अकाउंट खुलवाने से पहले बहुत से लोगो का ये सवाल जरूर होता है की डीमैट अकाउंट खोलवाना फ्री है या चार्ज लगता है। में आपको बताना चाहता हु। सभी कंपनी आपको 300 से 700 तक चार्ज करते है।
Demat vs Trading Account में क्या अंतर होता है? दोनों के क्या इस्तेमाल हैं?
नई दिल्ली। शेयर बाजार में निवेश करने वालों ने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में बहुत सुनते हैं, पर अधिकांश लोगों को इन दोनों खातों के बीच का अंतर नहीं पता होता है। आइए आसान भाषा में जानते हैं डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच क्या-क्या अंतर होता है?
शेयर मार्केट में निवेश के लिए डीमैट अकाउंट दोनों का होना जरूरी
बता दें कि इक्विटी मार्केट में निवेश के लिए किसी भी व्यक्ति के पास डीमैट अकाउंट का होना सबसे पहली शर्त है। डीमैट अकाउंट के साथ एक और खाता अटैच होता डीमैट अकाउंट चार्जेज क्या है? है जिसे ट्रेडिंग अकाउंट कहते हैं। जरूरत के आधार पर दोनों निवेशक दोनों का अलग-अलग इस्तेमाल करते हैं। डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों अलग-अलग तरह के खाते होते हैं। डीमैट अकाउंट वह अकाउंट होता है जिसमें आप अपने असेट या इक्विटी शेयर रख सकते हैं। वहीं दूसरी ओर ट्रेडिंग अकाउंट वह खाता होता है जिसका इस्तेमाल करतेह हुए आप इक्विटी शेयरों में लेनदेन करते हैं।
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क्या होता है ट्रेडिंग अकाउंट?
इक्विटी शेयरों को खाते में सहेजकर रखने की बजाय अगर आप इनकी ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है। अगर आप शेयर बाजार में लिस्टेड किसी कंपनी के शेयरों की खरीद-बिक्री करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है।
डीमैट और ट्रेडिंग में अकाउंट क्या फर्क है?
जहां डीमैट अकाउंट आपके शेयर या को डिमैटिरियलाइज्ड तरीके से सुरक्षित रखने वाला खाता होता है, वहीं दूसरी ओर, ट्रेडिंग अकाउंट आपके बैंक खाते और डीमैट खाते के बीच की कड़ी होती है। डीमैट अकाउंट में शेयरों को सुरक्षित रखा जाता है। इसमें कोई लेन-देन नहीं किया जाता है। ट्रेडिंग अकाउंट शेयरों की खरीद-फरोख्त के लिए इस्तेमाल होता है। डीमैट अकाउंट चार्जेज क्या है? डीमैट अकाउंट पर निवेशकों को सालाना कुछ चार्ज देना होता है। पर ट्रेडिंग अकाउंट आमतौर पर फ्री होता है, हालांकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि सेवा प्रदाता कंपनी आपसे चार्ज वसूलेगी या नहीं।
Demat अकाउंट क्या है ? hindi me
Demat अकाउंट वो अकाउंट है जिसके द्वारा Share बाजार में खरीद फरोख्त की जाती हैं. सिक्योरिटीज को फिजिकल फार्मेट में बदलने की प्रक्रिया को ‘डीमेटिरियलाइजेशन’ कहते हैं। और इसी का शार्ट फॉर्म ‘डीमैट’ है। इसे खुलवाने के लिए पैन कार्ड होना जरुरी होता है, इसे आपके बैंक खाते से जोड़ दिया जाता है.
कुछ साल पहले तक अगर आप किसी कंपनी का शेयर ख़रीदते थे तो वह आप को उस के कागज़ भेजती थी. जो इस बात का सबूत होते थे कि आपने उस कंपनी के शेयर ख़रीदे हैं. और जब आप उस कपंनी के शेयर बेच देते थे तो वह कागज़ आप कंपनी के दफ्तर भेज डीमैट अकाउंट चार्जेज क्या है? देते थे. फिर कंपनी यह देखती थी कि जब आप ने शेयर बेचे तो शेयर का क्या भाव था.
फिर आप को वह पैसे देती थी-जिस में बहुत वक़्त लगता है. अब सब कंप्यूटर की मदद से होता है, आपने जैसे ही शेयर खरीदा वह आपके अकाउंट में कुछ देर में ही आ जायेगा और जैसे ही आप ने शेयर बेचा आपका पैसा आपके बैंक अकाउंट में भेज दिया जाएगा.
