स्टॉक ब्रोकर क्या है और कौन सा ब्रोकर चुनना है शेयर ब्रोकर के प्रकार (Stock Broker in Hindi)
Stock Broker Kya Hai In Hindi: अगर आप शेयर मार्केट के बारे में सीखना चाहते हैं तो इससे जुड़े छोटे – छोटे टर्म के बारे में जानकारी प्राप्त करें, इनके बारे में जानकारी होना आपके वित्तीय बुद्धि को मजबूत बनाती है. शेयर बाजार से जुडी एक ऐसी ही टर्म है जो कि बहुत महत्वपूर्ण है वह है स्टॉक ब्रोकर. जिसके बारे में हम आपको आज के लेख में जानकारी देंगे.
आज के इस लेख में आपको जानने को मिलेगा कि Stock Broker क्या है, स्टॉक ब्रोकर कितने प्रकार के होते हैं, स्टॉक ब्रोकर कैसे काम करता है और स्टॉक ब्रोकर कैसे बनें.
शेयर मार्केट में स्टॉक ब्रोकर का रोल सबसे अधिक महत्वपूर्ण होता है क्योंकि निवेशक सीधे तौर पर शेयर बाजार में निवेश नहीं कर सकता है. ब्रोकर के द्वारा ही निवेशक शेयर बाजार में शेयर को खरीद और बेच सकता है. शेयर खरीदने और बेचने के लिए ब्रोकर कुछ प्रतिशत चार्ज अपने ग्राहकों से करते हैं जिससे उनकी कमाई होती है.
अगर आप स्टॉक ब्रोकर बनना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा अंत तक पढ़ें, इसमें हमने आपको स्टॉक ब्रोकर के बारे में बहुत उपयोगी जानकारी प्रदान करवाई है. तो चलिए आपका अधिक समय न लेते हुए शुरू करते हैं इस लेख को और जानते हैं Share Broker क्या है हिंदी में.
SEBI ने ब्रोकर्स के लिए जारी किया नया नियम, 30 जून से पहले करना होगा ये काम
शेयर बाजार के निवेशकों के लिए बड़ी खबर सामने आ रही है. सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ने डीमैट खाते को लेकर नियमों में कुछ बदलाव कर दिए हैं. डीमैट खाते खोलने वाले ब्रोकर्स की सही पहचान के लिए सेबी की तरफ से नियम कड़े कर दिए गए हैं.सेबी के नियम के अनुसार, जिन लोगों के पास डीमैट अकाउंट है उन्हें अब कुछ बातों का खास ख्याल रखना होगा. सेबी के एक सर्कुलर के मुताबिक सभी ब्रोकर्स को सभी कैटेगरी के डीमैट खातों का नामकरण करना होगा. ताकि पता चल सके कि ब्रोकर ने जो डीमैट खाता खोला है वो किस मकसद के लिए है. सेबी ने इसके लिए ब्रोकर्स को 30 जून तक का मौका दिया है.
BEST STOCK BROKER चुनने की प्रक्रिया
सबसे पहले आपको अपनी BEST STOCK BROKER की परिभाषा तैयार करनी होगी,
ऐसा इसलिए क्योकि हर स्टॉक ब्रोकर, शेयर खरीदने और बेचने के अलावा अपनी तरफ से अपनी बेस्ट सर्विसेज देने की कोशिस करते है, ऐसे में जब हम यह तय कर लेते है कि हमें अपने स्टॉक ब्रोकर से कौन कौन सी सुविधा चाहिए, तो हम अपनी सुविधानुसार BEST STOCK BROKER का चुनाव कर सकते है,
यह सबसे महत्वपूर्ण पॉइंट है, की आपको किस तरह की सुविधा चाहिए, ये आपको सबसे पहले तय करना होगा,
अगर आप स्टॉक मार्केट में नए है तो आपके मन में बहुत सारे सवाल होंगे, जो आपको फुल सर्विस प्रोवाइडर स्टॉक ब्रोकर के पास जाकर आप उन सवालों के जवाब समझ सकते है, क्योकि FULL SERVICE PROVIDER आपको CONSULATNCY सर्विसेज भी देता है,
दूसरी तरफ अगर आप नए है और अपने डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर की तरफ से या LOW FEES वाला स्टॉक ब्रोकर CONSULTANCY की सुविधा नहीं देता है,
जरुरी नहीं की जो स्टॉक ब्रोकर आपके दोस्त के लिए सही है, वो आपके लिए भी सही हो, यही कारण है कि हम यहाँ आपको DIRECTLY किसी कंपनी का नाम नहीं बता सकते कि कौन सा स्टॉक ब्रोकर आपके लिए बेस्ट होगा.
