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इन वेबसाइटों के जरिए भारत में अब भी ऑनलाइन उपलब्ध है तेजाब, डीसीडब्लू ने नोटिस भेजा

हाल ही में दिल्ली में हुए तेजाब हमले ने बहुत से लोगों को स्तब्ध और भयभीत कर दिया है। यह घटना एक वीडियो क्लिप के कारण वायरल हुई, जिसमें पश्चिमी दिल्ली के द्वारका इलाके की 12 वीं कक्षा की एक लड़की स्कूल जा रही थी, जब एक व्यक्ति ने कथित तौर पर सचिन अरोड़ा को तेजाब फेंक दिया, जिससे वह चिल्ला रही थी और वर्तमान में सफदरजंग अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है।

अरोड़ा जाहिर तौर पर उसके पड़ोस में रहता था और सितंबर में अपने दो दोस्तों हर्षित अग्रवाल (19) और वीरेंद्र सिंह (22) के साथ गिरने के कुछ समय बाद से हमले की योजना बना रहा था।

रिपोर्ट्स के मुताबिक हर्षित बाइक चला रहा था, वीरेंद्र शक दूर करने के लिए सचिन का फोन दूसरी जगह ले गया और सचिन ने हमले को अंजाम दिया। अब तक, तीनों को एक दिन के भीतर गिरफ्तार कर लिया गया था और जांच के दौरान यह रिपोर्ट सामने आई कि कैसे सचिन ने फ्लिपकार्ट पर तेजाब ऑनलाइन खरीदा।

इससे निर्दोष लोगों पर इस तरह के अमानवीय हमलों में इस्तेमाल होने वाले उत्पाद की आसानी से उपलब्धता पर एक बार फिर से प्रकाश आया है। और अब यह न केवल नुक्कड़ की दुकानों की आग की चपेट में है, बल्कि ये सभी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म भी हैं जो इस तरह की वस्तुओं को खरीदना और भी आसान बना रहे हैं।

डीसीडब्लू का अमेज़न, फ्लिपकार्ट को नोटिस

इस सूचना के आलोक में कि तेजाब ऑनलाइन खरीदा गया था, दिल्ली महिला आयोग ने अमेज़न और वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट दोनों को नोटिस भेजकर पूछताछ की है कि उनकी साइटों पर इस तरह के खतरनाक सामान इतनी आसानी से कैसे उपलब्ध हैं।

नोटिस में लिखा है कि “आयोग को पता चला है कि आरोपी व्यक्ति ने ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल ‘फ्लिपकार्ट’ के जरिए तेजाब खरीदा था। आयोग को यह भी पता चला है कि ‘अमेज़न’ और ‘फ्लिपकार्ट’ जैसे प्रमुख ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म पर एसिड आसानी से उपलब्ध है जो कि अवैध है।

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अपने नोटिस में डीसीडब्लू ने कहा कि “कृपया ई-शॉपिंग प्लेटफॉर्म पर एसिड की उपलब्धता का कारण बताएं। कृपया उन विक्रेताओं का पूरा विवरण प्रदान करें जिन्होंने एसिड को आपके प्लेटफॉर्म पर ‘उत्पाद’ के रूप में रखा है।’

नोटिस में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से कुल 9 प्रश्न और सूचना के बिंदु पूछे गए, वे हैं:

