सर्वोच्च प्राथमिकता - वित्तीय हितों की रक्षा
इस पूरी अफरा-तफरी के बीच, अपने परिवार के वित्तीय हितों को नजरअंदाज करना आसान है. यदि आप अपने परिवार के एकमात्र कमाऊ सदस्य हैं, तो आपका उद्देश्य सबसे खराब स्थिति के लिए योजना बनाना होना चाहिए. किसी भी दबाव की स्थिति में खोई हुई आय में बदलाव का रास्ता तलाशें.

बैक-अप या पैक-अप, इस अनिश्चित समय में क्या होनी चाहिए आपकी प्लानिंग?

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साल 2020 का आधा से ज्यादा हिस्सा कोविड-19 के साए में बीत चुका है. चीन में संक्रामक वायरस से शुरू होकर, आज यह एक वैश्विक महामारी बन चुका है.

साल 2020 का आधा से ज्यादा हिस्सा कोविड-19 के साए में बीत चुका है. चीन में संक्रामक वायरस से शुरू होकर, आज यह एक वैश्विक महामारी बन चुका है. ऐसा हमने पहले कभी नहीं देखा था. विकसित और उभरती दोनों ही देशों में आर्थिक गतिविधियां कई महीने तक ठप हो गईं.

कई सालों के वित्तीय अनुशासन से हासिल लाभ मिट्टी में मिल गये हैं, क्योंकि निवेशकों की घबराहट और आत्मविश्वास में कमी के कारण बाजार धराशायी हो गये हैं. इसमें नौकरियों के खत्म होने और वेतन में कटौती को जोड़ लीजिये. वर्ष 2020 कई लोगों के लिए अपना अस्तित्व बनाये रखने की चुनौती है.

Mutual Fund Investment : म्यूचुअल फंड में पहली बार निवेश कर रहे हैं तो भूलकर भी नहीं करें ये गलतियां

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How to get big return from mutual funds : म्यूचुअल फंड में निवेश धैर्य, जोखिम उठाने की क्षमता और बाजार की बेहतर समझ की मांग करता है.

Aadhaar services : उमंग ऐप पर आधार कार्ड की चार नई निवेशक घबराहट की स्थिति में क्या कर सकते हैं सेवाओं की शुरुआत, अब घर बैठे कर पाएंगे ये बदलाव
बड़ी रकम एक साथ निवेश नहीं करें
एक निवेशक को इक्विटी में बड़ी रकम को एक साथ निवेश करने से बचना चाहिए. ऐसा इसलिए है क्योंकि बाजार में निवेशक घबराहट की स्थिति में क्या कर सकते हैं गिरावट आपके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है. पहली बार के निवेशकों को बाजार के उतार-चढ़ाव की समझ नहीं होती होती है. ऐसे में वे थोड़ा नुकसान होने पर घबरा जाते हैं. इस घबराहट में नए निवेशक अक्सर अपना पैसा निकालने का फैसला करते हैं, जिससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है. इसलिए, यह हमेशा सलाह दी जाती है कि इक्विटी-ओरिएंटेड फंडों में निवेश सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिए किया जाना चाहिए.

वॉरेन बफेट का मंत्र (Warren Buffett’s Mantra)

वॉरेन बफेट की निवेशकों को एक राय बहुत पहले दी थी. सही में देखा जाए तो शेयर बाजार में गिरावट के दौर को निवेश रणनीति बनाने में यह सबसे ज्‍यादा काम आ सकती है. बफेट का मंत्र है कि “जब दूसरे लालची हों तो डरें और जब दूसरे डरें तब आप लालची बनें.” बफेट के इस मंत्र का अर्थ है कि जब दूसरे निवेशक धड़ाधड़ खरीददारी कर रहे हों तो आपको बहुत संभलकर निवेश करना चाहिए. लेकिन, जब मार्केट में मंदी हो. लोग भयभीत होकर बिकवाली कर रहे हों तो आपको उस स्थिति का फायदा उठाते हुए खरीददारी करनी चाहिए और डरपोक बनने के बजाए लालची बनना चाहिए.

वॉरेन बफेट का कहना है कि जोखिम निवेशक घबराहट की स्थिति में क्या कर सकते हैं तब नहीं होता जब, परिस्थितियां अनुकूल न हों. जोखिम तब होता है जब किसी निवेशक (Investor) को यह पता नहीं होता कि वह कर क्‍या रहा है. इसलिए अगर बाजार में भारी गिरावट है तो दिमाग का प्रयोग ज्‍यादा करिए. यह जानने कि कोशिश जरूर करें कि जो निर्णय आप ले रहे हैं, वह बिना सोच-विचार के बस बाजार की चाल के अनुसार तो नहीं ले लिया है.

