेडिंग की मदद से निवेशकों को तय और ऊंचे रिटर्न का झांसा दिया जाता था.
सेबी ने अपने सर्कुलर में यह भी कहा है कि अगर कोई ब्रोकर या उससे जुड़ी फर्म ने अपनी वेबसाइट या अन्य किसी माध्यम से किए गए प्रचार-प्रसार में अल्गो ट्रेडिंग से जुड़े इन कयासों का उल्लेख किया है तो सर्कुलर जारी होने के 7 दिन के भीतर उसे हटा दिया जाना चाहिए. निवेशकों के हितों को देखते हुए ब्रोकर भविष्य में ऐसा कोई प्रलोभन नहीं दे सकेंगे.
क्या सच में फायदेमंद है अल्गो ट्रेडिंग
भारतीय शेयर बाजार में अल्गो ट्रेडिंग का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है और अब तो आधे से ज्यादा ब्रोकर इसी का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में यह तो तय है कि अल्गो ट्रेडिंग कुछ फायदेमंद है, लेकिन इसका सही उपयोग तभी किया जा सकता है, जबकि ब्रोकर को कुछ सटीक जानकारियां मिल सकें. इसमें स्टॉक की हिस्ट्री, उसके आंकड़ों का वेरिफिकेशन अपनी ट्रेडिंग रणनीति के लिए सही ब्रोकर चुनें और रिस्क मैनेजमेंट की गणना सबसे जरूरी है.
क्यों बढ़ रहा इसका चलन
1-हिस्ट्री की सही समीक्षा : सबसे जरूरी है कि किसी स्टॉक के पिछले प्रदर्शन की सही समीक्षा और उसके बाजार पैटर्न को समझकर ही उसके भविष्य में प्रदर्शन का आकलन लगाना चाहिए, जो कंप्यूटर बेहतर तरीके से करता है.
2-गलतियों की कम गुंजाइश : अल्गो ट्रेडिंग का पूरा काम कंप्यूटर के जरिये होता है. ऐसे में ह्यूमन एरर जैसी चीजों की आशंका शून्य हो जाती है. साथ ही यह रियल टाइम के प्रदर्शन के आधार पर भी स्टॉक का चुनाव कर सकता है.
3-भावनात्मक प्रभाव में कमी : अल्गो ट्रेडिंग में किसी स्टॉक का चुनाव करते समय मानवीय भावनाएं आती हैं, क्योंकि इसकी गणना और चुनाव पूरी तरह से मशीन के हाथ में होता है.
4-ज्यादा रणनीति का सृजन : कंप्यूटर एल्गोरिद्म के जरिये एक ही समय में सैकड़ों रणनीति बनाई जा सकती है. इससे आपका जोखिम प्रबंधन मजबूत होता है और निवेश पर ज्यादा रिटर्न कमाने के कई रास्ते खुलते हैं.
5-एरर फ्री ट्रेडिंग : अल्गो ट्रेडिंग पूरी तरह मशीन पर आधारित अपनी ट्रेडिंग रणनीति के लिए सही ब्रोकर चुनें होने के नाते इसके जरिये गलत ट्रेडिंग या मानवीय गलतियों की आशंका भी खत्म हो जाती है. यही कारण है कि खुदरा निवेशकों में भी अब अल्गो ट्रेडिंग का चलन बढ़ रहा है.
इसके नुकसान भी हैं
-अल्गो ट्रेडिंग में बिजली की खपत ज्यादा होती है और पावर बैकअप न होने पर कंप्यूटर क्रैश भी हो सकता है. इससे गलत ऑर्डर, डुप्लिकेट ऑर्डर या फिर लापता ऑर्डर भी हो सकते हैं.
-ट्रेडिंग के लिए बनाई जा रही रणनीति और उसकी वास्तविक रणनीति के बीच अंतर हो सकता है. कई बार कंप्यूटर में खराबी की वजह से भी ऐसी स्थिति आ सकती है.
-कंप्यूटर आपको कई रणनीति और रिटर्न का कैलकुलेशन और रास्ता बताएगा, जो आपका नुकसान भी करा सकता है, क्योंकि बाजार की वास्तविक स्थितियां मशीनी रणनीति से अलग हो सकती हैं.