  1. कृपया ई-शॉपिंग प्लेटफॉर्म पर एसिड की उपलब्धता का कारण बताएं।
  2. कृपया उन विक्रेताओं का पूरा विवरण प्रदान करें जिन्होंने आपके प्लेटफॉर्म पर ‘एसिड’ को एक उत्पाद के रूप में रखा है।
  3. क्या एसिड उत्पाद को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर पोस्ट करने से पहले विक्रेता के लाइसेंस की जांच की गई थी? यदि नहीं, तो कृपया इसके कारण बताएं।
  4. क्या ऑनलाइन तेजाब खरीदने वालों के फोटो आईडी मांगे गए थे? यदि हां, तो कृपया खरीददारों की फोटो पहचान-पत्र सहित उनकी पूरी सूची उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो कृपया इसके कारण बताएं।
  5. कृपया एसिड ऑनलाइन बेचने के लिए प्लेटफॉर्म द्वारा प्राप्त लाइसेंस की एक प्रति प्रदान करें।
  6. कृपया सरकारी विनियमित उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के संबंध में मंच द्वारा ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म क्या है? अपनाई गई नीति की एक प्रति प्रदान करें। यदि कोई नीति नहीं है, तो कृपया उसका कारण बताएं।
  7. कृपया ऑनलाइन पोर्टल से एसिड सहित प्रतिबंधित वस्तुओं को हटाने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दें।
  8. कृपया पोर्टल पर तेजाब की बिक्री की अनुमति देने के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के विवरण सहित उनके विरुद्ध की गई कार्रवाई का विवरण उपलब्ध कराएं।
  9. मामले में विस्तृत कार्रवाई की रिपोर्ट।

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Originally written in English by: Chirali Sharma

Translated in Hindi by: @DamaniPragya

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डिजिटल खरीदारी की धूम, देश में 35 करोड़ लोग करते हैं ऑनलाइन पेमेंट

देश में बढ़ते इंटरनेट यूजर्स के साथ, डिजिटल पेमेंट का ट्रेंड भी तेजी से बढ़ ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म क्या है? रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक अगले 8 सालों में ये आंकड़ा दोगुना हो जाएगा.

शॉपिंग करनी हो तो ऑनलाइन, कहीं घूमने जाना हो तो टिकट और होटल की बुकिंग भी ऑनलाइन, अब तो सब्जी भी मंगवानी हो, तो फोन से पेमेंट की और सामान सीधे घर पर. डिजिटल पेमेंट हमें कितना पसंद है, ये तो हमारी आदतों से जाहिर हो ही रहा है. और ये कहानी सिर्फ कुछ बड़े शहरों में रहने वाले लोगों की नहीं है, बल्कि देश में 35 करोड़ लोग डिजिटल ट्रांजैक्शन का रास्ता अपना चुके हैं.

डिजिटल ट्रांजैक्शन का ये आंकड़ा ई-कॉमर्स, शॉपिंग, ट्रैवल, हॉस्पिटैलिटी और OTT प्लेटफॉर्म पर लोगों की खरीदारी से लिया गया है. रेडसीर स्ट्रैटेजी कंसलटेंट (Redseer Strategy Consultants) की रिपोर्ट के मुताबिक, फट से ऑनाइन पेमेंट करने की ये रफ्तार आने वाले साल में और तेज होने वाली है. अनुमान है कि 2030 तक, डिजिटल ट्रांजैक्शन करने वाले लोगों की संख्या दोगुनी हो जाएगी. यानी अगले 8 साल में 70 करोड़ लोग डिजिटल खरीदारी कर रहे होंगे.

क्या है बढ़ती डिजिटल खरीदारी की वजह?

डिजिटल इंडिया की तेजी और UPI पेमेंट की आसानी की वजह से, लोग ऑनलाइन पेमेंट करने से अब कतराते नहीं है. यही वजह है कि डिजिटल ट्रांजैक्शन हर दिन बढ़ती जा रही है. UPI पेमेंट की बात करें, तो इस साल नवंबर तक UPI के जरिए 6.6 हजार करोड़ से ज्यादा ट्रांजैक्शन हुई हैं.

इंटरनेट यूजर की तेज रफ्तार

बजट स्मार्टफोन की लंबी लिस्ट और सस्ते डेटा पैक के कॉम्बिनेशन की वजह से भी डिजिटल पेमेंट के साथ, इंटरनेट यूजर तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसा नहीं है कि ये ट्रेंड टीयर 1 शहरों में ही देखा जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, डिजिटल कंज्यूमर का ज्यादातर हिस्सा टीयर 2 और टीयर 3 शहरों में रहता है. इंटरनेट यूजर की बढ़ती तादाद के साथ डिजिटल कॉन्टेंट खपत भी तेजी से रफ्तार पकड़ रहा है.