इसलिए सबसे पहले आप अपनी सुविधाओ और सेवाओ की लिस्ट बनाइये, जो आपको अपने स्टॉक ब्रोकर से चाहिए, फिर आप उस लिस्ट के अनुसार ये देख सकते है की कौन सा स्टॉक ब्रोकर आपको वो सुविधा दे रहा है, और उसके बदले CHARGES भी कम ले रहा है,
सुविधओ की लिस्ट का एक नमूना आपको HINT के तौर पे दे देते है-
आप जब चाहे अपना स्टॉक ब्रोकर बदल (SWITCH) सकते है,
ऐसी कोई नियम नहीं कि आपने एक स्टॉक ब्रोकर सेलेक्ट कर लिया, तो अब हमेशा के लिए उसी स्टॉक ब्रोकर के साथ काम करना है, आप जब चाहे अपना स्टॉक ब्रोकर अपनी सुविधानुसार बदल सकते है,
जब भी हमें लगता है कि जिस स्टॉक ब्रोकर के पास मेरा अकाउंट है, वो हमें उस तरीके से सर्विस नहीं दे रहा, जैसा कि हमें चाहिए तो हम दुसरे स्टॉक ब्रोकर के पास जा सकते है, हम चाहे तो पहला अकाउंट बंद कर सकते है, और अपनी सुविधानुसार दुसरे स्टॉक ब्रोकर के पास अकाउंट ओपन कर सकते है,
आप अलग अलग स्टॉक ब्रोकर के पास MULTIPLE DEMAT और कौन सा ब्रोकर चुनना है TRADING अकाउंट खोल सकते है ,
आप अलग अलग स्टॉक ब्रोकर के पास अलग अलग ACCOUNT खोल सकते है, जिस तरह आज हम सभी के पास अलग अलग बैंक में अकाउंट खुले हुए है, ठीक वैसे ही हम अलग अलग स्टॉक ब्रोकर के पास अपनी जरुरत के मुताबिक अकाउंट खोल सकते है,
एक ही स्टॉक ब्रोकर के पास एक ही पैन कार्ड से दो अकाउंट नहीं ओपन कर सकते, लेकिन आप एक पैन कार्ड से अलग अलग स्टॉक ब्रोकर के पास अकाउंट खोल सकते है,
दो अलग अलग स्टॉक ब्रोकर के पास अकाउंट खोलने से आपको उन दोनों स्टॉक ब्रोकर द्वारा दी जाने वाली दो अलग अलग तरह की सेवाओ का लाभ मिलता है, खास तौर से जब आपके पास एक FULL SERVICE STOCK BROKER और एक DISCOUNT STOCK BROKER के पास अकाउंट हो,
आशा है, आप समझ पाए होंगे की कैसे आप BEST STOCK BROKER का चुनाव कर सकते है, और अपनी स्टॉक मार्केट इन्वेस्टमेंट यात्रा को सुनहरा बना सकते है, अगर आपके मन में कोई सवाल हो तो आप नीचे कमेंट द्वारा पूछ सकते है,
12वीं पास हैं तो आप बन सकते हैं शेयर बाजार में सब ब्रोकर, होगी खूब कमाई
भारत एक अरब से अधिक कौन सा ब्रोकर चुनना है लोगों की आबादी का देश है। इसके बाद भी यहां रिटेल पार्टिसिपेशन (Retail Participation) बहुत कम है। इस समय शेयर बाजार (Share Market) सबसे अच्छे निवेश साधनों (Investment) में से एक हैं। वे पारंपरिक निवेश उत्पादों की तुलना में बेहतर रिटर्न देने के लिए जाने जाते हैं। बढ़ते डिजिटाइजेशन (Digitization) और जागरूकता के साथ भारत में शेयर बाजारों में रिटेल पार्टिसिपेशन तेजी से बढ़ रही है। लेकिन अब भी पूरी क्षमता का दोहन नहीं हो सका है। इससे लोगों को सब-ब्रोकर (Sub Broker) के पेशे को अपनाने के पर्याप्त अवसर मिलेंगे।
12वीं पास हैं तो आप बन सकते हैं शेयर बाजार में सब ब्रोकर, होगी खूब कमाई
शैक्षणिक योग्यता
आपकी न्यूनतम योग्यता 10 + 2 या हायर सेकंडरी सर्टिफिकेट होनी चाहिए। हालांकि, कुछ ब्रोकर आपको अपने सब-ब्रोकर के रूप में नियुक्त करने से पहले कम से कम स्नातक की डिग्री पसंद कर सकते हैं। साथ ही वित्तीय बाजारों के बारे में आपको ज्ञान होना चाहिए। कई परीक्षाएं हैं जो आप एक अच्छा ब्रोकर बनने के लिए योग्यता साबित करने के लिए दे सकते हैं। कुछ प्रसिद्ध परीक्षाएं हैं, एनसीएफएम ((NSE certification in Financial Markets),), बीसीएसएम (BSE certification on securities markets), एनआईएसएम कोर्सेस, आदि।
