निवेशक पर एसएलआर का प्रभाव
अस्वीकरण :
इस वेबसाइट पर दी की गई जानकारी, प्रोडक्ट और सर्विसेज़ बिना किसी वारंटी या प्रतिनिधित्व, व्यक्त या निहित के "जैसा है" और "जैसा उपलब्ध है" के आधार पर दी जाती हैं। Khatabook ब्लॉग विशुद्ध रूप से वित्तीय प्रोडक्ट और सर्विसेज़ की शैक्षिक चर्चा के लिए हैं। Khatabook यह गारंटी नहीं देता है कि सर्विस आपकी आवश्यकताओं को पूरा करेगी, या यह निर्बाध, समय पर और सुरक्षित होगी, और यह कि त्रुटियां, यदि कोई हों, को ठीक किया जाएगा। निवेशक पर एसएलआर का प्रभाव यहां उपलब्ध सभी सामग्री और जानकारी केवल सामान्य सूचना उद्देश्यों के लिए है। कोई भी कानूनी, वित्तीय या व्यावसायिक निर्णय लेने के लिए जानकारी पर भरोसा करने से पहले किसी पेशेवर से सलाह लें। इस जानकारी का सख्ती से अपने जोखिम पर उपयोग करें। वेबसाइट पर मौजूद किसी भी गलत, गलत या अधूरी जानकारी के लिए Khatabook जिम्मेदार नहीं होगा। यह सुनिश्चित करने के हमारे प्रयासों के बावजूद कि इस वेबसाइट पर निहित जानकारी अद्यतन और मान्य है, Khatabook किसी भी उद्देश्य के लिए वेबसाइट की जानकारी, प्रोडक्ट, सर्विसेज़ या संबंधित ग्राफिक्स की पूर्णता, विश्वसनीयता, सटीकता, संगतता निवेशक पर एसएलआर का प्रभाव या उपलब्धता की गारंटी नहीं देता है।यदि वेबसाइट अस्थायी रूप से अनुपलब्ध है, निवेशक पर एसएलआर का प्रभाव तो Khatabook किसी भी तकनीकी समस्या या इसके नियंत्रण से परे क्षति और इस वेबसाइट तक आपके उपयोग या पहुंच के परिणामस्वरूप होने वाली किसी भी हानि या क्षति के लिए उत्तरदायी नहीं होगा।
We'd love to hear from you
We are always available to address the needs of our users.
+91-9606800800
403 ERROR
The Amazon CloudFront distribution is configured to block access from your country. We can't connect to the server for this app or website at this time. There might be too much traffic निवेशक पर एसएलआर का प्रभाव or a configuration error. Try again later, or contact the app or website owner.
If you provide content to customers through CloudFront, you can find steps to troubleshoot and help prevent this error by reviewing the CloudFront documentation.
सर्दियों में घने कोहरे से कैसे निपटेगा रेलवे, यात्रियों की सुरक्षा को लेकर क्या हैं इंतजाम, जानिए पूरा प्लान
Indian Railways: सर्दियों के मौसम में घने कोहरे की वजह से कम विजिबिलिटी के कारण पिछले निवेशक पर एसएलआर का प्रभाव सालों में ट्रांसपोर्ट सिस्टम, खासतौर पर रेलवे बुरी तरह से प्रभावित होता है. कोहरे (Fog) में कम विजिबिलिटी के कारण माल और कोचिंग ट्रेनों का ट्रांसपोर्टेशन प्रभावित होने की वजह से सुरक्षा से संबंधित कई तरह के प्रोटोकॉल लागू किए जाते हैं.
सर्दियों में घने कोहरे से कैसे निपटेगा रेलवे, यात्रियों की सुरक्षा को लेकर क्या हैं इंतजाम, जानिए पूरा प्लान (PTI)
Indian Railways: सर्दियों के मौसम में घने कोहरे की वजह से कम विजिबिलिटी के कारण पिछले सालों में ट्रांसपोर्ट सिस्टम, खासतौर पर रेलवे बुरी तरह से प्रभावित होता है. कोहरे (Fog) में कम विजिबिलिटी के कारण माल और कोचिंग ट्रेनों का ट्रांसपोर्टेशन प्रभावित होने की वजह से सुरक्षा से संबंधित कई तरह के प्रोटोकॉल लागू किए जाते हैं जिसमें कोहरे से प्रभावित होने वाले रूट पर स्पीड लिमिट तय होती है. जिसकी वजह से ट्रेनें लेट होती हैं और कई गाड़ियों को रीशिड्यूल भी करना पड़ जाता है. इतना ही नहीं, कई बार ज्यादा देरी के कारण ट्रेनों को रद्द भी करना पड़ता है.
घने कोहरे के कारण रेलवे के सामने आने वाली कठिनाइयां
- ट्रेनों के देरी से चलने के कारण रैकों का अनियमित आगमन और प्रस्थान.
- रूट पर आने वाली समस्याओं और ट्रेनों की धीमी गति के कारण Working Hours में बढ़ोतरी के कारण लोको पायलटों की कमी.
- ट्रेनों के देरी से चलने के कारण ट्रेनों के टाइम टेबल, वॉशिंग लाइन कॉम्पलेक्स में उनके रख-रखाव के समय पर प्रभाव.