देश में एक आम आदमी, दिन में करीब 7.3 घंटे अपने फोन पर बिताता है और इन घंटो में मैसेजिंग और सोशल मीडिया के बाद, ज्यादातर समय YouTube स्ट्रीम करने, OTT कॉन्टेंट या शॉर्ट फॉर्म वीडियो देखने में ही जाता है. इससे ये तो साफ है कि आने वाले समय में डिजिटल कॉन्टेंट प्लैटफॉर्म और प्लेयर्स, दोनों के लिए ऑडियंस का पूल बढ़ने वाला है.

गेमिंग में आगे डिजिटल इंडिया

इस रिपोर्ट में एक मजेदार बात सामने आई है कि भारत में पेड ऑनलाइन गेमर्स की भी कोई कमी नहीं है. 2022 तक देश में 11 करोड़ ऐसे लोग हैं जो पेड ऑनलाइन गेमिंग में हिस्सा ले रहे हैं. यही नहीं, पेड गेमिंग में करीब 20 लाख यूजर हर महीने जुड़ते हैं.

2022 तक, गेमर्स की इस कम्यूनिटी में 45 करोड़ लोग शामिल थे और 2026 तक पैसे देकर गेमिंग करने वाले लोगों की संख्या 33% बढ़ जाएगी. अगर गेम्स की बात करें, तो रमी और पोकर जैसे गेम खेलने के लिए खूब डिजिटल पेमेंट कर रहे हैं. इसके अलावा, इन-ऐप खरीदारी करके भी लोग पेड गेमिंग का मजा ले रहे हैं.

Apple iphone पर पूरे 22,000 रुपये का डिस्काउंट, जानें क्या है कीमत और EMI ऑप्शन

Apple इन दिनों अपने कई स्मार्टफोन पर डिस्काउंट की पेशकश कर रहा है। दरअसल ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Flipkart पर एप्पल के प्रोडक्ट पर भारी डिस्काउंट के साथ-साथ बैंक ऑफर, एक्सचेंज ऑफर और यहां तक की EMI ऑप्शन भी उपलब्ध है।

APPLE iPhone 12 Mini 5G Price और ऑफर्स

फ्लिपकार्ट पर APPLE iPhone 12 Mini 5G स्मार्टफोन की एमआरपी 59,900 रुपये देखी जा सकती है। जिस पर फिलहाल 36 प्रतिशत का ऑफ यानी की 21,901 रुपये का डिस्काउंट मिल रहा है। इस ऑफर के बाद आप स्मार्टफोन को केवल 37,999 रुपये में खरीद पाएंगे। जबकि बैंक ऑफर की बात करें तो फ्लिपकार्ट एक्सिस बैंक क्रेडिट कार्ड की मदद से आपको 5 प्रतिशत का कैशबैक मिल जाएगा। इसके साथ ही EMI ट्रांजैक्शन करने पर भी आपको हजार रुपए का ऑफ मिलेगा। वहीं, नो कॉस्ट ईएमआई ऑप्शन की बात करें तो स्मार्टफोन को तीन से छह महीनों की आसान किस्तों पर खरीदा जा सकता है। जहां आपकी 1 महीने के लिए केवल 6,334 रुपये की ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म क्या है? किस्त बनेगी। इसके अलावा अगर आप अपने पुराने डिवाइस को सेल कर नया आईफोन खरीदना चाहते हैं तो कंपनी आपको पूरे 17,500 रुपये तक का एक्सचेंज बोनस भी दे रही है।

