Stock Operator क्या होता है ?
Stock Operator जब भी हम यह नाम सुनते है तो Retail Investor के कान खड़े हो जाते है, जब भी किसी को शेयर मार्किट में नुकसान होता है, तो वह इन सब का जिम्मेदार Stock Operator के ऊपर लगा देता है, वह कहता है Stock Operator ने उसका Stop Loss हिट करा दिया, Share Operator की वजह से आज उसको नुकसान हुआ ! तो क्या सच में ऐसा होता है !
What is Stock Operator : स्टॉक ऑपरेटर क्या होता है
जब किसी से शेयर को किसी व्यक्ति के द्वारा उसकी प्राइस में कम या ज्यादा किया जाता है तब उसे हम Stock Operator कहते हैं! Stock Operator किसी शेयर को अपने फायदे के लिए गलत न्यूज़ या अंदर की किसी न्यूज़ को जानकर उसके प्राइस में कमी या वृद्धि करता है और बाद में उस शेयर में मुनाफावसूली करता है उसे शेयर ऑपरेटर कहते हैं ! बहुत से Retail Investor शेयर ऑपरेटर की जाल में आकर अपना बहुत सा पैसा खो देते हैं हमें शेयर ऑपरेटर से स्टॉक मार्केट ऑपरेटर बच कर रहना चाहिए !
Telegram पर स्टॉक बताकर छोटे निवेशकों को ठगते हैं मार्केट ऑपरेटर, सेबी ने की सख्ती
शेयर बाजार (Share Market) में टेलीग्राम (Telegram) के जरिए छोटे और नए निवेशकों को ठगने वाले मार्केट ऑपरेटर्स (Market Op . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : December 02, 2021, 20:13 IST
नई दिल्ली. शेयर बाजार (Stock Market) में छोटे और नए निवेशक कहीं ना कहीं से टिप्स ढूंढने की करते हैं और मार्केट ऑपरेटर (Market Operators) ऐसे ही निवेशकों को चूना लगाकर मुनाफा बनाने की कोशिश में रहते हैं. आपने अक्सर देखा होगा कि टेलीग्राम (Telegram Group) या वॉट्सऐप ग्रुप (WhatsApp Group) में शेयर खरीदने संबंधी कई टिप दिए जाते हैं. चूंकि, उन ग्रुप्स में लाखों की संख्या में लोग होते हैं तो नए और छोटे निवेशक उनपर आंख बंद करके भरोसा कर लेते हैं और उनका सुझाया स्टॉक खरीद लेते हैं. मगर वह स्टॉक ऊपर उठने की बजाय नीचे गिरने लगता है और आपको अच्छा खासा लॉस हो जाता है. वह आपका लॉस ही है, जिससे ये मार्केट ऑपरेटर लाभ बनाते हैं. इसे अगर स्कैम कहा जाए तो गलत नहीं होगा. फिलहाल, सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया मतलब सेबी (SEBI) ने ऐसे ही मार्केट ऑपरेटर (Market Operators) पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है.
बुधवार को सेबी की निगरानी शाखा के अधिकारियों ने गुजरात के अहमदाबाद (Ahmedabad) और मेहसाणा (Mehsana) में तीन फर्मों के कार्यालयों में ‘तलाशी और जब्ती’ अभियान (search and seizure operations) चलाया. इन संस्थाओं पर स्टॉक की कीमतों में हेरफेर करने के लिए टेलीग्राम जैसे चैट ऐप का उपयोग करने का संदेह है.
सेबी ने जब्त किए मोबाइल फोन
सेबी अधिकारियों ने अपनी कार्रवाई के दौरान इन लोगों के मोबाइल फोन जब्त किए हैं. जांच में कई ऐसे स्टॉक्स के रिकमेंडेशन मिले हैं, जिनमें इनकी पोजिशन थी. मतलब इन्होंने पहले खरीदे और फिर दूसरों को खरीदवाए.
इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट कहती है कि गुजरात के ये ऑपरेटर BTST मतलब बाय टुडे, सेल टूमॉरो (आज खरीदें, कल बेचें) स्ट्रैटजी के तहत काम कर रहे थे. इसमें शेयर को बेचने से एक दिन पहले खरीदा जाता है.
