शॉर्ट टर्म म्युचुअल फंड

यहाँ भारत में शीर्ष प्रदर्शन करने वाली संतुलित धनराशि / हाइब्रिड म्यूचुअल फ़ंड योजनाएँ हैं:

शॉर्ट टर्म म्यूचुअल फंड नाम3 साल का रिटर्न5 साल का रिटर्न
रिलायंस प्राइम डेट फंड7.65%8.16%
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल शॉर्ट टर्म फंड7.6%8.4%
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल सेविंग्स फंड7.85%8.34%
आदित्य बिड़ला सनलाइफ शॉर्ट टर्म ऑपर्चुनिटीज फंड7.86%8.51%
यूटीआई ट्रेजरी एडवांटेज फंड7.76%8.26%
आदित्य बिड़ला सन लाइफ सेविंग्स फंड8.08%8.52%
एचडीएफसी शॉर्ट टर्म डेट फंड7.74%8.34%
आईडीएफसी बॉन्ड फंड7.21%7.88%
कोटक कॉर्पोरेट बॉन्ड फंड8.21%9.10%
एलएंडटी शॉर्ट टर्म बॉन्ड फंड7.33%7.93%
आईडीएफसी बॉन्ड फंड – एमटीपी-डी5.17%5.67%
कोटक डायनामिक बॉन्ड फंड9.10%8.78%
IDFC बॉन्ड फंड शॉर्ट टर्म डायरेक्ट प्लान (ग्रोथ)7.92%8.54%

* प्रदर्शन के अनुसार रिटर्न रेट्स सब्जेक्ट को बदलने के लिए हैं

शॉर्ट टर्म म्यूचुअल फंड क्या हैं?

म्यूचुअल फंड स्कीम 4 साल तक के अल्पकालिक निवेश एवेन्यू के साथ म्यूच्यूअल फंड्स निवेश में क्या जोखिम शामिल हैं? ग्राहकों को सक्षम करने को आम तौर पर अल्पकालिक म्यूचुअल फंड कहा जाता है। ये वित्तीय योजनाएं हैं जिनके पोर्टफोलियो में 15 दिनों से लेकर अधिकतम 91 दिनों तक की परिपक्वता अवधि की पेशकश करने वाली प्रतिभूतियां शामिल हैं। यह म्यूचुअल फंड स्कीम एक निवेश साधन है जो कम से मध्यम जोखिम के साथ स्थिर रिटर्न की सुविधा देता है। यह टुकड़ा शॉर्ट-टर्म म्यूचुअल फंड्स पर एक संक्षिप्त जानकारी देता है। इन फंड योजनाओं को विशेष रूप से छोटी अवधि में स्थिर रिटर्न अर्जित करने के लिए तैयार किया गया है।

कई बार, शॉर्ट टर्म म्यूचुअल फंड स्कीम की तुलना फिक्स्ड डिपॉजिट्स (एफडी) से की गई है क्योंकि इन दोनों स्कीमों का निवेश रिटर्न बहुत समान है।

भले ही सावधि जमा, कर दक्षता, तरलता के साथ-साथ स्थिर रिटर्न के साथ तुलना में शॉर्ट टर्म डेट फंड जोखिम भरा साधन हो, लेकिन ये म्यूचुअल फंड स्कीम फिक्स्ड डिपॉजिट को खत्म कर देती हैं।

बहुत कम क्षितिज वाले निवेशक 15 दिन या उससे कम समय के लिए लिक्विड फंड का विकल्प चुन सकते हैं, जबकि अधिक से अधिक निवेश अवधि की तलाश करने वाले निवेशकों का कहना है कि 2 से 3 महीने के लिए अल्ट्रा-शॉर्ट-टर्म फंडों की एक विस्तृत श्रृंखला से चुन सकते हैं। डेट फंड निवेशों ने फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीमों के विपरीत 10% वार्षिक रिटर्न का उत्पादन किया है जो वार्षिक रिटर्न का मात्र 7% उपज है।

इसके अतिरिक्त, अल्पकालिक म्यूचुअल फंड परिपक्वता की तारीख से पहले रिडेम्पशन पर जुर्माना आकर्षित नहीं करते हैं, जब तक कि उन्हें पूर्व-निर्धारित अवधि से पहले भुनाया नहीं जाता है। सामान्य परिस्थितियों में, पूर्व निर्धारित अवधि 5 दिन से 6 महीने तक होती है। इसके विपरीत, भले ही फिक्स्ड डिपॉजिट में लिक्विडिटी अधिक हो, 1% तक का जुर्माना लगाया जाता है, अगर एफडी उनकी परिपक्वता तिथि से पहले भुनाए जाते हैं।

म्यूच्यूअल फंड्स निवेश में क्या जोखिम शामिल हैं?