डर नहीं हो सकता निवेश निर्णय का आधार

मशहूर निवेशक होवार्ड मार्क्‍स (Howard Marks) का कहना है कि बिकवाली करने के बहुत-से अच्‍छे कारण हो सकते हैं. लेकिन अगर आप केवल गलती होने या घाटा होने के डर मात्र से बिकवाल बन जाते हैं, तो ये आपके लिए बहुत घातक है. बिकवाली का निर्णय (Selling Decision) निवेश के दृष्टिकोण पर आधारित होना चाहिए, जो ठोस वित्‍तीय विश्‍लेषण, दृढ़ निश्‍चय और निवेश अनुशासन से बना हो. यह निर्णय कभी निवेशक के मनोविज्ञान (Psychology) पर आधारित नहीं हो सकता. मार्क्‍स का कहना है कि निवेशक घबराहट की स्थिति में क्या कर सकते हैं इक्विटी निवेशक (Equity Investor) का निर्णय अगर किसी डर पर आधारित है तो, निश्चित ही वह गलत फैसला ही होगा. मार्क्‍स का कहना है कि निवेश में डर, हड़बड़ी और मनोवैज्ञानिक धारणाओं का कोई स्‍थान नहीं है.

होवार्ड मार्क्‍स का कहना कि अगर को कोई निवेशक मार्केट की पल-पल बदलती परिस्थितियों के अनुसार अपने पोर्टफोलियो में जल्‍दी-जल्‍दी बदलाव करता है तो निवेशक घबराहट की स्थिति में क्या कर सकते हैं वो कमाई नहीं कर सकता. इसलिए निवेश निर्णय मार्केट की स्थितियों के अनुसार नहीं, बल्कि तार्किक मूल्‍यांकन और परिस्थितियों के गहन अध्‍ययन के बाद ही लें, घबराहट में नहीं.

दूसरों की गलतियों से उठाएं फायदा

होवार्ड मार्क्‍स का मानना है सफल निवेश निर्णय दूसरों की गलतियों को देखकर लिए जाते हैं. अगर कोई डर कर शेयर बेच रहा है तो उसकी यह गलती एक सच्‍चे निवेशक को खरीददारी करने एक बेहतरीन मौका दे रही है. और उसे डरे हुए इंसान की गलती से लाभ कमाना चाहिये. मार्केट गुरु का कहना है कि निवेश निर्णय का आधार किसी भी एसेस्‍ट की क्षमताओं का सही मूल्‍यांकन होता है.

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Mutual Fund: नए निवेशक म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय ऐसी गलतियां न करें, वरना हो जाएगा भारी नुकसान

नए निवेशक शुरू में ज्यादा पैसा एक बार में ही न लगाएं.

नए निवेशक शुरू में ज्यादा पैसा एक बार में ही न लगाएं.

Mutual Funds में नए निवेशक को शुरू में कई सारी छोटी-छोटी गलतियों की वजह से बड़ा नुकसान उठाना पडता है. नए निवेशक कुछ बुन . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : October 24, 2021, 10:11 IST

Mutual Fund Investment: कोरोना के बाद भारतीय शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड में नए निवेशकों की संख्या करोड़ों में बढ़ी है. कोरोना के बाद मिले जोरदार रिटर्न की वजह से रिटेल निवेशक इस फील्ड में तेजी से आकर्षित हो रहे हैं. हालांकि अक्सर देखने को मिलता है कि नए निवेशक को शुरू में कई सारी छोटी छोटी गलतियों की वजह से बड़ा नुकसान उठाना पडता है. नए निवेशक कुछ बुनियादी बातों का ध्यान रख अपना पैसा गंवाने से बच सकते हैं.

आमतौर पर नए नए निवेशक एक हाई मार्केट में इक्विटी निवेश की शुरुआत करते हैं. उस समय में मौजूदा निवेशक पहले ही अच्छी-खासी कमाई कर चुके होते हैं. अनुभवी निवेशक आमतौर निवेशक घबराहट की स्थिति में क्या कर सकते हैं पर तब निवेश करते हैं जब मार्केट में कमजोरी होती है. पहली बार के निवेशकों को इस बारे में नहीं पता होता है. इसलिए, पहली बार इक्विटी बाजार में निवेश करते समय, निवेशकों को कम जोखिम वाले फंडों में निवेश करके सतर्क रुख अपनाना चाहिए. इसके साथ ही निवेशकों को बाजार के उतार-चढ़ाव को भी समझने की कोशिश करनी चाहिए. पहली बार निवेश करने वाले को इक्विटी-ओरिएंटेड फंडों में निवेश करते समय इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

क्यों बढ़ गर्इ है डेट म्यूचुअल फंड के निवेशकों की घबराहट?

क्यों बढ़ गर्इ है डेट म्यूचुअल फंड के निवेशकों की घबराहट?

लैडर7 फाइनेंशियल एडवाइजर्स के संस्थापक सुरेश सदगोपन कहते हैं, "कई डेट निवेशक बाजार में किसी छोटी खबर से भी घबरा जाते हैं. इन दिनों वे यस बैंक के बारे में सवाल पूछ रहे हैं. मैं अपने ग्राहकों को बताता हूं कि हम केवल सतर्क रह सकते हैं. इस तरह के समाचारों के बारे में ज्यादा चिंता करने से कुछ भी नहीं बदलेगा. यही कारण है कि हमारे पास फंड मैनेजर हैं. वे स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं."

मूडीज इंवेस्टर सर्विस ने यस बैंक की रेटिंग घटा दी है. इसे घटाकर 'नॉन-इंवेस्टमेंट ग्रेड' कर दिया है. बोर्ड से तमाम लोगों के इस्तीफे के बाद रेटिंग एजेंसी ने बैंक का आउटलुक भी स्टेबल से निगेटिव कर दिया है.

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