क्रेडिड कार्ड बिल और EMI का भुगतान समय पर करें- अगर आपने किसी बैंक से लोन लिया है और उसका भुगतान समय पर नहीं कर पाए हैं। तो आपका सिबिल स्कोर खराब हो जाएगा। मिल व्यापार का भुगतान नहीं करता है जिसे ठीक करने के लिए आपको जल्दी से जल्दी मिल व्यापार का भुगतान नहीं करता है समय पर EMI का भुगतान करना शुरू कर देना चाहिए।
लोन नहीं चुकाने वालों के पास भी होते हैं ये 5 कानूनी अधिकार, यहां जानें
- News18Hindi
- Last Updated : September 07, 2019, 10:11 IST
नई दिल्ली: कोई आम आदमी अपने होम लोन (Home Loan) या फिर पर्सनल लोन (Personal Loan) की EMI नहीं चुका पाता और डिफॉल्ट कर जाता है तो ऐसा नहीं है कि लोन देने वाली कंपनी या फिर बैंक आपको परेशान करने लगे. ऐसे कई नियम हैं, जो उसकी ऐसी हरकत पर लगाम लगाते हैं. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि कर्ज नहीं चुकाने पर बैंक धमका या फिर जोर जबर्दस्ती नहीं कर सकता है. अपना लोन वसूलने के लिए रिकवरी एजेंटों की सेवाएं (Recovery Agent) ले सकते हैं. लेकिन, ये अपनी हद पार नहीं कर सकते हैं.
खराब सिबिल स्कोर की वजह से नहीं मिल रहा बैंक लोन! तो जानिए इसे 5 स्टेप में ठीक करने का तरीका
अगर आपका सिबिल स्कोर 750 से कम है तो आपको कोई बैंक लोन नहीं देगा।
मकान, कार, बाइक या कोई भी महंगी चीज खरीदने के लिए अक्सर लोगों को मिल व्यापार का भुगतान नहीं करता है बैंक से लोन लेने की जरूरत पड़ती है। जिसमें आपको ज्यादातर बार लोन मिल भी जाता है। लेकिन कई बार आपको बैंक की ओर से बताया जाता है कि, आपका सिबिल स्कोर अच्छा नहीं है। इसलिए बैंक आपको लोन देने में असमर्थ है। आपको बता दें किसी भी तरह का लोन देने से पहले सभी बैंक और फाइनेंस कंपनी सबसे पहले आपका सिबिल स्कोर चेक करती हैं। जिसमें अगर आपका स्कोर 750 मिल व्यापार का भुगतान नहीं करता है से ज्यादा है। तो बैंक आपको आसानी से लोन दे देती है। वहीं अगर आपका स्कोर 750 से कम रहता है तो बैंक लोन देने में आनाकानी करने लगती है। ऐसे में अगर आपका भी सिबिल स्कोर 750 से कम है तो हम आपको कुछ ऐसी स्टेप्स बताने जा रहे हैं। जिससे आप कुछ ही दिनों में अपना सिबिल स्कोर ठीक कर सकते हैं।
लोन नहीं चुकाने पर भी बदसलूकी नहीं कर सकते बैंक, जानें अपने अधिकार
अपनी गाढ़ी कमाई से बनाए गए एसेट को गंवाना बहुत दुख पहुंचाता है. हालांकि, मंदी के दौर में इसके लिए तैयार रहना चाहिए. बिजनेस फेल होने या नौकरी जाने से किसी को भी इस स्थिति का सामना करना पड़ सकता है. याद रखें कि लेनदार कर्ज के भुगतान में डिफॉल्ट करता है तो भी वह एसेट पर सभी अधिकार नहीं खो देता है. उसे मानवीय व्यवहार पाने का पूरा हक है. अपने कर्ज की वसूली के लिए कर्ज देने वालों (बैंक, वित्तीय संस्थान आदि) को उचित प्रक्रिया अपनाना जरूरी है. सिक्योर्ड लोन के मामले में उन्हें गिरवी रखे गए एसेट को कानूनन जब्त करने का हक है. हालांकि, नोटिस दिए बगैर बैंक ऐसा नहीं कर सकते हैं. सिक्योरिटाइजेशन एंड रीकंस्ट्रक्शन ऑफ फाइनेंशियल एसेट्स एंड एनफोर्समेंट ऑफ सिक्योरिटी इंटरेस्ट (सरफेसी) एक्ट कर्जदारों को गिरवी एसेट को जब्त करने का अधिकार देता है. आइए, जानते हैं कि ऐसे मामले में लोगों को क्या अधिकार मिले हुए हैं.