कैसे काम करते हैं ऐसे लोग
कहा जा रहा है कि ऐसी फर्म्स कुछ शेयर को एक निश्चित कीमत पर खरीदती हैं और फिर उसी शेयर को खरीदने के लिए टेलीग्राम चैनल में मैसेज करती हैं. जिन टेलीग्राम चैनल्स पर किसी विशेष स्टॉक को खरीदने के लिए मैसेज किया जाता है, आमतौर पर उन चैनल के सब्सक्राइबर्स की संख्या काफी ज्यादा होती है. टेलीग्राम चैनल में टिप्स आने के बाद आम लोग जब उस स्टॉक को खरीदना शुरू करते हैं, तो स्टॉक की कीमत ऊपर चली जाती है. जैसे ही स्टॉक की कीमत ऊपर जाती है तब यह ऑपरेटर अपना स्टॉक बेच कर निकल जाते हैं.
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stock market operatorस्टॉक मार्केट में ऑपरेटर कौन होते हैं?लोग ऑपरेटर के जाल में कैसे फंस जाते हैं?
दोस्तों आज हम जानेंगे स्टॉक मार्केट में ऑपरेटर के बारे में , कैसे किसी शेयर को मेनुकुलेट करते हैं किसी भी शेयर को ऊपर नीचे कर सकते हैं, और शेयर होल्डर कैसे इनकी जाल में फस जाते हैं.
हमारे मन में तरह-तरह की सवाल भी उठते हैं, ऑपरेटर कौन होते हैं? कहां से आते हैं? ऑपरेटर रिटेल इन्वेस्टर को कैसे फंसाते हैं? इनके काम करने का तरीका क्या होता है? ऑपरेटर कि पसंदीदा स्टॉक्स कौन-कौन स्टॉक मार्केट ऑपरेटर से होते हैं? और इनसे कैसे बचा जाए?
ऑपरेटर से रिलेटेड सभी सवालों के जवाब आज हम जानेंगे?
विवरण –
ऑपरेटर के पास बहुत ज्यादा पैसा होता है जिससे किसी भी शेयर को बहुत ज्यादा क्वांटिटी में खरीद कर उस शेयर को मेनुकुलेट कर सकते हैं.
इनके सबसे बड़ा हथियार “डर” होता है और यह डर रिटेल इन्वेस्टर का होता है, रिटेल इन्वेस्टर जितना ज्यादा डरते हैं ऑपरेटर उन्हें उतना ही फसाने की कोशिश करते हैं.
stock market operator कैसे काम करते हैं?
अच्छे शेयर को जोरदार गिराने की कोशिश करते हैं, ताकि रिटेल इन्वेस्टर अच्छे स्टॉक को बेचकर निकल जाए.
और खराब स्टॉक को ऊपर भगाने की कोशिश करते हैं.
ताकि रिटेल इन्वेस्टर ऐसे स्टॉक को खरीदें और बाद में ऑपरेटर लोग एक साथ उस शेयर को बेचकर निकल जाते हैं.
ऑपरेटर का काम ही यही होता है, अच्छे स्टॉक को आपके पोर्टफोलियो से निकलवाना
और बेकार स्टॉक को आपके पोर्टफोलियो में होल्ड करवाना.
ऑपरेटर किसको फंसाते हैं?
यह छोटे इन्वेस्टर / रिटेल इन्वेस्टर / छोटे निवेशकों को फंसाते हैं, क्योंकि छोटे निवेशकों को स्टॉक मार्केट की समस्त बहुत ज्यादा नहीं होती है
ऑपरेटर छोटे इन्वेस्टर को क्यों फंसाते हैं?
क्योंकि स्टॉक मार्केट ऑपरेटर इनको पता होता है कि छोटे इन्वेस्टर के पास लालच होता है,
इसके अलावा इनके अंदर बहुत ज्यादा डर होता है और यह जल्दी पैसा बनाने की लालच में होते हैं.
और छोटे इन्वेस्टर पेनी स्टॉक्स में पैसा लगाना पसंद करते हैं क्योंकि, इन कंपनियों में बहुत ज्यादा मुनाफा मिलने की संभावना होती है
छोटी इन्वेस्टर समाचार आधारित स्टॉक news based stocks में पैसा लगाते हैं.स्टॉक मार्केट ऑपरेटर
एक शेयर को आप देख सकते हैं जिसका नाम है
- Agro Phos India Ltd ,
- Mauria Udyog Ltd
ऑपरेटर से कैसे बचें ?
रिटेल इन्वेस्टर या छोटे निवेशकों को फंडामेंटली स्ट्रांग शेयर fundamentally strong stock में निवेश करना चाहिए.
एक अच्छे शेयर को चुनकर लंबी अवधि तक निवेश long term investment करें.
और एक बार निवेश करने के बाद धैर्य बनाकर रखें.