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ExpertOption के साथ अपने कौशल को पैना करने के 10 तरीके
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1 धैर्य रखें
एक वास्तविक धन खाता खोलना कितना भी आकर्षक क्यों न हो, एक जमा करें और पहली चीज पर बाजार में व्यापार करना शुरू करें, इसमें जल्दबाजी करना एक अच्छा विचार नहीं है। हालांकि व्यापार के सिद्धांत यथोचित सीधे आगे हैं, लेकिन अपना रास्ता खोजने में समय लगता है। अपना समय लें, अपना शोध करें और शुरू करने से पहले व्यापार के विभिन्न क्षेत्रों को जानें।
2 उद्योग के बारे में जानें
क्या आपने अभी किसी मित्र या सहकर्मी से बाइनरी ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में सुना है? क्या आप समझते हैं कि शेयर बाजार क्या है? शब्दजाल सीखें, विनियमन के बारे में जानें, समझें कि जब व्यापार की बात आती है तो क्या आवश्यक है, विभिन्न प्रकार के व्यापारिक चार्टों को समझें और विदेशी मुद्रा व्यापार और दिन के व्यापार के बीच का अंतर। आप कौन सी संपत्ति चुनेंगे और आप कैसे व्यापार करेंगे? ज्ञान के साथ समझ आती है और आप जो कर रहे हैं उसे समझने से आपको बेहतर व्यापारिक निर्णय लेने में मदद मिलेगी।
3 एक बढ़िया ब्रोकर चुनें
चुनने के लिए बहुत सारे द्विआधारी विकल्प दलाल हैं कि यदि आप प्रत्येक दलाल को स्वयं शोध करना चाहते हैं तो आप खाता पंजीकृत करने से पहले हफ्तों तक ऐसा कर रहे होंगे। हमारे बाइनरी ट्रेडिंग युक्तियों और सिफारिशों पर एक नज़र डालें और इससे पहले कि आप अपने लिए सही ब्रोकर चुनें, प्रतिष्ठित ब्रोकरों की एक सूची तैयार करें।
चाल जीतने की संभावना को अधिकतम करने और हारने के जोखिम को कम करने के लिए है।
4 डेमो का लाभ उठाएं
एक अच्छा बाइनरी ऑप्शन ब्रोकर नए खाता धारकों को एक डेमो खाता प्रदान करेगा। कभी-कभी वे साइन अप करने वाले किसी भी व्यक्ति को यह डेमो या वर्चुअल खाता देंगे। यह केवल उन लोगों के लिए उपलब्ध कराया जा सकता है जिन्होंने जमा किया है लेकिन किसी भी तरह से यह आपके अपने पैसे को जोखिम में डाले बिना व्यापार करने का एक शानदार तरीका है। एक बार जब आप अपने आभासी खाते से व्यापार कर लेते हैं और जीतने और हारने दोनों का अनुभव करते हैं तो आप वास्तविक धन के साथ द्विआधारी विकल्प व्यापार करने के लिए और अधिक तैयार होंगे।
5 बोनस की जांच करें
सबसे महत्वपूर्ण बाइनरी ऑप्शन ट्रेडिंग टिप्स में से एक। हालांकि ब्रोकर चुनते समय यह केवल एक कारक है, यह देखने के लिए हमेशा शीर्ष ट्रेडिंग ट्रिक्स में से एक है कि क्या बोनस ऑफर किया जा रहा है। यदि आप 100% मैचिंग बोनस का लाभ उठाते हैं, उदाहरण के लिए, आप बोनस के पैसे को अलग तरीके से आवंटित कर सकते हैं कि आप अपने पैसे से कैसे व्यापार करेंगे। कुछ ट्रेडर अलग-अलग एसेट को आज़माने के लिए बोनस के पैसे का इस्तेमाल करते हैं। इस पैसे के साथ जोखिम कम है क्योंकि यह बोनस का पैसा है, इसलिए इसे आत्म-सुधार के लिए उपयोग करना समझ में आता है।
6 बहुत अधिक जोखिम न लें
बाइनरी विकल्पों का व्यापार करते समय आप जोखिम उठा रहे हैं। यदि यह निश्चित बात होती कि हम हर बार व्यापार जीतेंगे, तो हर कोई इसे कर रहा होता, और हर कोई जीत रहा होता। दलाल वैसे ही पैसा बनाने के लिए होते हैं जैसे आप हैं और हर व्यापार में कोई न कोई हमेशा हारता है। तरकीब यह है कि इसके आपके होने के जोखिम को कम किया जाए और अगर आप हार जाते हैं तो निवेश किया गया कोई भी पैसा आपको नुकसान नहीं पहुंचाएगा।