क्या क्या दस्तावेज चाहिए
जब आप और आपके ब्रोकर की योग्यता मिल जाती हैं तो आपको कुछ दस्तावेज जुटाना होगा। इनमें पैन कार्ड, आधार कार्ड और एजुकेशन प्रूफ (जैसे कुछ ब्रोकर 10 + 2 की शैक्षिक योग्यता को अनिवार्य करते हैं) जैसे कुछ आईडी और दस्तावेज देने होंगे। इसके अलावा, आपके निवास और आपके कार्यालय के पते का प्रमाण तस्वीरों के साथ और सीए के रेफरेंस लेटर की आवश्यकता होगी। जांच लें कि क्या इसके अलावा भी कुछ आवश्यक है।
बुद्धिमानी से ब्रोकरेज फर्म चुनें
आपको कभी भी ऐसा कुछ नहीं बेचना चाहिए, जिसे कोई खरीदने को राजी न हो। इस वजह से ब्रोकरेज फर्मों के बारे में गहन रिसर्च करें। निवेशक किसे पसंद कर रहे हैं, जानने की कोशिश करें। आपके ब्रोकर के पास अच्छी ब्रांड इक्विटी और रिकॉल वैल्यू होनी चाहिए। नए ग्राहक हासिल करने में मददगार होगा। आम तौर पर, ग्राहक उन फर्मों को प्राथमिकता देते हैं जिनके पास फ्लैट फी स्ट्रक्चर, वैल्यू-एडेड सर्विसेस होती हैं, और स्पॉट-ऑन सिफारिशों भी देती हैं।
आवश्यकताओं को जांच लें
सब-ब्रोकर बनने की कुछ शर्तें होती हैं जिन्हें आपको पूरा करना होगा। एक सब-ब्रोकर या मास्टर फ्रैंचाइज़ी मालिक के रूप में आपको लगभग 200 वर्ग फुट के ऑफिस स्पेस की आवश्यकता होगी। यह स्पेस आमतौर पर ब्रोकरेज फर्म पर निर्भर करता है, जिसके साथ आप जा रहे हैं। आपको लगभग एक से दो लाख या उससे अधिक रुपए का रिफंडेबल शुल्क भी जमा करना होगा। अंत में अपने ब्रोकर की कमीशन स्ट्रक्चर जांच लें। हालांकि, वर्तमान परिस्थितियों के साथ और वर्क-फ्रॉम-होम विकल्प के साथ, व्यावसायिक स्पेस की आवश्यकता वैकल्पिक हो सकती है
बुनियादी जानकारी दें
शुरुआत में चुने गए ब्रोकिंग फर्म से कॉलबैक (Call back) का अनुरोध करें। फोन पर ही आपके बारे में, पढ़ाई-लिखाई (Education) के बारे में तथा पहले के कामकाज (Job or Profession) के बारे में जानकारी ली जाएगी। इसके साथ ही कुछ बुनियदी सवाल (Basic Questions) भी पूछे जाएंगे। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि आप और आपका ब्रोकर (Broker) दोनों एक-सा सोच रहे हैं।
रजिस्ट्रेशन फी और अकाउंट एक्टिवेशन
अंत में, आपको रजिस्ट्रेशन फी जमा करनी होगी। भुगतान करने के बाद आपको अपने खाते का बिजनेस टैग प्राप्त होगा। आपके ब्रोकर के आधार पर, आप और आपके कर्मचारी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, कस्टमर सपोर्ट और मार्केटिंग मैकेनिज्म पर ट्रेनिंग और जानकारी प्राप्त करेंगे। इसके बाद आप अपना काम शुरू कर सकते हैं। जब काम शुरू हो जाएगा तो जाहिर है कि भी कमाई भी शुरू हो जाएगी।
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जिस ट्रेडिंग कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगा रहे, वही बंद हो गई तो क्या होगा? जानिए आपका पैसा डूबेगा या बचा रहेगा
शेयर बाजार में निवेश करने का चलन तेजी से बढ़ रहा है. यहां पर पारंपरिक निवेश की तुलना में ज्यादा रिटर्न मिलता है. हालांकि, शेयर बाजार में निवेश का जोखिम भी होता है.