 म्यूच्यूअल फंड्स निवेश में क्या जोखिम शामिल हैं?

हम सब ने यह सुना ही है: ‘म्यूच्यूअल फंड निवेश बाज़ार जोखिम के अधीन है', ‘कभी सोचा है, ये जोखिम क्या हैं?
सब जोखिम सारे म्यूच्यूअल फंड योजनाओं पर असर नहीं करते हैं| स्कीम इनफार्मेशन डॉक्यूमेंट, (SID) कौन सा जोखिम हमारे चुने हुए किस स्कीम पर लागू होगा, यह समझने में मददगार है|

फंड मैनेजमेंट टीम किस तरह इन जोखिमों का प्रबंधन करती है?
ये इस बात पर निर्भर है कि किस प्रकार का निवेश म्यूच्यूअल फंड ने लिया है| कुछ सिक्योरिटीज कुछ जोखिमों की तरफ ज्यादा संवेदनशील हैं और कुछ किन्ही और की ओर|

पेशेवरों की सहायता, विविधिकरण और SEBI का विनिमयन म्यूच्यूअल फंड्स के जोखिम को कम करते हैं|

आखिरकार, वो महत्वपूर्ण प्रश्न जो बहुत सारे निवेशकों ने पूछा है: क्या एक म्यूच्यूअल फंड कंपनी मेरे पैसों को लेकर चम्पत हो सकती है? आप यदि म्यूच्यूअल फंड के ढाँचे को देखें, और सख्त विनिमयन के रहते, ये बिलकुल असंभव है|

म्यूचुअल फंड्स में भी संभलकर करें निवेश; पहले समझें ये जोखिम, फिर करें फायदे का सौदा

Mutual Fund में निवेश लंबी अवधि का होता है। ऐसे में निवेश पर महंगाई का असर साफ दिखता है। यही वजह होती है कि Fund Manager अपने फंड्स के रिटर्न को ऐसे स्तर तक बनाए रखने की कोशिश करते हैं जिससे महंगाई के बाद भी अच्छा मुनाफा हो।

नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। शेयर बाजार से बिना जोखिम पैसा कमाने की इच्छा रखने वाले निवेशकों को म्यूचुअल फंड्स में निवेश की सलाह दी जाती है। हालांकि आपको पता होना चाहिए कि कोई भी निवेश यहां तक की Fixed Deposit को भी 100 प्रतिशत जोखिम मुक्त नहीं माना जाता है। अगर आप कहीं पैसे लगा रहे हैं तो मानकर चलिए कि उसमें कम या ज्यादा जोखिम होता ही है। हालांकि इसी जोखिम के आधार पर रिटर्न भी तय होता है, यानि जितना ज्यादा जोखिम उतने ज्यादा रिटर्न की संभावना।

Stock Market Investment: What is Demat Account and Trading Account

Mutual Fund में निवेश इसलिए किया जाता है जिससे आप जोखिम कम कर सकें और बेहतर रिटर्न पा सकें। हालांकि Mutual Funds के भी स्कीम के आधार पर जोखिम कम या ज्यादा हो सकते हैं। अगर आप इन जोखिम को समझते हैं तो स्कीम का बेहतर तरीके से चुनाव कर सकते हैं। जोखिम का सीधा संबंध रिटर्न से होता है, ऐसे में आप अपने जोखिम लेने की क्षमता को समझ कर इसी के आधार पर अच्छे रिटर्न पाने की कोशिश कर सकते हैं।

Stock Market Investment: How Much Money needed for investment

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एमएफ में भी हैं जोखिम तो निवेश क्यों?