7 पढ़ना जारी रखें
बहुत से सर्वश्रेष्ठ ब्रोकरों के पास अपनी वेबसाइटों पर वाद्य शैक्षिक अनुभाग होते हैं। साथ ही साथ डेमो खाते, जहां आप वास्तविक धन के साथ व्यापार करने से पहले व्यापार का अभ्यास कर सकते हैं, विशेषज्ञ व्यापारियों के माध्यम से शुरुआती लोगों के लिए नियमित रूप से निर्धारित वेबिनार के साथ-साथ बहुत सारे मूल्यवान वीडियो भी हैं। अपनी बाइनरी ऑप्शन रणनीति को बेहतर बनाने के लिए उपलब्ध सभी टूल्स का उपयोग करें।
लघु ट्रेडों पर 8 व्यापार
हमारे पसंदीदा द्विआधारी विकल्प युक्तियों में से एक। अधिक लंबी अवधि के व्यापार के बजाय व्यापार करते समय एक घंटे से भी कम समय के समाप्ति समय के साथ टिके रहने की सलाह दी जाती है। छोटी अवधि के व्यापार एक अधिक अनुमानित द्विआधारी विकल्प व्यापार रणनीति होते हैं और अधिक लाभ होता है ताकि आप पैसे खो न सकें।
9 इसे एक व्यवसाय की तरह व्यवहार करें
यदि आपका अपना व्यवसाय था, तो आप अपने द्वारा लिए गए निर्णयों और अपने धन को कैसे खर्च करते हैं, इस बारे में बहुत सावधान रहेंगे। बाइनरी ऑप्शन ट्रेडिंग अलग नहीं है। जल्दबाज़ी में लिए गए फ़ैसले और छोटी-छोटी गलतियाँ आपके पैसे खर्च कर सकती हैं। यदि आप इसे एक व्यवसाय की तरह मानते हैं, तो आप अपने विकल्पों की अधिक सावधानी से जांच कर सकते हैं।
10 केवल वही करो जो आरामदायक हो
अपने सुविधा क्षेत्र से बहुत दूर न जाएं और अनुभव करें कि आप अनुभव का आनंद नहीं ले रहे हैं। आप जो जानते हैं उस पर टिके रहें और सुनिश्चित करें कि आप नए बाजारों, संपत्तियों या ट्रेडों को आजमाने से पहले सहज हैं। सुनिश्चित करें कि आप अपना पैसा घोटालेबाज दलालों को न दें!
IQ Option प्लेटफॉर्म पर क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग
क्रिप्टोक्यूरेंसी वित्तीय परिदृश्य को बदल रही है। यह एक ऐसी तकनीक है जो लोगों को कंप्यूटर का उपयोग करके मुद्राओं में व्यापार करने की अनुमति देती है। सर्वोत्तम प्लेटफॉर्म अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित हैं और बाजार की गतिविधियों की सटीक भविष्यवाणी करने के लिए जटिल गणितीय एल्गोरिदम का उपयोग करते हैं। एक विकल्प ट्रेडिंग रणनीति को सफल होने के लिए सबसे उन्नत तकनीकों का उपयोग करना चाहिए। इस प्रकार का व्यापार निवेश पर उच्च प्रतिफल प्रदान करता है, लेकिन आरंभ करने के लिए थोड़े से ज्ञान और अभ्यास की आवश्यकता होती है।
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IQ Option एक स्थापित क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग कंपनी है जो कई विदेशी मुद्रा व्यापार रणनीतियों और स्वचालित ट्रेडिंग सिस्टम प्रदान करती है। उनकी सभी रणनीतियों को बाजार में रुझानों की भविष्यवाणी करने के अपनी ट्रेडिंग रणनीति के लिए सही ब्रोकर चुनें लिए गणितीय एल्गोरिदम का उपयोग करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। हालांकि, प्रत्येक रणनीति का कई वर्षों में परीक्षण किया गया है और इसे बेहद सटीक होने के लिए जाना जाता है। जब आप आईक्यू ऑप्शन सिस्टम का उपयोग करते हैं, तो विदेशी मुद्रा दलाल स्वचालित रूप से आपके व्यापार को एक लाभदायक मूल्य पर रखेगा
सही ब्रोकर कैसे चुनें?
