एलआईसी आईपीओ में पॉलिसीहोल्‍डर्स और रिटेल इनवेस्‍टर्स को शेयर डिस्‍काउंट पर मिलेंगे. पॉलिसीधारकों को शेयर 60 रुपये छूट पर मिलेगा और खुदरा निवेशको को प्रति शेयर 45 रुपये डिस्‍काउंट मिलेगा. इसका मतलब है कि अगर 25 रुपये डिस्काउंट पर एलआईसी के शेयर लिस्ट होते हैं तो भी पॉलिसीहोल्‍डर्स और रिटेल निवेशकों को नुकसान नहीं होगा. पॉलिसीहोल्डर्स को नुकसान तभी होगा जब एलआईसी के शेयर 889 रुपये से कम भाव पर लिस्ट होंगे. इसी तरह रिटेल इनवेस्टर्स को नुकसान तभी होगा, जब शेयर की लिस्टिंग 904 रुपये से कम भाव पर होगी.

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आर्बिट्रेज, फर्स्ट-मूवर एडवांटेज, इंस्टीट्यूशनल ट्रेडिंग कैसे सीखें आरएसआई डाइवर्जेंस क्या है? | Arbitrage, First-Mover Advantage, RSI divergence kya hai

अगर आप स्टॉक मार्किट में निवेश करने की रूचि रखते हो तो आपको इसे समझना होगा और इससे जुड़े बहुत सारी शब्दावली एवं इंडीकेटर्स भी है जिसे जानना जरुरी है। आज इस लेख के जरिये हम आर्बिट्राज, फर्स्ट मूवर एडवांटेज और आरएसआई डाइवर्जेंस के बारे मे जानकारी लेंगे।

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Arbitrage kya hai aur kaise kaam karta hai?

आर्बिट्रेज एक फ्रेंच शब्द है जिसका 1704 में सबसे पहले Mathieu de la Porte ने अपने ट्रिएटाइज La science des négociants et teneurs de livres में उपयोग किया था जिसमे अलग अलग एक्सचेंज पर एक ही वस्तु या एसेट के अलग अलग भाव से कैसे फायदा लिया जाए वह बताया गया है।

इकोनॉमी और फाइनेंस की दुनिया में आर्बिट्रेज (Arbitrage) विभिन्न प्लेटफॉर्म, एक्सचेंजों या स्थानों पर संपत्ति की एक साथ खरीद और बिक्री करके लाभ प्राप्त करने की एक स्ट्रेटजी है। जो लोग आर्बिट्रेज के जरिए ट्रेडिंग करते हैं उसको आर्बिट्रेजर कहते है।

इसमें इन्वेस्टर विभिन्न एक्सचेंजों पर एक ही एसेट जैसे कि बॉन्ड्स, कमोडिटीज, करेंसी आदि खासकर स्टॉक की कीमतों में मामूली अंतर का लाभ उठाते हैं। उदाहरण के तौर पर NSE पर किसी एक शेयर इंस्टीट्यूशनल ट्रेडिंग कैसे सीखें का मूल्य 250 है और BSE पर वही शेयर का मूल्य 251 है तो इन्वेस्टर इसी एक रुपए के डिफरेंस पर कमाई करने का लाभ उठाते है।

First-Mover Advantage (FMA) kya hai?

फर्स्ट-मूवर एडवांटेज (FMA) एक कंपनी द्वारा प्राप्त किया गया एक एडवांटेज है जो सबसे पहले किसी उत्पाद या सर्विस को मार्केट में पेश करती है। एफएमए में से कंपनी को शुरुआती बाजार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हासिल करने इंस्टीट्यूशनल ट्रेडिंग कैसे सीखें में मदद मिलती है।

इसके कुछ फायदे हैं जैसे कि FMA से कंपनी की स्ट्रॉन्ग ब्रांड वैल्यू बनती है और कस्टमर्स पर अच्छा प्रभाव पड़ता है एवं विश्वास दिलाती है।

इससे कंपनी अपने रिसोर्सेज को कंट्रोल कर सकते हैं जैसे कि स्ट्रेटेजिक लोकेशन, सप्लायर्स से प्रीमियम कॉन्ट्रैक्ट मिलना, टैलेंटेड एंप्लॉयज को हायर करना आदि।