ऐसे में पहला सवाल उठता है कि अगर Mutual Funds के भी जोखिम हैं तो इसमें निवेश क्यों किया जाए। दरअसल Mutual Funds बड़े फंड की ताकत और Fund Manager के अनुभव के आधार पर सीधे निवेश के मुकाबले आपके जोखिम को कम करता है और बेहतर रिटर्न के मौके बनाता है। इसमें निवेश के अपने जोखिम होते हैं, लेकिन वो आपके द्वारा किसी एसेट में सीधे किए गए निवेश के मुकाबले काफी कम होते हैं।

यानी अनिश्चितता की स्थिति में म्यूचुअल फंड अगर जोखिम खत्म नहीं करता तो उन्हें काफी कम कर देता है। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि आप अपनी स्कीम के जोखिमों को समझें और उसी आधार पर निवेश को लेकर गंभीर बनें। आइए देखें, स्कीम पर किन बातों का असर पड़ सकता है।

शेयर बाजार के जोखिम

Mutual Funds में सबसे ज्यादा रिटर्न इक्विटी से जुड़ी स्कीम में मिलता है, इसलिए एमएफ के लिए सबसे बड़ा रिस्क खुद शेयर बाजार ही है। हालांकि जोखिम इस बात से तय होता है कि आपने किस तरह के शेयरों का चुनाव किया है। अगर आप लार्जकैप या ब्लूचिप फंड्स में पैसा लगा रहें हैं तो आपके लिए जोखिम कम होगा। हालांकि स्मॉलकैप फंड्स में पैसा लगाने पर बढ़त में रिटर्न ज्यादा मिलेगा लेकिन गिरावट में नुकसान की संभावना भी ज्यादा होगी।

अक्सर देखने को मिलता है कि बाजार में गिरावट के साथ ही लोग बिना सोचे समझे स्कीम से पैसा निकालते हैं। ऐसी स्थिति में पहले आपको बाजार में गिरावट की वजह और अपनी स्कीम के जोखिम का स्तर देखना होगा। अगर जोखिम कम है और स्टॉक मजबूत हैं तो निवेश निकाल लेना आपके लिए नुकसान का सौदा बन सकता है। ऐसे में बेहतर होगा कि किसी विशेषज्ञ की मदद लें और अपने स्कीम के बारे में समझें। 5paisa आपको सभी स्कीम के जोखिम के स्तर और रिटर्न के अनुमानों की सटीक जानकारी देता है जिससे आप अपनी स्कीम के गिरावट और तेजी दोनों ही स्थिति में प्रदर्शन का अनुमान लगा सकते हो। इससे आप ज्यादा बेहतर फैसला ले सकते हैं।

महंगाई दर का जोखिम

Mutual Fund में निवेश लंबी अवधि का होता है, ऐसे में निवेश पर महंगाई का असर साफ दिखता है। यही वजह होती है कि Fund Manager अपने फंड्स के रिटर्न को ऐसे स्तर तक बनाए रखने की कोशिश करते हैं जिससे महंगाई के असर के बाद भी मुनाफा बेहतर हो।

अगर स्कीम पहले से काफी ऊंचे रिटर्न दे रही हो तो महंगाई का असर खास नहीं पड़ता, क्योंकि आपके रिटर्न ऊंचे हैं। हालांकि अगर रिटर्न काफी कम हैं तो महंगाई की वजह से उनका वास्तविक मूल्य कम हो जाता है। यही वजह है कि एक्सपर्ट अलग अलग जोखिम और रिटर्न के आधार पर अलग अलग स्कीम में निवेश की सलाह देते हैं जिसमें आपका औसत रिटर्न ऊंचा ही बना रहे और आप महंगाई के असर से बच जाएं।

आप इसके लिए 5paisa जैसे एप की मदद ले सकते हैं। जहां म्यूचुअल फंड्स में निवेश पर कोई कमीशन नहीं लिया जाता है। वहीं आपको जोखिम उठाने के आधार पर सबसे बेहतर रिटर्न देने वाली स्कीम की जानकारी दी जाती है जिससे आपके रिटर्न हर स्थिति में ऊंचे ही बने रहें।

ब्याज दरों का असर

डेट म्यूचुअल फंड्स के लिए ब्याज दरों में बदलाव भी एक बड़ा जोखिम है। डेट फंड तब बेहतर प्रदर्शन करते हैं जब ब्याज दरें गिरती हैं। हालांकि दरों में बढ़त के साथ रिटर्न पर दबाव देखने को मिलता है। दरअसल, जब ब्याज दरें बढ़ती हैं तो निचली दरों पर जारी हुए बॉन्ड्स की वैल्यू घट जाती है, क्योंकि बॉन्ड में निवेश करने को उत्सुक निवेशक ऊंचे कूपन रेट को प्राथमिकता देता है।