क्या एक से ज्यादा Demat account रख सकते हैं?
- आप एक साथ कई Demat account रख सकते हैं। लेकिन एक कंपनी में आप अधिकतम तीन अकाउंट खुलवा सकते हैं।
- भारत में दो संस्थायें डीमैटअकाउंट खोलती है
- नेशनल सेक्योरिटीज डिपोज्रिटी लिमिटेड (एनएसडीएल) एवं सेंट्रल डिपोज्रिटी सर्विसेज लिमिलटेड (सीएसडीएल)।
- इन डिपोज्रिटीज के करीब 500 से ज्यादा एजेंट हैं जिन्हें डिपोज्रिटी पार्टिसिपेंट्स (डीपी) कहा जाता है।
- यह जरूरी नहीं है कि डीपी कोई बैंक ही हो। दूसरी वित्तीय संस्थाएं जैसे शेयर खान, रिलायंस मनी, इंडिया इनफोलाईन आदि के पास भी डी-मैट अकाउंट खोला जा सकता है।
Demat अकाउंट का कौन इस्तेमाल कर सकता है ?
यह जानना जरूरी है कि जो व्यक्ति खुद शेयर खरीदते-बेचते नहीं हैं उनके ब्रोकर प्रतिनिधि के रूप में खाते का इस्तेमाल कर सकते हैं इन ब्रोकर्स को आप के शेयर ख़रीदने या बेचने पर कुछ फीस मिलती है – कई बार कुछ ब्रोकर इस मुनाफे के लिए आप से बिना पूछे आपका शेयर बेच देते है इसलिए आप अपना ब्रोकर चुनते वक्त सावधानी रखे और अगर आप और आप के ब्रोकर में किसी बात पर लड़ाई है तो आप इस की शिकायत सेबी में कर सकते हैं|
- डी-मैट खाता खुलवाने वाले व्यक्ति से डीपी कई तरह के फीस वसूलता है। यह फीस कंपनी दर कंपनी अलग हो सकती है।
- अकाउंट ओपनिंग फीस – खात खुलवाने के लिए वसूला जाने वाला फीस। कुछ कंपनियां जैसे ICICI , HDFC , UIT आदि यह फीस नहीं लेती है। जबकि कुछ SBI और कार्वी कंसलटेंट्स आदि इसे वसूलती हैं। वैसे कुछ कंपनियां इसे रिफंडेबल (खाता बंद कराने पर लौटा देती हैं) भी रखती हैं।
- एनुअल मेंटेनेंस फीस – सालाना फीस जिसे फोलियो मेंटेनेंस चार्ज भी कहते हैं। आमतौर पर कंपनी यह फीस साल के शुरुआत में ही ले लेती है।
- कसटोडियन फीस – कंपनी इसे हर महीने ले सकती है या फिर एक बारी में ही। यह फीस आपके शेयरों की संख्या पर निर्भर करता है।
- ट्रांजेक्शन फीस – डीपी चाहे तो इसे हर ट्रांजेक्शन पर चार्ज कर सकता है या फिर चाहे तो ट्रेडिंग की राशि पर (न्यूनतम फीस तय कर)।
- इनके अलावा कंपनी री-मैट, डी-मैट, प्लेज चार्जेज, फील्ड इंस्ट्रक्शन डीमैट अकाउंट चार्जेज क्या है? डीमैट अकाउंट चार्जेज क्या है? चार्जेज आदि भी वसूल सकती हैं
डीमैट अकाउंट कैसे खोले ?
दोस्तों क्या आप Demat Account खोलना चाहते है पर नही जानते कि Demat Account कैसे खोले, तो अंत तक बने रहिए। जिस तरह बैंक में एक चालू और बचत, खाते का संचालन होता है ठीक वैसे ही Demat Account ने Share Market में ट्रेडिंग और निवेश को बना दिया है.
जब कोई डीमैट खाता खोलता है तो निवेशको को कई विकल्प दिए जाते है और ये तय करना होगा आपको किस डीपी का चयन करना है. यहाँ एक बात की जानकारी जरुर होनी चाहिए कि जब भी आपके डीमैट अकाउंट में ट्रांजेक्शन होता है तो उसका डीमैट अकाउंट चार्जेज क्या है? चार्ज Pay करता पड़ता है इसके बारे में आपको नीचे विस्तार से बताया गया है. हर एक ब्रोकर का अपना अलग Charge होता है इसलिए पहले आप सभी ब्रोकर्स फर्म्स के Charges Plan के बारे में जानकारी हासिल करे तभी डीमैट अकाउंट ओपन करवाएं.
