छोटे व्यवसाय के मालिक जिनके पास पूर्ण-चलने वाला व्यवसाय है और जो अधिक विस्तार करना चाहते हैं, वे मुद्रा ऋण की इस श्रेणी का विकल्प चुन सकते हैं। विशेष व्यवसाय ऋण राशि में 10 लाख रुपये तक के लिए आवेदन कर सकता है।

मुद्रा जोड़े की विभिन्न श्रेणियां हैं

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राष्ट्रीय आय की परिभाषा दीजिए। .

Solution : राष्ट्रीय आय की परिभाषा (Definition of National Income)-विभिन्न अर्थशास्त्रियों के द्वारा राष्ट्रीय आय की दो परिभाषाओं में अंतर है। जैसे मार्शल (Marshal) के अनुसार, "किसी देश का श्रम तथा पूँजी, उसके । प्राकृतिक साधनों पर काम करते हुए, प्रत्येक वर्ष, भौतिक एवं अभौतिक तथा = समस्त प्रकार की सेवाओं का एक निश्चित विशुद्ध योग का उत्पादन करते । हैं। यह देश की वास्तविक विशद्ध वार्षिक आय अथवा राजस्व अथवा राष्ट्रीय लाभांश है।"
मार्शल की यह परिभाषा रुष्ट करती है कि राष्ट्रीय आय की गणना प्रत्येक 3 वर्ष की जाती है, देश में कुल मुद्रा जोड़े की विभिन्न श्रेणियां हैं उत्पादन अर्थात् वस्तुओं एवं सेवाओं में से पूँजीगत = मशीनों की टूट फूट, घिसाई व मरम्मत इत्यादि का व्यय घटाकर तथा विदेशी विनियोगों से प्राप्त विशुद्ध आय का योग विशुद्ध राष्ट्रीय आय कहलाती है। इसी = विशुद्ध राष्ट्रीय आय में उत्पादन के साधनों को हिस्सा मिलता है। स्पष्ट है राष्ट्रीय आय जितनी अधिक होगी उत्पादन के साधनों की पुरस्कार की राशि उतनी ही अधिक होगी।
पीगू (Pigou) के अनुसार, "समाज की वस्तुगत आय के उस भाग को जिसमें = निःसंदेह विदेशों से प्राप्त की गई आय भी सम्मिलित होती है, जिसे मुद्रा से - मापा जा सकता है।" सष्ट है कि राष्ट्रीय आय में पीगू के अनुसार, उन वस्तुओं मुद्रा जोड़े की विभिन्न श्रेणियां हैं अथवा सेवाओं को सम्मिलित किया जा सकता है जिन्हें मुद्रा में मापा जाता है, . अर्थात् जिन्हें मुद्रा में मापा नहीं जा सकता है, उन सेवाओं अथवा वस्तुओं के . उत्पादन को राष्ट्रीय आय में शामिल नहीं किया जाता है।
फीशर (Fisher) के शब्दों में, “वार्षिक मुद्रा जोड़े की विभिन्न श्रेणियां हैं विशुद्ध उत्पादन का वह भाग है जिसे । अर्थ के अंतर्गत उपभोग कर लिया जाता है, वास्तविक राष्ट्रीय आय कहलाती प्र है।" इस प्रकार फिशर को परिभाषा उपभोग पर आधारित है। फिशर ने उत्पादन , पर अपना ध्यान केन्द्रित नहीं किया है बल्कि अपना ध्यान उपभोग पर केन्द्रित किया है।
ऊपर दिये गये मार्शल, पीगू तथा फिशर की परिभाषाओं से यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि सभी परिभाषाओं में कुछ-न-कुछ गुण के साथ दोष ये भी है। फिर भी तीनों परिभाषाओं में सबसे अधिक सबल तथा व्यावहारिक मार्शल की ही परिभाषा है। मार्शल कुल राष्ट्रीय आय की अपेक्षा शुद्ध राष्ट्रीय आय को आर्थिक विकास का सही मापदण्ड मानते हैं। दूसरी ओर पौगू भौतिक कल्याण की वृद्धि को आर्थिक प्रगति की माप मानते हैं। वाइनर (Viner), लेविस एडम स्मिथ (Adam Smith) आदि अर्थशास्त्रियों ने प्रति व्यक्ति आय को ही आर्थिक विकास का मापदण्ड माना है।
1. वस्तु सेवा रीति (Commodity-Service Method)-इस रीति के अंतर्गत एक वर्ष में सभी वस्तुओं एवं सेवाओं का शुद्ध मूल्य (Net Price) ज्ञात किया जाता है और उनका योग करके राष्ट्रीय आय प्राप्त की जाती है। प्रो. शूप के शब्दों में, योग को .अंतिम उत्पादन योग. (Final Products Total) भी कहा जाता है।