ऐसे में डेट फंड्स से स्थिर रिटर्न पाने के लिए आपको स्कीम के चुनाव के लिए दरों में बढ़ोतरी या कटौती के साथ कई अन्य बातों को भी देखना होता है। डेट फंड्स में भी कई कैटगरी होती है जिसमें अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन फंड, मनी मार्केट फंड्स, लो ड्यूरेशन फंड्स, लिक्विड फंड्स ओवरनाइट फंड्स शामिल हैं और इन सब पर ब्याज दरों में बढ़त का असर अलग अलग होता है। 5paisa के साथ आप किसी भी स्थिति में अपने लिए सबसे बेहतर फंड्स का चुनाव कर सकते हैं और बढ़ते ब्याज दरों के बीच अपने निवेश पर जोखिम को कम कर सकते हैं।

अगर आप भी बाजार में निवेश करना चाहते हैं, तो 5paisa एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां इन्वेस्टिंग न तो सिर्फ ईजी पर रिवॉर्डिंग भी है। DJ2100 - Coupon Code के साथ बनाइए अपना Demat Account 5paisa.com पर और पाएं ऑफर्स का लाभ।

म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें?

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म्यूचुअल फंड्स में भी संभलकर करें निवेश; पहले समझें ये जोखिम, फिर करें फायदे का सौदा

Mutual Fund में निवेश लंबी अवधि का होता है। ऐसे में निवेश पर महंगाई का असर साफ दिखता है। यही वजह होती है कि Fund Manager अपने फंड्स के रिटर्न को ऐसे स्तर तक बनाए रखने की कोशिश करते हैं जिससे महंगाई के बाद भी अच्छा मुनाफा हो।

नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। शेयर बाजार से बिना जोखिम पैसा कमाने की इच्छा रखने वाले निवेशकों को म्यूचुअल फंड्स में निवेश की सलाह दी जाती है। हालांकि आपको पता होना चाहिए कि कोई भी निवेश यहां तक की Fixed Deposit को भी 100 प्रतिशत जोखिम मुक्त नहीं माना जाता है। अगर आप कहीं पैसे लगा रहे हैं तो मानकर चलिए कि उसमें कम या ज्यादा जोखिम होता ही है। हालांकि इसी जोखिम के आधार पर रिटर्न भी तय होता है, यानि जितना ज्यादा जोखिम उतने ज्यादा रिटर्न की संभावना।

Stock Market Investment: What is Demat Account and Trading Account

Mutual Fund में निवेश इसलिए किया जाता है जिससे आप जोखिम कम कर सकें और बेहतर रिटर्न पा सकें। हालांकि Mutual Funds के भी स्कीम के आधार पर जोखिम कम या ज्यादा हो सकते हैं। अगर आप इन जोखिम को समझते हैं तो स्कीम का बेहतर तरीके से चुनाव कर सकते हैं। जोखिम का सीधा संबंध रिटर्न से होता है, ऐसे में आप अपने जोखिम लेने की क्षमता को समझ कर इसी के आधार पर अच्छे रिटर्न पाने की कोशिश कर सकते हैं।

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एमएफ में भी हैं जोखिम तो निवेश क्यों?

ऐसे में पहला सवाल उठता है कि अगर Mutual Funds के भी जोखिम हैं तो इसमें निवेश क्यों किया जाए। दरअसल Mutual Funds बड़े फंड की ताकत और Fund Manager के अनुभव के आधार पर सीधे निवेश के मुकाबले आपके जोखिम को कम करता है और बेहतर रिटर्न के मौके बनाता है। इसमें निवेश के अपने जोखिम होते हैं, लेकिन वो आपके द्वारा किसी एसेट में सीधे किए गए निवेश के मुकाबले काफी कम होते हैं।

यानी अनिश्चितता की स्थिति में म्यूचुअल फंड अगर जोखिम खत्म नहीं करता तो उन्हें काफी कम कर देता है। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि आप अपनी स्कीम के जोखिमों को समझें और उसी आधार पर निवेश को लेकर गंभीर बनें। आइए देखें, स्कीम पर किन बातों का असर पड़ सकता है।

शेयर बाजार के जोखिम

Mutual Funds में सबसे ज्यादा रिटर्न इक्विटी से जुड़ी स्कीम में मिलता है, इसलिए एमएफ के लिए सबसे बड़ा रिस्क खुद शेयर बाजार ही है। हालांकि जोखिम इस बात से तय होता है कि आपने किस तरह के शेयरों का चुनाव किया है। अगर आप लार्जकैप या ब्लूचिप फंड्स में पैसा लगा रहें हैं तो आपके लिए जोखिम कम होगा। हालांकि स्मॉलकैप फंड्स में पैसा लगाने पर बढ़त में रिटर्न ज्यादा मिलेगा लेकिन गिरावट में नुकसान की संभावना भी ज्यादा होगी।