डीमैट अकाउंट कैसे खोले ?
डीमैट अकाउंट खोलने के लिए निवेशक को सेबी से पंजीकृत डिपोजटरी Particioent के साथ डीमैट अकाउंट खोलने की आवश्यकता है. डीमैट अकाउंट 3 दिन में खुल जायेगा और इसको खोलने के लिए आपको डिजिटल फॉर्म भरना होगा. जिसके बाद आपके कुछ जरुरी दस्तावेज लगेंगे जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड इत्यादि. आपको इन पर्सन वेरिफिकेशन करना होगा जिसे ब्रोकर करते है. डीमैट अकाउंट ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीको से खोला जा सकता है और नीचे आप ऑनलाइन डीमैट अकाउंट और ऑफलाइन डीमैट अकाउंट खोलने के बारे में जान पाएंगे.
अगर आप डीमैट अकाउंट खोलना चाहते है तो आपके पास नीचे डीमैट अकाउंट चार्जेज क्या है? बताये गये सभी जरुरी दस्तावेज होना जरुरी है. इनमे से एक भी नही होगा तो आपका अकाउंट Open नही होगा.
- पहचान प्रमाण पत्र
- आपका एड्रेस प्रूफ
- आय प्रमाण पत्र
- आपका पैन कार्ड
- बैंक का प्रमाण / कैंसल चैक
- 3 पासपोर्ट आकार वाली फोटो
डीमैट अकाउंट के शुरूआती और सालाना Charges कितने होते है
डीमैट अकाउंट खुलवाने के लिए अलग अलग शुल्क है ये 6 तरह के Charges होते है आइये जानते है इनके बारे में ..
डीमैट अकाउंट खुलवाने पर आपको जो शुल्क देना होगा उसे अकाउंट ओपनिंग चार्ज कहते है और ये वन टाइम Free होती है। यानी पहली बार अकाउंट खुलवाने पर आपको कोई पैसा नही देना होगा. जबकि कुछ बैंक अकाउंट क्लोजिंग चार्ज भी लेते है.
ब्रोकर चार्ज
आप अपने अकाउंट से जो भी डीमैट अकाउंट चार्जेज क्या है? शेयर खरीदते और बेचते हो उसपर ब्रोकर का चार्ज बनता है और सभी ब्रोकर के अलग अलग चार्ज होते है.
फंड ट्रांसफर चार्ज
पेमेंट, NEFT/RTGS/IMPS और चेक से ट्रांसफर किये फंड के लिए ब्रोकर कोई चार्ज नही लेते है.
सालना चार्ज
ब्रोकर डीमैट अकाउंट चार्जेज क्या है? डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट पर सालभर का मेंटेनेंस चार्ज लगाते है जोकि 150 रूपये से लेकर 900 रूपये तक होते है.
कैसे खुलवाएं Demat account? (How to open a Demat Account Online?)
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए यदि आप Demat account खुलवाना चाहते हैं तो नीचे दिये गए स्टेप्स को फॉलो करें.
1) Demat Account Opening Documents
डीमैट खाता खुलवाने के लिए सबसे पहले तो आपके पास कुछ जरूरी दस्तावेज़ होने चाहिए.
– बैंक अकाउंट
– पैन कार्ड
– पहचान पत्र
– निवास प्रमाण पत्र
– कई मामलों में ITR की आवश्यकता भी होती है.
– पासपोर्ट साइज फोटो
2) Demat Account Charges
डीमैट खाता खुलवाने एवं रखरखाव के लिए आपको कुछ फीस या चार्जेस भी देने पड़ सकते हैं. इसलिए पहले इनके बारे में जान लेना जरूरी है.
A) वार्षिक रखरखाव शुल्क : ये आपके खाते को मेंटेन करने के लिए ब्रोकरेज फर्म हर साल लेती है.
Demat Account के क्या फायदे हैं? (Benefits of Demat Account?)
Demat account होने से आपको कई तरह के फायदे होते हैं.
1) इसके होने से आपको शेयर को संभालने का या उसके खोने का कोई झंझट नहीं होता है. आपके Demat account में Electronic रूप में ये हमेशा के लिए सेव हो जाता है.