APPLE iPhone 12 Mini 5G Specifications

फीचर्स और स्पेसिफिकेशन की बात करें तो APPLE iPhone 12 Mini फोन में 5.4 इंच का सुपर रेटिना एचडआर डिस्प्ले दिया गया है। जिसमें यूजर्स को 2340 x 1080 का पिक्सेल रिजॉल्यूशन मिल जाता है। प्रोसेसर की बात करें तो कंपनी ने इसमें A14 Bionic प्रोसेसर लगाया है। वहीं, स्टोरेज के मामले में डिवाइस 64GB स्टोरेज के साथ आता है। कैमरा फीचर्स की बात करें तो स्मार्टफोन में डुअल रियर कैमरा सेटअप दिया गया है। जिसमें 12 मेगापिक्सल का प्राइमरी कैमरा लेंस और एक और 12 मेगापिक्सल का कैमरा लेंस उपयोग हुआ है। जबकि सेल्फी और वीडियो कॉलिंग के लिए भी 12 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा लेंस मौजूद है। इसके अलावा फोन खास IP68 वॉटर रेजिस्टेंस रेटिंग के साथ आता है।

गली के दुकानदार कहीं भी बेच पाएंगे सामान, सरकार ला रही अपना E-commerce प्लेटफॉर्म

सरकार द्वारा तैयार किया जा रहा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म लाभ कमाने के लिए नहीं होगा। वह नॉट-फॉर-प्रॉफिट सिस्टम पर काम करेगा, जो डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क या ओएनडीसी के नाम से जाना जाता है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: April 28, 2022 13:46 IST

Government E-commerce - India TV Hindi

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Highlights

  • छोटे व्यापारियों और खुदरा विक्रेताओं को बड़ा बाजार उपब्लध करना सरकार का उद्देश्य
  • अमेजन-फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों की मनमानी खत्म होगी और सभी को समान अवसर मिलेगा
  • सरकारी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अगले महीने पांच शहरों में पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर शुरू होगा

नई दिल्ली। छोटे दुनादरों को बड़ा बजार मुहैया कराने और देश की बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी Amazon-Flipkart की मनमानी खत्म करने के लिए केंद्र सरकार अपना ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म (ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स) लॉन्च करने जा रही है। इस प्लेटफॉर्म को बनाने में सरकार की मदद कर रहे हैं ​तकनीकी दुनिया के दिग्गज और आईटी कंपनी इंफोसिस के को-फाउंडर नंदन नीलेकणि जिन्होंने भारत के लगभग 140 करोड़ लोगों के लिए बायोमेट्रिक पहचान आधार उपलब्ध कराई है।

साबुन से लेकर हवाई टिकट खरीद पाएंगे

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सरकार द्वारा तैयार किए जा रहे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म का उद्देश्य छोटे दुकानदारों के अधिकारों की रक्षा करना है। मौजूदा दौर में अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियां खुदरा कारोबार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए अरबों रुपये निवेश कर रही हैं। इससे छोटे दुकानदारों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस बदलते हालत को देखते हुए सरकार यह मु्फ्त का ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म लेकर आ रही है। इसमें साबुन से लेकर हवाई टिकट की बुकिंग उपभोक्ता कर पाएंगे। वहीं, इससे जुड़ने वाले सेलर को कोई शुल्क नहीं देना होगा। इससे उनको अपने कारोबार को बिना किसी खर्च से बढ़ाने में मदद​ मिलेगी।

लाभ के मॉडल पर काम नहीं करेगा प्लेटफॉर्म

सरकार द्वारा तैयार किया जा रहा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म लाभ कमाने के लिए नहीं होगा। वह नॉट-फॉर-प्रॉफिट सिस्टम पर काम करेगा, जो डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क या ओएनडीसी के नाम से जाना जाता है। इसका उद्देश्य छोटे व्यापारियों और खुदरा विक्रेताओं को बड़ा बाजार उपब्लध करना होगा। सरकार सभी के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बनाएगी, जिसे अमेजेन जैसी कंपनियों की पकड़ कम करने में मदद मिलेगी। अमेजन-फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियां आज यह तय करती है कि किन ब्रांडों को प्रमुख उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाया और किन्हे नहीं।