अगर फर्स्ट मूवर्स का ब्रांड अच्छे से बन गया तो उसे बायर स्विच कॉस्ट भी अच्छी मिलती है।

इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं जैसे कि कस्टमर्स को नए प्रोडक्ट या सर्विस ट्राई करने के लिए प्रमोशन और रिसर्च के लिए बहुत ज्यादा इन्वेस्टमेंट भी लगता है जिसमे सेकंड मूवर्स को आसानी रहती है।

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फाइनेंशियल मार्केट के एक वरिष्‍ठ व्‍यक्ति ने कहा कि बैंक डिपॉजिट पर कम रिटर्न दे रहे हैं. बैंकों की स्थिति को देखते हुए ऐसा संभव है कि कुछ बचतकर्ता पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने के लिए जी-सेक में निवेश करें.

उन्‍होंने कहा कि हालांकि, पर्याप्‍त संख्‍या में एच‍एनआई (हाई नेटवर्थ इंडिव‍िजुअल्‍स) और कॉरपोरेट को आकर्षित करने के लिए सरकार और रेगुलेटरों को पहले डीमैट अकाउंट और एसजीएल सिक्‍योरिटी के बीच प्रतिभूतियों के बाधा रहित आवागमन को सुनिश्चित करना होगा. दूसरा, गवर्नमेंट सिक्‍योरिटीज के ट्रेडिंग से गेंस पर अधिक दर से टैक्‍स नहीं लगना चाहिए. इसके बजाय कैपिटल गेंस टैक्‍स लगना चाहिए.

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शेयर मार्केट को कौन रेगुलेट करता है Stock Market Regulator in Hindi

नमस्ते, दोस्तों आज के इस लेख में हमने आपको (Securities and Exchange Board इंस्टीट्यूशनल ट्रेडिंग कैसे सीखें of India- SEBI) के बारे में समझाया है की SEBI क्या है और यह stock market में क्या कार्य करता है. स्टॉक मार्किट में रेगुलेटर क्या होता है? स्टॉक मार्किट में रेगुलेटर क्यों जरुरी है? यदि आप इस लेख को पूरा पढ़ते है तो आपको अन्य किसी वेबसाइट या यूटूबे विडियो देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी..

दोस्तों यदि अप शेयर मार्किट के बारे में थोड़ा भी जानते है तो आपको पता होगा की कंपनी में इन्वेस्ट करने का ऐसा आप्शन है जहाँ महंगाई की कीमत से ज्यादा कंपनी return देने की छमता रखती है. अब सवाल ये उठता है की share market में इन्वेस्ट कैसे करे? लेकिन इसे भी ज्यादा जरुरी यह है की इक्विटी/कंपनी में इन्वेस्ट कौन-कौन से लोग करते है? यह सारा सिस्टम किस तरह से कार्य करता है?

भारत के मुख्य stock exchange कौन से है?

भारत के सबसे मुख्य स्टॉक एक्सचेंज है- (Bombay Stock Exchange) बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज – BSE, (National Stock Exchange) नेशनल स्टॉक एक्सचेंज- NSE इसके अलावा कई स्टॉक एक्सचेंज है जैसे- बैंगलोर स्टॉक एक्सचेंज, मद्रास स्टॉक एक्सचेंज, क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंज पर अब ना के बराबर लोग हिस्सा लेते हैं.

शेयर मार्किट में एक व्यक्ति से लेकर बहुत सी कंपनी भी इन्वेस्ट करती है जो भी मार्किट में share को बेचता/खरीदता है उसे market participants कहा जाता है. इनको कई केटेगरी में बाँट दिया है. उनमे से कुछ केटेगरी को सरल भाषा में समझाया गया है. stock market regulator in hindi

  1. DomesticRitailParticipants– भारत में रहने बाले जैसे की आप और हम.
  2. NRIऔरOCI– जो लोग दूसरे देश में रहते है.
  3. DomesticInstitutions– इसमें काफी बड़ी-बड़ी कंपनी आती है जैसे की LIC (Life Insurance Company of India)
  4. AssetManagementCompanies– इसमें SBI, DSP ब्लैक रॉक, फिडेलटी इन्वेस्टमेंट्स HDFC, AMC आदि घरेलु म्यूचुअल फंड कंपनी होती है.
  5. Foreign Institutional Investers- इसमें विदेश की कंपनिया और विदेश एसेट मैनेजमेंट कंपनिया, हेज फंड आदि.