- रेलगाड़ियों के देरी से चलने के कारण खान-पान निवेशक पर एसएलआर का प्रभाव की सुविधाओं पर असर.
- प्रमुख रेल टर्मिनलों के प्लेटफॉर्मों पर प्रतीक्षा कर रहे यात्रियों की भारी भीड़.
- स्पीड पर प्रतिबंध और क्षमता बाधित होने के कारण प्रॉपर्टी के न्यूनतम उपयोग और लोको पायलटों के ओवर टाइम के कारण ट्रांसपोर्टेशन की लागत में बढ़ोतरी.
सुरक्षा को लेकर क्या है उत्तर मध्य रेलवे की तैयारी
सर्दियों को लेकर उत्तर मध्य रेलवे ने कई बड़े कदम उठाए हैं, जिसमें पिछले सालों के नियमित क्रियाओं के साथ-साथ नई पहल भी शामिल है, ताकि यात्रियों को समय पर उनके गंतव्य तक ले जाने के लिए ट्रेन ऑपरेशन्स पर कोहरे के बुरे प्रभाव को कम किया जा सके. पिछले सालों के दौरान कोहरे के मौसम में आई कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए उत्तर मध्य रेलवे द्वारा सुरक्षा को लेकर रेल ट्रांसपोर्टेशन की विस्तृत योजना तैयार की गई है.
बैंकों में फिक्स्ड डिपॉजिट कराने वाले ध्यान दें! RBI ने बदला FD से जुड़ा ये नियम, जानें इसका क्या प्रभाव पड़ेगा?
अगर आपने भी बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) कराई है या कराने की सोच रहे हैं तो आपके लिए जरूरी खबर है.
अगर आपने भी बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) कराई है या कराने की सोच रहे हैं तो आपके लिए जरूरी खबर है.
- News18Hindi
- Last Updated : July 03, निवेशक पर एसएलआर का प्रभाव 2021, 10:17 IST
नई दिल्ली. अगर आपने भी बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) कराई है या कराने की सोच रहे हैं तो आपके लिए जरूरी खबर है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार FD से जुड़ा अहम नियम में बदलाव किया है. RBI ने बैंकों में Fixed Deposit की मियाद पूरी होने के बाद बिना दावे वाली राशि पर ब्याज के नियमों में बदलाव किया है. नए नियम के अुनसार, अगर मैच्योरिटी की तारीख पूरी हो जाती है बावजूद इसकी राशि पर क्लेम नहीं किया जाता है तो इस पर ब्याज कम मिलेगा.
RBI ने सर्कुलर में कहा कि यह निर्णय किया गया है कि अगर फिक्स्ड डिपॉजिट परिपक्व (FD maturity) होती है व राशि का भुगतान नहीं हो पाता है और वह बिना दावा के बैंक में पड़ी रहती है तो उस पर ब्याज दर बचत खाता के हिसाब से या सावधि जमा की परिपक्वता पर ब्याज की अनुबंधित दर, जो भी कम हो, देय होगी.
नया नियम सभी बैंकों के लिए लागू
नया नियम सभी वाणिज्यिक बैंकों, लघु वित्त बैंक, सहकारी बैंक, स्थानीय क्षेत्रीय बैंकों में जमा पर लागू होगा. मियादी जमा में वह जमा राशि है, जो बैंकों में एक निवेशक पर एसएलआर का प्रभाव निश्चित अवधि के लिए तय ब्याज पर रखी जाती है. इसमें आवर्ती, संचयी, पुनर्निवेश जमा और नकद प्रमाण पत्र जैसी जमा भी शामिल हैं.निवेशक पर एसएलआर का प्रभाव
निवेश के लिए पसंदीदा है FD
बता दें कि पैसों को बेहतर तरीके से निवेश करने के लिए ज्यादातर लोग FD (Fixed Deposit)को पसंद करते हैं. यह निवेश के लिए सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है. जो निवेशक जोखिम से बचना चाहते हैं तो उनके लिए FD अच्छा विकल्प होता है. . निवेशकों के सामने पैसा जमा करने और रिटर्न पाने के कई अच्छे विकल्प हैं. FD में निवेश करने के लिए ऊंची ब्याज दरें बेहद आकर्षक होती हैं. इसमें निवेश की गई रकम की सुरक्षित, सुनिश्चित लाभ, निवेश करने में आसानी और पेमेंच पाना आसाना रहता है. यह FD बाजार की गतिविधियों से प्रभावित नहीं होती है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
मौद्रिक नीति समिति वक्तव्य‚ 2021-22
प्रश्न-4 जून‚ 2021 को भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति ने मौद्रिक नीति वक्तव्य जारी किया। इसके अनुसार‚ वर्ष 2021-22 में अर्थव्यवस्था (वास्तविक जीडीपी) के कितने प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है?
(a) 9.5 प्रतिशत
(b) निवेशक पर एसएलआर का प्रभाव 8.5 प्रतिशत
(c) 6.5 प्रतिशत
(d) 7.5 प्रतिशत
उत्तर—(a)
संबंधित तथ्य
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 116