अब आम आदमी भी शेयर बाजार में निवेश कर ज्यादा रिटर्न पाने में रुचि दिखा रहा है. यही कारण है कि बीते एक साल में रिकॉर्ड संख्या में डीमैट अकाउंट खोले गए हैं. पिछले महीने तक के आंकड़ों के अनुसार देशभर में करीब 6.9 करोड़ डीमैट अकांउट्स हैं. हालांकि, दूसरे देशों के मुकाबले आबादी के लिहाज से यह अनुपात अभी भी बहुत कम है. भारतीय शेयर बाजार में सबसे ज्यादा पैसा महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तर प्रदेश के लोग लगाते हैं. लक्षद्वीप, अंडमान एवं निकोबार से लेकर मिज़ोरम तक के लोग शेयर बाजार से अच्छी कमाई कर रहे हैं.
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए सबसे पहली जरूरत डीमैट अकाउंट की होती है. इसी अकाउंट में शेयर्स, ईटीएफ, बॉन्ड्स, म्यूचुअल फंड्स और सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में रखा जाता है. ये डीमैट अकाउंट डिपॉजिटरीज एनसडीएल और सीडीएसल के साथ खोला जा सकता है. देश में कई स्टॉक ब्रोकिंग कंपनियां हैं, जो लोगों को शेयर बाजार में निवेश करने में मदद करती हैं. स्टॉक ब्रोकिंग कंपनियां ही इस सुविधा को आम आदमी तक पहुंचाती हैं. इस सुविधा के बदले ये ब्रोकरेज फर्म्स छोटी फीस वसूलते हैं.
इस बात की भी संभावना है कि आप ये ब्रोकरेज फर्म्स ही किन्हीं कारणों से बंद हो जाए. ऐसी स्थिति में क्या आपका निवेश पूरी तरह से डूब जाएगा? कहीं स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी आपका पूरा पैसा लेकर तो नहीं भाग जाएगी? एक निवेशक के तौर पर आपके मन में जरूर इस तरह के सवाल उठ रहे होंगे. लेकिन अब आपको इसकी चिंता नहीं करनी हैं. क्योंकि हम आपको इस तरह के सभी सवालों के जवाब लेकर आए हैं.
ब्रोकरेज कंपनी बंद होने पर आपके निवेश का क्या होगा?
आप यह जानकार राहत की सांस ले सकते हैं कि स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी के डिफॉल्ट करने या बंद होने के बाद भी आपकी पूंजी या फंड पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा. ऐसा नहीं होगा कि स्टॉक ब्रोकर आपकी पूंजी लेकर भाग जाए. उदाहरण के तौर पर देखें तो जब हर्षद मेहता स्कैम सामने आया था, तब उनकी ब्रोकिंग कंपनी ग्रो मोर रिसर्च एंड एसेट मैनेजमेंट को सेबी ने बैन कर दिया था. लेकिन इस कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले लोगों कौन सा ब्रोकर चुनना है को कोई नुकसान नहीं हुआ.
आपको सबसे पहले यह समझने की जरूरत कि ये स्टॉक ब्रोकिंग कंपनियां महज एक बिचौलिए के तौर पर काम करती हैं. आपके फंड पर इनकी पहुंच सीधे तौर पर नहीं होती है ताकि वे आपकी पूंजी पर अपना हम जमा सकें. लेकिन इनके पास पड़ी अपनी फंड या पूंजी को इस्तेमाल करने के लिए आप इन्हें निर्देश दे सकते हैं.
स्टॉक्स और शेयरों का क्या होगा?
आपका फंड डीमैट अकाउंट में जमा होता है. ये डीमैट अकाउंट डिपॉजिटरीज के पास खुलात है. सेबी ने दो डिपॉजिटरीज – नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरीज लिमिटेड (NSDL) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (CDSL) को मंजूरी दी है. भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के प्रति सेबी की जवाबदेही होती है.
किसी भी समय पर एक निवेशक का स्टॉक या शेयर ब्रोकरेज फर्म्स के पास नहीं होता है. वे बस एक प्लेटफॉर्म के तौर पर काम करते हैं. इनका काम बस आपके निर्देश के हिसाब से आपकी जगह ट्रेड करना है. बदले में ये आपसे फीस वसूलते हैं.
इसी प्रकार आपका म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) के पास होता है. ऐसे में अगर ब्रोकरेज फर्म बंद भी हो जाता है तो आपका म्यूचुअल फंड सुरक्षित रहेगा.
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