2) आपके शेयर आपके Demat account में रहते हैं तो आपके साथ धोखा होने के चांस भी कम हो जाते हैं. आप खुद अपने transaction पर पूरी नजर बनाए रखते हैं.
3) अगर आपके पास Demat account है तो आपको लोन भी आसानी से मिल जाता है.
4) Demat account आपके शेयर को खरीदने और बेचने में लगने वाले फिजूल के समय को भी बचाता है.
5) Demat account की मदद से आप ये आसानी से ट्रैक कर सकते हैं कि आपने कौन सा शेयर खरीदा था? आज उसका दाम क्या है? किसी ने आपके शेयर के साथ कोई छेड़छाड़ तो नहीं की है.
डीमैट अकाउंट क्या है?
Table of Contents
डीमैट अकाउंट शेयर मार्केट का शेयर खरीदने और बेचने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जैसे आप अपने बैंक अकाउंट में अपने पैसे रखते है उसी तरह शेयर मार्केट में पैसे इन्वेस्ट करके डीमैट अकाउंट में शेयर रखा जाता है।
आपको तो पता ही होगा की पुराने समय में जब भी आप कोई शेयर खरीदते थे तो कंपनी वाले आपको उससे जुड़े दस्तावेज भेजता था, जिससे ये साबित होता था, की अपने उस कंपनी का शेयर लिया है। वही जब आप कोई शेयर बेच देते थे तो सबसे पहले वो दस्तावेज कंपनी के दफ्तर में जाता था। उसके बाद कंपनी वाले आपके खरीदने के टाइम का भाव और बेचने के टाइम का भाव देख कर उसी के मुताबिक आपको प्रॉफिट देते थे। इस प्रक्रिया में कभी टाइम लग जाता था और ये बहुत जटिल भी होता था। इसलिए पहले लोग शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने से डरते थे।
डीमैट अकाउंट कैसे खोले?
अगर आप डीमैट अकाउंट खोलना चाहते है तो डीमैट अकाउंट खोलने के दो तरीके है ऑफलाइन और ऑनलाइन । यदि आप ऑफलाइन डीमैट अकाउंट खुलवाने जाते है तो आपको ज्यादा चार्ज देना पड़ जायेगा। बैंक भी आपका डीमैट अकाउंट खोलते है जो आपको ज्यादा चार्ज कर सकते है।
यदि आप ऑनलाइन Demat अकाउंट खुलवाना चाहते है तो आपको बहुत से एसे ऐप और वेबसाइट मिल जायेगी जिसपे आप जाकर खुद से अकाउंट खोल सकते है। ऐप और वेबसाइट जैसे- Grow, upstox, zerodha, Paytm money, motilal Oswal, sher khan, 5paisa, Bajaj brokrage, etc.
डीमैट अकाउंट खोलने के लिए कौन – कौन से दस्तावेज चाहिए
Demat account खुलवाने के लिए ये दस्तावेज जरूर रखे:-
- आधार कार्ड (Aadhar card)
- पैन कार्ड (PAN card)
- बैंक पासबुक (Bank passbook)
- कैंसिल चेक (cancelled cheque)
- 2 पासपोर्ट साइज फोटो (2 passport size photo)
डीमैट अकाउंट के फायदे:-
वैसे तो डीमैट अकाउंट के कई सारे फायदे है, पर चलिए जानते है कुछ प्रमुख फायदे:-
- इस अकाउंट को आप बिना ब्रोकर के ऑनलाइन भी खोल सकते है।
- पहले शेयर बचने पर आपको बहुत दिन बाद प्रॉफिट मिलता था। लेकिन जब से डीमैट अकाउंट आया तब से आप आसानी से शेयर बच सकते है। प्रॉफिट अमाउंट आपके अकाउंट में 24 घंटे में आया जायेगे।
- पहले आप सिर्फ समूह में ही शेयर बेच सकते थे। लेकिन अब आप 1 शेयर भी बेच और खरीद सकते है।
- लोगों को पहले काफी डर लगा रहता था की आपके बेचे हुए शेयर का काग़ज़ खो गाया तो आपको कोई प्रॉफिट नहीं मिलेगा। डीमैट अकाउंट डिजिटल माध्यम से होता है जो आपके बेचे और खरीदे हुए शेयर को सिक्योर रखता है।
- इस अकाउंट की मदत से आप आसानी से शेयर मार्केट इन्वेस्टमेंट कर सकते है अपको कही जाने की जरूरत नहीं पड़ेग।
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