अक्सर देखने को मिलता है कि बाजार में गिरावट के साथ ही लोग बिना सोचे समझे स्कीम से पैसा निकालते हैं। ऐसी स्थिति में पहले आपको बाजार में गिरावट की वजह और अपनी स्कीम के जोखिम का स्तर देखना होगा। अगर जोखिम कम है और स्टॉक मजबूत हैं तो निवेश निकाल लेना आपके लिए नुकसान का सौदा बन सकता है। ऐसे में बेहतर होगा कि किसी विशेषज्ञ की मदद लें और अपने म्यूच्यूअल फंड्स निवेश में क्या जोखिम शामिल हैं? स्कीम के बारे में समझें। 5paisa आपको सभी स्कीम के जोखिम के स्तर और रिटर्न के अनुमानों की सटीक जानकारी देता है जिससे आप अपनी स्कीम के गिरावट और तेजी दोनों ही स्थिति में प्रदर्शन का अनुमान लगा सकते हो। इससे आप ज्यादा बेहतर फैसला ले सकते हैं।

महंगाई दर का जोखिम

Mutual Fund में निवेश लंबी अवधि का होता है, ऐसे में निवेश पर महंगाई का असर साफ दिखता है। यही वजह होती है कि Fund Manager अपने फंड्स के रिटर्न को ऐसे स्तर तक बनाए रखने की कोशिश करते हैं जिससे महंगाई के असर के बाद भी मुनाफा बेहतर हो।

अगर स्कीम पहले से काफी ऊंचे रिटर्न दे रही हो तो महंगाई का असर खास नहीं पड़ता, क्योंकि आपके रिटर्न ऊंचे हैं। हालांकि अगर रिटर्न काफी कम हैं तो महंगाई की वजह से उनका वास्तविक मूल्य कम हो जाता है। यही वजह है कि एक्सपर्ट अलग अलग जोखिम और रिटर्न के आधार पर अलग अलग स्कीम में निवेश की सलाह देते हैं जिसमें आपका औसत रिटर्न ऊंचा ही बना रहे और आप महंगाई के असर से बच जाएं।

आप इसके लिए 5paisa जैसे एप की मदद ले सकते हैं। जहां म्यूचुअल फंड्स में निवेश पर कोई कमीशन नहीं लिया जाता है। वहीं आपको जोखिम उठाने के आधार पर सबसे बेहतर रिटर्न देने वाली स्कीम की जानकारी दी जाती है जिससे आपके रिटर्न हर स्थिति में ऊंचे ही बने रहें।

ब्याज दरों का असर

डेट म्यूचुअल फंड्स के लिए ब्याज दरों में बदलाव भी एक बड़ा जोखिम है। डेट फंड तब बेहतर प्रदर्शन करते हैं जब ब्याज दरें गिरती हैं। हालांकि दरों में बढ़त के साथ रिटर्न पर दबाव देखने को मिलता है। दरअसल, जब ब्याज दरें बढ़ती हैं तो निचली दरों पर जारी हुए बॉन्ड्स की वैल्यू घट जाती है, क्योंकि बॉन्ड में निवेश करने को उत्सुक निवेशक ऊंचे कूपन रेट को प्राथमिकता देता है।

ऐसे में डेट फंड्स से स्थिर रिटर्न पाने के लिए आपको स्कीम के चुनाव के लिए दरों में बढ़ोतरी या कटौती के साथ कई अन्य बातों को भी देखना होता है। डेट फंड्स म्यूच्यूअल फंड्स निवेश में क्या जोखिम शामिल हैं? में भी कई कैटगरी होती है जिसमें अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन फंड, मनी मार्केट फंड्स, लो ड्यूरेशन फंड्स, लिक्विड फंड्स ओवरनाइट फंड्स शामिल हैं और इन सब पर ब्याज दरों में बढ़त का असर अलग अलग होता है। 5paisa के साथ आप किसी भी स्थिति में अपने लिए सबसे बेहतर फंड्स का चुनाव कर सकते हैं और बढ़ते ब्याज दरों के बीच अपने निवेश पर जोखिम को कम कर सकते हैं।

अगर आप भी बाजार में निवेश करना चाहते हैं, तो 5paisa एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां इन्वेस्टिंग न तो सिर्फ ईजी पर रिवॉर्डिंग भी है। DJ2100 - Coupon Code के साथ बनाइए अपना Demat Account 5paisa.com पर और पाएं ऑफर्स का लाभ।

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