कई ब्रोकर हैं जो क्रिप्टोक्यूरेंसी विकल्प एक्सचेंज पर विनियमित व्यापार की पेशकश करते हैं। हालांकि, ब्रोकर चुनने से पहले आपको हमेशा अपना शोध करना चाहिए। IQ Option ब्रोकर जैसे सरल लेकिन प्रभावी प्लेटफॉर्म का उपयोग करके विकल्प ट्रेडिंग की पेशकश करने वाले को खोजना महत्वपूर्ण है। उनकी सेवा शुल्क, आवश्यक न्यूनतम जमा राशि, और यदि उनकी कोई मार्जिन आवश्यकताएं हैं, तो कुछ शोध करें। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जमा राशि खोलने से पहले वह खोजें जो आपको उनकी सेवा का परीक्षण करने के लिए तैयार हो। आपको IQ Option वेबसाइट पर एक निःशुल्क डेमो अकाउंट उपलब्ध होगा
ब्रोकर के साथ अपना पंजीकरण शुरू करने से पहले अपने देश में अपने स्थानीय कानूनों या विनियमों की जांच करें। सुनिश्चित करें कि आप अपने ट्रेडिंग खाते में धनराशि जमा करने में सक्षम होंगे।
कैसे चुनें कि आप किस क्रिप्टोक्यूरेंसी विकल्प का व्यापार करने जा रहे हैं?
सबसे पहले, आपको प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध मुद्राओं अपनी ट्रेडिंग रणनीति के लिए सही ब्रोकर चुनें की सूची देखनी चाहिए। उनमें से कुछ को “प्रमुख” मुद्रा जोड़े के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। जब इन मुद्राओं के साथ व्यापार करने की बात आती है, तो कुछ फायदे और नुकसान होते हैं। चुनाव करने से पहले हमेशा सुनिश्चित करें कि आप जानते हैं कि प्लेटफॉर्म पर कौन से मुद्रा जोड़े सबसे अधिक सक्रिय हैं।
अगला कदम IQ Option ब्रोकर के साथ एक खाता बनाना है। एक बार जब आप ऐसा कर लेते हैं, तो अब आप अपना ऑर्डर दे सकते हैं। आप दुनिया के किसी भी कोने से कभी भी असली पैसे से अपना व्यापार करने में सक्षम होंगे। ट्रेडिंग के लिए उपयोग किए जाने वाले कुछ शीर्ष क्रिप्टोक्यूरेंसी विकल्प यूएस डॉलर, यूरो, जापानी येन, स्विस फ़्रैंक और ऑस्ट्रेलियाई डॉलर हैं। इन संपत्तियों के साथ, आपको अपनी आवश्यकताओं के आधार पर कम स्प्रेड या तरलता का लाभ प्राप्त करने का मौका मिलेगा।
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यूरोपीय प्रतिभूति और बाजार प्राधिकरण (ईएसएमए) द्वारा निर्धारित आवश्यकताओं के अनुसार, द्विआधारी अपनी ट्रेडिंग रणनीति के लिए सही ब्रोकर चुनें और डिजिटल विकल्पों के साथ व्यापार केवल पेशेवर ग्राहकों के रूप में वर्गीकृत ग्राहकों के लिए उपलब्ध है।
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