अगले महीने पांच शहरों में शुरू करने की तैयारी

सरकार द्वारा संचालित ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अगले महीने पांच शहरों में पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर शुरू किया जाएगा। हालांकि, इस प्लेटफॉर्म की सबसे बड़ी चुनौती होगी यह सुनिश्चित करना होगा कि नेटवर्क अपने लक्ष्यों को हासिल करे। अमेजन और फ्लिपकार्ट बाजार पर हावी हैं क्योंकि उनकी तकनीक व्यापारियों और खरीदारों को उनके प्लेटफॉर्म पर आकर्षित करती है।

बिना जीएसटी ऑनलाइन माल बेच सकेंगे व्यापारी

बिना जीएसटी ऑनलाइन माल बेच सकेंगे व्यापारी

व्यापारियों को मिली बड़ी सफलता, कैट के द्वारा की जा रही थी मांग कम टर्नओवर वाले व्यापारियों को नही मिल रहा था मौकाउन व्यापारियों के लिए अच्छी खबर है जो जीएसटी में पंजीकृत नही होने की वजह से ई कामर्स प्लेटफार्म पर अपना माल नही बेच पा रहे थे. अब जीएसटी काउंसिल ने इसकी अनुमति दे दी है. इसकी मांग कैट (कंफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स) द्वारा लंबे समय से की जा रही थी. खासकर छोटे व्यापारियों को सरकार के इस कदम का जबरदस्त फायदा होगा.

प्रयागराज ब्यूरो । अभी तक ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर वही व्यापारी माल भेज पाता था जो जीएसटी में पंजीकृत हो। ऐसे व्यापारी और उद्योग जिनका टर्नओवर जीएसटी की थ्रैश होल्ड लिमिट 40 लाख के नीचे हो, उनको ना चाहते हुए भी जीएसटी का पंजीयन कराना होता था। कैट पिछले 2 साल से सरकार से यह मांग कर रहा था कि प्रभावित छोटे व्यापारियों को राहत देने के लिए नियमों में बदलाव किया जाए। इस बात की व्यवस्था की जाएगी ई-कॉमर्स पोर्टल पर माल बेचने के लिए जीएसटी नंबर आवश्यक ना हो।

क्या है ई कामर्स पोर्टल

अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, मीशो जैसी ऑनलाइन कंपनियों ई कामर्स के अंतर्गत आती हैं। ऐसे दर्जनों पोर्टल हैं जिन पर व्यापारी अपना माल बेच सकता है। अब इन पोर्टल पर बिना जीएसटी पंजीयन भी बेच सकेंगे। जिले में हजारों ऐसे व्यापारी हैं जो अभी तक जीएसटी के दायरे से बाहर हैं। जबकि 89 हजार व्यापारियों ने जीएसटी में रजिस्ट्रेशन करा रखा है। वर्तमान में ई कामर्स कंपनियां अपना माल बेचने का बड़ा माध्यम हैं जिनका लाभ कई व्यापारी उठा रहे हैं।

मानीटरिंग के दायरे में आएंगे

ऐसा नही है कि इस आदेश का लाभ केवल व्यापारियों को ही होगा। एक्सपट्र्स का कहना है कि जो व्यापारी अभी तक सरकार की निगाह में नही थे, वह जैसे ही ई कामर्स पोर्टल पर अपना माल बेचेंगे। उनका टर्नओवर और सेलिंग सामने आने लगेगी। इस तरह से सरकार को उनको ट्रेस करना आसान होगा। देश में एक बड़ी संख्या ऐसे व्यापारियों की है जिनका टर्नओवर तो ठीक है लेकिन वह जीएसटी में पंजीयन नही करा रहे हैं। उनको ढूंढ पाना सरकार के लिए मुश्किल साबित होता है।

यह एक बड़ा फैसला है जिससे व्यापारियों को लाभ होगा। हम दो साल से इसकी मांग कर रहे थे। अब जाकर सफलता मिली है। इससे छोटे व्यापारियों को अपना माल ऑनलाइन बेचने में आसानी होगी और उन्हें जीएसटी से भी राहत होगी।

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