चूँकि, इस रीति में कुल उत्पादन का शुद्ध मूल्य ज्ञात किया जाता है इसलिए इनको .कुल उत्पादन रीति. (Total Product Method) भी कहते हैं दुसरे शब्द में इसे एक वर्ष में, .वस्तुओं और सेवाओं के प्रवाह की रीति. (Flow of goods and sservice method) भी कहते हैं।
इस रीति द्वारा राष्ट्रीय आय की गणना के लिए देश की सभी प्रकार की उत्पत्ति तथा व्यापार से संबंधित आँकड़ों की सहायता ली जाती है।
2. आय-प्राप्ति रीति (Income-Retained Method)-इस रीति के अंतर्गत एक वर्ष में व्यक्तियों तथा व्यवसायिक उपक्रमों (Enterprises) द्वारा प्राप्त विशुद्ध आयों को ज्ञात किया जाता है और उनका योग प्राप्त करके राष्ट्रीय आय प्राप्त की जाती है। दूसरे शब्दों में, देश के सभी व्यक्तियों द्वारा प्राप्त मजदूरी, वेतन, लाभ, व्याज, लगान इत्यादि का योग करके राष्ट्रीय आय प्राप्त की जाती है। प्रो. शूप इस योग को .साधन-भुगतान योग. (Factor Payment Total) कहते हैं।
चूँकि, इसमें सभी साधनों की आय को जोड़ा जाता है इसलिए इस रीति को .भुगतान प्राप्त रीति. (Payment receipt method) कहते हैं। दूसरे शब्दों में, इसमें एक वर्ष में साधनों की आयों के प्रवाह (Flow of eaming factors) का प्रयोग किया जाता है, इसलिए इस रीति को .आय प्रवाह रीति. (Earning flow method) भी कहा जाता है। इस रीति को आय-संगणना रीति (Census of income method) के नाम से भी पुकारते हैं। उच्च आय प्राप्त करने वाले व्यक्तियों की आय के आँकड़े तो आयकर विभाग से प्राप्त कर लिए जाते हैं। शेष व्यक्तियों की आय के आंकड़ों को जनसंख्या रिपोर्ट (Census reports) तथा अन्य विशिष्ट प्रकार की रिमोटों तथा अन्य स्रोतों से प्राप्त किया जाता है।
3. उपभोग बचत रीति (Consumption Saving Method)-अपनी आय का एक भाग लोग व्यय करते है तथा शेष बचत के रूप में रखते हैं। अत: किसी देश के समस्त व्यक्तियों का कुल व्यय तथा उनकी कुल बचत दोनों मिलाकर देश की कुल आय के बराबर मुद्रा जोड़े की विभिन्न श्रेणियां हैं होंगी। इसी तथ्य पर राष्ट्रीय आय मापने को यह रीति आधारित है। अत: इस रीति के अंतर्गत एक वर्ष में कुल उपभोग व्यय तथा कुल बचत को ज्ञात किया जाता है और उनका योग करके राष्ट्रीय आय की गणना की जाती है।
कुल बचत कुल विनियोग के बराबर होती है। इसलिए इस रीति को .उपभोग-विनियोग रीति. (Consumption inexestiment method) या केवल .व्यय रीति. (Expenditure Method) भी कहते हैं।
इस रीति की मुख्य कठिनाई यह है कि न केवल अविकसित देशों बल्कि विकसित देशों में भी उपभोक्ताओं के व्ययों तथा बचतों के विश्वसनीय आँकड़े प्राप्त नहीं है और इस प्रकार इस रीति का व्यावहारिक महत्त्व बहुत कम हो जाता है।
निष्कर्ष-व्यवहार में .उपभोग बचत रीति. का प्रयोग नहीं हो पाता है, क्योंकि उपभोग व्ययों और बचतों के आँकड़े प्राप्त नहीं होते हैं। मुद्रा जोड़े की विभिन्न श्रेणियां हैं अन्य दोनों रीतियों का राष्ट्रीय आय गणना में प्रयोग किया जाता है, क्योंकि इसके लिए आँकड़ें सभी देशों में सुगमता से प्रापत मुद्रा जोड़े की विभिन्न श्रेणियां हैं रहते हैं।