सारांश –
वास्तव में देखा जाए तो ऑपरेटर वह होते हैं जिनके पास ढेर सारे पैसा होता है , यह एक ब्रोकर भी हो सकता है , म्यूच्यूअल फंड हाउसेस हो सकते हैं , बड़े इंस्टिट्यूशन हो सकते हैं .
लेकिन हम छोटे निवेशकों को इनसे बचना है तो एक अच्छे फंडामेंटल शेयर को सुनकर उस में लंबी अवधि तक टिके रहना होगा .
कुछ सुझाव के लिए या किसी अन्य पोस्ट के बारे में जानने के लिए नीचे बॉक्स में कमेंट करें।
शेयर बाजार में ऑपरेटर कैसे काम करते हैं।
शेयर बाजार में ऐसे ही लोगों को ऑपरेटर कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि शेयर बाजार में ऑपरेटर सक्रिय रहते हैं और अपने अनुसार शेयर की कीमतों में उतार-चढ़ाव करते रहते हैं और इस बीच में वह मोटा मुनाफा भी कमाते हैं।
भोले भाले नए रिटेल इन्वेस्टर्स को अपने जाल में फंसा कर पैसे कमाने का यह सिलसिला बहुत समय से चलता आ रहा है।
Share Market Influencers
सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर को ये ऑपरेटर मोटी रकम अदा करते हैं ताकि वे इनके किसी भी चीज का गलत प्रचार करवा सकें, और नए निवेशकों को झांसे में ले सके।
इन इनफ्लुएंसर्स के पास पैसे कमाने की अलग-अलग सोर्स होते हैं पर एक आम निवेशक के पास पर्याप्त धन नही होता है कि वह बहुत सारे कार्य को एक साथ कर सके।
पैसे डूबने या फंसने की स्थिति में इन निवेशकों को काफी मानसिक क्षति होती है और शेयर बाजार से विश्वास भी टूट जाता है। उन्हें लगता है कि नियामक संस्था इन चीजों पर ध्यान क्यों नहीं दे रहि हैं।
अगर एक रिटेल निवेशक को यह जानकारी हो जाए की किन-किन स्थिति में स्टॉक मार्केट को ऑपरेटर्स मैनिपुलेट कर सकते हैं। तो वे बहुत बड़ी ठगी के शिकार से बच सकते हैं। जब भी उनके आसपास ऐसी घटनाएं होंगी, तो वह आसानी से समझ जाएंगे कि कहीं इसका जुराव ऑपरेटर से तो नहीं है।
शेयर ऑपरेटर द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ तरीके ।
सोशल मीडिया पर पंपिंग एंड डंपिंग करना
इस तकनीक मैं बड़े ऑपरेटर, बहुत सारे सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर को ,अपने एजेंडे के तहत किसी कार्य को करने के लिए या किसी खबर को पहुंचाने के लिए कहते हैं। आप यह पाएंगे कि अचानक से ही बहुत सारे लोग किसी ऐसे मुद्दे या शेयर के बारे में बात करने लगेंगे, जिस पर पहले किसी ने बात नहीं की होगी।
ऐसा करते हुए ये किसी खास शेयर की कीमतों में उछाल मंगाते हैं तथा भारी मुनाफा होने पर अपनी पोजीशन काट लेते हैं। इस प्रकार से नए छोटे निवेशक ऊपर की कीमतों पर फंसे रह जाते हैं और अंततः उन्हें नुकसान होता है।
कंपनी की अंदरूनी जानकारियों को लीक होने का बहाना करके।
बाजार में रहते हुए बहुत बार आपको ऐसा लगेगा की किसी कंपनी में होने वाली घटनाओं की गुप्त सूचना आपको ही है। अगर कोई खबर आपके पास आती है और आपको लगता है कि यह आने वाले समय में शेयर की कीमतों में बदलाव स्टॉक मार्केट ऑपरेटर का कारण बन सकती हैं। तो आप सतर्क हो जाएं क्योंकि ऐसी खबर जानबूझकर निवेशक को तक पहुंचाई जाती है ताकि वे एक जैसे ही प्रतिक्रिया दें और अंततः ऑपरेटर के हाथों शिकार हो जाए।
नाम बेचकर काम करवाना ।