Share market में रेगुलेटर क्या होता है?

भारत में शेयर मार्किट की सिक्योरिटीज के लिए SEBI (The Securities and Exchange Board of India) रेगुलेटर है.

जिसको हम सब सेबी के नाम से भी जानते है इसका मुख्य उद्देश्य छोटे-छोटे investers की सुरक्षा करना है. दूसरे शब्दों में कहा जाये तो, ऐसे कई बड़े इन्वेस्टर/कंपनी बाले होते है जो अधिक मुनाफे के चक्कर में कोई बड़ा खेल खेल जाते है ऐसे में नय इन्वेस्टर और छोटी कंपनी वालों को पैसे कमाने का अबसर ख़त्म ना हो जाये.

SEBI के क्या कार्य है/ मुख्य कर्तव्य –

  1. NSE और BSE दोनों एक्सचेंज अपना काम सही ढंग से करे.
  2. स्टॉक ब्रोकर्स नियम को मान कर काम करे.
  3. शेयर मार्किट में जो भी कंपनी हिस्सा ले वह गलत काम ना करे.
  4. कोई भी कंपनी अपने फायदे के लिए share market के उपयोग ना करे.
  5. छोटे इन्वेस्टर की सुरक्षा हो.
  6. जिनके पास अधिक धन है, वह बड़े-बड़े इन्वेस्टर अपने हिसाब से मार्किट में हेरा फेरी ना करे.
  7. पूरे share market में अच्छा विकास हो.
  8. शेयर मार्किट में (खुदरा व्यापारी, बैंक, निवेशक, संस्थागत निवेशक) आदि के लिए नियम और विनियमों को स्थापित करना.

इन सभी उदेश्यों को ध्यान में रखते हुए ये बहुत जरुरी है की सभी कंपनी को रेगुलेट करे. BSE ने सभी एंटिटी के लिए अनेक प्रकार के नियम कानून बनाये है जिनके दायरे में रहकर काम करना होता है. निचे दिए गय फोटो की जानकारी को ध्यान से पढ़े-

LIC IPO: ग्रे मार्केट से नहीं आ रहे शुभ संकेत, क्‍या एलआईसी आईपीओ डुबोएगा निवेशकों की लुटिया?

एलआईसी का आईपीओ 9 मई को बंद हुआ था.

  • News18Hindi
  • Last Updated : May 12, 2022, 19:51 IST

नई दिल्‍ली. बड़े धूम धड़ाके से लॉन्‍च हुए एलआईसी आईपीओ (LIC IPO) की लिस्टिंग 17 मई को होने इंस्टीट्यूशनल ट्रेडिंग कैसे सीखें की उम्‍मीद है. लेकिन, शेयर बाजार में जारी गिरावट और ग्रे मार्केट में एलआईसी शेयरों की कीमतों में आई भारी कमी से अब इसके लिस्टिंग गेन्‍स पर सवालिया निशान लग गया है. अगर ग्रे मार्केट में शेयर के प्राइस को संकेत इंस्टीट्यूशनल ट्रेडिंग कैसे सीखें माना जाए तो 17 मई को बीएसई और एनएसई में इसकी लिस्टिंग कमजोर रह सकती है.

मनीकंट्रोल डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को ग्रे मार्केट में एलआईसी के शेयर डिस्काउंट पर कारोबार कर रहे हैं. एलआईसी के शेयर पर 25 रुपये डिस्‍काउंट चल रहा है. 4 मई को एलआईसी के लॉन्‍च होने के बाद से ही ग्रे मार्केट में इस शेयर की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव हो रहा है. एक समय एलआईसी शेयर पर प्रीमियम 95 रुपये तक पहुंच गया था.

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