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मुद्रा जोड़े की विभिन्न श्रेणियां हैं

कृपया ध्यान दें: उपरोक्त दरें, शुल्क और शुल्क मुद्रा जोड़े की विभिन्न श्रेणियां हैं परिवर्तन के अधीन हैं

  1. लक्ष्मी विलास बैंक मुद्रा लोन के लिए न्यूनतम प्रलेखन और कागजी कार्रवाई की आवश्यकता होती है
  2. आसान, तेज, और परेशानी मुक्त अनुमोदन
  3. मुद्रा ऋण का मुख्य उद्देश्य सूक्ष्म इकाइयों और व्यापार मालिकों की वृद्धि / विकास और धन की जरूरतों के चरण के लिए है।

लक्ष्मी विलास बैंक मुद्रा लोन प्रयोजन

निम्नलिखित गतिविधियों की एक सूची है जो मुद्रा ऋण के तहत कवर मुद्रा जोड़े की विभिन्न श्रेणियां हैं की जा सकती है:

  1. परिवहन वाहन: माल और यात्रियों के परिवहन के लिए परिवहन वाहनों की खरीद जैसे कि ऑटो-रिक्शा, छोटे माल परिवहन वाहन, तिपहिया वाहन, ई-रिक्शा, टैक्सी, आदि। ट्रैक्टर / ट्रैक्टर ट्रॉलियों / बिजली टिलर केवल वाणिज्यिक प्रयोजनों के लिए उपयोग किए जाने योग्य हैं। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई ) के तहत सहायता के लिए। वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाने वाले दूपहिया वाहन भी प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत कवरेज के लिए पात्र हैं।
  2. सामुदायिक, सामाजिक और व्यक्तिगत सेवा गतिविधियाँ: सैलून, ब्यूटी पार्लर, व्यायामशाला, बुटीक, सिलाई की दुकानें, ड्राई क्लीनिंग, साइकिल, और मोटर साइकिल की मरम्मत की दुकानें, डेस्कटॉप प्रकाशन और फोटोकॉपी सुविधा, चिकित्सा दुकानें, कूरियर एजेंट, आदि।
  3. खाद्य उत्पाद क्षेत्र: आचार-पापड़ बनाना, ग्रामीण स्तर पर कृषि उपज संरक्षण, जेली बनाना, मिठाई की दुकानें, खाने के स्टॉल और दिन में खानपान / कैंटीन सेवा, कोल्ड चेन वाहन, शीतगृह, बर्फ बनाने वाली फैक्ट्री, बिस्किट, ब्रेड और बन बनाना, आइसक्रीम बनाने की फैक्ट्री, इत्यादि।
  4. कपड़ा उत्पाद क्षेत्र / गतिविधि: हथकरघा, बिजली करघा, खादी गतिविधि, चिकन काम, जरी और जरदोजी का काम, पारंपरिक कढ़ाई और हाथ का काम, पारंपरिक रंगाई और छपाई, परिधान डिजाइन, बुनाई, सूती बुनाई, कम्प्यूटरीकृत कढ़ाई, सिलाई और अन्य कपड़ा गैर- पोशाक सामान जैसे बैग, प्रस्तुत सामान, वाहन सामान, आदि।
  5. व्यापारियों और दुकानदारों के लिए व्यावसायिक ऋण: अपनी दुकानों / व्यापारिक और व्यापारिक गतिविधियों / सेवा उद्यमों और गैर-कृषि आय-उत्पादक गतिविधियों को चलाने के लिए व्यक्तियों को ऋण देने पर वित्तीय सहायता, जिसमें प्रति उद्यम / उधारकर्ता 10 लाख तक का लाभार्थी ऋण आकार है।
  6. सूक्ष्म इकाइयों के लिए उपकरण वित्त योजना: लाभार्थी ऋण का आकार 10 लाख तक।
  7. खेती के लिए संबद्ध गतिविधियाँ: खाद्य और कृषि-प्रसंस्करण, मधुमक्खी पालन,पशुधन-पालन, मुर्गी पालन, ग्रेडिंग, छँटाई, एकत्रीकरण कृषि उद्योग, डायरी, मत्स्य पालन, कृषि-क्लीनिक और कृषि व्यवसाय केंद्र, आदि।