नोटिस देना जरूरी
लेनदार के खाते को तब नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) मिल व्यापार का भुगतान नहीं करता है में डाला जाता है जब 90 दिनों तक वह बैंक को किस्त का भुगतान नहीं करता है. इस तरह के मामले में कर्ज देने वाले को डिफॉल्टर को 60 दिन का नोटिस जारी करना पड़ता है. बैंकिंग कंसल्टेंट और पूर्व क्रेडिट काउंसलर वी.एन. कुलकर्णी कहते हैं, "अगर नोटिस पीरियड में बॉरोअर भुगतान नहीं मिल व्यापार का भुगतान नहीं करता है कर पाता है तो बैंक एसेट की बिक्री मिल व्यापार का भुगतान नहीं करता है के लिए आगे बढ़ सकते हैं. हालांकि, एसेट की बिक्री के लिए बैंक को 30 दिन और का पब्लिक नोटिस जारी करना पड़ता है. इसमें बिक्री के ब्योरे की जानकारी देनी पड़ती है."
Bank Loan: लोन नहीं चुकाने पर जोर जबरदस्ती नहीं कर सकते बैंक, जानें अपने अधिकार
- लोन नहीं चुकाने वालों के लिए भी हैं कुछ अधिकार
- बगैर नोटिस के बैंक नहीं वसूल सकते लोन
- लोन नहीं चुकाने पर ग्राहक को धमका नहीं कर सकते बैंक
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ग्राहक को धमका या जोर जबरदस्ती नहीं कर सकते बैंक
बता दें कि लोन नहीं चुकाने पर बैंक धमका या फिर जोर जबरदस्ती नहीं कर सकता है. हालंकि बैंक इस काम के लिए रिकवरी एजेंटों Recovery Agent की सेवाएं ले सकता है. लेकिन ये एजेंट भी अपनी हद पार नहीं कर सकते हैं. अगर कोई ग्राहक बैंक के पैसे नहीं चुका रहा है, तो उनसे थर्ड मिल व्यापार का भुगतान नहीं करता है पार्टी एजेंट मिल जरूर सकते हैं. लेकिन कभी भी वे ग्राहक को धमका या जोर जबरदस्ती नहीं कर सकते. कानूनन उन्हें ये अधिकार नहीं है.
बगैर नोटिस के बैंक नहीं वसूल सकते लोन
अपने लोन की मिल व्यापार का भुगतान नहीं करता है वसूली के लिए लान देने वालों बैंक और कंपनियों को वैलिड प्रोसेस अपनाना जरूरी है. सिक्योर्ड लोन के मामले में उन्हें गिरवी रखे गए एसेट को कानूनन जब्त करने का हक है. हालांकि, नोटिस दिए बगैर बैंक ऐसा नहीं कर सकते हैं. सिक्योरिटाइजेशन एंड रीकंस्ट्रक्शन ऑफ फाइनेंशियल एसेट्स एंड एनफोर्समेंट ऑफ सिक्योरिटी इंटरेस्ट (सरफेसी) एक्ट कर्जदारों को गिरवी एसेट को जब्त करने मिल व्यापार का भुगतान नहीं करता है का अधिकार देता है. आइए जानते हैं कि ऐसे मामले में लोगों को क्या अधिकार मिले हुए हैं.
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