इस तकनीक में ऑपरेटर किसी नामी निवेशक के साथ यह सांठगांठ कर लेते हैं। उस निवेशक को अपने तरफ से पैसे देकर किसी खास शेयर को खरीदने के लिए मना लेते हैं। इन्हें देख कर बहुत सारे नए निवेशक भी उसमें निवेश करना शुरू कर देते हैं। जब कीमतें बढ़ जाती हैं तो ऑपरेटर और बड़े निवेशक अपनी पोजीशन से बाहर हो जाते हैं। इस परिस्थिति में भी छोटे ग्राहक शेयर की ऊंची कीमतों पर फंसे रह जाते हैं। इस पूरे प्रक्रिया को नेम लेंडिंग कहा जाता है।
बड़े निवेशकों के नकली नाम और उनके खरीददारी के प्रचार से।
अगर आपको महाभारत, में घटोत्कच मृत्यु की घटना पता है तो आप इसे आसानी से समझ सकते हैं।
बड़े निवेशकों के नाम से मिलते जुलते बहुत सारे लोग शेयर बाजार में निवेश करते हैं। कुछ ऑपरेटर्स इन्हीं का फायदा उठाते हैं तथा मीडिया में गलत प्रचार के तहत यह बात फैला दी जाती है कि फलाना निवेशक ने इन कंपनियों में निवेश किया है ऐसा करते हैं। छोटे निवेशक फिर से बिना सोचे समझे उन कंपनियों में निवेश करना शुरू कर देते हैं और अंत में नुकसान झेलते हैं।
अच्छी खबरें और बुरी खबरों के माध्यम से ।
आप ही सोचिए कि अगर आपको किसी शेयर से बाहर निकलना है और आपके पास पर्याप्त धन है कि आप उसकी कीमतों में हेराफेरी कर सकते हैं तो आप उस शेयर के लिए अच्छी-अच्छी बातों का प्रचार प्रसार करवाना शुरू कर देंगे जिससे कि उसकी कीमतें बढ़ जाएंगी और आप वहां से बाहर निकल जाएंगे।
इसके विपरीत भी आप करेंगे अगर आपको किसी कंपनी के शेयर्स को खरीदारी करना है तो आप उसे कम से कम कीमत पर खरीदने की कोशिश करेंगे ऐसा करने के लिए आप उस कंपनी को स्टॉक मार्केट ऑपरेटर लेकर गलत अफवाह फैलाऐंगे और कीमतों में गिरावट के बाद आप उसे खरीद लेंगे।
आप कभी इस बात पर ध्यान दीजिएगा कि किसी खास कंपनी के बारे में एक समय अचानक से बुरी जानकारियां आने लगते हैं। तथा कुछ दिन बाद कंपनी प्रेस रिलीज जारी करके सारे आरोपों को खारिज करती है। आप समझ चुके होंगे कि इस अवधि में क्या खेल खेला गया होगा। अगर ऐसा होता है तो आप उस कंपनी में निवेश करने से बचें।
इन 5 तरीकों में आपने यह जरूर ध्यान दिया होगा की सभी तकनीक में प्रचार प्रसार की भूमिका है। मतलब आपके पास पहुंचाई जाने वाली जानकारी झूठी हो सकती है। एक अच्छा निवेशक आप को यही सलाह देगा कि आप न्यूज़ बेस्ट ट्रेडिंग से बचें । सोशल मीडिया पर उपलब्ध फिनेंशियल इनफ्लुएंसर्स से भी बचें, न्यूज़ मीडिया तथा टीवी एनालिस्ट की सलाह से भी बचें।
Know Your Traits First
अगर ट्रेडिंग करियर में आपको लंबा चलना है। तो आपको अपना ही दिमाग प्रयोग में लाना होगा। फिनेंशियल मार्केट में कोई आपका मित्र नहीं है ।कोई यह नहीं चाहता कि आप उससे ज्यादा धन अर्जित करें।
आप फिनेंशियल इनफ्लुएंसर्स के प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट देख कर उनकी अंधभक्ति भी ना करें। उनके पास पैसे कमाने के अलग-अलग तरीके होते हैं।
आप अपनी पर्सनल ट्रेट को पहचाने, क्योंकि शेयर बाजार में पैसा आपका लगेगा, रिस्क ऐपेटाइट आपका होगा, आपका माइंडसेट एंड साइकोलॉजि काम करेगा, आपका डिसीजन होगा और अंत में या तो आप मुनाफे में रहेंगे या नुकसान में रहेंगे।
डिस्क्लेमर- यहां दी गई जानकारी एजुकेशन के परपस से है। यहां फ्रॉड के तरीके नहीं बताए जा रहे हैं बल्कि यहां पर छोटे निवेशकों को धांधली से बचने के लिए अवगत कराया जा रहा है। यह लेखक के अपने विचार हैं।आप निवेश करने से पहले अपने फिनेंशियल एडवाइजर की सलाह जरूर लें। आप किसी भी तरीके के नुकसान के लिए स्वयं जिम्मेदार होंगे।
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