लक्ष्मी विलास बैंक मुद्रा लोन प्रकार

शिशु योजना

माइक्रो या छोटे व्यवसाय के मालिक मुद्रा ऋण की इस श्रेणी का विकल्प चुन सकते हैं। विशेष व्यवसाय ऋण राशि में 50,000 रुपये तक आवेदन कर सकता है। यह योजना विशेष रूप से उन लोगों के लिए अनुकूलित है, जिन्हें अपना नया व्यवसाय स्थापित करने के लिए एक छोटी पूंजी की आवश्यकता होती है। इस ऋण का लाभ उठाने के लिए, आवेदकों को अपने व्यावसायिक विचारों को प्रस्तुत करना होगा।

किशोर योजना

वे व्यवसाय स्वामी जिनके पास एक व्यवसाय चल रहा है और इसे अधिक व्यवहार्य उद्यम के रूप में विस्तारित करना चाहते हैं, वे मुद्रा ऋण की इस श्रेणी का विकल्प चुन सकते हैं। विशेष व्यवसाय ऋण राशि में 50,000 रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक की ऋण राशि में आवेदन कर सकता है। इस ऋण का लाभ उठाने के लिए, व्यवसाय को ऋण आवेदन भरना चाहिए और बाजार में व्यवसाय की वर्तमान स्थिति को प्रदर्शित करने के लिए उचित व्यावसायिक दस्तावेज पेश करने चाहिए।

लक्ष्मी विलास बैंक मुद्रा लोन के बारे में

मुद्रा ऋण जो माइक्रो यूनिट विकास और पुनर्वित्त एजेंसी लिमिटेड को संदर्भित करता है प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में आता है। पीएमएमवाई को भारत के प्रधान मंत्री द्वारा वर्ष 2015 में लॉन्च किया गया था। लक्ष्मी मुद्रा जोड़े की विभिन्न श्रेणियां हैं विलास बैंक अग्रणी बैंकों में से एक है और इस प्रकार यह गर्व से अन्य सेवाओं के बीच मुद्रा ऋण प्रदान करता है।

यह ऋण सूक्ष्म ऋण को 50,000 रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक के लघु उद्योगों की सुविधा देता है। लक्ष्मी विलास बैंक पीएमएमवाई मुद्रा लोन अन्य निजी क्षेत्र के बैंकों की तुलना में बहुत कम ब्याज दर पर दिया जाता है।

लक्ष्मी विलास बैंक मुद्रा लोन

लक्ष्मी विलास बैंक मुद्रा लोन पीएमएमवाई मुद्रा लोन व्यक्तियों और सूक्ष्म उद्यमों को निम्नलिखित खर्चों को कवर करने में मदद करता है:

मुद्रा जोड़े की विभिन्न श्रेणियां हैं

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मुद्रा के प्रकार और मुद्रा की आपूर्ति के मापक (Types of Money and Measures of Money Supply) – बैंकिंग अवेयरनेस स्पेशल सीरीज

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हम सभी जानते है कि लगभग सभी बैंकिंग परीक्षाओं में अधिकांश सवाल बैंकिंग अवेयरनेस यानि बैंकिंग से जुड़ी हाल ही घटनाओं से पूछे जाते है, ऐसे में उम्मीदवारों के लिए जरुरी है कि वे हाल के Important Banking Event के बारे में अपडेट रहे और परीक्षा में पूछे गए सवालों का Confident के जवाब दें. Candidates की इसी बात को समझते हुए Adda247 की टीम ने आपके लिए तैयार की है सभी बैंकिंग परीक्षाओं के लिए बैंकिंग अवेयरनेस स्पेशल सीरीज़.

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